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Showing posts from January, 2025

फिल्म

 [31/01, 10:27 pm] Vinodkumar Mahajan: अंतरराष्ट्रीय फिल्म बनाना चाहता हूं 🙏🕉🚩 [01/02, 7:11 am] सतीशकुमार स्वामी: जी जरूर बनाइए हम आपके साथ है [01/02, 7:16 am] सतीशकुमार स्वामी: हम पहले से ही 2 बड़ी मूवी अंतरराष्ट्रीय स्तर की अमेरिकल भाषा मैं एक आध्यात्मिक मूवी बना रहे हैं

जीना इसिका नाम है

 *जीना इसी का नाम है !??*  ✍️ २६०६ 🚩🩷🚩🩷🚩 नशीब का फेरा प्रारब्ध गती का फेरा कालसर्पयोग का फेरा शनीदेव का फेरा साडेसाती का फेरा करणी भानामती का फेरा भूतबाधा का फेरा यह सब मनुष्य जन्म में अती भयावह होता है ! जिसने भी इसका अनुभव किया हुवा है इसके दुखदर्द कितने भयंकर पिडादायक होते है ? वहीं जाने ! अकेले की लडाई ! बडे बडे महापुरुष भी ऐसे महाभयंकर चक्रव्यूह में फँस जाते है तब ? शक्तीमान ईश्वरी शक्तीयाँ भी सहायता नहीं कर  सकती है ? कैसे ? जब प्रत्यक्ष भगवान श्रीकृष्ण देहरूप में पांडवों के साथ अर्जून और अभिमन्यु के साथ होकर भी ? स्वयं भगवान भी अभिमन्यु को चक्रव्यूह से नहीं बचा पायें ? ऐसा क्यों ? आखिर ऐसा क्यों ? स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी जन्म से लेकर मृत्यु तक खुद के दुखों को ? नहीं टाल सकें !? आजीवन संघर्ष !!? जन्म होते ही ? खुद के माता पिता को छोडकर आसुरीक प्रहार से बचकर सुरक्षित जगहपर भगवान को जाना पडा ! स्वयं भगवान की मृत्यु भी ? व्याध का जहरीला बाण लगकर ? प्रारब्ध और प्रारब्ध भोग तो ईश्वर भी नहीं टाल सका ! राम को राजऐश्वर्य का त्याग करके , एक ही झटके में बनवास भोगना पडा ...

भगवंत

 जीवन में हमें कुछ मिले न मिले , हमारा भगवंत हमें मिले बस्स् और चाहिए ही क्या ? जीवन धन्य हो गया !! विनोदकुमार महाजन

कालसर्पयोग

 *कालसर्पयोग और मनुष्य ?* ✍️ २६०५ 🐍🐍🐍🐍🐍 वैसे तो लगभग सभी मनुष्यों का जीवन सदैव दुखों से ही भरा रहता है ! चींता , परेशानियां , भय ,आर्थिक परेशानियां , बिमारीयाँ जैसी अनेक मुसिबतें हर समय में साथ रहती है ! और मनुष्य प्राणी इससे निरंतर छूटकारा पाने की कोशिश में रहता है और हर समय में सुखों की खोज में रहता है ! इसीलिए रामदास स्वामी भी कहते है , " जगी सर्व सूखी असा कोन आहे ? " वास्तव में सूखी कोई भी नहीं है ! और ऐसे में फिर हमारे जीवन में , " कालसर्पयोग " बनता है तो लगभग पूरा जीवन ही दुखों से और भयंकर मुसिबतों से , कष्ट से भरा पडा रहता है ! " अदृश्य सर्पों द्वारा चारों ओर से घेरना अथवा जकडना ! " हम जैसे जैसे बाहर निकलने की कोशिश करते है , वैसे ही अदृश्य सर्पों का भयंकर जहरीले मुसिबतों का घेरा बढता है ! और फिर शुरू होता है इससे बाहर निकलने के लिए , अनेक दैवी उपायों का अखंड सिलसिला ! सौ प्रतिशत उपाय कभी मिलता नही और हम मुसिबतों के चक्कर से बाहर निकलते नही है ! आजीवन केवल और केवल दुख ही दुख ! छूटकारा नही ! एक मुसिबत टलती है तो दूसरी आती है ! दूसरी टलती है तो त...

