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Showing posts from July, 2025

गौमाता

 गौमाता के प्राण बचाने वाला एक भी माई का लाल इस देश में पैदा नहीं हुआ है ??? जय गौमाता कि !!! विनोदकुमार महाजन

चक्रव्यूह

 *चक्रव्यूह ?* ✍️ २६८७ 🎯🎯🎯🎯🎯 साधारणतः सभी मनुष्य प्राणीयों के जीवन में दूख जादा और सुख कम आता है ! जैसे जैसे मनुष्य प्राणी सुखों के पिछे भागता रहता है , वैसे वैसे उसके नशीब में जादा दुख आता है ! और ऐसा व्यक्ति इसी कारण अनेक बार परेशान रहता है ! और परेशानियों को झेलने की मन की स्थिति पूर्ण रूप से समाप्त होती है तब मनुष्य हतबल होता है ! और हतबलता फिरसे एक नये भयंकर परेशानियों में डालती है ! हतबलता पर संपूर्ण विजय प्राप्त करके एक आनंदित तथा नये उर्जा का आनंदित जीवन जिने के लिए अनेक उपाय भी किए जाते है ! चौ-यांशी लक्ष योनियों में साधारणतया मनुष्य प्राणी ही हमेशा जादा दुखी रहता है ! और दुखों का हमेशा एक ही कारण होता है , निरंतर बढती अपेक्षाएं ! और अपेक्षाओं को बोझ निरंतर रहता ही है ! और यही कारण से दुख भी निरंतर बढता रहता है ! एक मनुष्य प्राणी छोडकर बाकी सभी जीव मस्त जीवन जीते है ! क्योंकि एक तो वह सभी जीव अपेक्षा विरहीत जीवन जीते है ! और उन सभी का जीवन भी नैसर्गिक ही होता है ! इसिलिए उनकी कुछ अपेक्षाएं भी नहीं होती है ! मगर मनुष्य प्राणी निरंतर बढती अपेक्षाओं के कारण , निरंतर दुखी...

परकाया प्रवेश

 *परकाया प्रवेश ?* ✍️२६८६ 🚹🚹🚹🚹🚹 यह परकाया प्रवेश क्या है ? हमारी आत्मा दूसरों के शरीर में प्रवेश करने की और उसका मन , उसके विचार , बुध्दी समझाने की स्थिती ! यह एक उच्च कोटी की सिध्दी है ! अथवा दैवीय शक्ती , पैशाचीक शक्ती ( पिशाच्च ) अथवा कुछ दुष्ट मांत्रीकों अथवा तांत्रिको द्वारा मंत्र , तंत्र के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करके ,हमारे मन को अथवा दिमाग को कब्जे में लेना , इसेभी परकाया प्रवेश ही कहते है ! परकाया प्रवेश यह एक अदृश्य प्रक्रिया होती हैं ! कुछ बार , कुछ विशिष्ट व्यक्तीयों के शरीर में दैवीय शक्तियां प्रवेश करती है और उससे कुछ अच्छा ईश्वरीय कार्य करती है ! अथवा कुछ बार , पैशाचिक शक्तियां हमारे शरीर में प्रवेश करती है , जिसे भूतबाधा भी कहते है ! अनेक बार इसको झपाटलेला भी कहते है ! भूतबाधित व्यक्तियों का आचरण भयंकर विचित्र , विक्षिप्त तथा विकृत मानसिकता जैसा होता है ! और ऐसी प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है ! उस संबंधित व्यक्ति का संपूर्ण शरीर , दिमाग , बुध्दि ही पिशाच अपने कब्जें में लेते है और उस संबंधित व्यक्तियों द्वारा अनैर्गीक आचरण करवाते है ! ऐसा बाधित व्यक्ति ...

