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Showing posts from 2022

अमृत सिध्दी योग !!!

 🕉अमृतसिद्धि योग...!!!🕉 ✍️ ( २१३६ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- अनेक सालों की खडतर तपश्चर्या के बाद... सद्गुरु कृपा से, स्वर्ग से सभी देवीदेवताओं की कृपा होती है ! बिना माँगे सबकुछ मिलने लगता है ! चारों दिशाओं में यशप्राप्ती आरंभ हो जाती है ! धन - दौलत - ऐश्वर्य - यश - किर्ती - आरोग्य सबकुछ मिल जाता है ! धन की निरंतर वर्षा होती है ! अत्यंत पिडादायक हितशत्रुओं का,गुप्तशत्रुओं का, कुछ किये बगैर ही संहार होने लगता है ! चारों तरफ आबादी आबाद, संपन्नता, लोकप्रियता मिलने लगती है ! कुछ किए बगैर मुसिबतों का नाश होने लगता है, और सभी कार्यों में, विनाविलंब, विनाप्रयास गती मिलने लगती है ! हम धरती पर कहीं भी हो, हमपर निरंतर, सदैव अमृत की वर्षा आरंभ हो जाती है ! चेहरे पर दिव्य तेज दिखाई देने लगता है ! हमपर दिव्य प्रेम, सच्चा प्रेम करनेवालों का भी धीरे धीरे कल्याण होने लगता है ! हमारे आसपास रहने वालों को, निरंतर दिव्यत्व की,दिव्य अनुभूति की स्थिति महसूस होने लगती है ! आप धरती में रहकर भी, सदैव स्वर्ग की उच्च श्रेणी में रहने की अनुभूति प्राप्त करते हो ! आपके आसपास सदैव अदृश्य र

आप सभी के जीवन में...

 आप सभी के जीवन में.... आयें सभी सुखों की बहार  !!! 💐🌹🌹🌹 ( ✍️ २१३५ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------- आप सभी के जीवन में आयें खुशियों की बहार !!!💐🌹 धन दौलत की वर्षा होती रहे आपके जीवन में अपरंपार !!!💐🌹 सुख समृद्धि की,आनंद की होती रहे सदैव बौछार !!!💐🌹 खुशियाँ ही खुशियाँ हो सदैव आप सभी के जीवन में अपार !!!💐🌹 मेरे सद्गुरु आण्णा के कृपा का, ईश्वर का,माता महालक्ष्मी का, वरदान रहे सदैव आप सभी पर, बनी रहे आजीवन ईश्वर की  कृपा , जीवन बने आप सभी का बहारदार ही बहारदार !!!💐🌹 चलो साथीयों चलो, चलो ईश्वर प्रेमीयों चलो, हम सभी मित्र मिलकर, बनाते है ,सभी ईश्वर प्रेमीयों का जीवन सुखकर और सुंदर !!!💐🌹 जीवन में कोई दुखी ना हो, जीवन में कोई गरीब ना हो, जीवन में कोई भूका - प्यासा भी ना हो, किसी के जीवन में मुसिबतों का सिलसिला भी ना हो, आजीवन सभी का जीवन रहे, सुख का सागर, सुखसागर !!!💐🌹 कोई दीन न रहे,कोई हीन भी न रहे,किसी के जीवन में, कोई अभाव भी ना रहे, ईश्वर का वरदान प्राप्त, ऐश्वर्य संपन्न,समाज बनें, इसीलिए शुरू करते है, हम सब मिलकर जीवन का सफर !!!💐🌹 जीत जायेगा दोस्तों,ए

जबरदस्त

 जबरदस्त जबरदस्त जबरदस्त उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा, लाजवाब, बेहतरीन और जबरदस्त अभिनंदनीय निर्णय ! स्वागत है ! योगीबाबा जींदाबाद ! योगीराज जींदाबाद ! संपूर्ण देश माँगे, योगीजी जैसी क्रांती और जबरदस्त तेज क्रांती की लहर ! संपूर्ण समर्थन ! हर हर महादेव ! विनोदकुमार महाजन

मैं मोदिजी, योगीजी का विरोध क्यों करूंगा ?

 मैं हिंदू होकर... मोदिजी और योगीजी का विरोध क्यों करूंगा ??? ( लेखांक : - ✍️ २१३४ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ नवराष्ट्र निर्माण और हिंदू समाज की चेतना जागृती का अभियान अगर तेज गती से... मोदिजी, योगीजी ,अमीत शाहजी जैसे अनेक धुरंधर प्रखर राष्ट्राभिमानी,दिनरात एक करके,आगे बढा रहे है... तो...??? मोदिजी, योगीजी, अमीत शाहजी जैसे अनेक श्रेष्ठ महापुरुषों का मैं... एक हिंदू होने के नाते से.... विरोध क्यों करूंगा ? और कैसे कर सकूंगा ? और मेरा यही सवाल देश के हर हिंदू भाई - बहनों को, और अन्य हिंदुत्व प्रेमीयों को है ! अगर मैं ऐसा करूंगा... तो.... क्या मैं हिंदू कहने के लायक रहुंगा ? हर एक हिंदू को,अपने आत्मा को यह प्रश्न पुछना ही पडेगा ! अगर मैं हिंदू होने के नाते से, मोदिजी, योगीजी,अमीत शाहजी जैसे अनेक पुण्य पुरूषों का विरोध करूंगा... तो मैं हिंदू कहने के लायक भी नहीं रहुंगा ! क्योंकि अनेक सालों बाद, हिंदुत्व को बचाने के लिए, ऐसे महापुरुष जी - जान से लगातार प्रयास कर रहे है ! और उनकी शक्ति बढाने के लिए, हमें, हम सभी भारतीयों को भी, दिनरात बि.जे.पी.के पिछे खडे रहना ही पडेगा

अदरक !

