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Showing posts from November, 2021

बालयोगी जी का नारा

 *परमपूज्य संत पं.लक्ष्मण बालयोगी जी द्वारा संपूर्ण देश में *अगस्त क्रांति का नारा...**  साथीयों, अब लक्ष्मण बालयोगी जी तथा उनके संपूर्ण सहयोगियों द्वारा संपूर्ण देश में अगस्त क्रांति का नारा दिया है। यह क्रांति की आवाज बुलंद करने के लिए, आवो सब मिलकर,कंधे से कंधा मिलाकर एक नवराष्ट्र निर्माण की ओर तथा चैतन्य दाई समाज निर्माण की ओर तेजिसे आगे बढते है।  *कदम से कदम मिलाते चलेंगे*   *क्रांति के गीत गाते चलेंगे*  इसके साथ ही संपूर्ण दुनिया में *हिंदुत्व का*   *अलख जगाने के लिए*  संपूर्ण विश्व में भी वायुगती से आगे बढते है।  *अगस्त क्रांति 2021:*  की माँगे १)हिंदू महापंचायत के तीन सुत्रीय मांगों यथा भारत में एक राष्ट्र एक संविधान लागू करना, भारत को धर्म सापेक्ष राष्ट्र घोषित करना एवं सभी समुदायों के धार्मिक प्रतिष्ठानों को एकीकृत करके राष्ट्रीय धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन करना। २)भारत, श्री लंका ,नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े सनातन धर्म-संस्कृति से जुड़े हुए धरोहरों व स्मारकों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। ३)विश्व पुरोहित यजमान न्यास परिसंघ के द

शिवरायांचा आदर्श कृतीत यावा

 *छत्रपती शिवरायांचा आदर्श आचरणात यावा* छत्रपती शिवरायांना माँसाहेब जिजाऊ यांनी हिंदवी स्वराज्याचे धडे बालपणीच दिले.त्यामुळे बालपणीचे ते उच्च संस्कार आणी ते आदर्श संस्कारांचे धन शिवरायांना आयुष्य भर पुरले. हिंदवी स्वराज्य निर्मितीमधून एक सुसंस्कारित तथा आदर्श वादी समाज निर्मिती हात्यांचा ध्यास होता.व त्यांनी तो ध्यास अव्याहतपणे आयुष्य भर सांभाळला. जीवाचे राण करून अन् रक्ताचा थेंब न् थेंब त्यांनी हिंदवी स्वराज्य निर्मितीसाठी घालवला.स्वकियांचा विरोध, सामाजिक अज्ञान ,आर्थिक चणचण, कमी मनुष्यबळ, साधनांचा अभाव एवढे सगळे असुनही त्यांनी उच्च कोटींचा ध्येयवाद स्विकारला.आणी ध्येयपूर्तीसाठी अव्याहतपणे अथक परिश्रम घेतले. आजच्या सामाजिक अव्यववस्थेकडे एक नजर टाकली तर काय दिसते ? समाजातील सुंदोपसुंदी संपवून समाज एकसंध करण्यासाठी पुन्हा एकवार राजे शिवछत्रपती यांचे आदर्श स्विकारणे आणी ते अमलात आणणे ही आजची काळाची गरजच नव्हे तर तशी नितांत आवश्यकता आहे. उच्च कोटींच्या ध्येयवादाने पेटून उठणे अन् त्यासाठी संपूर्ण आयुष्य समर्पित करणे अत्यावश्यक आहे. आम्ही  शिवाजी महाराज की जय अथवा जय भवानी जय शिवाजी अशा घोष

