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Showing posts from June, 2022

भाजप की रणनीती

 एकनाथ शिंदे जी को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री क्यों बनाया गया ? एक राजनैतिक विश्लेषण : -  विनोदकुमार महाजन ( लेखांक : - २००५ वां लेख ) ----------------------------------- महाराष्ट्र की राजनिती में तेज गती से हलचल होकर, एकनाथ शिंदे जी ने महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। और अनेक प्रश्न उपस्थित हो गये।सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न : - देवेंद्र जी फडणवीस को इतनी कडी मेहनत और श्रेष्ठत्व तथा योग्यता होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री पद क्यों नही मिला ? अब सबसे पहले पिछले ठाकरे सरकार का इतिहास देखते है। शरद पवार जी ने एक ब्राह्मण  मुख्यमंत्री ठाकरे जी को,फडणवीस जी को काट देने के लिए ,तथा कुछ महत्वकांक्षा लेकर,शिवसेना ,काँग्रेस के सहयोग से महाराष्ट्र में सत्ता स्थापन की। ठाकरे के रूप में एक ब्राह्मण मुख्यमंत्री बनाया और एक ब्राह्मण के ( ठाकरे ) कंधेपर बंदूक रखकर दूसरे ब्राह्मण को ( फडणवीस ) समाप्त करने की रणनीती बनाई। अब देखते है भाजपा की वरीष्ठ टीम ने क्या किया ? जिस प्रकार से उध्दव जी ने भाजपा को धोका और धक्का देकर,पवार जी से हाथ मिलाकर सत्ता स्थापन की। ठीक यही निती,"

है कोई माई का लाल ?

 फिर हिंदु सो जायेंगे ! ------------------------------ चार दिन का माहौल चलेगा देश में विरोध होता रहेगा व्हाटसअप फेसबुक की लडाई चार दिन चलती रहेगी ! उदयपूर.....!!! और फिर हिंदु सबकुछ भूलकर फिरसे सो जायेगा ! आतंकीयों को बडे बडे वकील मिलेंगे हमारे ही जयचंद पैसों के लालच में केस लडेंगे और आतंकी फिर से.... बाहर आयेंगे ! फिर सौ आतंकीयों को तैयार करेंगे फिर देश में किसी जगह उदयपूर... कांड बनेगा ! और चार दिन बाद... फिर हिंदु सो जायेंगे ! ऐसा ही हो रहा है ऐसा ही होता आया है ! जालीम इलाज... ढुंडने की ना सरकार को जरूरत है,ना सदा के लिए कानूनी काट है,ना हिंदु समाज की जालीम इलाज की माँग है....! ऐसी वारदात फिर से ना हो आतंकीयों पर खौफ हो.... ऐसा माहौल ना बनेगा ना ऐसा कानून भी बनेगा ! आतंकी फिर से नई वारदात करते रहेंगे और हम तमाशा देखते रहेंगे चार दिन दुख व्यक्त करते रहेंगे ! और फिर शांती ही शांती ! कब तक ??? कब तक ??? कब तक ??? मेरे देश में ऐसा होता रहेगा ? आतंकीयों को चौराहे पर गोलियों से तत्काल भूनने का कानून कौन बनायेगा ? कौन बनायेगा ? हैवानियत का हाहाकार कौन रोकेगा ? सदा के लिए देश में बढ रही है

मौन धारण ना किजिए

 अधर्म के भयंकर माहौल में मौन धारण करके शांत ना बैठिये साथीयों.... मैं अकेला कूछ नही कर सकता... यह उदासीनता छोड दो मैं अकेला भी बहुत कुछ कर सकता हुं.... यह शक्तिशाली विचारों को धारण करके आगे आगे बढते है अधर्म पर मौन  बनकर जो मात्र  निहारे जाते है.. भीष्म हो द्रोण हो  या हो कर्ण  सब मारे जाते हैं *उदयपुर* देश का चप्पा चप्पा जगाना है हर एक को निंद से जगाना है अन्यायी,अत्याचारीयों का आक्रमणकारीयों का कर्दनकाल बनकर धधगता तेज नारसिंव्ह बनकर... अत्याचारी हिरण्यकश्यपू का सर्वनाश करना है... सर्वनाश करना है... जागो.....हिंदुस्थानी जागो जागो तेजस्वी ईश्वर पूत्रों हिंदुराष्ट्र हमें बनाना है हिंदुराष्ट्र हमें बनाना है हरी ओम् जय जय श्रीराम हर हर महादेव विनोदकुमार महाजन

संपूर्ण समर्पण में ही सच्चा प्रेम है !