मन में है विश्वास

 सौ प्रतिशत जीत के लिए... ✍️ २६८४ तुम चाहे कितने भी मुसिबत में हो , मन में निरंतर केवल  एक ही धारणा रखिए.... " मैं केवल और केवल जीतने के लिए और चौतरफा यश के लिए और वैश्विक ईश्वरी कार्य के लिए ही धरती पर आया हूं ! और मैं जीतके ही रहुंगा ! " ऐसी उच्च धारणा बनाकर निरंतर अंदर चेतना का प्रवाह , प्रवाहित करते रहेंगे तो निश्चित रूप से आप अपने कार्योँ में जीतकर ही रहेंगे ! फिर कितनी भी भयंकर बाधाएं तथा विपदाएं आये , बिना थके , बिना हारे , जीवन का संघर्ष जारी रखना होगा ! और उसी दिशा में लगातार और चौतरफा प्रयास जारी रखना होगा ! मन में है विश्वास... मैं हिंदुत्व की जीत करके ही रहूंगा.... पूरा है विश्वास ! चौबीसों घंटे... ईश्वर है मेरे साथ... तब आपकी सौ प्रतिशत जीत पक्की होगी ! जय श्रीकृष्ण.!! विनोदकुमार महाजन

महाक्रांति

 तेजस्वी ईश्वर पुत्रों , मेरे सनातनी हिन्दू साथीयों , अब केवल व्हाट्सएप्प फेसबुक की लड़ाई नहीं चलेगी ! अब हम " महाक्रांति "का ऐलान करते हैं !! हर हर महादेव!!! विनोदकुमार महाजन  पत्रकार

सच्चे महापुरुष

 सच्चे महापुरुषों को ना मान की अभिलाषा होती है ना धन की , बल्की देव , धर्म और देश के लिए ही ऐसे पुण्यात्माएं अपना जीवन बिताते है , ईश्वराधिष्टित समाज निर्माण के लिए ही ऐसे दिव्यात्मे अपना जीवन संपूर्ण रूप से झोंक देते है ! झोपडी में रहकर और दालरोटी खाकर भी ऐसे पुण्यपुरूष संतुष्ट रहते है ! जय श्रीकृष्ण !! विनोदकुमार महाजन

प्रेम

 *माँ का प्रेम और सिध्दयोगीयों का दिव्य प्रेम* ? ✍️ २६८१ 🩷✅🩷✅🩷 माँ का प्रेम ईश्वर के प्रेम जैसा शुध्द और पवित्र होता है ! और जीवनभर के लिए होता है ! अगर अपना बच्चा बिगड़ रहा है तो माँ तडप उठती है ! और बिगडे हुए संतान को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास करती रहती है ! कभी अपने बच्चे के साथ प्यार दुलार करती है तो ,उसे सुधारने के लिए कभी चार गाली भी देती है , तो कभी चार थप्पड़ भी मारती है ! ठीक ऐसे ही सिध्दपुरूष , सिध्दमहायोगी होते है ! जहाँ जाते वहाँ सभीपर पवित्र और दिव्य ईश्वरी , निरपेक्ष प्रेम ही करते रहते है ! इसीलिए बिगडे हुए व्यक्ति को , समाज को अनेक बार प्यार दुलार से समझाते है , अनेक बार माँ की तरह गाली भी देते है अथवा किसी को थप्पड़ भी मारते है ! अनेक बार बच्चे अपनी माँ का प्रेम समझ सकते है ! मगर अनेक व्यक्ति सिध्दपुरूषों का विचित्र और उनके नजरों से , विक्षिप्त आचरण नहीं समझ सकते है ! शेगांव के गजानन महाराज एक कुष्ठ रोगी के शरीर पर थूके थे ! कोई अज्ञान होता तो गजानन महाराज की भाषा न समझकर , उल्टा गजानन महाराज को ही भलाबुरा कहता ! विक्षिप्त , विचित्र या पागल कहता ! मगर उस कुष्ठ रो...