रिटायरमेंट

 *रिटायरमेंट ?*  ✍️ २६०४ 🚩🚩🚩🚩🚩 हमारी ड्यूटी आखिर क्या है ? नोकरी धंदा करना ? चार पैसे कमाना ? ऐशोआराम की जींदगी बिताना ? शादी करके चार बच्चे पैदा करना ? और आखिर मर जाना ? क्या यही हमारी ड्युटी है ? नही ! हरगीज नही ! ना ही हम सभी केवल इसी छोटेसे कार्य के लिए धरतीपर आये है ! बल्की ईश्वर ने ही हमें बहुत ही महान उद्देश से धरती पर भेजा है ! महत्वपूर्ण ड्युटी करने के लिए ! जी हाँ ! और मनुष्य जन्म का उद्देश भी यही है ! नही तो ? किडे मकौडे जैसे जन्म लेते ! निरर्थक ! और एक दिन मर जाते ! फिर अगला कुछ ऐसा ही जन्म लेकर ! तो आखिर हमारी असली ड्युटी क्या है ? हमारी , हम सभी की ड्युटी है , सनातन हिंदू धर्म की धरतीपर आखिरी और अंतिम जीत करना ! क्योंकी वैदिक सनातन हिंदू धर्म ही ईश्वर निर्मित है ! और इसकी जीत के लिए ही स्वयं ईश्वर ने ही हमें स्वर्ग से धरतीपर भेजा है ! यही हमारी असली ड्युटी भी है ! और हमारी ड्यूटी पूरी होने के बाद , रिटायरमेंट के बाद , हमारा मूल घर....स्वर्ग को वापीस लौटके जाना ! तबतक सनातन के लिए ही लडते रहना ! क्योंकी यह मृत्यलोक है ! यहाँपर कोई स्थाई वास्तव्य करने के लिए न...

प्रेम

 किसीपर कभी भी सच्चा , पवित्र और स्वर्गीय ईश्वरी प्रेम मत करना , बहुत  धोखे खाने पडते है इस मायावी दुनिया में !! विनोदकुमार महाजन

ध्येयपूर्ती

 🍏🍏🍏🍏🍏🍏🍏🍏🍏🍏🍏    *पूरे विश्वास के साथ अपने सपनो की तरफ बढो. वही जिंदगी जियो जिसकी कल्पना आपने की है....*  *मुश्किलें उन चीज़े मे होती है जो हमें तब दिखती है जब हमारा ध्यान लक्ष्य पर नहीं होता.....* *जब सबकुछ आपके विरुद्ध जाए, तब ये याद रखिये की airplane हवा के विरुद्ध ही उड़ान भरता है, उसके साथ नहीं....*  *एक रचनाशील व्यक्ति कुछ पाने की इच्छा से प्रेरित होता है ना कि औरों को हारने की.....* ध्येयपूर्ती के लिए पागल बनो ! लोगों की हँसी मजाक उडानेपर ध्यान केंद्रित मत करो ! जय श्रीकृष्ण !!         🍏  सुप्रभात   🍏

दुख

 तन मन धन से जिनका साथ दिया उन्होंने ने ही घात किया तो दुख तो होगा ही !! विनोदकुमार महाजन

नंपुसक लोग

 सर्पों का सहयोग ? ✍️ २६०२ ************** वैसे तो दुष्टों को सर्पों के जैसा ही समझा जाता है ! क्योंकि ऐसे लोग हमेशा सर्पों जैसा जहर ही निरंतर उगलते रहते है ! तो ऐसे दुष्टों का हमें हमारे कार्यों में सहयोग मिलने की संभावना भी कैसे कर सकते है ? वैसे तो सर्पों का स्थान भी नागदेवता के रूप में , जहरीले होकर भी पूजनीय होता है ! और देवीदेवताओं के सरपर , गले में भी सर्प विराजमान रहते है ! मगर समाज में दुष्टों का स्थान कौनसा होता है ? विश्वासघाती के रूप में ही रहता है ! और ऐसे विश्वासघाती लोगों का ईश्वरी कार्य में अथवा हिंदुराष्ट्र निर्माण कार्य के लिए हम सहयोग भी कैसे ले सकते है ? और अगर गलती से इनका सहयोग लेंगे तो भी ? कार्य सफलता के बजाए कार्य नाश ही होगा ऐसे लोगों द्वारा ! इसीलिए इनसे सहयोग लेना तो दूर की बात है , इनके नजदीक जाना भी गलत साबित होगा ! ऐसे लोगों से सदैव दूरी ही रखनी होगी ! और समाज में ऐसे ही विघ्न संतोषी लोग बहुत मिलेंगे ! हमारे वैयक्तिक मुसीबतों में भी हमसे सहयोग करने के बजाए , हमें निरंतर पीडा , आत्मक्लेश देनेवाले ही बहुत मिलेंगे ! तो ? सामाजिक कार्यों के लिए भी कितने प्...

बुरा करनेवालों

 *सत्य की जयजयकार हो !!*  " तुम " कितना ही बूरा चाहो बूरा सोचो ; होगा तो अच्छा ही , सैतानों ,हितशत्रुओं , और होगा तो ईश्वरी इच्छा  से ही सबकुछ मंगल ही !! यह हिंदुराष्ट्र बनकर ही रहेगा ! अंधेरा छटेगा ,सूरज उगेगा .. नयी रोशनी लेकर आसमान प्रकाशमान करेगा ! करकर ही रहेगा ! सत्य का , धर्म का प्रकाश चारों ओर , संपूर्ण विश्व में फैलेगा ही फैलेगा ! अंधेरा छटना , सूरज उगना यह तो सृष्टि का नियम है ! ठीक वैसे ही सत्य की जयजयकार होना , धर्म की जीत होना यह भी विधी का विधान ही है ! इसे कौन टाल सकेगा ? आज का भयावह अधर्म का अंधेरा भी हटेगा ! सत्य को हराने की , तुम कितनी भी लाख कोशिश करलो हैवानों , धर्म की जयजयकार होकर ही रहेगी ! सत्य की जीत होकर रहेगी ! यह कोई कवि कल्पना नहीं है , बल्कि ईश्वरी सिध्दान्त है ! और ? यह दिन भी दूर नहीं ! आखिर सत्य को और ईश्वर को भी ? कौन हरायेगा ? चार दिन के मजे ? करके लो  सैतानों ! क्योंकि ? तुम्हारा अंत नजदीक है !!  *भगवत् गीता माता की* *जयजयकार हो !!* *भगवान विष्णु की जयजयकार हो !!*   *भगवान श्रीकृष्ण की त्रिवार* *जयजयकार हो !!*  ...