 *अदरक के गुण* दुनिया में सबसे ज्यादा उपजाए जाने वाले मसाले के रूप में अदरक बहुपयोगी औषधीय गुणों से भरपूर और पोषण की खान है। इसे विभिन्न तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है। अदरक में खून को पतला करने का नायाब गुण होता है। इसी वजह से यह ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी तक में तुरंत लाभ पहुंचाने के लिए जाना जाता है। लगभग 100 से ज्यादा बीमारियों में इसका इस्तेमाल लाभकारी माना जाता है। कई लोकप्रिय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए प्रमुख सामग्री के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है। अदरक से शरीर को एनर्जी और जोश मिलता है, इसीलिए अदरक का इस्तेमाल न सिर्फ खाने में, बल्कि और भी कई रूपों में किया जाता है। पोषक तत्वों और बायोएक्टिव यौगिकों से भरा हुआ अदरक इंसान के शरीर और दिमाग के लिए लाभकारी होता है। यहां आज हम आपको अदरक के कुछ फायदों के बारे में बता रहे हैं, जो कि इसके नियमित सेवन से होते हैं। अदरक को फ्रेश, सूखा, पाउडर, ऑयल या जूस के रूप में लिया जा सकता है। खाने की चीजों और सौंदर्य प्रसाधन आदि में इस्तेमाल किया जाता है। यह खाने की रेसिपी में इस्तेमाल की जाने वाली बहुत सामान्य सामग्री है। *जी मिलच

विवेकानंद वाणी

 सफलता का रहस्य स्वामी विवेकानंद ( ले : - २१३२ )✍️✍️✍️ संकल्पना : - विनोदकुमार महाजन, सौजन्य : - रामकृष्ण आश्रम, नई दिल्ली --------------------------------- सफलता के लिए स्वामी विवेकानंद जी के सर्वेश्रेष्ठ विचार आचरण में लायेंगे, तो विश्व की कौनसी शक्ति है...जो हमें यशस्विता नहीं मिलने देगी ??? विवेकानंद विचार 👇👇👇 सफलता का रहस्य !!! सफलता प्राप्त करने के लिए अटल धैर्य और दृढ इच्छाशक्ति चाहिए ! धीर व्यक्ति कहता है, " मैं समुद्र पी जाऊंगा, मेरी इच्छा से पर्वत के टुकड़े टुकड़े हो जायेंगे ! " इस प्रकार का साहस और इच्छा रखो,कडा परिश्रम करो,तुम अपने उद्देश्य में निश्चित सफल हो जाओगे ! एक विचार लो,उसी विचार को अपना जीवन बनाओ -- उसी का चिन्तन करो,उसीका स्वप्न देखो और उसीमें जीवन बिताओ ! तुम्हारा मस्तिष्क, स्नायु,शरीर में के सर्वांग उसी विचार से पूर्ण रहें ! दूसरे समस्त विचारों को त्याग दो !यही सिध्द होने का उपाय है, और इसी प्रकार महान आध्यात्मिक व्यक्तित्व उत्पन्न हुए है ! हमें अनन्त शक्ति, अनन्त उत्साह, अनन्त साहस तथा अनन्त धैर्य चाहिए ! केवल तभी महान कार्य सम्पन्न होंगे ! हम जितने

हेराफेरी और पैसा

 हेराफेरी और पैसा ( लेखांक : - २१३१ ) विनोदकुमार महाजन ✍️  ----------------------------- पैसा.... बहुत बडी चिज है ! भले भलों की मती गुंग करती है पैसे की जादू ! सब मायाबाजर ! माया का खेल ! पैसा भला भी है,और अच्छा भी है ! पैसा रिश्ते जोडता भी है,और रिश्ते तोडता भी है ! मगर पैसा तो जीवन में आवश्यक तो होता ही है ! पैसों के बिना जीवन में अर्थ भी नहीं है ! मगर पैसा सबकुछ नहीं है, और जीवन का अंतिम उद्दीष्ट भी पैसा नहीं है ! जीवन का अंतिम उद्दीष्ट तो कुछ और ही है ! मगर फिर भी,  पैसा... जीवन के लिए जरूरी है !  यह एक जीवनोपयोगी सर्वश्रेष्ठ साधन जरूर हो सकता है ! मगर, पैसा जीवन का सर्वस्व कभी भी नहीं बन सकता है ! और जिस दिन पैसा ही जीवन का सर्वस्व बन जाता है,उसी दिन से, जीवन का पतन भी आरंभ हो जाता है ! जब पैसा ही ईश्वर बन जाता है, तब समाज में भयंकर तबाही मच जाती है,और संस्कृति शून्य... विकृत समाज की ओर समाज बढने लगता है ! जीवन के लिए, जैसे पैसा जरूरी है, उसी प्रकार से, प्रेम भी जीवन में अत्यंत जरूरी होता है ! प्रेम के बिना जीवन अधूरा होता है ! मगर प्रेम भी शुध्द, पवित्र, निस्वार्थी, निष्कपट, समर्