 संपूर्ण समर्पण में ही आनंद है ! --------------------------------- जिस प्रकार से एक पतिव्रता स्त्री अपने पतीदेव के चरणकमलों पर अपना सारा जीवन सारा पुण्य,तन - मन - धन सानंद से समर्पित करती है और ईश्वर प्राप्ती का तथा संपूर्ण सुखों का आजीवन आनंद लेती रहती है। सत्यवान - सावित्री। इसी प्रकार से सच्चा भक्त अपना सारा जीवन ईश्वर चरणों पर समर्पित करके अखंड समाधीअवस्था में उच्च कोटी का आनंद लेता रहता है। राम - हनुमान। और सद्गुरू का असली शिष्य भी इसी प्रकार से सद्गुरू के चरणकमलों पर सबकुछ समर्पित करके ही बडे आनंद से अपना संपूर्ण जीवन बडे मस्ती से गुजरता रहता है। रामदास स्वामी - कल्याण स्वामी। पवित्र और सच्चा प्रेम ही संपूर्ण समर्पण सिखाता है। और इससे बढकर आत्मानंद दूसरा कोई है ही नही। हरी ओम् -------------------------- विनोदकुमार महाजन

सद्गुरू का प्रेमामृत

 सद्गुरू का नाम ---------------------------- मेरे सद्गुरू आण्णा का नाम इतना बडा है की, सारे सुखदुःख, सारा वैभव, स्वर्गीय ऐश्वर्य, राजऐश्वर्य, यश,किर्ती, नाम... सभी की कीमत मेरे आण्णा के दिव्य प्रेम के और उनके नाम के  सामने बिल्कुल नगण्य है, शून्य है। मेरा देह,तन - मन - धन, जनम जनम का सारा पुण्यसंचय भी मेरे सद्गुरू के पवित्र चरणकमलों पर समर्पित। संपूर्ण समर्पण ही जीवन है। सभी संतों के चरणकमलों पर संपूर्ण जीवन समर्पित करना ही जीवन का आनंद है। सुख हो या दुख, अमृत हो या जहर, सद्गुरु चरणों के सामने सबकुछ शून्य है। जिसके भाग्य में सद्गुरु के प्रेमामृत का सौभाग्य होता है... विश्व में उससे भाग्यवान कौन हो सकता है ? हरी ओम् ------------------------------- विनोदकुमार महाजन

तुम्हारा भी दिन आयेगा

 समय खराब है ऐसा रोना मत रोईये। तुम्हारा भी समय एक दिन जरूर आयेगा। विश्वास रखिए खुद पर। दुनिया हिलाने की क्षमता है तुम्हारे ही अंदर.... हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

धर्म जागृती

 विश्व का सबसे बडा पवित्र आध्यात्मिक संगठन इस्कॉन  ( श्रीकृष्ण भावनामृत संघ ) विश्व का सबसे बडा,तेजस्वी, पवित्र सामाजिक संगठन आरएसएस ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ) विश्व परिवर्तन तथा हिंदुमय विश्व तथा वैश्विक आध्यात्मिक समाज निर्माण के लिए.... दोनों शक्तिशाली संगठनों को अनेक शुभकामनाएं देशविदेशों के सभी हिंदुत्ववादी, आध्यात्मिक, सामाजिक, राजकीय संगठन एक होकर, वैश्विक क्रांति की लहर लाकर, धर्म पुनर्स्थापना करके रहेंगे यही उम्मीद रखता हुं। 🙏🙏🙏 🕉🕉🕉 🚩🚩🚩 हरी ओम् हरे कृष्णा विनोदकुमार महाजन