महालक्ष्मी

 हमारे घर में अगर हमारी वात्सल्य मूर्ति माता महालक्ष्मी गुप्त रूप में रहती है तो , उसे दुख पहुंचे ऐसा आचरण कभी भी मत किजिए !! माता महालक्ष्मी की जय हो !! विनोदकुमार महाजन

उत्तर प्रदेश

 संपूर्ण देश में उत्तर प्रदेश पैटर्न तुरंत लागू करेंगे तभी देश बचेगा अन्यथा ? देश में अराजक बढेगा !! विनोदकुमार महाजन

साथ

 साथ देनेवालों का सदैव साथ दो ! घात करनेवालों पर प्रतिघात करो !?? तभी जीवन  सफल रहेगा !! विनोदकुमार महाजन

चमत्कार

 *मुसीबतें और ईश्वरी* *चमत्कार !!*  ✍️ २६०० लगभग हर एक के जीवन में कभी कभी मुसिबतों की आग और गहरे मुसिबतों का अंधेरा इतना भयंकर घना होता है की , लगता है , अब सबकुछ समाप्त हो गया है ! तभी ईश्वर ऐसे भयंकर समय में ऐसी अदृश्य शक्तीयाँ भेजता है की , मुसिबतों की आग भी थम जाती है , मुसीबतों का घना अंधेरा भी हट जाता है , और हमें नया जीवन प्राप्त हो जाता है ! ऐसी अद्भुत घटनाओं को देखकर हम भी अनेक बार हैरान रह जाते है ! यही ईश्वर की अदृश्य रूप से की गई सहायता होती है ! फिर भी कुछ मूर्ख लोग पुछते है की , ईश्वर कहाँ है पहले दिखाओ फिर हम विश्वास करेंगे ! अनेक बार ईश्वर दिखाई नहीं देता है , मगर उसकी दिव्य अनुभूति जरूर महसूस होती है ! अनेक बार ऐसी भी अद्भुत घटनाएं होती है की , कोई आदमी बीमार है , हाँस्पिटल में बेडपर पडा है और आखिरी साँस ले रहा है , घरवालों ने और डाँक्टर ने भी उसके जीने की आशा छोड दी है....तब इसे सिरिअस कहते है... और कोई आश्चर्यजनक चमत्कार हो जाता है और वह व्यक्ति बच जाता है ! और आश्चर्य से उसका आनंदी जीवन भी आरंभ हो जाता है ! तब रिश्तेदार कहते है की , इसका पुनर्जन्म हुवा है ...

बालपण

 बालपण!!  ✍️ २५९९ माझ्या लहानपणी जवळ पैसा नव्हता खायला अन्नही नसायचं तरीही समाधान होतं.  कारण जवळ आण्णा सारखी देवतूल्य माणसं होती.  स्वतः पेक्षा दूस-यावर प्रेम करायला शिकवणारी ईश्वर स्वरूप माणसं. मोठ्या मनाची माणसं.  मायेची पाखर घालणारी ती माणसं कुठं शोधायची?  हरवलं ते बालपण.  आता भरभरून पैसा आला.  लाखो, करोडोनं. पण समाधान संपलं.  कारण आता जवळपास माझ्या आण्णा सारखी, मायेची पाखर घालणारी माणसंच राहिली नाहीत.  सगळा पैशाचा बाजार.  माझं काय, इतरांच काय.  समाजातलं देवपणचं हरवलं. अन् समाजाचं गणितचं राक्षसी झालं.  सगळं गणितचं पार बिघडून गेलं.  घोर कलियुगाचं सारं गणितचं पारं बिघडलं.  सारं सारं विपरीत घडलं. सामाजिक गणितचं पार आक्रीत ठरलं.  खरंच मित्रांनो जगबुडी जवळ आली?  होय जगबुडी अगदी जवळ आली.  पार उंबरठ्यावर आली.  कशी?  दिसेलचं तुम्हाला.  सृष्टी पण नवसृजनासाठी आसुसली. हरी बोल.  विनोदकुमार महाजन