सुभाष बाबूजी का अधूरा सपना

 *सुभाष बाबू जैसी उँची उडान भरनी है...*  -------------------------------------- सुभाषचंद्र बोस... एक जबरदस्त व्यक्तित्व। जागतीक उँची उडान और गरूड़ भरारी लेने की जबरदस्त क्षमता वाला अलौकिक व्यक्तित्व। हम उनके कार्यों से कोंसो दूर है।  *फिर भी,*  उनके आदर्शों को,उनके सिध्दांतों को आदर्श मानकर, सुभाष बाबूजी से एक जबरदस्त प्रेरणा लेकर,  *आसमान में*  उँची उडान, उँची छलांग, उँची गरूड़ भरारी लेने की कोशिश करेंगे... तो... उसमें दिक्कत क्या है ? मैं भी बचपन से ऐसा सपना जरूर देखता था।सुभाष बाबू के आदर्श सिध्दांतों पर चलकर,  *एक आदर्श सिध्दांत स्थापित करने का*  मेरा बचपन का सपना रहा है। और उसी दिशा में मैं निरंतर प्रयास रत रहता हुं। इसके लिए मेरे दादाजी ने मुझे हरपल प्रोत्साहित भी किया, मार्गदर्शन भी किया और आशिर्वाद भी दिया। बचपन से मेरे पंखों में उँची उडान भरने के लिए हमेशा मेरे दादाजी, मेरे आण्णा शक्ति भरते आये है। और शायद उनके ही आशिर्वाद से यह सपना पूरा होने का समय भी ईश्वरी इच्छा से नजदीक भी आया है, ऐसी मेरी धारणा है। जीवन में कभी भी हार ना मानने की और चौबिसों घंटे प्रयत्नों की पराकाष्ठा करने

सब्र का फल मिठा होता है

 पत्रकार साथीयों, गंगा का महत्त्व कौन नही जानता है ? गंगातीर्थ,गंगाजल हमारे जीवन का अभूतपूर्व हिस्सा है।गंगाजल से नहाने के लिए परम सौभाग्य चाहिए ही।मगर कम से कम गंगाजल का तीर्थ प्राशन करना भी परम सौभाग्य का लक्षण माना जाता है। हमारे दो टिव्ही चैनल बिएनएन और सीएनएन भी गंगाजल जैसे पवित्र समझे जाते है। वैश्विक क्रांती के लिए संपूर्ण समाज, देश तथा संपूर्ण विश्व हमारे चैनल का बहुत दिनों से बेसब्री से इंतजार कर रहा है। मगर कोरोना जैसी महामारी और भी कुछ अन्य कारणों की वजह से हमारा, अपना,हम सभी का चैनल शुरू करने में थोडी दिक्कते जरूर आई है।मगर कार्य रूका नही है। चैनल के डायरेक्टर श्री.अजयकुमार पांडेय जी तथा एडिटर इन चिफ श्री.विनोदकुमार महाजन चैनल लाँच करने के लिए हर दिन,हर पल,दिनरात एक करके,जी तोड मेहनत कर रहे है।मेहनत तो जरुर रंग लायेगी ही।और मेहनत का फल भी मिठा ही होगा। हमारे पत्रकार साथीयों, आप सभी भी एक आँस लगाकर बैठे है की हमारा न्यूज चैनल कब आरंभ होगा। साथीयों, अच्छे कार्यों के लिए और उसकी सफलता के लिए बाधाएं,रूकावटें तो आती ही है।अनेक मुश्कीलों का सामना करने के बाद ही दिव्य मंजील भी मिल

खणखणीत अग्रलेखासाठी

 दणदणीत अग्रलेख, खणखणीत आतील पानावरील लेख,ज्वलंत बातमीपत्रासाठी वाचा, सा.सावधान हिंदुस्थान --------------------------------------- वाचक मित्रांनो, दर आठवड्याच्या प्रत्येक अंकात आम्ही आपणास वेगळे अग्रलेख, भरीव बातम्या, आतील पानावरील खणखणीत लेख देण्याचा प्रयत्न करत असतो. वास्तविक पाहता सोशल मिडिया आणी आँनलाईन बातमीपत्र यामुळे प्रिंट मिडिया अथवा छापील वृत्तपत्र घेऊन वाचणे म्हणजे वरचेवर दुर्मीळच होत चालले आहे.पण आमचे मुख्य संपादक अलखनाथ बापू यांनी हे धाडस केले आहे हे खरोखरीच कौतुकास्पद तर आहेच. शिवाय वाचन संस्कृती शी तुटत चाललेला वाचक अथवा समाज पुन्हा वाचनसंस्कृती कडे वळावा हा प्रयत्न नक्कीच समाजात नवीन पायाभरणी करण्यासाठी कौतुकास्पद विषय आहे. अलखनाथ बापूंचा पत्रकारीतेचा अनुभव तसा फार जुना आहे.दिल्लीमधून त्यांनी एक हिंदी साप्ताहिक यशस्वीपणे चालवून दाखवले आहे.आणी विशेष म्हणजे वयाच्या ब्याऐंशी व्या वर्षी अनेक व्याप सांभाळून, वीस वर्षांच्या मुलांना लाजवेल असे जबरदस्त कार्य बापू दिवसरात्र एक करून करत आहेत ही विषेश उल्लेखनीय बाब आहे.न थकता,न हारता अव्याहतपणे ही व्यक्ती पायाला भिंगरी लावून कार्य