एक चायवाला

 एक चायवाला....!!! -------------------------------- एक चायवाला, चाय बेचते बेचते, राष्ट्र नवनिर्माण का सपना देखता है।संकल्प भी करता है। संकल्प पूरा करने के लिए, तगडी रणनीती भी बनाता है।मन ही मन शक्तिशाली योजना भी बनाता है। और योजना प्रत्यक्ष कृति में लाने के लिए, खडतर तपस्या करके,शंभू महादेव के आशिर्वाद भी प्राप्त करता है। ईश्वरी कृपा,कठोर मेहनत, तगडी रणनीति, यशस्वी योजना द्वारा, आज वह महात्मा पूरे दुनिया में लोकप्रियता के सारे शिखर भी पार कर रहा है। नाम : - नरेंद्र दामोदरदास मोदी। अब नई कहानी। हिंदुराष्ट्र निर्माण अखंड भारत और हिंदुमय विश्व का, कोई सपना देखता है, संकल्प करता है, तगडी रणनीती बनाता है, शक्तिशाली योजना बनाता है, और कठोर तपश्चर्या द्वारा कार्य सफलता के लिए ईश्वरी वरदान भी प्राप्त करता है... तो....? क्या असंभव भी संभव बनेगा ? ईश्वरी वरदान, तगडी रणनीती, शक्तिशाली योजना होने के बाद... क्या नामुमकीन भी मुमकीन में नही बदलेगा ? चलो, उसी दिशा में कम से कम एक प्रयास तो करते है। कितने लोग जुडते है,अथवा कितने व्यक्ती सहाय्यक होते है, यह मुद्दा गौण है। जरूरत है.... संकल्प और सिध्दी क

माँ

 माँ कौन होती है ? गलतीयों पर परदा डालकर सद्गुणों को विकसित करनेवाली और दुनियादारी ? छोटिसी गलती पर भी जीना मुश्कील कर देनेवाली सद्गुणों को छुपाकर ना के बराबर दोषों को सारे समाज में फैलाकर बदनामी का भयंकर जहर देनेवाली होती है दुनियादारी हर एक व्यक्ती माँ जैसा पवित्र प्रेम नही दे सकती बचके रहना इस रंग बदलती दुनिया में विनोदकुमार महाजन

बचके रहना

 यह तो सत्ययुगी इंन्सान नही है साहब ! यह तो कलियुगी इंन्सान है ! जरा बचके रहना ! कलियुगी इंन्सान तो ईश्वर को भी फँसाएगा, ईश्वर को भी रूलायेगा, ईश्वर को भी भगाएगा ! संत ज्ञानेश्वर भी तो साक्षात ईश्वर ही थे ना ? कृष्ण जन्माष्टमी पर अवतरित होनेवाले ? फिर भी संत ज्ञानेश्वर को भी बहुत रूलाया,तडपाया ना कलियुगी इंन्सान ने ? कलियुगी इंन्सान से बेहतर तो बाकी चौ-यांशी लक्ष योनीवाले पशुपक्षी ही होते है ! क्योंकी सभी के सभी ईश्वरी कानून से ही चलते है ना ? निरीक्षण करके तो देखो ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