विश्वयुद्ध

 *तीसरा विश्वयुध्द ? ❓* ✍️ २५९८ *************** क्या तीसरा वैश्विक युध्द संभव है ? संपूर्ण विश्व का और संपूर्ण विश्व में हो रही घटनाओं का बारीकी से अध्ययन करेंगे तो क्या दिखाई देता है ? क्या संपूर्ण विश्व तेजी से विश्व युध्द की तरफ बढ रहा है ? जी हाँ ! यही हो रहा है ! संपूर्ण विश्व पटलपर आसुरीक शक्तियों ने हाहाकार मचा रखा है ! और शांती से रहनेवाले सभी मानवी समुदायों को परेशान ही नही तो त्राही माम् कर रखा है ! दिनबदिन स्थिती भयंकर बनती जा रही है ! सारा विश्व और विश्वमानव परेशान है !हतबल भी है ! हतोत्साहीत भी है ! आनंद से और शांतीपूर्ण तरीकों से जीनेवाला मानवी समाज भी ऐसे उन्मादी तथा आसुरीक संपत्तीयों से भयभीत है ! और सदा के लिए छुटकारा पाने का प्रयास कर रहा है ! और इसकी अंतिम काट तथा अंतिम उत्तर ढूंड रहा है ! मगर रास्ता नही मिल रहा है ! इसी कारण हरेक के अंदर की बेचैनी , अस्वस्थता तेजी से बढती जा रही है ! दिनबदिन तेजीसे बढती असुरक्षितता सभी को परेशान कर रही है ! और...इसी कारण से संपूर्ण विश्व में , भयभीत समाज में ध्रुवीकरण आरंभ हो गया है ! असुरक्षित समाज एक हो रहा है ! और बढती हैवानि...

शहाणा

 खरा शहाणा कोण?  एखाद्याला कुणी कांही ही खोटंनाटं सांगेल, अफवा पसरवेल, पण शहाणी माणसं, खरंखोटं ठरवल्याशिवाय व शहानिशा केल्याशिवाय कधिही विश्वास ठेवत नाहीत . मुर्ख माणसं मात्र याला लगेच बळी पडतात. आणी आपली मते बनवतात.  भारतात खरे शहाणे किती अन् मुर्ख किती हा खरंच संशोधनाचा विषय आहे.  विनोदकुमार महाजन

मानसिकता

 हिंदुओं की विनाशकारी मानसिकता कभी भी नहीं बदलेगी , उसे सक्ती से बदलना होगा  ? ⁉️ विनोदकुमार महाजन

निष्पाप

 निष्पाप जीवाला छळलं की देव माफ करत नाही , असं म्हणतात. निष्पाप गाईची हत्या केल्यावरही देव माफ करत नाही , असंही म्हणतात. खरं खोटं देव जाणे. विनोदकुमार महाजन

ईश्वर

 ईश्वर परम दयालु भी है और भयंकर क्रूर भी !!  जैसे? भक्त प्रतिपालक और दुष्टों का संहारक !!  विनोदकुमार महाजन

दुष्ट

 जहरीले सांप और दुष्ट आदमी दोनों भयंकर घातक होते है ! इसिलिए दोनों को भी नमस्कार करके सदा केलिए,उनसे दूर चले जाईये! तभी  जीवन सुरक्षित हो सकता है!  विनोदकुमार महाजन

अपडेटर

 " सिस्टम अपडेटर " कहाँ मिलेगा? जो जानबूझकर बनाई गई " संपूर्ण देश की सिस्टम को ही " तुरंत और एक ही झटके में दुरूस्त कर सकें??  तानाशाह ❓⁉️ विनोदकुमार महाजन

गुप्तता

 कार्य सफलता में दुष्टलोग हमेशा बाधक होते है ! इसिलिए ऐसे दुष्टों से हमेशा सावधान,सतर्क एवं दूर रहना ही हितकारक होता है ! दुष्टों को अपनी रणनीती भी कभी भी बतानी नही चाहिए ! गुप्तता यश की चाबी है !! विनोदकुमार महाजन

कसम

 *कसम गौमाता की !!* ✍️ २५९६ गौमाते , तु हमारी माँ है और तेरे दूध का कर्जा हम सभीपर है , इसीलिए आज हम सभी , तेजस्वी गौमाता के पूत्र तेरी कसम खाकर कहते है की , तेरे हत्यारे दुष्टात्माओं को जबतक कठोर दंडित नहीं करते है , तबतक स्वस्थ और शांति से नहीं बैठेंगे ! स्वर्गीय कामधेनु गौमाता की त्रिवार जयजयकार हो !!  *विनोदकुमार महाजन*

जागो

 *जागो सत्य के रखवाले?* ❓ ✍️ २५९५ आमच्या?     "पित्याविरूध्द ? " कुणी कांही बोललं रे बोललं?  की लगेच अटक करायची? अन्? तुरूंगात डांबायचं? अन्? सडवायचं?  आयुष्यभर...  अथवा ? घात...  कारण? पित्याचं बींग फुट नये!?  असली चेहरा कुणाला समजु नये!  आधुनिक शुक्राचार्य ? ❓ अनेक वर्ष असंच चाललं इथं!  " तेजस्वी ईश्वर  पुत्रांना  ? " जमीनीत गाडण्याची? यशस्वी कपट निती!? करणारा पिता? ❓❓ और? " असुरों " को यहाँ के  " सम्राट... ." बनाने की गुप्त रणनीति ?  बनाने वाला पिता!  वा रे वा सत्य जमीनीत गाडण्याची निती ?  हमारा पिता ❓❓ संपूर्ण तबाही का भयंकर ठंडे दिमाग का षड्यंत्र?  अभी भी समझे या नही कुछ? या अभी भी अनाड़ी ही है?  समझने वाले समझ गये,  ना समझ ओ अनाडी है !!  जागो मोहन प्यारे!  जानो सत्य के रखवाले?  जय श्रीकृष्णा  *विनोदकुमार महाजन*