अगर जमीन में गाड देंगे तो भी

 अगर जमीन में गाड देंगे...तो भी !!! ( लेखांक : - २१३० ) विनोदकुमार महाजन ----------------------------- सत्य..., सत्य में इतनी जबरदस्त शक्ती होती है की...अगर सत्य को जमीन में भी दफनाया जायेगा... तो भी एक दिन जमीन को भी फाडकर सत्य बाहर निकल आयेगा ! और ठीक इसी तरह से सत्यवादीयों के इरादे अगर बूलंद होते है...तो... निरंतर चल रही सत्य की लडाई में जबरदस्त जीत हासील भी हो सकती है ! इसमें परेशानीयाँ हो सकती है,अनेक मुसिबतों का सामना भी करना पड सकता है,स्वकीय और समाज द्वारा प्रताडना,अपमान भी झेलने पड सकते है ! निरंतर आत्मक्लेश का भी सामना करना पड सकता है ! बारबार अनेक प्रकार के जहर भी हजम करने पड सकते है ! मगर फिर भी,...सत्य परेशान हो सकता है...मगर पराभूत नहीं ! मगर सत्य की जीत के लिए, हमारे हौसले बूलंद होने चाहिए ! मन में जबरदस्त आत्मविश्वास चाहिए ! आसमान छूने की जबरदस्त कल्पनाशक्ती भी चाहिए ! उंची उडान भरने के इरादे भी चाहिए ! अथक प्रयत्नवादी भी रहना नितांत आवश्यक होता है ! अंतीम मंजिल मिलनेतक निरंतर,अथक प्रयास भी जारी रखने चाहिए ! और साथ में जीत की तगडी रणनीती भी चाहिए ! तो नामूमकीन क्या है ?

चिंता मत करना, ईश्वर सब ठीक करेगा

 चिंता मत करना, ईश्वर सब ठीक करेगा !!! ( लेखांक : - २१२९ ) विनोदकुमार महाजन --------------------------------- भयंकर भागदौड़ ! विनाविश्राम भयंकर भागदौड़ ! रोजी - रोटी के लिए भागदौड़ ! पैसा कमाने के लिए भागदौड़ ! ऐशोआराम का जीवन जीने के लिए भागदौड़ ! और हमारा जीवन ? बिल्कुल अस्तित्व शून्य ! पैसा और पैसा कमाने की होड ने मनुष्य प्राणियों का लगभग मानसिक स्वास्थ्य ही खराब कर दिया है ! केवल पैसा और पैसा चाहिए ! कम श्रमों में जादा पैसा ! और उसीके लिए भागदौड़ ! दिनरात का बस्स्... एक ही सपना... पैसा और पैसा ! और समाधान ? शून्य ! दस लाख मिलेंगे तो बीस लाख कैसे होंगे ? बीस करोड़ मिलेंगे तो चालीस करोड़ कैसे होंगे ? यही सपना ! यही जीवन का उद्दीष्ट ! लालच ने तो पूरी जींदगी खराब कर दी ! और नींद भी उडा दी ! इसने पचास लाख का बंगाल बनाया... मैं एक करोड़ का बनाऊंगा ! उसने चालिस लाख की गाडी खरीदी... मैं अस्सी लाख की गाडी खरीद लूंगा ! चारों तरफ इर्ष्या ! और समाधान ? शून्य ! मानसिक स्वास्थ्य शून्य ! आरोग्य शून्य ! और पैसे कमाने की होड में, रीश्ते - नाते भी समाप्त ! आपसी प्रेम - भाईचारा भी समाप्त ! सत्यानाश हो गया सार

भगवे से नाता जोडो !!!

 भगवा है हमारी, आन - बान - शान !!! ( लेखांक : - २१२८ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------- एक ही प्रण है हमारा ! भगवे के लिए जीना ! भगवे के लिए ही मरना ! भगवा ( न ) का भगवा है हम सभी हिंदुओं की आन - बान - शान ! सौभाग्य का प्रतीक है , भगवा ! स्वाभीमान का प्रतीक है , भगवा ! बैराग्य का प्रतीक है , भगवा ! उगते सूरज का रंग भगवा ! डूबते सूरज का भी रंग भगवा ! साधुसंतों का प्यारा है भगवा ! भगवान का भी प्यारा भगवा ! प्यारे हिंदू साथीयों, विश्व में फैले हुए भगवान के भगवे के प्यारे साथीयों, मानवता प्रेमी साथीयों, भगवा है हमारा... भगवा है मेरा - तुम्हारा ! भगवा है हम सभी का !!! नरदेह का उद्देश्य समझो ! भगवान के लिए ही सारा जीवन समर्पित कर दो ! भगवान का प्यारा है... भगवा हमारा ! क्यों " इधर - उधर " भटक रहे हो ? भगवे के " विरूद्ध " आचरण भी कर रहे हो ? समझो...जानो ! कौन अपना है और कौन पराया ? भगवान के भगवे को बदनाम करनेवालों का साथ देंगे ? या फिर  भगवे की आन - बान - शान बढाने वाले संगठन का जी - जान से साथ देंगे ? चाहे वह संगठन सामाजिक हो अथवा हो राजनैतिक हो! अगर हिंदु

दिशाहीन मानव ?