हिंदू धर्म

 *क्या हिंदू धर्म ही सर्वश्रेष्ठ* **धर्म है ?*  ✍️ *२६८०*  🚩🚩🚩🚩🚩 क्या सचमुच में हिंदू धर्म एक सर्वोच्च श्रेणी का तथा उच्च आचरण शैली का धर्म है या फिर कुछ लोग कहते है यह एक भ्रम है ?  इसपर आज आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक सटिक विश्लेषण करते है ! हिंदू धर्म सबसे प्राचीन होकर भी विज्ञानवादी भी है , यह बात हर समय में सप्रमाण सिद्ध होती आयी है ! समयानुकूल समझौता यह सनातन हिंदू धर्म की विशेषता है ! धर्मांध कट्टरता का ऐसे महान संस्कृती में एक प्रतिशत भी स्थान नही है ! दूसरी महत्वपूर्ण बात , यह धर्म मनुष्य निर्मित नही है बल्की ईश्वर निर्मित है , इसिलिए इस धर्म का कोई  धर्म संस्थापक नही है ! अनेक प्रकार की आध्यात्मिक मान्यताओं तथा वैज्ञानिक खोजपर आधारित यह धर्म है ! और यहाँ का बहुसंख्यक हिंदू समाज अध्यात्म से सदियों से जूडा हुवा है ! इसिलिए इस देश को निधर्मी कहना भी गलत है ! भारतीय मूल संविधान में भी डाँक्टर भिमरावजी आंबेडकर ने , " सेक्युलर "  शब्द नही जोडा था ! इसिलिए यह घटनाबाह्य तो है ही , साथ ही मूल भारतीय राज्य घटना का और बाबासाहेब आंबेडकर जी का भी यह अपमान है ...

स्वामी

 मुझे ना बनना है स्वामी ना गुरू , ना मुझे शिष्य बनाने है , ना मठ ! मुझे तो सिधासादा , भोलाभाला ही रहना है ! क्योंकी संपूर्ण विश्व ही मुझे गुरूसमान है ! विनोदकुमार महाजन

सिध्दपुरूष

 सिध्दपुरूष जहाँ भी जाते है वहाँ नंदनवन बनाते है और वहाँ का हर व्यक्ती सुखी , संपन्न हो जाता है !! विनोदकुमार महाजन

मुसीबतों का जहर

 जब भयंकर दाहक जहर जैसे मुसिबतों का दौर आता है तब समझ लेना ईश्वर आपको लोहे जैसा मजबूत बना रहा है !  विनोदकुमार महाजन

बहुसंख्यक

 बहुसंख्यक समाज पर कुछ असामाजिक तत्व एक अन्यायकारी निती बनाकर अनेक सालों तक अत्याचार करता है , तब क्रांती होती है विनोदकुमार महाजन

हिंदुराष्ट्र

 *क्या भारत हिंदुराष्ट्र बनेगा* *या नहीं ?*  ✍️ २६७९ 🚩🚩🚩🚩🚩 भारत.... हिंदुराष्ट्र था , है और सदैव रहेगा ! इसीलिए भारत हिंदुराष्ट्र कब बनेगा ? यह लोगों के मन का संशय तथा एक भ्रम है ! पहला कारण जिस समाज की संख्या अधिक होती है , उसी समाज का देश यह वैश्विक निती रही है ! इसीलिए भारत बहुसांख्यकीय आधार पर केवल हिंदुराष्ट्र ही है ! दूसरा कारण जब धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ तब पाकिस्तान बना मुस्लिम देश अनायासे बचा हुवा हिंदुओं का भू प्रदेश हिंदुराष्ट्र ही हो गया ना ? भलेही वह खंडित राष्ट्र ही हो ! सिधी सी बात है ना दोस्तों ? अब मजा देखो ! हिंदुस्थान में , बहुसंख्यक हिंदुओं के ही देश में , कुछ गलत लोगों ने यहाँ पर एक गहरी चाल चली , दोहरी नितीद्वारा हिंदू धर्म , हिंदू समाज और आदर्श हिंदू संस्कृति नामशेष करने की गहरी साजिश रची और कुछ कानून ही ऐसे बनाए जो....हिंदुत्व की विचारधारा को ही चोट पहुंचायेंगे ! पाकिस्तान में धिरे धिरे हिंदुओं का खात्मा किया गया ! और ? हिंदुस्थान में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक का खेल रचाकर , हिंदुत्व पर जानबूझकर हमले किए गए ! और हिंदुत्व को चौतरफा बदनाम करके...