कितना पैसा कमाया ?

 *कितना पैसा कमाया ???* --------------------------------------- आजकल, विशेषता हमारे हिंदु समाज में एक चर्चा हमखास होती है... चाहे वह घर हो,आँफिस हो,चौराहा हो... बस्स,एक ही सवाल  *कितना पैसा कमाया ?* कितनी गाडीयाँ,जमीन, बंगले, सोना, रो हाऊसेस,प्लाँट,पैसा कमाया ? सुबह शाम, दिन रात बस्स,एक ही सपना, जीवन का एक ही मकसद। पैसा, पैसा और पैसा। उसने इतना कमाया,इसने इतना कमाया।  *जीवन का केवल एक ही सार और एक ही लक्ष रह गया है शायद... पैसा।* जीवन का कुछ और भी उद्दीष्ट है यह सहसा समाज भूल ही गया है ऐसा लगता है। इसके आगे देव,देश,धर्म के बारें में बहुअंश समाज भारी मात्रा में उदास दिखता है।अथवा ऐसी सोच भी ना के बराबर होती है।  *देव धर्म करने के लिए बुढापा है ना ।* ऐसी ही सामाजिक धारणा सी बन गई है।  *धन जीवनोपयोगी अत्यावश्यक साधन है,मगर अंतिम साध्य नही है...यही विचार समाज भूल गया है।* और ऐसी धारणा होने के नाते पैसा ही ईश्वर बन गया है। खावो पिवो ऐश करो ऐसा भोगवादी समाज बनता जा रहा है।और परिणाम ऐसा होता जा रहा है की,धन के वास्ते रिश्ते नाते भी टूटते हुए नजर आ रहे है।इसलिए विभक्त कुटुंब पध्दती का अनुकरण ह

सुभाष बाबू जैसी उडान

 *सुभाष बाबू जैसी उँची उडान भरनी है...*  -------------------------------------- सुभाषचंद्र बोस, एक जबरदस्त व्यक्तित्व। जागतीक उँची उडान और गरूड़ भरारी लेने की जबरदस्त क्षमता वाला अलौकिक व्यक्तित्व। हम उनके कार्यों से कोंसो दूर है।  *फिर भी,*  उनके आदर्शों को,उनके सिध्दांतों को आदर्श मानकर, सुभाष बाबूजी से एक जबरदस्त प्रेरणा लेकर,  *आसमान में*  उँची उडान, उँची छलांग, उँची गरूड़ भरारी लेने की कोशिश करेंगे... तो... उसमें दिक्कत क्या है ? मैं भी बचपन से ऐसा सपना जरूर देखता था।सुभाष बाबू के आदर्श सिध्दांतों पर चलकर,  *एक आदर्श सिध्दांत स्थापित करने का*  मेरा बचपन का सपना रहा है। और उसी दिशा में मैं निरंतर प्रयास रत रहता हुं। इसके लिए मेरे दादाजी ने मुझे हरपल प्रोत्साहित भी किया, मार्गदर्शन भी किया और आशिर्वाद भी दिया। बचपन से मेरे पंखों में उँची उडान भरने के लिए हमेशा मेरे दादाजी, मेरे आण्णा शक्ति भरते आये है। और शायद उनके ही आशिर्वाद से यह सपना पूरा होने का समय भी ईश्वरी इच्छा से नजदीक भी आया है, ऐसी मेरी धारणा है। जीवन में कभी भी हार ना मानने की और चौबिसों घंटे प्रयत्नों की पराकाष्ठा करने क