 दिशाहीन मानव ? ( लेखांक : - २१२७ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------- हर जगह पर होड लगी है मानव प्राणी की दौडने की ! बसें दौडती है,ट्रेन दौडती है,हवाई जहाज दौडते है,कार - मोटर साईकिल दौडती है ? आखिर मानव क्यों दौड़ रहा है ? किसके लिए दौड रहा है ? दिनरात एक करके,क्यों मेहनत कर रहा है ? पेट के लिए ? भोजन के लिए ? पैसा कमाने के लिए ? करोड़ों रूपये का धन इकठ्ठा करने के लिए ? ऐशोआराम का जीवन जीने के लिए ? आखिर दौडने की वजह क्या है ? आखिर क्या कमाना चाहता है मानव ? नाम,यश,किर्ती, धनदौलत ? या और भी कुछ ? या आत्मसंन्मान,आत्मसंतुष्टि, समाधान ? आखिर चाहिए ही क्या मनुष्य प्राणी को ? क्यों करोड़ों, अब्जो रूपये कमाना चाहता है इंन्सान ? किसके लिए ? खुद के लिए ? या दूसरों के लिए ? अगर मन की आत्मसंतुष्टि है तो..दो वक्त की रूखी सुखी रोटी और रहने के लिए एक झोपड़ी भी काफी है ! मगर मन की संतुष्टि ही नहीं है तो करोड़ों का धन,करोड़ों का राजमहल, करोड़ों की माया ,करोड़ों के गहने भी सुख की, चैन की नींद नहीं आने देती है ! तो आदमी को,इंन्सान को,मानवप्राणी को आखिर कौनसा सुख चाहिए ? करोड़ों में रहकर मन आनंदि

कुरुक्षेत्र पर !

 अर्जुन ने कुरूक्षेत्र पर विचलित होकर और रोते हुए एक ही प्रश्न किया था.... " यह तो सारे मेरे है ! " तब मैंने कहा था... " विचलित न होकर ध्यान अचूक लक्ष की ओर देकर..." " मारो...!!! " यही " मेरे भगवत् गीता का " सार है ! " हे अर्जुन... आज फिरसे... विचलित न होकर, ध्यान अचूक लक्ष की ओर देकर... " " मैं..." " बांसुरीवाला कन्हैया नहीं, अपितु ... सुदर्शन चक्र धारी... श्रीकृष्ण... फिरसे दोहराता हूं...." " मारो.....? " यही भगवत् गीता का सार है ! सोचो,समझो,जानो.... " जागो...." समय.... " कुरूक्षेत्र..." का है... और " लक्ष " निर्धारित है ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🚩

मैं,जंगल का राजा, शेर हुं !

 मैं...जंगल का " राजा " शेर हुं !! ( लेखांक : - २१२५ ) विनोदकुमार महाजन ( योगी विनोद ) ---------------------------- मैं, " जंगल का राजा शेर हुं ! " यह मनोगत है... जंगल के राजा शेर का ! अब हम उसके मनोमस्तिष्क में क्या विचार चल रहा है यह बात " परकाया प्रवेश सिध्दी " का उपयोग करके देखते है ! सामर्थ्य संपन्न, बुलंद आवाज, एक ही गर्जना से पूरे जंगल में सनसनी पैदा करने की क्षमता रखने वाला,जबरदस्त शक्तिशाली ,ईश्वर निर्मित एक हिंस्र पशु ! वो आज कहता है... " मैं जंगल का राजा शेर हुं ! शक्तिशाली, बलशाली ! मगर... आज मैं मजबूर हुं ! क्योंकि ईश्वर निर्मित छोटेसे देहधारी, छोटेसे दिमाग वाले मनुष्य नामक,भयंकर प्राणी ने मेरा और मेरे जैसे अनेक जंगल वासियों का ,पशुपक्षीयों का जीना ही हराम कर दिया है !खुद के निजी स्वार्थ के लिए, मानवप्राणी इतना भयंकर गिर सकता है, ऐसा हमने कभी सपनों में भी सोचा नहीं था ! यह छोटेसे दिमाग का भयंकर मनुष्य प्राणी, हमारे वास्तव्य के जंगल के जंगल ही हडप कर रहा है ! उसमें अनगिनत घरों का,कारखानदारी का निर्माण कर रहा है ! और हमारे घर उध्दस्त कर रहा

जय गुरूदेव

 गुरूबंधुओं... सनातन संस्कृति को विश्व के हर कोने में पहुंचाने के मेरे वैश्विक अभियान के लिए... आप सभी का आत्मीय प्रेम तथा तन - मन - धन से सहयोग चाहता हुं। हमारे परमपूज्य गुरूदेव की कृपा से... साक्षात ईश्वर ने ही हमें स्वर्ग से धरती पर भेजा है। वैश्विक क्रांति अभियान द्वारा धरती माता को फिरसे स्वर्ग जैसी सुंदर बनानी है। और हम सभी आत्मिय जन यह प्रभु कार्य पूरा करके ही.... हमारे घर...स्वर्ग को वापीस जाना है। इसिलिए आप जैसे पुण्यशाली महात्माओं का आशिर्वाद एवं मार्गदर्शन की यथोचित अपेक्षा करता हुं। जय गुरूदेव। 🙏🙏🙏🕉🚩 विनोदकुमार महाजन, अंतरराष्ट्रीय पत्रकार, पुणे,मुंबई महाराष्ट्र मोबाइल नंबर 8329894106