ईश्वर

 ईश्वर आयेगा पापीयों का संहार भी करेगा और कब स्वर्ग को वापीस चला जायेगा किसी को पता भी नहीं चलेगा !!  ईश्वर की लीला अगाध!!  विनोदकुमार महाजन

गर्जना

 हिंदुहितों की गर्जना करेंगे  ?  और कृती  ??  शून्य.... सोचो....  विनोदकुमार महाजन

प्लान

 " उनका " कम समय में भगाने का प्लान पक्का है और " तुम्हारा  ? " भागने  का  ❓❓ विनोदकुमार महाजन

हिरण्यकशिपु

 भयावह हिरण्यकशिपू को अगर ईश्वर जैसा भी पूत्र होता है तो  ? भी ऐसे दुष्ट ऐसे ईश्वर समान पूत्र को भी मारने का निरंतर प्रयास करते है  !! विनोदकुमार महाजन

रणसंग्राम

 रणसंग्राम धरतीपर कल्की अवतार अवतरित हो गया है !  उसके प्रकट होने का समय नजदिक है !!  अब घनघोर रणसंग्राम होगा ! पापीयों का अंत होगा ! धरती माता भयमुक्त , भारमुक्त ,  पापमुक्त होगी !!  विष्णू अवतारी कल्की भगवान की त्रिवार जयजयकार हो !!  गगनगिरी महाराज की जय हो!!  विनोदकुमार महाजन

भागते रहो

 *भागते रहो !!!*  ✍️ २५९३ जिस देश में मुर्दाड पडे हुए, मरे हुए मन से जीनेवाले , अत्याचार सहनेवाले , लाचार, हतबल ,हीन दीन लोग रहते है , वहाँ की संस्कृति, धर्म और वह देश नामशेष हो जाते है ! इतिहास गवाह है !! हिंदुस्थान की क्या स्थिति है ??  सबकुछ बदलना होगा !  सबकुछ !!  कौन बदलेगा ?? हो सके तो सोचो नहीं तो मुर्दाड मन से पडे रहो , नितदिन अत्याचार सहते रहो ! यही तुम्हारा नशीब है !! भागम् भाग... भागते रहो... भागते रहो... जागते रहो का तेजस्वी नारा छोडकर आत्मसंन्मान बेचकर जीवन बिताते रहो.... बँटते रहो कटते रहो आपस में लडते रहो मरते रहो ! जगाने को जो आयेगा ? उसे भी बदनाम करते रहो साधुसंतों को तडपाते रहो जीवन भर के लिए धन्य है ऐसे लोग धन्य है ऐसा समाज 🙊🤦‍♂️🙏🙏🙏  *विनोदकुमार महाजन*

ईश्वर मेरा साथी

 *ईश्वर मेरा साथी !!*        ✍️ २५९२ हिंदुत्व बचाने की ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर वायुगती से हिंदुत्व बढाने की कौनसी रणनीति तुम्हारे पास है ? ऐसा पूछता हूं तो ? सब निरूत्तर हो जाते है ! ठोस उपाययोजना और ठोस रणनीति लगभग किसिके भी पास दिखाई नहीं दे रही है , ऐसा लग रहा है ! मगर परम ईश्वरी कृपा के कारण मेरे पास ऐसी ठोस रणनीति और उपाययोजना तैयार है ! जिसका अमल जल्दी ही दिखाई देगा ! जिसके असर भी जल्दी ही दिखाई देने लगेंगे ! दुर्दैव से इस महान ईश्वरी कार्य का साथ देने के लिए , कितना भी समझाने के बाद भी और रणनीति बताने के बाद भी कोई ठोस तथा आत्मविश्वास पूर्वक साथ नहीं दे रहा है !? मगर खुद ईश्वर ही मेरे हाथों से ईश्वरी कार्य करना चाहता है तो ? किसी मनुष्य के साथ देने न देने का प्रश्न ही नहीं उठता है ! ईश्वर मेरा साथी !! खैर.....?!!! ।। श्रीकृष्ण: शरणं मम् ।। हरी ओम्  *विनोदकुमार महाजन*

समाजसुधारक

 *समाज सुधारक !!*  ✍️ २५९१ साधुसंत, समाजसुधारक, क्रांतीकारक, महापुरुष कभी भी खुद का, खुद के स्वार्थ का विचार नही करते है बल्कि हमेशा समाजहित का ही विचार करते है!  और फिर भी मतलब की यह दुनिया उनको ही निरंतर तडपाती रहती है!  धन्य है दुनियादारी !!  *विनोदकुमार महाजन*