धर्माभिमानी होऊ या

 हिंदुंनों धर्माभिमानी व्हा हिंदु बांधवानों, आपण संपूर्ण जगावर एक नजर टाकली तर काय दिसते ? प्रत्येक धर्मियांचे देश आहेत.आणी प्रत्येक धर्मीयांना आपल्या धर्माबद्दल अभिमान आहे,गर्व आहे. असे जर असेल तर मग जगाच्या पाठीवर आज एकही हिंदुराष्ट्र का बरे नाही ? मनाला प्रश्न विचारून बघा.अस काय झाले की आमच्या हिंदुंचा एकही देश जगाच्या नकाशात नाही. असे का ? बर एवढ भयंकर होऊनही आम्ही धर्बाबद्दल उदासीन का बरे आहोत ? आम्हाला आमच्याच धर्माबद्दल अभिमान का बरे नाही ? आणी वर जे धर्माभिमानी आहेत,त्यांची टिंगलटवाळी करण्यात, त्यांना त्रास देण्यात, त्यांचा मानसिक छळ करण्यात ब-याच हिंदुंना आनंद का बरे वाटतो ? भगवे कपडे घातलेला,गळ्यात तुळशी माळा अथवा रूद्राक्ष माळा घातलेला,आम्हा ब-याच हिंदुंना नेभळट,बावळट,गांवढळ,खेडवळ का बरे वाटतो ? आमचे भयंकर मानसिक अध:पतन का बरे झाले ? बरं,एवढ्यावरच आम्ही थांबलो नाही तर आमची संस्कृती, सभ्यता, शालीनता, आमचे देवीदेवता,आमचा धर्म ,आमच्या चालिरीती याचा आम्हाला विसरच केवळ पडत चालला नाही तर आम्ही आमच्याच धर्माची,देवीदेवतांची, संस्कार - संस्कृती ची टिंगलटवाळी करण्यातच धन्यता का बरे मा

अभी नही तो कभी नही

 *मोदिजी,अब रगड डालो*  ------------------------------------ मुगलों ने,अंग्रेजों ने और आजादी के बाद क्रूर काले अंग्रेजों ने जिस प्रकार से हिंदुत्व को समाप्त करने की,रगड डालने की कोशिश की गई है.... उसी प्रकार से हिंदुत्ववादीयों को हिंदुत्व, धर्म, संस्कृती, देव,देश बचाने के लिए कठोर और सख्त बनना ही पडेगा। अगर देश में अराजकता फैलानीवाली राष्ट्र द्रोही ताकदें आज भी मुजोर है,उन्मत्त है,उन्मादी है तो अब एक ही रास्ता बनता है, देशहित के लिए कठोर और सख्त कानून बनाकर सबको रगड डालो। यही एकमात्र और अंतीम उपाय बचा है राष्ट्र द्रोही शक्तियों को नेस्तनाबूत करने का। और इनके पक्ष में अगर पाकिस्तान उतरता है तो पाकिस्तान को भी सदा के लिए नेस्तनाबूत कर दो। सदा के लिए पाकिस्तान का सिरदर्द खतम कर दो।  *मोदीजी,देशरक्षा के लिए अब आपको सख्त और कठोर बनना ही पडेगा।*  समय भयंकर विचित्र चल रहा है।देशविरोधी सारी शक्तियाँ एक होकर शक्ती बढा रहे है।अगले पाँच राज्यों के चुनाव में अगर पश्चिम बंगाल जैसी स्थिती बन गई....  और...  *अपनों ने ही धोका दिया तो स्थिती भयंकर विदारक होगी।*  और ऐसी स्थिती में देश को फिर से संभलना और