हिंदुशक्ती

 #सर्व_हिंदू_समाज को संगठित करने का आसान और सटीक सूत्र देश को #विश्वगुरु बनाने का दायित्व हिंदू समाज पर ही निर्भर है। हमे एक ही कार्य करना होंगा की पूरे देश के सभी मंदिरों को एकदुसरे से जोड़ना होंगा। और #राम_मंदिर को इन सभी मंदिरों का मुख्य कार्यालय बनाना होंगा। और वही से देश के सभी मंदिरों को. WhatsApp se 1lac groups bana k चलाना होंगा और देश के सभी #कमज़ोर_हिंदुओं को इन्ही मंदिरों द्वारा सहायता पहुंचाना होंगा।  जिनके पास काम नहीं है उन्हें रोजगार देना होंगा। पूरे देश में कही भी कोई भी विधर्मी हमारे #हिंदू_भाई_बहन पे अत्याचार करने पर, सबसे पहले हमे वहा के पास के मंदिर में तुरंत सूचित करना होंगा और वो मंदिर हमारे मुख्य मंदिर राम मंदिर को सूचना दे और उस मुख्य मंदिर का कार्य होंगा की वह वहा के आसपास के #हिंदू_संगठन को सूचित करे और कुछ ही मिनटों में वो संघठन उनकी सहायता के लिए पहुंच जाएगा। इस से फायदा यह होंगा की, कुछ ही दिनों में कोई भी विधर्मी, हिंदू भाई पे अत्याचार करना बंद कर देगा। #क्योंकी_संघठन से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती है। हर हिंदू भाई को कर्मठ बनाना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। स

प्रश्न और उत्तर

 प्रश्न और उत्तर : - सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ठ क्यों है ? ------------------------------- १ ) अनादी अनंत धर्म कौनसा ?       सनातन धर्म २ ) सबसे पुराना धर्म कौनसा ?       सनातन धर्म ३ ) स्वयं ईश्वर निर्मित धर्म       कौनसा ?      सनातन धर्म ४ ) धर्म संस्थापक कोई मानव        नही ऐसा धर्म कौनसा ?       सनातन धर्म ५ ) ईश्वरी सिध्दांतों पर             चलनेवाला धर्म कौनसा ?      सनातन धर्म ६ ) मानवतावादी धर्म कौनसा ?      सनातन धर्म ७ ) पशुपक्षीयों पर,पेड जंगलों       प्रेम करने को सिखाने वाला      धर्म कौनसा ?      सनातन धर्म ८ )  सभी हिंदुओं का आदर्शधर्म            कौनसा ?       सनातन धर्म ९ ) आत्मा परमात्मा का भेद       बतानेवाला धर्म कौनसा ?       सनातन धर्म १० ) आध्यात्म और विज्ञान से         तालमेल रखनेवाला धर्म         कौनसा ?        सनातन धर्म ११ ) पुर्वजन्म पुनर्जन्म की         खोज करनेवाला धर्म         कौनसा ?        सनातन धर्म १२ ) अनेक गूढ विषयों पर ज्ञान         देनेवाला धर्म कौनसा ?         सनातन धर्म १३ ) अनेक देवीदेवता,         सिध्दपुरूष,महात्मा,          साधुसंत,ऋषीमुनी,  

सनातन धर्म में है जीवन की बहार

 सनातन धर्म में है जीवन की बहार... ------------------------------- फुलों की बहार जैसा जीवन होता है सनातनीयों का। परोपकार, दया,क्षमा,शांती का भंडार होता है सनातनीयों का। पशुपक्षीयों पर भी,पेड जंगलों पर भी प्रेम करने को सिखाता है सनातन धर्म। यहाँ गाय को भी माता मानकर पूजा जाता है , गौमाता भी रूप है भगवान का। पत्थर में भी भगवान का रूप देखकर पूजन होता है ईश्वर का। आत्मा परमात्मा की खोज करके जीवन बनता है सुंदरता का। सुखों की बहार है सनातन धर्म। ध्यान धारणा में समझता है सुखी जीवन का मर्म। चौ-यांशी लक्ष योनियों में दिखता है एक समान आत्मतत्त्व। एकसमान आत्मतत्त्व से होता है ईश्वरी साक्षात्कार। एक ही सूत्र में संजोया है साकार और निराकार। मुझमें भी राम,तुझमें भी राम। मुझमें भी कृष्ण, तुझमें भी कृष्ण। चौ-यांशी लक्ष योनियों में भी बसा है मेरा प्यारा भगवान। यह दिव्यत्व, सिखाता है मेरे सनातन धर्म के धर्म ग्रंथ है इसके साक्षात प्रमाण। सनातन ही है हिंदुत्व की आन - बान - शान। यहांपर है भगवान का भगवा निरंतर विराजमान। ध्यान - जप - तप है  सनातन का आधार। जो करता है जीवों का उध्दार। निराकार ईश्वर से नाता जोड