अदृश्य शक्ति

 *अदृश्य शक्ति !!*  ✍️ २५९० तुमच्या आजूबाजूला अदृश्य रूपाने सतत शक्ति वावरत असतात.त्या चांगल्याही असतात व वाईटही असतात.  तुम्ही जर सतत निगेटिव थिंकिंग करत असाल तर आसपासच्या अदृश्य निगेटिव शक्ति तुम्हाला अजून जास्त त्रास देतात , व अशा वेळेला पाँझीटिव शक्ती पूर्ण मौन आणी शांत असतात. आणी तुम्ही जर सतत पाँझीटिव थिंकिंग करत असाल तर तुमच्या आसपासच्या निगेटिव शक्तिचा संपूर्ण नाईलाज होतो आणी अशावेळी पाँझीटिव शक्ती सुध्दा अदृश्य रूपाने तुम्हाला संपूर्ण सहकार्य करतात. म्हणून नेहमी पाँझीटिव थिंकिंग करावे म्हणजे शुभच घडत राहते.आणी तुम्ही जर सतत निगेटिव थिंकिंगच करत असाल तर तुमच्या आयुष्यात सतत निगेटिवच घडत राहते. म्हणून ? ओन्ली पाँझीटिव थिंकिंग. बी पाँझीटिव. शुभबोल ना-या. विज्ञान ही हेच सांगते. म्हणूनच आपल्या श्रेष्ठ हिंदू धर्म शास्त्रामध्ये आपल्या आसपास अदृश्य पाँझीटिव वेवलेंथ बनवण्यासाठी गुरूमंत्र जप अथवा ईश्वरी साधना सांगीतली जाते. आत्ताच असा शुभसंकल्प करू या की मी सदैव पाँझीटिव च राहणार . जय श्रीराम.  *विनोदकुमार महाजन*

जालिम

 *जालीम !*  ✍️ २५८९ जो जहर हजम करता है केवल उसे ही पता होता है की जहर कितना जालिम होता है ? बगल वाले को इसका दुखदर्द कैसे समझ में आयेगा ? जो आग में जलता है उसे ही पता होता है आग क्या होती है ! अगलबगल वाले इसकी दाहकता क्या समझेंगे ? हरी ओम्  *विनोदकुमार महाजन*

हिंदुओं का पैसा

 *हिंदुओं का पैसा ?*  ✍️ २५८८ बहुसंख्यक हिंदुओं के टैक्स का पैसा , बहुसंख्यक हिंदुओं के मंदिरों का पैसा , सही दिशा में ,बहुसंख्यक हिंदुओं के विकास के लिए जा रहा है ? या फिर वही पैसा अधर्म को बढाने में और हिंदुत्व पर प्रहार करने के लिए जा रहा है ? यह देखने का और इसपर प्रत्यक्ष अमल करने का , कानूनी अधीकार हमें प्राप्त है ! और इसका सदुपयोग करने का पूरा अधिकार भी हमें प्राप्त है ! जागो बहुसंख्यक समाज , तुम्हारे पैसों से ही , देश की अर्थ व्यवस्था चलती है ! और यही पैसा हमारे ही विकास के लिए जा रहा है या फिर हमारे ही विनाश के लिए जा रहा है , यह देखने का , और इसपर प्रत्यक्ष उपाययोजना करने का कानूनी अधिकार हमें प्राप्त है ! जो बहुसंख्यक हिंदू समाज हमेशा दूसरों के हितों का निरंतर विचार करता है , उसे अब आत्मपरीक्षण करना चाहिए और गलतीयों में सुधार करना चाहिए ! जो हमारे विकास की बात करेगा ,वही देशपर राज करेगा ! जो हिंदू हितों की बात करेगा , केवल वही और वही देशपर राज करेगा ! बहुसंख्यक मतों का जो आदर करेगा , वही असली राजनितिज्ञ कहा जायेगा ! हमारा पैसा हमारा विकास ! बीच की अधर्मीयों की सैंधमा...

अन्याय

 अन्याय करनेवालों से जादा दोषी अन्याय सहनेवाले होते है ! कबतक अन्याय सहते रहेंगे...?? हिंदुओं ⁉ विनोदकुमार महाजन

सुख

 जो दूसरोंं के सुखों के  लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है, ईश्वर उसे भी सदैव सुखी ही करता है! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

प्रार्थना

 हम सभी के आरोग्य , ऐश्वर्य , संपूर्ण यश , किर्ती के लिए ईश्वर से सब मिलकर प्रार्थना करते है !! हर हर महादेव !!! विनोदकुमार महाजन

समाज सुधारक

 *समाज सुधारक !!*  ✍️ २५९१ साधुसंत, समाजसुधारक, क्रांतीकारक, महापुरुष कभी भी खुद का, खुद के स्वार्थ का विचार नही करते है बल्कि हमेशा समाजहित का ही विचार करते है!  और फिर भी मतलब की यह दुनिया उनको ही निरंतर तडपाती रहती है!  धन्य है दुनियादारी !!  *विनोदकुमार महाजन*