क्या चाहिए ?

 *आपको क्या चाहिए ?*  जब सभी प्रकार की भयंकर और दाहक अनेक सालों की भयंकर खडतर और जालिम  ( राजा हरीश्चंद्र और राजा विक्रमादित्य जैसी ) अनेक अग्नी परीक्षाएं तथा सत्वपरीक्षाएं हम उत्तीर्ण होते है तब ? ईश्वर को हमें जो चाहिए वह सबकुछ देना ही पडता है ! जी हाँ ! कुछ बडा करने के लिए ऐसा ही कुछ बडा और भयंकर जालिम जहर भी अनेक सालों तक हजम करना ही पडता है ! तब जाकर अनेक सिध्दीयाँ प्राप्त होती है और असंभव कार्य भी संभव होने लगते है ! ऐसी अनेक जालिम परीक्षाएं उत्तीर्ण होनेपर आप ईश्वर से क्या मांगोगे ? हिंदुराष्ट्र निर्माण ?  अखंड भारत ?? या हिंदुमय विश्व ??? या फिर करोडों की संपत्ति ? राजऐश्वर्य ? और सभी प्रकार के स्वर्गीय सुख ? या फिर दोनों ? आप क्या मांगोगे ? जो मांगोगे वहीं पाओगे ! मगर तुम्हारी भी इसके लिए योग्यता भी चाहिए ! गुरु भी परीक्षा लिये बगैर दिक्षा नहीं देते है और कृपा भी नहीं करते है ! जय हरी विठ्ठल  *विनोदकुमार महाजन*

हे श्रीकृष्ण

 *हे श्रीकृष्ण ...तेरा हिंदू ??*  लेखांक ✍️ २६७७ 🚩🚩🚩🚩🚩 हे श्रीकृष्ण तेरा सनातनी हिंदू इतना तेजोहीन क्यों हो गया ? भगवत् गीता का वह श्रेष्ठ आचरण कैसे भूल गया ? वैसे तो हिंदू धर्म में और आदर्श हिंदू संस्कृति में जन्म लेने के लिए भी पुण्यसंचय होना चाहिए ! और सौभाग्य से हम सभी हिंदू कितने परम सौभाग्यशाली है ? जो अनेक देवीदेवताओं के , महात्माओं के ,साधुसंतों के , ऋषीमुनीयों के , दिव्य पुरूषों के ,चमत्कारी सिध्द पुरूषों के सनातन हिंदू धर्म में पैदा हुए ?  खुद के आत्मा को यह प्रश्न जरूर पूछना चाहिए ! मगर हे श्रीकृष्ण तेरा हिंदुही यह मूल सिध्दांत ही कैसे भूल गया !? सनातन संस्कृति में पैदा होना ...मतलब ? हम सभी तेजस्वी ईश्वर पुत्र ही होते है ! जी हाँ ! मगर हम तेजस्वी ईश्वर पुत्र है यही महत्वपूर्ण बात ही हम भूल गये है और उन्मादी, हाहाकारी समाज में फँसकर खुद का ही सर्वनाश कर रहे है !? याद किजिए संपूर्ण धरती पर केवल और केवल सनातन हिंदू धर्म का ही राज था ! संपूर्ण ब्रम्हांडीय रचना भी तो आखिर सनातनी ही है !  मतलब ? संपूर्ण ब्रम्हांड ही ईश्वर निर्मित है ! और हम उसका एक अंश है ...