कृष्णा

 चलो नवयुग की ओर चलो कृष्णमई सिध्दांतों की ओर सारी दुनिया को भगवत् गीता का अमृतपान कराते है इंन्सान को इंन्सान बनाते है सत्य सनातन की ओर बढते है जय श्रीकृष्णा सभी का दिन मंगलमय, हर्ष भरा हो... देहरूप में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन सभी को हो 🙏🙏🙏 विनोदकुमार महाजन

आवो ध्यान करें

 🙏🏻हरि🕉️तत्सत🙏🏻 🙏🏻आओ  ध्यान करें 🙏🏻  आज जिसको भी समझाओ कि ध्यान किया करो ध्यान करने से हम अनंत ऊर्जा के स्रोत से जुड़ जाते हैं और वहां से ऊर्जा ग्रहण कर हम अपने दिन भर के क्रियाकलाप बिना थकावट सुचारू रूप से कर सकते हैं, ध्यान करने से मस्तिष्क को गहन विश्राम मिलने के कारण हमारा मस्तिष्क अत्यधिक दक्षता के साथ कार्य करता है! ध्यान योग से कर्म करने में कुशलता आती है! कहते हैं     योगा: कर्मसु कौशलम्  यह कर्म करने का बड़ा ही प्यारा सूत्र है! जो लोग कहते हैं कि व्यस्तता के चलते हैं ध्यान करने का वक्त ही नहीं, उनको यह जरूर समझने योग्य है की यदि दो समूहों को सब्जी काटने दी जाये,अब एक समूह तुरंत हीं सब्जी काटना शुरू कर देता है और दूसरा चाकू  में  धार लगाने लगता है अब देखने वालों को यह भ्रम हो सकता है की जो समूह धार लगा रहा है वह वक्त बर्बाद कर रहा है लेकिन ऐसा नहीं धार लगाकर काटने वाला समूह बिना धार लगाकर काटने वाले समूह से पहले सब्जियाँ काट लेता है यही कर्म करने की कुशलता है जो ध्यान से आती है! आज हमारी जिंदगी ऐसी हो गयी है जैसे इक गिलहरी को एक शेर अपने यहाँ यह कहकर काम पर रख लेता है

हम कसम खाते है

 प्रत्येक हिन्दू को यह शपथ लेनी चाहिए कि वे - १ ) हम कसम खाते है की, हर मंगलवार या शनिवार को,हम जहाँ भी होंगे,वहाँ के नजदिकी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा और हनुमान जी की आरती करेंगे। २ ) अपने आराध्य देवी-देवताओं का अपमान न सहेंगे। ३ ) अपने देवी-देवताओं के विषय में न कोई उपहास, न कोई छोटी बात करेंगे और न सहेंगे। ४ )  देवी-देवताओं के चित्रों वाली सामग्री जैसे कि कैलेण्डर/धूप-बत्ती/समाचार पत्र आदि न लेंगे और न किसी को देंगे। ताकि प्रयोग होने के पश्चात हमारे आराध्यों के चित्र कूड़े में न जाएं। यदि आपके पास ऐसे कुछ चित्रादि हैं तो उनके उचित निस्तारण के लिए आप उन्हें जल में प्रवाहित कर दें। ५ )  हमारे पूर्वजों ने कई सौ वर्षों की दासता में यातनाएं सह कर भी अपने धर्म से समझौता न किया...अपने पूर्वजों के प्रयास/बलिदान को व्यर्थ न जाने देंगे। ६ )  सोमवार/मङ्गल वार/गुरूवार/शनिवार/चतुर्थी/षष्टी/अष्टमी/एकादशी/द्वादशी/त्रयोदशी/पूर्णिमा/अमावस्या को किसी भी एक दिन मन्दिर जाने का नियम अवश्य बनाइये। ८ ) देशविदेशों में हमारे त्यौहार बडे धुमधाम से मनाएंगे। ९ )  स्मरण रखिये हम सभी महा तेजस्वी सप्तऋषिय