हिंदुओं तेजस्वी बनो

 *मुर्दाड हिंदुओं, जानवर भी जीवन जीतें है...,तुम तो इंन्सान हो।*  ------------------------------------ ईश्वर निर्मीत चौ-यांशी लक्ष योनियों में मनुष्य प्राणी सर्वश्रेष्ठ समझा जाता है।और बाकी सभी सजीव प्राणीमात्र एक चाकोरीबध्द जीवन जीकर मर जाते है।उनके जीवन का कोई उद्देश्य नही होता है और नाही लक्ष होता है।  *जानवर भी*  चार दिन जीते है और चार बच्चे पैदा करके मर जाते है।उनको धर्म, संस्कृति, देश इसके बारें में कुछ लेनादेना नही होता है।  *ठीक इसी प्रकार से*  कुछ मनुष्य भी जानवरों जैसा निरर्थक जीवन जीकर मर जाते है।उनके जीवन का भी ना कुछ उद्दीष्ट होता है और नाही कोई लक्ष।चार पैसे कमाना,चार बच्चे पैदा करना और मर जाना। बस्स.... ठीक ऐसा ही जीवन अनेक इंन्सान जीते है।  *निरर्थक।*  वास्तव में संपूर्ण ब्रम्हांड, संपूर्ण सृष्टि और उसीसे निर्माण होनेवाला जीव सनातन से ही जूडा हुवा है।क्योंकि यह सृष्टि चक्र ईश्वरी इच्छा के अनुसार निरंतर चलता रहता है।इसीलिए सभी प्राणीमात्र भी सनातनी ही है। केवल चोटी जनेऊ धारण करनेवाला,गंध माला पहननेवाला ही सनातनी होता है ऐसा समझना अज्ञानता का लक्षण है। खैर, यह विषय संपूर्

चाईना और मोदिजी

 चाईना की जागतीक रणनीति और मोदीराज https://globalhinduism.online/?p=1526 चाईना की जागतीक रणनीति और मोदीराज.... -------------------------------------- चाईना की महत्वाकांक्षा संपूर्ण विश्व जानता है। विस्तार वाद को बढावा देने की और अपनी सिमाओं को बढाने की रणनीति चाईना हमेशा आजमाता आ रहा है। अब देखते है चाईना की वैश्विक रणनीति तथा वैश्विक शक्तिशाली नेता मोदिजी के बारे में विस्तृत विवेचन इस लेख में। अमरीका जागतीक स्तर पर एक शक्तिशाली राष्ट्र है।और अमरीका के डोनाल्ड ट्रंप की राजनीति तथा रणनीति हिंदुस्तान तथा मोदिजी के नजदीक घुमती थी।इसीलिए चाईना ने बडे कुशलता से अंडरग्राउंड फिल्डिंग लगाकर ट्रंप को जागतीक रणनीति से ही दूर हटाया।मतलब साफ हुवा,मोदिजी की बढती हुई वैश्विक शक्ति को रोक लगाने का पूरा प्रयास किया गया। अब के अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडन कम्यूनिस्ट विचार धारा के होने के नाते बायडन कभी भी मोदी समर्थक नही हो सकते। दूसरी तरफ शक्तिशाली तथा जागतीक स्तर पर भयंकर आक्रामक इस्त्राएल की ओर देखेंगे तो वहाँ के राष्ट्र प्रमुख नेतान्याहू भी मोदी समर्थक तथा मोदी प्रशंसक थे।नेतान्याहू को भी एक शक्त