सावरकर

 असली हीरो  ✍️ २६७६ सावरकर एक असली हीरा थे , आजादी के रिअल हीरो... मगर दुर्दैव से आज भी विशेषतः अनेक हिंदुओं को सावरकर व्हिलन लगते हैं...और असली षड्यंत्रकारी व्हिलन ही देश के हिरो लगते हैं ! अनेक सत्य प्रमीयों को इस देश में ऐसे ही अनेक षड्यंत्रों में फॅंसाकर बदनाम किया गया और उन्हें व्हिलन शाबित किया गया ! दुर्देव देश का और हिंदू धर्म प्रेमियों का... सत्य सनातन की अंतिम जीत के लिए... कुछ तो भी बड़ा करना होगा ...जो इतिहास बदल देगा और सत्य की जीत होकर षड्यंत्रकारीयों के असली जहरीले चेहरे सामने आयेंगे ! बोलो...!! विनोदकुमार महाजन

अखंड भारत

 *धर्मस्थापना और उन्मत्त* *कली के दूत*  ✍️ २६७५ 🕉🕉🕉🕉🕉 धर्म की पुनर्स्थापना तब होती है जब चारों ओर अधर्म का भयावह और विनाशकारी अंधेरा छा जाता है ! जैसे ? आज की भयावहता ? और उन्माद ?? मगर धर्मस्थापना कोई साधारण बात नहीं है ! जब भगवान श्रराम ने अथवा भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की पुनर्स्थापना की तब सबसे पहले साक्षात ईश्वर को भी अतीभयंकर दुख झेलने पडे थे ! इसिलिए धर्मस्थापना कोई साधारण घटना नही है ! धर्म मतलब ? सत्य की जीत ! सत्य सनातन धर्म की जीत ! वैदिक सनातन हिंदू धर्म की जीत ! मानवता की जीत ! ईश्वरी सिध्दांतों की जीत ! कुदरत का कानून ! क्यों ? क्योंकी सत्य सनातन धर्म ही अंतिम सत्य है ! और सत्य सनातन धर्म ही ईश्वर निर्मित है और आदर्श ईश्वरी सिध्दांतों पर चलकर  संपूर्ण सजीव सृष्टि का कल्याण करने की संपूर्ण क्षमता भी रखता है ! ।। अहिंसा परमो धर्म : धर्म हिंसा तथैवच ।। यह सिध्दांत ही संपूर्ण मानवीसमुह का , संपूर्ण सजीवसृष्टी का अखंड कल्याण कर सकता है ! आज की धर्म की स्थिति क्या है ? अतीभयावह स्थिति है ! अधर्म का भयंकर राज चौफेर दिखाई देता है ! जिसमें सत्य तडप रहा है ! सत्यवा...

धर्म पुनर्स्थापना

 *श्रीकृष्ण : -*  धर्म युद्ध के बिना  धर्म पुनर्स्थापना असंभव है असुरी शक्तियों का संपूर्ण नाश करनेपर ही धर्म की जय होती है !  *विनोदकुमार महाजन*

सोन्याचा बंगला

 सुख शांती समाधान नसेल तर ? सोन्याचा बंगलाही काय कामाचा ? त्यापेक्षा एकमेकावर स्वर्गीय दिव्य प्रेम करणारी माणसं असतील तर ती तुटकी फुटकी झोपडी सुध्दा स्वर्ग समान असते. जय राधेकृष्ण विनोदकुमार महाजन