सभी को सूख ही चाहिए

 सभी को सूख ही चाहिए !!! -------------------------------- साथीयों, आज का लेख का विषय थोडा हटके है। सूख... जी हाँ,सभी को सूख ही चाहिए। दुखों से तुरंत मुक्ती और सुखों की तुरंत प्राप्ती। इसिलिए हर मनुष्य प्राणी दिनरात अपार मेहनत करता है। मगर नतीजा ? दुख पिछे हटता ही नही। और सूख नशीब में होता नही। और फिर मन की उदासीनता अथवा आत्मग्लानी। किसी को आर्थिक परेशानियों से मुक्ती चाहिए, तो किसी को बिमारीयों से।तो कोई व्यक्ती शत्रु पीडा से भयंकर त्रस्त है...और शत्रू पीडा से बचने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहता है।अनेक उपाय ढूंडता रहता है,शत्रुओं से बचने के लिए। तो किसी के घर में विनावजह दिनरात झगडा होता रहता है... और निरंतर झगडे की वजह से मानसिक परेशानियां... आखिर बताएं तो किसे बताएं ? रोने के लिए और दुखदर्द हलका करने के लिए भी,इस मायावी दुनिया में एक कंधा तक नही मिलता है। तंत्र, मंत्र, यंत्र, बूवा,साधू,तांत्रिक, मांत्रिक जैसे अनेक उपायों द्वारा दुखों से मुक्ती और सूखों की प्राप्ती के लिए, लगभग हर मनुष्य प्राणी निरंतर प्रयास करता रहता है। और किसी को दुख बताए बगैर ही अंदर ही अंदर घूटता रहता है।आखिर दुख व

चिंता मिट गई !

 चिंता मिट गई : - मेरे राधाकृष्ण सबकुछ ठीक करेंगे। --------------------------- सनातन धर्म पर भयंकर गहरा संकट मंडरा रहा है। इसिलिए मैं बहुत दिनों से व्यथित था,दुखी था,चिंतीत भी था।बेचैन भी था। यह हमारे अस्तीत्व का प्रश्न है। भयंकर बडा धर्म संकट है। अंदर से हमारे ही धर्म द्रोही और बाहर से अनेक आक्रमणकारी, ऐसी भयंकर विपदाओं के बीच धर्म फँसा हुवा है। इसिलिए मैं बहुत बेचैन था,अस्वस्थ था। मगर एक चमत्कार हुवा। कुछ दिन पहले मेरे सद्गुरू आण्णा के साथ,सपनों में सुंदर राधाकृष्ण के दर्शन हो गये। और अकस्मात तीन दिन पहले,पुणे स्थित,कँप में,इस्कॉन के राधाकृष्ण मंदिर में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुवा। मेरे साथ मेरे स्नेही निखिल शाहजी भी मौजूद थे। मेरे सद्गुरू के साथ सपनों में जिस राधाकृष्ण के दर्शन हो गये थे,बिल्कुल वही राधाकृष्ण सामने देखकर मैं अचंबीत रह गया।मानो प्रत्यक्ष परमात्मा भगवान श्रीकृष्ण और राधाराणी ने ही मुझे वहाँ बुलाया है...ऐसा लगने लगा। वहाँ का दिव्यत्व,सभी कृष्ण भक्तों का सविनय, पवित्र प्रेम,निष्कपट भाव देखकर मुझे तो ऐसा लगा की...मानो मैं साक्षात स्वर्ग में ही हुं। राधाकृष्ण के मनोहर,सु