अदृश्य शक्ति

 *अदृश्य शक्ति !!*  ✍️ २५९० तुमच्या आजूबाजूला अदृश्य रूपाने सतत शक्ति वावरत असतात.त्या चांगल्याही असतात व वाईटही असतात.  तुम्ही जर सतत निगेटिव थिंकिंग करत असाल तर आसपासच्या अदृश्य निगेटिव शक्ति तुम्हाला अजून जास्त त्रास देतात , व अशा वेळेला पाँझीटिव शक्ती पूर्ण मौन आणी शांत असतात. आणी तुम्ही जर सतत पाँझीटिव थिंकिंग करत असाल तर तुमच्या आसपासच्या निगेटिव शक्तिचा संपूर्ण नाईलाज होतो आणी अशावेळी पाँझीटिव शक्ती सुध्दा अदृश्य रूपाने तुम्हाला संपूर्ण सहकार्य करतात. म्हणून नेहमी पाँझीटिव थिंकिंग करावे म्हणजे शुभच घडत राहते.आणी तुम्ही जर सतत निगेटिव थिंकिंगच करत असाल तर तुमच्या आयुष्यात सतत निगेटिवच घडत राहते. म्हणून ? ओन्ली पाँझीटिव थिंकिंग. बी पाँझीटिव. शुभबोल ना-या. विज्ञान ही हेच सांगते. म्हणूनच आपल्या श्रेष्ठ हिंदू धर्म शास्त्रामध्ये आपल्या आसपास अदृश्य पाँझीटिव वेवलेंथ बनवण्यासाठी गुरूमंत्र जप अथवा ईश्वरी साधना सांगीतली जाते. आत्ताच असा शुभसंकल्प करू या की मी सदैव पाँझीटिव च राहणार . जय श्रीराम.  *विनोदकुमार महाजन*

जालीम

 *जालीम !*  ✍️ २५८९ जो जहर हजम करता है केवल उसे ही पता होता है की जहर कितना जालिम होता है ? बगल वाले को इसका दुखदर्द कैसे समझ में आयेगा ? जो आग में जलता है उसे ही पता होता है आग क्या होती है ! अगलबगल वाले इसकी दाहकता क्या समझेंगे ? हरी ओम्  *विनोदकुमार महाजन*

हमारा पैसा

 *हिंदुओं का पैसा ?*  ✍️ २५८८ बहुसंख्यक हिंदुओं के टैक्स का पैसा , बहुसंख्यक हिंदुओं के मंदिरों का पैसा , सही दिशा में ,बहुसंख्यक हिंदुओं के विकास के लिए जा रहा है ? या फिर वही पैसा अधर्म को बढाने में और हिंदुत्व पर प्रहार करने के लिए जा रहा है ? यह देखने का और इसपर प्रत्यक्ष अमल करने का , कानूनी अधीकार हमें प्राप्त है ! और इसका सदुपयोग करने का पूरा अधिकार भी हमें प्राप्त है ! जागो बहुसंख्यक समाज , तुम्हारे पैसों से ही , देश की अर्थ व्यवस्था चलती है ! और यही पैसा हमारे ही विकास के लिए जा रहा है या फिर हमारे ही विनाश के लिए जा रहा है , यह देखने का , और इसपर प्रत्यक्ष उपाययोजना करने का कानूनी अधिकार हमें प्राप्त है ! जो बहुसंख्यक हिंदू समाज हमेशा दूसरों के हितों का निरंतर विचार करता है , उसे अब आत्मपरीक्षण करना चाहिए और गलतीयों में सुधार करना चाहिए ! जो हमारे विकास की बात करेगा ,वही देशपर राज करेगा ! जो हिंदू हितों की बात करेगा , केवल वही और वही देशपर राज करेगा ! बहुसंख्यक मतों का जो आदर करेगा , वही असली राजनितिज्ञ कहा जायेगा ! हमारा पैसा हमारा विकास ! बीच की अधर्मीयों की सैंधमा...

देवीदेवता

 देवीदेवता भी निरंतर हाथ में शस्त्र लेकर अखंड सावधान रहते है ! और हम हिंदू ? तेजोहीन ?? क्यों ??? असुरमर्दीनी भवानी माता  की त्रिवार जयजयकार हो !!  *विनोदकुमार महाजन*

मास्टर चाबी

 हिंदुत्व तेजी से जगाने की , बढाने की और अधर्मी हराने की और वैश्विक क्रांती की "मास्टर चाबी " मेरे पास है!  समय का....? इंतजार !! विनोदकुमार महाजन

हमारे पैसों से

 हमारे ही पैसों से पलकर , हमारे ही विध्वंस का सपना देखनेवाले , कृतघ्न महापापीयों , तुम्हारे सर्वनाश का समय नजदीक है !! सावधान !! हर हर महादेव !! विनोदकुमार महाजन