हिंदुओं का खून

 कुछ लोग कहते है की हिंदुओं का खून नही खौलता है...मगर अत्याचार के खिलाफ सचमुच में जीन हिंदुओं का खून सचमुच में खौलता है उन्हे , ना हिंदू समाज साथ देता है ना घरवाले और नाही नशीब या ईश्वरी शक्तियाँ ? वास्तविकता या फिर दूर्देव ? या विडंबन ? उल्टा ऐसे महात्माओं को ही मुसिबतों में डालने की होड ? हिंदुओं में ही लगेगी ! सावरकर , सुभाषबाबू ?? जैसे तत्वनिष्ठ हिंदुओं को ? कितने हिंदुओं ने साथ दिया ? विनाशकारी सोता हुवा हिंदू ? विनोदकुमार महाजन

आई वडील

 तुमच्या कर्तत्वाच कौतुक फक्त आई आणी वडीलच मोठ्या आनंदाने करत असतात. बाकी जगात कोणी कोणाचं नसतं.ज्याला आईवडीलच नाहीत अशा अनाथांचे आईवडील स्वतः ईश्वरच होतो.फक्त श्रद्धा हवी. जय हरी विठ्ठल विनोदकुमार महाजन

संस्कृती

 संस्कृति व विकृती एकत्र कधीच राहू शकत नाहीत. संस्कृति प्रबळ असेल तर विकृतीचा नाश होतो तर विकृती प्रबळ असेल तर संस्कृतीचा नाश होतो. पांडूरंग हरी. विनोदकुमार महाजन

माझा ज्ञाना

 माझ्या ज्ञानाची संजीवन समाधी विश्व कल्याणासाठी माझ्या ज्ञानाने पसायदान लिहीले  त्यामध्ये  "विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो " असे सांगितले आहे त्या ज्ञानाने मला ( प्रत्यक्ष  श्रीकृष्णाने ) दृष्टांतामध्ये त्याच्या जवळ ( समाधी स्थान ) नेऊन  " विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो" या कार्याच्या यशासाठी माझ्या हालात भलेमोठे फळ दिले विशेष म्हणजे पंढरपुर येथे पंढरीनाथाने ( प्रत्यक्ष श्रीकृष्ण ) माझ्याकडून कठोर तप करवुन घेतले व त्याच्या ज्ञानाकडे मला आळंदीला पुढील साधनेसाठी पाठवले व फळ ज्ञानाने दिले श्रध्दा व भक्ति असेल तर आज ही पंढरपुर व आळंदी येथे चमत्कार घडतातच कारण दोन्ही ठिकाणी आज ही प्रत्यक्ष परब्रह्म नांदते आहे प्रत्येक वेळी माझे सद्गुरु आण्णा व त्यांचे सदगुरू दिगंबर महाराज माझेबरोबरच आहेत असे दृष्टांत होत होते आता "विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो" एवढेच कार्य बाकी आहे रामकृष्णहरी  विनोदकुमार महाजन

गणित

 आपल सगळ चांगल असल तरच जग आपल असत , नाहितर जगात कुणीही कुणाच नसत हेच आयुष्याच गणित खर असत . विनोदकुमार महाजन

मेरीट

 मेरीट में आकर भी हिंदुस्थान में बेरोजगार रहे ऐसे अनेक बुध्दीमान व्यक्ती परदेश में जाकर बहुत बडे आदमी बन गये ! क्या मेरे देश में सचमुच बुध्दीमान व्यक्तियों की कदर नही होती है ? इसका कारण क्या है ? विनोदकुमार महाजन

छळवाद

 एखाद्याकडं बुध्दीमत्ता , गुणवत्ता , चांगुलपणा असुनतरी काय उपयोग ? घरातुनचं त्याला कुजवलं , छळलं जात असेल , त्याचा अनन्वीत मानसिक छळवाद केला जात असेल तर ? त्याचं आयुष्य बरबादच होणार . पण तरीही एखादा भक्त प्रल्हादासारखा अथवा ध्रूव बाळासारखा असाही निघतो की अशा भयंकर परिस्थिती वर मात करूनही करोडोत ही मोठं अभिमानाचं अन् सर्वोघ्च स्थान मिळवतो अन् अजरामर होऊन जातो. जय हरी विठ्ठल. विनोदकुमार महाजन