सबकुछ भयावह है

 भयानक चेतावणी : - देश भयावह स्थिती से गुजर रहा है ! ------------------------------------ साथीयों, यह लेख गंभीरता से पढकर आज की देश की भयावह स्थिती पर विचार विमर्श करके, तुरंत हल निकालना अत्यावश्यक बन गया है। देश की स्थिती भयावह है। हर जगहों पर मिनी पाकिस्तान का गुप्त एजेंडा चलाया जा रहा है। चारों तरफ गहराई से नजर डालेंगे तो यह भयावह स्थिती नजर आयेगी। चारों तरफ.... " काला रंग " और सुबक शाम " जोर जोर से चिल्लाने की " भयंकर आवाजे.... और हम ??? चारों तरफ से मजबूर। " उन्मादी समाज का " कानूनी हल...ना के बराबर। " हमारे  " दो बच्चे... " उनके " बीस... जनसंख्या नियंत्रण कानून लेकर क्या कर बैठोगे ??? संपूर्ण स्थिती हाथ से बाहर जा चुकी है। यही स्थिती रही तो...??? दस साल के बाद का समय... अती भयावह होगा। दस करोड के लगभग पाकिस्तानी, बांगला, रोहिंग्या तुरंत बाहर निकालेंगे... तो शायद स्थिती थोडी सुधर सकती है। अन्यथा.... चोबीस का चुनाव जीतना भी मुश्कील हो जायेगा। युपी में देखा ना ? कितनी भयंकर कांटे की टक्कर थी ? नशीब बलवत्तर था,इसिलिए युपी में जीते। नह

नुपूर शर्मा

 नुपूर शर्मा ५७ इस्लामिक देशों को जलाकर राख कर देगी... मगर... ------------------------------- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुपूर शर्मा का नाम तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। वजह आप सभी को पता है। वास्तव में यह विषय नुपूर शर्मा का नही है।मोदिजी की तेजस्वी रणनीती और बेजोड कार्यप्रणाली से देश के तथा विदेशों के सभी मोदी विरोधी मोदिजी को राष्ट्रीय... अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोकने के लिए यह निती अपना रहे है और नुपूर शर्मा का नाम लेकर मोदिजी के कार्य प्रणाली पर प्रहार कर रहे है। धारा ३७० , राममंदिर, तीन तलाक जैसे यशस्वी मुद्दे सभी विरोधियों को खुली चुनौती दे रहा थे। मगर मोदिजी इसपर ही रूके नही।आगे भी भविष्य में अनेक घटनाएं होनेवाली है।और सभी घटनाएं मोदिजी की प्रचंड लोकप्रियता बढाकर ही रहेगी। देश में भी और विदेशों में भी। इसमें रशिया से तेल खरिदने से लेकर ज्ञानवापी तक के अनेक मुद्दों पर मोदिजी सक्रीय हो रहे है। अगर यह सिलसिला गती से बढता गया तो.... गजवा - ए - हिंद का सपना कभी भी पूरा नही हो सकेगा... यह सारी दुनिया जान रही है। और यही वजह है की,चाहे कुछ भी करो मगर मोदी को रोको। अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप को हट

संगत

 संगत https://globalhinduism.online/?p=2450 " *अच्छे लोगों का स्वभाव* *गिनती के शून्य की तरह होता है......."*  *"लोगों की नजर में भले ही* *उसका मूल्यकुछ भी नहीं होता........ "* *"लेकिन वो जिनके साथ होते है* *"उनकीकीमत बढ़ा देते हैं.*            *🙏🌹सुप्रभात🌹🙏* संकलन : - विनोदकुमार महाजन

सख्त एक्शन की जरूरत

 मोदिजी, अब कठोर निर्णय लेने पडेंगे ! ----------------------------- मोदिजी, राष्ट्र हित के लिए अब सख्त और कठोर निर्णय लेना अनिर्वार्य हो गया है। संपूर्ण देश में आज जो अराजक तत्त्व तथा देशद्रोही शक्तियां आक्रमक हो रही है...तो ऐसी शक्तियों को सदा के लिए कुचलने के लिए अब तुरंत सख्त और कठोर निर्णय लेने की अत्यावश्यकता बन गई है। अंतरराष्ट्रीय नितीयों की वजह और कानूनी प्रक्रिया के कारण से ठोस निर्णय लेना थोडा कठीण जरूर है।मगर असंभव नही है। उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार से संन्माननीय मुख्यमंत्री योगीजी देशद्रोही शक्तियों को कुचलने के लिए शक्तिशाली निती अपनाकर,राष्ट्रद्रोहीयों पर जिस प्रकार से सख्त एक्शन लेकर कठोर प्रहार कर रहे है...ठीक इसी प्रकार की निती संपूर्ण देश के लिए अपनाने की जरूरत है। माना की छोटीसी गलती भी राष्ट्रद्रोहीयों का मनोबल बढा सकती है।और सरकार को आंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करके,2024 की जीत की रणनीती विरोधी बना भी सकते है,यह भी सौ प्रतिशत संभावना है।या फिर विरोधियों का यही एकमात्र उद्देश भी हो सकता है। और.... सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की,हमारे ही समाज का कुछ भरौसा नही है।मतलबी