जो दूसरे जीवों को काटकर खाता है

 जो दूसरों को काटकर खाता है, अगर उसे ही कोई काटकर खाये तो ??? ❓⁉ ( लेखांक : - २१२४ ) विनोदकुमार महाजन ( कट्टर हिंदुत्ववादी, प्रखर राष्ट्राभिमानी,मानवतावादी, क्रांतिकारी, आध्यात्मिक, सनातनी, अंतरराष्ट्रीय पत्रकार ) ------------------------------ साथीयों, आज के लेख का विषय अत्यंत स्फोटक है ! फिर भी सत्य है ! और आप सभी को यह सत्य स्विकारना ही होगा ! ईश्वर ने सृष्टि बनाई ! उसमें साकार - निराकार ब्रम्ह बनाया ! उदाहरण के तौर पर : - हमारा देह साकार तो हमारी आत्मा निराकार ! अखंड निराकार ब्रम्ह से जुडी हुई ! और उसी साकार ब्रम्ह में ईश्वर ने चौ-याशी लक्ष योनियों का निर्माण भी किया ! मतलब, सजीव सृष्टि ! और इस सजीव सृष्टि में ईश्वर ने सभी को जीने का आजीवन,प्रदिप्त अधिकार भी दिया ! जीओ और जीने दो !!! यही जीवन का सूत्र बन गया ! और सभी सजीवों की रक्षा का पालकत्व और दाईत्व ईश्वर ने मनुष्य प्राणीयों पर सौंप दिया ! इसके लिए ईश्वर ने मनुष्य प्राणी को सभी योनियों से हटकर, बुध्दि का वरदान भी दिया ! सही और गलत का निर्णय लेने के लिए ! ईश्वर से नाता जोडने के लिए ! सभी के कल्याण के लिए ! और आत्मकल्याण के लिए भ

केवल बि.जे.पी.ही क्यों जरूरी है ?

 केवल बि.जे.पी.ही क्यों ??? लेखांक ( २१२३ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------- आज हिंदुत्व तथा हिंदुरक्षा और हिंदुहितों के लिए, केवल और केवल एकमात्र बि.जे.पी.ही पर्याप्त राजकीय तथा सामाजिक पर्याप्त पर्याय उपलब्ध है ! क्योंकि इससे बडा दूसरा कोई शक्तिशाली विकल्प हमारे पास नहीं है ! इसिलिए हर हिंदु को खुलकर बि.जे.पी.का ही समर्थन करना ही अत्यावश्यक है ! और हर हिंदु को जागृत होकर, हिंदुत्व की रक्षा के लिए, बि.जे.पी.का कार्य और मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए पुरजोर प्रयास करने की भी जरूरत है ! क्योंकि राजकीय क्रांति और सर्वोच्च सत्तास्थान द्वारा ही सामाजिक परिवर्तन तेजी से लाने की संभावना जादा होती है ! और इसके लिए मोदिजी,योगीबाबा, अमीत शाहजी जैसे अनेक मान्यवर तथा धूरंधर हिंदुत्व रक्षा के लिए, जी तोड और दिनरात प्रयास भी कर रहे है !इसीलिए उनकी शक्ति बढाना ही हमारा दाईत्व है ! इसीलिए अगर कोई हिंदुहितों के लिए कट्टर हिंदुत्ववादी राजकीय पार्टी भी कोई बनाता है, तो उस पार्टी को भी बि.जे.पी.का ही समर्थन करना अत्यावश्यक है ! मेरे कुछ मित्रों ने राजकीय पार्टियों का रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया है

ओन्ली बि.जे.पी.

 *अगले साल (2023) इन 9 राज्यों में चुनाव हैं..!!*  1. मेघालय 2. नागालैंड 3. त्रिपुरा 4. कर्नाटक 5. छत्तीसगढ़ 6. मध्य प्रदेश 7. मिजोरम 8. *राजस्थान* 9. तेलंगाना और जरूर याद रखना : -  सभी राज्यों में केवल और केवल बि.जे.पी.को ही जीताने का प्रण लेना है... हम सभी को... 👍🕉🚩🪷🪷🪷 कमल का फूल मिटा देगा जीवन भर की सारी सारी धूल... हरी ओम् 🙏🙏🙏 विनोदकुमार महाजन

हर हिंदु को....

 हर हिंदु को.... ( लेखांक : - २१२१ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ हर चुनाव में हिंदुओं को मतदान के लिए घर से बाहर निकलना पडेगा ! मतदान न करनेवाले आलसी हिंदुओं को समझाना होगा ! एक जबरदस्त शक्तिशाली तगडी राष्ट्रीय रणनीति बनाकर, हर हिंदु को मतदान के लिए घर से बाहर निकालना होगा ! यह दाईत्व मुझे दिया जाता है तो मैं मेरे क्षमता के अनुसार, सद्गुरु तथा ईश्वरी कृपा से,राष्ट्रीय महाक्रांति लाने के लिए मैं सक्षम हुं ! कुछ साधनों की आपुर्ति होगी तो...नमुमकिन कुछ भी नहीं है ! तब...हिंदुराष्ट्र बनाने में कौन रोक सकेगा ??? हर हर महादेव !!! अब 👇आगे भी पढिये ! *देश के हिंदुओं के लिए वीर सावरकर ने जो कहा था वो सच होते जा रहा है* *गुजरात चुनाव में प्रचंड जीत से ज्यादा खुश होने की गरज भाजपा को नही है  गुजरात मे और 3 से 4% लोग वोटिंग करते थे तो 182 की 182 पूरी सीट जीतकर आती थी भाजपा* *दिल्ही MCD में भी आलसी और सोशियल मीडिया पे टाइम पास करनेवाले वोट डालने नही गए परिणाम नजर के सामने ही है पतले मार्जिन से होनहार उम्मीदवार  की हार हुई है और रोहिंग्या के वोट से आप जीत गई है* *हिमाचल में प्रध

कृष्ण कुणाचा ?