मुर्दाड हिंदुंनों जिवंत व्हा

 मेलेल्या मनाने जगणा-या हिंदुंनों, जिवंत व्हा ! ! ! --------------------------------------- देव,धर्म अन् देशासाठी आता हिदु बांधवांनी मुर्दाड मनाने,मेलेल्या मनाने ,स्वाभिमान शून्य, लाचार जगणे सोडून आता तेजस्वी, स्वाभिमानी अन्  जिवंत होऊन जगणे ही आज काळाची गरज आहे. परकीय आक्रमणकारी मुघल, इंग्रज यांच्या अती अत्याचारामुळे व फोडा व झोडा या नितीमुळे हिंदु समाजाची भयंकर दयनीय अवस्था झाली आहे. मानसिक खच्चीकरण यामुळे हिंदु समाज आज मुर्दाड मनाने जगतो आहे की काय ? अशी भयावह स्थिती आज निर्माण झाली आहे.देव,धर्म अन् देश यांचा आज आम्हाला विसर पडत चालला आहे की काय असे वाटायला लागते. वर पुन्हा पाश्चात्य अंध अनुकरणामुळे तर समाज जास्तच भरकटत चालला आहे. त्यामुळे तिन्हीसांजेला, दिवेलागणीला शुभंकरोती ऐवजी कौटुंबिक उद्वेग पसरविणा-या टिव्ही मालिका बघण्यातच सामुहिक, सामाजिक आनंद वाटतो आहे.त्यामुळे तरूण पिढीवर संस्कारांचे धन निर्माण करण्यामध्ये सामाजिक आस्था च कमी होत आहे. फक्त पैसा कमावणे आणी त्यातच मश्गुल राहणे हेच जणू आजचे गणित होऊन बसले आहे. इतर धर्मीयाकडे एक सूक्ष्म व चौफेर नजर टाकली तर काय दिसते ? त्यांचे

चलो क्रांति की ओर

 *टिव्ही चैनल वालों सावधान रहिए, हमने भी क्रांति की लहर आरंभ की है....* ------------------------------------- अनेक प्रसार माध्यम बहुतांश मात्रा में हिंदुत्व विरोधी एजेंडा क्यों चला रहे है ? राष्ट्र द्रोहियों की,पाकिस्तान प्रेमियों की शक्ति बढाने में  " *इनडायरेक्ट रूप से "* क्यों सहयोग कर रहे है ?राष्ट्र द्रोही शक्ति को क्यों अच्छा दिखाने की कोशिश कर रहे है ? विशेषता ड्रग्स मामले में चौबिसों घंटे यही एकमात्र न्यूज क्यों चला रहे है ? ड्रग्स माफियाओं को देश का हिरो दिखाने की क्यों कोशिश की जा रही है ? देश में दुसरे कोई अच्छे समाचार है भी या नही ? दिपावली के सुंदर दिवस,अनेक उत्सवों में लोगों द्वारा बढचढकर हिस्सा लेना,ऐसे शुभ और पाँझिटिव्ह समाचार क्यों नही चलाये जाते है ? लोगों के मन में अच्छे और सच्चे विचार और संस्कृति को मजबूत करने में ,भारतीय संस्कृति को विश्व में बढचढकर दिखाने में बहुतांश प्रसार माध्यम क्यों आगे नही आ रहे है ? विशेषता बहुतांश प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, देश में *नैरेटिव बढाने का गुप्त* एजेंडा क्यों चला रहे है ?  मगर याद रखना यह हिंदुस्तान है । और यहाँ हमेश

हिंदु राष्ट्र के लिए

 *हिंदुत्व की राष्ट्रीय आंतरराष्ट्रीय लहर लानी है तो यशस्वी रणनीती बनानी होगी !*  ------------------------------------ संन्माननीय  और परम वंदनीय श्री.आनंद मिश्राजी यह लेख मैं आपको समर्पित कर रहा हुं ! आज आप बेंगलोर से फ्लाईट से दिल्ली जा रहे है !  आपके ईश्वरी कार्यों को तथा  " *हिंदुराष्ट्र निर्माण "* के आंतरिक ध्यास को ईश्वर जरूर गती देगा ऐसी प्रभू के चरणों पर प्रार्थना करता हुं ! स्व.अटलजी, अडवाणी जी से लेकर मोदी,योगीजी से भी आपके अतुट आत्मीय रीश्ते रहे है,यह हमारा सौभाग्य है ! आप मेरे लेख पढकर हमेशा मुझे फोन करके प्रोत्साहित करते रहते है यह भी मेरा परम सौभाग्य है ! आप जैसे पुण्यवान बुजुर्ग के आशिर्वाद से ही मेरे अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कार्य को गती जरूर मिलेगी ऐसी आशा करता हुं ! मेरा हर लेख आप गहराई से पढते है और उसपर मनन,चिंतन करते है...यह भी मेरा सौभाग्य है ! कालभैरव सोनारी का भी लेख आपने पढा और सोनारी जाने के लिए जानकारी भी ले ली यह भी मेरे लिए गर्व का विषय है ! मेरी कुंडलिनी जागृती,मेरे पारिवारिक रिश्तों पर भी आप बातें करते है यह भी मेरा भाग्य है ! राष्ट्रीय,