कैसा लगा

 *चाहे कुछ भी*  ✍️२५८७ 🤔🤔🤔🤔🤔 चाहे कुछ भी होने दो कितने भी हिंदू तडपतडपकर मर रहे हो देवीदेवताओं का विडंबन किया जा रहा हो साधुसंतों को बदनाम ,बरबाद किया जा रहा हो मुझे आखिर इससे क्या लेनादेना ? चाहे कितना भी संस्कृती भंजन होने दो धर्म की हानी होने दो सत्पुरूषों की , महापुरूषों की बदनामी होने दो आखिर इससे भी मेरा क्या लेनादेना ? जी हाँ सच कहता हूं मैं हिंदू हूं ! मैं हिंदू ही हूं ! संवेदना शून्य आत्मा मरा हुवा मुर्दाड मन से जीनेवाला मैं एक हिंदू हूं ! मैं तो मरा हुवा हूं चैतन्य शून्य भी हूं मरे हुए मन से निचे मुंडी करके जीनेवाला मैं हिंदू हूं ! तेजोहीन , स्वाभिमान शून्य , लाचार मैं एक हिंदू हूं ! और हर जगहों से भागना मेरी आदत है ! अफगानिस्तान भी गया , पाकिस्तान भी गया , बांग्लादेश भी गया ,  बर्मा - श्रीलंका भी गया ! आखिर इससे मेरा लेनादेना ही क्या है ? चाहे कुछ भी कितने भी निष्पाप हिंदू मरने दो , कितनी भी भयंकर धर्म हानी ह़ोने दो आखिर इससे ही मेरा क्या लेनादेना ? मैं तो मस्त हूं पैसा कमाने में ऐशोआराम करने में विदेशों में जाकर बडी बडी नौकरीयाँ करके खूब पैसा कमाने में मस...

औदुंबर

 वठलेल्या औदुंबराच्या झाडालासुध्दा पालवी फुटू शकते व चैतन्याची नवबहार येऊ शकते जर सद्गुरु कृपा व ईश्वरी कृपा असेल तर असे आश्चर्यजनक चमत्कार ही होऊ शकतात. जसे ? ओळखा !! विनोदकुमार महाजन

जागो

 अब भागने की नहीं बल्की भगाने की जरूरत है !! जागो ! जानो !! पहचानो !!! विनोदकुमार महाजन

ईश्वर

 संपूर्ण धरातलपर अनेक अद्भुत , आश्चर्यजनक , चमत्कारिक , अनाकलनीय घटनाएं हो रही है ! ईश्वर के अवतरीत होने के यह संकेत मिल रहे है !! विनोदकुमार महाजन

भारतात

 *भारतात*  ✍️ २५८६ भारतात.... पोलीस स्टेशन फूल्ल आहेत. कोर्ट कचे-याही फूल्ल आहेत. दवाखाने सुध्दा फुल्ल आहेत. दु:खानं भरलेला समाजही फुल्ल आहे. आणी घरोघरी भांडणं , कटकटी ,मतभेद , मनभेद ही फूल्ल आहेत. समस्याच समस्या आहेत. अन उत्तर मात्र शून्य आहे. तरीही इथं क्रिकेटची मैदानही फुल्ल आहेत. टू व्हिलर , फोर व्हिलरची रेलचेल ही फुल्ल आहे. रस्ते फूल्ल आहेत , टोलनाकेही फूल्ल आहेत. तरीही माणसाची मनं मात्र रिती आहेत.हरेक जण डोक्यावर दु:खाचं ओझं घेऊनच जगतो आहे. मुलांच्याही पाठीवर दफ्तराच ओझं आहे अन मनावर अभ्यासाचं ओझं आहे. पण मानसाची मन मात्र सत्यापासून दूर दूर धावत आहेत.भरकटलेल्या मानवी मनाला मानसिक आधाराची नितांत गरज आहे. आधार शोधूनही तो आधार मात्र कुठचं भेटत नाही , याची दु:खी मनावर खंत आहे. पैशाची रेलचेल आहे , तरी माणसं एकटी , एकाकी पडत आहेत. हतबल होऊन आकाशाकडं टक लावून बघत आहेत. शून्यात नजर लाऊन , भविष्य शोधत आहेत. दु:खाचे डोंगर पार करूनही सुख कांही सापडत नाही म्हणून थकलेल्या मनानं जगत आहेत. कुणाचा ताळमेळ कुणाला नाही , कुणाचा पायपोस कुणाला नाही , संस्कृती भंजनाचं कार्यही आतून बाहेरून जोम...

डायमंड

 वैश्विक महाक्रांति अभियान के लिए पहले असली 💎( डायमंड )परख लो और फिर यशस्वी व्यूह रचना बनावो !!!  विनोदकुमार महाजन

रंगरूप

 दूनिया के अनेक रंग ईश्वर के भी अनेक रंगरूप !!  विनोदकुमार महाजन

ध्येयवादी

 🚩🚩 ध्येयवादी बनेंगे तभी जीतेंगे  !! 🚩🚩 विनोदकुमार महाजन

भक्त

 अपने सच्चे भक्तों का श्रेष्ठत्व खुद ईश्वर ही साबित करता है !!  विनोदकुमार महाजन