भिरूड

 [04/07, 7:19 pm] Narenda Tripathi 2 Ok: *दीमक एक खतरनाक कीड़ा है.नेहरू ने पाकिस्तान बनाया लेकिन कुछ को भारत में रोक लिया जो आज 30 करोड़ हो गए, ये देश के दीमक है जो एक साल में एक करोड़ बढ़ रहे हैं, अब जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू नहीं किया तो भारत का इस्लामीकरण हो जाएगा, डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी अध्यक्ष निदेशक अखिल विश्व अखंड सनातन सेवा फाउंडेशन रजि., नीति आयोग भारत, नमो नमो [04/07, 10:49 pm] vinodkumarm826: दिमक से भी और एक भयंकर कीड़ा है  भिरूड जो पेड़ को अंदर से पूरी तरह से खोखला बनाता है  जब पेड़ सुखता है तभी सभी को पता चलता है  और भिरूड अंदर होने के कारण दिखाई भी नहीं देता है  ठीक ऐसी ही निती मुसलमानों की होती है और सेक्युलर तथा सत्ता के भूखे लालची लोगों को यह दिखाई नहीं देता है  मगर मेरे पास इसके लिए वैश्विक निती तैयार है। ज़रूरत है तुरंत संपूर्ण सहयोग की 🙏🙏🙏 [04/07, 10:51 pm] vinodkumarm826: सभी देशों के राष्ट्रप्रमुखों को इसके लिए मुलाकात करनी है मगर इसके लिए भी पैसा लगता है  और मैं एक गरीब किसान परिवार से हूं

तेजस्वी भारत

 *सौ टके कि बात !!!*  ✍️ २६७१ 👆👍✅👆👍✅ मोदिजी ने पाकिस्तान की नस क्या दबाई ? इधर भारत में छूपे पाकिस्तान प्रेमी तडपकर मर रहे है ! पाकिस्तान खतम् ? पाकिस्तान प्रमी भी खतम् ! टूकडा गैंग भी खतम् ! इसीलिए सौ प्रतिशत मतदान ? केवल और केवल मोदिजी को ही मतदान ! कमल का फूल ? मिटायेगा , हटागेगा देश की सारी सारी धूल ! कसम रामजी कि खाते है  हिंदू एकता बढायेंगे ! आपसी लडाई झगडा हटायेंगे ! हिंदू एकता की वज्रमुठ बनायेंगे ! हर चुनाव में बढ चढकर केवल और केवल मोदिजी को ही मतदान करेंगे ! मोदिजी का नाम ? तेज गति से , चौतरफा विकास का काम ! घर घर खुशहाली आयी है मोदिजी ने कमाल दिखाई है ! मेरा देश बदल गया है ! एक गाल में ? एक थप्पड़ मारनेपर ? दूसरा गाल आगे करनेवाला  नंपुसक भारत अब ? रहा नहीं है ! बल्कि ? गाल में थप्पड़ मारने के लिए जो भी हाथ उठेगा ? वह हाथ ही कलम होगा... ऐसा यह अब तेजस्वी भारत बन रहा है ! पाकिस्तान तेरे टूकडे होंगे ! जय श्रीराम जय श्रीराम !! 👆👍✅👆👍✅  *विनोदकुमार महाजन*

टूकडा गैंग

 सौ टके कि बात !!! मोदिजी ने पाकिस्तान की नस क्या दबाई ? इधर भारत में छूपे पाकिस्तान प्रेमी तडपकर मर रहे है ! पाकिस्तान खतम् ? पाकिस्तान प्रमी भी खतम् ! टूकडा गैंग भी खतम् ! पाकिस्तान तेरे टूकडे होंगे ! जय श्रीराम जय श्रीराम !! विनोदकुमार महाजन