 कृष्ण ! ! ! कृष्ण कुणाचा ? माझा की तुमचा ? राधेचा की अर्जुनाचा ? एकदा एका नात्यापासून दूर गेला की पुन्हा परत कधी फिरलाच नाही ! का ? सगळ्यात राहुनही सगळ्या पेक्षा वेगळा देव ! साक्षात भगवान विष्णुचा अवतार ! ज्याला कृष्ण कळाला तो... जीवनाची लढाई जींकला ! अन् ज्याला कृष्ण कळालाच नाही तो ? कृष्णालाच माहिती ! विनोदकुमार महाजन 🍁 तो राधेच्या आयुष्यात होता ...       आणि अर्जुनाच्याही...!. 💖 प्रेम त्याने राधेवरही केले ...       आणि अर्जुनावरही..! राधा आपली नव्हती, आणि होणारही नाही ..? याची पूर्ण जाणीव त्याला होती आणि युद्धात अर्जुन जिंकूनही .... आपला काहीही फायदा होणार नाही, ही पण जाणीव त्याला होती..! मात्र हे असूनही त्याने ही दोन्ही नाती अतिशय समरस होवून निभावली !! एकदा गोकुळ सोडल्यावर परत तो कधीच राधेच्या आयुष्यात आला नाही, आणि राज्याभिषेक झाल्यावर ... अर्जुनाच्या आयुष्यात ही तो परत कधीच आला नाही! अत्यंत उत्कटपणे नाती निभावूनही त्या नात्यातून तो अलगदपणे बाजूला झाला...! परत कधीच परतून न येण्यासाठी  !! त्याची त्याला कधी खंत वाटली नाही ... ना कधी खेद झाला ...! राधे बरोबर प्रेमाचे हळूवार नाते त

प्रेस नोट

 प्रेस नोट  सेवा में, महोदय / महोदया, विषय :- राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की रक्षा हेतु राजनीति सुधार आंदोलन द्वारा सामाजिक परिवर्तन के लिए हमारा जन आंदोलन निरंतर जारी रहेगा ! पक्षपात  एवं तुष्टीकरण की भावनाओं को निर्मूल खत्म करना ही हमारा ध्येय है , उसी के विषयानुकूल ....    आप सभी सम्मानित , मर्यादित व महान व्यक्तियों को सूचित किया जाता है कि हमारे ...  “तपस्वी आदर्श परिवार” द्वारा  “ द इंडियन लॉ आफ इंटरनैशनल इंस्टीट्यूट” ,  सुप्रीम कोर्ट प्रांगण, श्री कृष्ण मेनन  भवन में दिनांक 11 दिसंबर 2022 दिन रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है !  इस कार्यक्रम के माध्यम से आध्यात्मिक चेतना जागृति द्वारा सामाजिक परिवर्तन के लिए समाज में चल रही बुराइयों को जड़ से खत्म करने के लिए हम और हमारे  “ तपस्वी आदर्श परिवार “ अनेक माध्यमों द्वारा जैसे सोशल मीडिया , प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया और देश के हर कोने में,  जन आंदोलन द्वारा समाज और समाज मन के मानवीय मूल्यों को जागृत करने का प्रयास करेंगे !  और वायुगति से देश के कोने - कोने में जन आंदोलन अभियान चलाएंगे !     राष्ट्रीय एकता और अखंडत

पिप्पलाद

 दधीचि पुत्र महर्षि पिप्पलाद ! श्मशान में जब महर्षि दधीचि के मांसपिंड का दाह संस्कार हो रहा था तो उनकी पत्नी अपने पति का वियोग सहन नहीं कर पायीं और पास में ही स्थित विशाल पीपल वृक्ष के कोटर में 3 वर्ष के बालक को रख स्वयम् चिता में बैठकर सती हो गयीं। इस प्रकार महर्षि दधीचि और उनकी पत्नी का बलिदान हो गया ,किन्तु पीपल के कोटर में रखा बालक भूख प्यास से तड़प तड़प कर चिल्लाने लगा।  जब कोई वस्तु नहीं मिली तो कोटर में गिरे पीपल के गोदों(फल) को खाकर बड़ा होने लगा। कालान्तर में पीपल के पत्तों और फलों को खाकर बालक का जीवन येन केन प्रकारेण सुरक्षित रहा।      एक दिन देवर्षि नारद वहाँ से गुजरे। नारद ने पीपल के कोटर में बालक को देखकर उसका परिचय पूछा- नारद- बालक! तुम कौन हो ? बालक- यही तो मैं भी जानना चाहता हूँ। नारद- तुम्हारे जनक कौन हैं? बालक- यही तो मैं जानना चाहता हूँ।       तब नारद ने ध्यान लगा कर  देखा। फिर नारद ने आश्चर्यचकित हो बताया कि हे बालक! तुम महान दानी महर्षि दधीचि के पुत्र हो। तुम्हारे पिता की अस्थियों का वज्र बनाकर ही देवताओं ने असुरों पर विजय पायी थी।  नारद ने बताया कि तुम्हारे पिता दधी

कपाळावर गंध का लावावे ?