कपटी मित्र से बेहतर दिलदार शत्रू होता है

 नौटंकी करके दूसरों को फँसाने से बेहतर है, कठोर शब्दों द्वारा स्पष्ट  वक्ता बनकर असलीयत समझाना... किसी की नफरत करने से बेहतर है, उससे सदा के लिए दूर चले जाना... कपट निती से चलने से बेहतर है, झूटे को झूटा और सच्चे को सच्चा बोल देना... मिठी मिठी बाते करके दूसरों का घात करने से बेहतर है , कठोर शब्दों द्वारा उसको सुधारने का मौका देना... क्योंकी कपटी मित्र से बेहतर दिलदार शत्रू होता है हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

संपूर्ण विश्व में

 संपूर्ण विश्व में फैलाने के लिए -------------------------- संपूर्ण विश्व में फैलने के लिए अब हमें एक तगडी निती बनाकर आगे बढना होगा मठाधिपती बनने के बजाए हिंदुत्व का भगवा ध्वज कंधेपर रखकर... एक तेजस्वी विचार रखनेवाले समाजसुधारक, क्रांतिकारक, पत्रकार, लेखक, कवी, अभीनेता , गायक,निर्माता, दिग्दर्शक बनकर हम संपूर्ण विश्व में फैलेंगे तो जल्दी ही यश खिंचकर ला सकेंगे... क्रांती की लहर ला सकेंगे श्वासों में राम ओठों में शाम लेकर आगे बढेंगे तो... बढते ही रहेंगे और विश्व पटलपर धर्म की जयजयकार करके ही रहेंगे हरी ओम् -------------------------- विनोदकुमार महाजन

जैसे को तैसा

 जैसे को तैसा... ------------------------------ साथीयों, जैसे को तैसा यह मेरा कानून नही है यह ईश्वर का कानून है यह कुदरत का कानून है इसिलिए अब धर्म रक्षा के लिए जैसे को तैसा बनना ही पडेगा षठ प्रतीषाठ्यम् सज्जनों के लिए सज्जन दुर्जनों के लिए दुर्जन इमानदारों के लिए इमानदार बेईमानों के लिए बेईमान प्रेम के बदले में प्रेम नफरत के बदले में झूठा ही सही... नफरत अमृत देनेवालों के लिए अमृत का कूंभ जहर देनेवालों के खिलाफ जालिम जहर कबतक सहिष्णु बनकर जीवन का सर्वनाश  करते रहेंगे ? एक गाल पर थप्पड मारनेवालों के लिए, दूसरा गाल आगे नही करेंगे थप्पड मारनेवालों का हाथ ही उखाड फेकेंगे ऐसा तेजस्वी बनना पडेगा एक थप्पड के बदले दूसरा गाल आगे करते करते हमें तेजोहीन बनाया गया नंपूसक बनाया गया स्वाभीमानशून्य बनाया गया लाचार बनाया गया अस्तित्व शून्य बनाया गया इसके लिए अब हमें यह ढोंगी सहिष्णुता का मुखौटा छोडकर तेजस्वी बनना पडेगा तेजस्वी ही बनना पडेगा आग भी बनना पडेगा और अंदर की आग भी जलानी पडेगी और आत्मचैतन्य भी  जगाना पडेगा मरे हुए मन से कबतक जीवन जियेंगे ? मुर्दाड मन से कबतक जीवन जियेंगे ? कबतक रोना रोते रहें