हिंदुओं का विश्लेषण

 *सचमुच में हिंदु ,हिंदु रहा है या नही ??? एक अभ्यासपूर्ण विश्लेषण !!!*  -------------------------------------- साथीयों, मेरे इस लेख को सभी हिंदुप्रेमीयों को गौर से पढना होगा और मनन चिंतन करके रास्ता निकालना होगा ! चाहे मोदिजी हो,योगीजी हो,हर धर्म प्रेमी हो,संत महंत हो ,समाज सुधारक हो,सांसद - विधायक हो ,कार्यकर्ता हो सभी को इस लेख का गहराई से अध्ययन - अध्यापन करना जरूरी है ! क्योंकी हिंदुत्व बचाना इतना आसान नही रहा है !अनेक स्वकीय अधर्मी, परकीय आक्रमणकारी तथा अनेक सत्तांध तथा स्वार्थांध जयचंदों ने हिंदूत्व को घेर रखा है ! यह भयंकर घोर विपदा तथा अंदर बाहर से घिरा हुवा धर्म *संकट है !* इसिलिए हर एक राष्ट्रप्रेमीयों को सजग होकर एक शक्तिशाली रणनीती बनाकर आगे बढना ही होगा ! तभी देव - धर्म - देश - संस्कृती बचेगी !  *निमित्य : - उपचुनाव नतीजे*  भाईयों, मैं अनेक बार जब लेख लिखता हुं तो अनेक बार भविष्य में होनेवाली घटनाओं का भी जिक्र करता रहता हुं ! थोडे दिन पहले,शायद पाँच सात दिन पहले मैंने भविष्य में होनेवाली घटनाओं की चेतावणी दी थी ! शायद आप सभी ने पढी भी होगी ! मैंने लिखा था, " *अब विक

सोनारी का जागृत कालभैरवनाथ

 *सोनारी का कालभैरवनाथ और चमत्कार* महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में एक जागृत स्थान है... सोनारी का कालभैरवनाथ ! श्रध्दा पूर्वक जो कालभैरवनाथ की उपासना करता है उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ! अनेक परिवारों का यह कुलदैवत भी है ! मेरा निजी अनुभव यह है की,जब मैं भयंकर आर्थिक मुसीबतों में चारों तरफ से घिर चुका था,तभी मैंने कालभैरवनाथ की खडतर तपस्या की थी!तभी जागृत कालभैरवनाथ ने दृष्टांत में मेरे हाथ में मुर्ती से बाहर आकर धन दिया था ! तभी से मेरी आर्थिक समस्याएं पूरी तरह से समाप्त हो गई ! आजतक मुझे कभी भी आर्थिक समस्या नही आई है !चाहे मैं नौकरी धंदा करूँ या ना करूँ ! मेरे हाथ में धन आता रहता है ! यह एक ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण यहाँ दर्शन के लिए आनेवाले श्रध्दालुओं को रहने खाने की समस्याओं का सामना करना पडता है ! कुछ दिन पहले यहाँ पर वहाँ के श्री.अभिजीत काले जी ने कुछ ग्रामस्थों के सहयोग से अन्नछत्र आरंभ किया है ! रहने के लिए एक धर्म शाला का निर्माण किया गया है !मगर इसकी अधिक जानकारी नही मिली ! यह एक महत्वपूर्ण तीर्थक्षेत्र होने के नाते यहाँ यात्रियों के लिए तथा श्रद्धालुओं के लिए कम द