 कपाळावर गंध का लावावे ? ( लेखांक : - २११७ ) सौजन्य : - बापू नगरकर, राजगुरू नगर संकलन : - विनोदकुमार महाजन खालील लेख जरूर वाचा,व संस्कृती संवर्धनासाठी सगळ्यांना जागृत करा.. हर हर महादेव *अंघोळ झाल्यावर कपाळ मोकळे ठेवू नये आपले पूर्वज सांगत असत, त्याला शास्त्राधार काय होता ते जाणून घेऊया.* *धर्मशास्त्र सांगते, गंध ही केवळ धर्माची नाही तर मनुष्याच्या अस्तित्त्वाची खूण आहे;* *वाचा गंध लावण्याचे फायदे!* अलीकडेच आंतरराष्ट्रीय स्तरावर बुद्धिबळ खेळणाऱ्या आर. प्रज्ञानंधा या भारतीय खेळाडूला परदेशात मुलाखतीच्या दरम्यान विचारण्यात आले, 'तू कपाळावर ही विभूती का लावतोस?'  त्यावर सोळा वर्षीय प्रज्ञानंधा म्हणाला, 'माझी आई मला सांगते म्हणून!' मित्रांनो, सोळा वर्षीय प्रज्ञानंधाच्या जागी आपण असतो, तर कदाचित आपणही हेच उत्तर दिले असते. कारण बालपणापासून आपल्यावरही हा संस्कार आपल्या आई आजीने घातला आहे.  त्यानुसार आपण कपाळाला गंध लावतोसुद्धा! मात्र ते का लावावे? किंवा ते लावल्याने होणारे फायदे कोणते? की ती केवळ धार्मिक खूण आहे, याबद्दल सविस्तर जाणून घेऊ.  *'देह देवाचे मंदिर' असे आपण म

अदृश्य नागपाश ने हमें घेर के रखा है ?

 क्या...⁉सत्य को और सत्यवादीयों को,अदृश्य... नागपाश ( 🐍 ) ने...घेर के रखा है ???❓⁉ ( लेखांक : - २११६ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ सत्य का और सत्यवादीयों का रखवाला साक्षात ईश्वर होता है...ऐसा कहते है ! मगर क्या लगभग हर सत्यवादीयों के नशीब में घोर उपेक्षा, अवहेलना, अपमान, मनस्ताप ही लिखा होता है ❓ सोचकर उत्तर देना पडेगा ! क्योंकि साधारणतः देखते है तो... हर सत्यवादीयों को अनेक सालों तक, अनेक जटिल समस्याओं का मुकाबला करना ही पडता है ! शायद सभी सत्यवादीयों को और सत्यप्रेमीयों को मेरी यह बात माननी ही होगी ! सत्यवादीयों को जिस प्रकार से यश युं ही नहीं मिलता है.. ठीक उसी प्रकार से,हर क्षेत्र में भयंकर कडा संघर्ष, घनघोर विपत्तियों का सामना तो करना ही पडता है ! कार्य जीतना महान, संघर्ष भी उतना ही भयंकर करना पडता है ! हर पल संघर्ष ! पग पग पर संघर्ष ! अपनों द्वारा, समाज द्वारा, रिश्तों द्वारा,नियती द्वारा भी... की गई भयंकर उपेक्षा, अपमान, मनस्ताप,अवहेलना लगभग सभी सत्यप्रेमीयों के नशीब में होता ही है ! ईश्वर भी भयंकर कठोर परीक्षाएं लेता है ! अनेक आर्थिक मुसिबतें,अनेक प्रकार की

असंभव को संभव बनाना है !

 असंभव को संभव बनाना ही पडेगा !!! ( ले : - २११५ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- जब सद्गुरु की कृपा होगी, ईश्वर की भी कृपा होगी, तब अगर .... अपनों ने भी  कितना भी जालीम जहर भी दे दिया, समाज और रिश्तेदारों ने भी अगर भयंकर नरकयातनाएं भी दी , तो भी वह इंन्सान चट्टानों की तरह से शक्तिशाली बनकर खडा रहता ही है ! और अपने मंजिल तक एक दिन जरूर पहुंच ही जाता है ! अनेक संत,महापुरुषों को अपनों ने, समाज और रिश्तेदारों ने भयंकर यातनाएं देकर भी,उन्होंने अनेक सिध्दीयाँ हासिल की, और चट्टानों की तरह खडे होकर, समाज को सदैव नवसंजीवनी देने का निरंतर प्रयास किया ! अगर इरादे है बुलंद, हौसले है बुलंद तो... नियती भी हमारे उद्दीष्टों में सहायक होती है और सभी बाधाएं तथा सभी रूकावटें दूर करती है ! और बढती उमर भी बुलंद हौसले होनेपर बाधक नही हो सकती है ! भक्तिवेदांत प्रभुपाद जी ने अपने सत्तरवें साल में भगवत् गीता का वैश्विक अभियान आरंभ किया ! और आज संपूर्ण विश्व भक्तिवेदांत जी प्रभुपाद के कार्यों से प्रेरित हो रहा है ! बडे धूमधाम से कृष्णभक्ति में एकरूप हो रहा है ! क्योंकि...  अपने बुलंद इरादों प

जब हमारे हौसले बुलंद होंगे

 जब हमारे हौसले बुलंद होंगे, तब नियती भी झुक जायेगी ! ( ले : - २११४ ) विनोदकुमार महाजन --------------------------- जी हाँ , मानवी मन बहुत शक्तिशाली होता है ! तीव्र इच्छाशक्ती से मानवी मन में अनेक सकारात्मक उर्जा भरी जाती है ! और असंभव लगनेवाले कार्य, संभव में बदल जाते है ! और जब ऐसा हो जाता है तो..लोग इसे चमत्कार कहते है ! और आश्चर्य चकित भी रहते है...जब असंभव को संभव में बनानेवाला कोई दिखाई देता है ! ऐसे अनेक आश्चर्यकारक अनुभव हमें देखने को मिलेंगे, जिन्होने असंभव को संभव में बदल दिया ! आने दो कितने भी विनाशकारी तूफान... या फिर पार करने पडेंगे अनेक जहर के सागर... अथवा आने दें कितनी भी भयंकर मुसिबतें,मुसिबतों के पहाड... अथवा आने दो सामने कितने भी भयंकर जालीम सर्प,या अजगर... हम जब ठान लेते है और जीत के लिए,हरदिन... हर कदम...यशस्वीता की ओर बढते रहते है...जबरदस्त तगडी रणनीती के तहत काम करते है....तो.... शायद, नियती भी हार सकती है ! हिंदुराष्ट्र बनाने का प्रयास भी हम सभी प्रखर राष्ट्रप्रेमी मिलकर,हरपल जारी रखेंगे ! और हिंदुराष्ट्र बनाकर ही रहेंगे ! अखंड भारत का प्रयास भी जारी ही रखेंगे ! ह

जब हौसले बुलंद होते है !

 हिंदुराष्ट्र बनाने का प्रयास हम हरपल जारी रखेंगे ! और हिंदुराष्ट्र बनाकर ही रहेंगे ! अखंड भारत का प्रयास भी जारी ही रखेंगे ! हिंदुमय विश्व का प्रयास भी जारी ही रखेंगे ! और हमारे उद्दीष्टों में जीतकर ही रहेंगे ! जब हौसले होंगे बुलंद, तो कामयाबी भी हासील करके ही रहेंगे ! अगर हौसले बुलंद होते है,तब नियती भी सहायक होती है ! और सफलता के लिए ईश्वर भी प्रसन्न होकर आशिर्वाद देता ही है ! हर हर महादेव ! जय महाँकाल ! जय श्रीराम ! हरे कृष्णा ! हरी ओम् ! विनोदकुमार महाजन

हिंदुत्व के लिए कट्टर बनो !

 हिंदुत्व के लिए कट्टर बनो ! ( लेखांक : - २११३ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ साथीयों, हर धर्मीय व्यक्ति अपने धर्म के लिए कट्टर होता है ! उनके धर्म के खिलाफ कोई बोलेगा,तो वह तुरंत एक्शन में आ जाते है ! अनेक बार भयंकर हिंसक भी बन जाते है ! क्या आपको यह बात मंजूर है ? तो क्या, हर हिंदू, अपने धर्म के प्रती कट्टर होता है ? अपने धर्म पर कोई उंगली उठाता है, हमारे धर्म को बदनाम करता है,हमारे देवीदेवताओं का मजाक उडाता है ! क्या ऐसा होनेपर तुम सभी का खून खौल उठता है ? हमारे संस्कृति को बदनाम करनेवाले के खिलाफ क्या तुम,दूसरे धर्मीयों की तरह सख्त एक्शन में आ जाते हो ? शायद ना के बराबर ! सदीयों से इतना भयंकर अत्याचार सहने के बावजूद भी, तुम्हारा खून ठंडा क्यों और कैसे पड गया ? क्या तुम्हारे अंदर खून ही नहीं है ? बात कडवी है,मगर सच्ची है ! और आपको मेरी यह बात स्विकारनी ही होगी ! हमारे देवीदेवताओं को,आदर्शों को चाहे कोई कितना भी बूरा कहेंगे... तो भी हम मौन,शांत और ठंडे ! कमाल है ! सभी के प्रती सहिष्णु जरूर रहना चाहिए ! यही हमारी आदर्श संस्कृति है !यही हमारे आदर्श सिध्दांत भी है ! य

हिंदुराष्ट्र कैसे बनेंगे ?

 हिंदुराष्ट्र कैसे बनेंगे ? ( ले : - २११२ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ संपूर्ण विश्व पर सत्य सनातन धर्म का ही,ईश्वरी राज्य था ! हिंदुओं का ही राज्य था ! क्या आपको यह मंजूर है ? जी हाँ ! सप्रमाण मंजूर है ! तो सोचो,संपूर्ण विश्व पर हिंदुओं का ही राज्य था ना ? तो ऐसा क्या हो गया की, विश्व में अनेक ख्रिश्चन देश बन गये,बौध्द देश भी बन गये,मुस्लिम देश भी बन गये ! यहुदियों का छोटासा इस्त्राएल भी बन गया ! ऐसी कौनसी जादू हो गई की,उन सभी धर्मीयों ने अपने अपने अनेक देश बनाये ? उत्तर आसान है ! उन सभी ने जीत के लिए एक जबरदस्त रणनीति बनाई ! और अनेक सालों तक उसपर काम किया ! परिणाम ? उनके धर्म के आधार पर अनेक देश बन गये ! मंजूर ? अब देखो मजे की बात ! मगर हिंदुराष्ट्र एक भी नहीं रहा ! क्यों ? क्योंकि समय के अनुसार एक जबरदस्त तगडी रणनीति बनाने में और उसे कार्यान्वित करने में हम असफल रहे ! तेजस्वी ईश्वर पूत्र होकर भी ! क्यों ? क्योंकि हम हमारा ईश्वरी तेज ही भूल गये ! और इतने कमजोर, हीन,दीन,लाचार, कंगाल हो गये की,हमारा एखाद देश बनना भी दूर,हम तो दिनबदिन अस्तीत्व शून्य भी बनते जा रहे ह