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Showing posts from July, 2022

बिएनएन और सिएनएन

 BNN मिडिया हाऊस एक स्वतंत्र न्यूज चैनल है। भारत सरकार द्वारा रजिस्टर, संपूर्ण हिंदुस्थानी ढाँचे में बना हुवा, स्वतंत्र  न्यूज चैनल है।संपूर्ण देश तथा विदेश के,सभी समाचारों का संकलन तथा प्रसारण का कार्य, BNN मिडिया हाऊस द्वारा किया जाता है। डायरेक्टर श्री.अजयकुमार पांडेय तथा एडिटर इन चिफ श्री.विनोदकुमार महाजन और BNN की संपूर्ण राष्ट्रीय टीम द्वारा, न्यूज चैनल का कार्य तेजीसे, देशविदेशों में सफल बनाने के लिए दिनरात प्रयास किए जा रहे है।जल्दी ही अपेक्षित परिणाम मिलने की उम्मीद करते है। जल्दी ही एक कामयाबी की मिसाल बनकर उभरेंगे।                                                                                                                                                           CNN मिडिया हाऊस, एक स्वतंत्र भारतीय न्यूजचैनल है।जिसके द्वारा,सभी चैनल, वेबपोर्टल के संपूर्ण समाचारों का संकलन किया जाता है।चैनल द्वारा इसमें अनेक समाचार पोष्ट किये जाते है। डायरेक्टर श्री.अजयकुमार पांडेय तथा एडिटर इन चिफ श्री.विनोदकुमार महाजन और CNN मिडिया हाऊस की संपूर्ण टीम, न्यूज चैनल के कार्यों को बढावा देने

मोदिजी को बदनाम करना

 मोदिजी की योजनाओं का... फायदा उठाकर,मोदिजी को ही, बदनाम करना !!! ( लेखांक २०३३ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------- देशविकास के लिए, समाज विकास के लिए, मोदिजी हर क्षेत्र में अनेक विध योजनाओं को कार्यान्वित कर रहे है। मगर कुछ महाभाग ऐसे ही है इस देश में की, अनेकविध शासकीय योजनाओं का लाभ भी उठा रहे है... घरकुल, मुक्त राशन,सबसिडी, गँस जैसी अनेक योजनाओं का जमकर फायदा भी उठा रहे है ... कुछ लोग....??? और उपर से मोदिजी, अमीत शाहजी, योगीजी को गाली भी दे रहे है। बेईमानी की भी हद होती है। ऐसे बेईमान और नमकहरामों का आखिर इलाज भी क्या है ? इस देश में अनेक सालों तक कुछ राजकीय पार्टीयों ने, " गरीबी हटाव... " (???) का नारा देकर, गरीब को ही हर क्षेत्र से हटाया और भ्रष्टाचारीयों को आगे बढाया। और आज मोदिजी सचमुच में लोगों की गरीबी हटा रहे है,गरीबों के लिए अनेकविध योजनाएं ला रहे है... और कुछ लोग...??? योजनाओं को खाकर, उल्टा मोदिजी को ही बदनाम कर रहे है। कमाल का देश है ये दोस्तों। और कमाल का लोकतंत्र। जिसका भला करेंगे, वही ... देश का बूरा सोच रहा है,बूरा भी कर रहा है। दंगाफसाद भी

बी पोझीटीव

 निगेटिव एनर्जी को पोझिटिव एनर्जी में .... कैसे बदले...??? ------------------------------ निगेटिव एनर्जी !!! बहुत ही भयंकर और खतरनाक समस्या। ऐसे भयंकर बिमारी से,भयंकर शक्ती से जो भी ग्रस्त है... उसी घर में या फिर समाज में भी भयंकर यातनाएं तथा पिडाएं पैदा होती है। इसिसे ही उसी घर में,समाज में नैराश्य फैल जाता है... और नैराश्य का हल युं ही नही मिलता है। बिमारी, कर्जा,झगडा,आपसी कलह,कौटुंबिक कलह,गलतफहमीयाँ,व्यसनाधीनता ऐसे अनेक प्रकारों से निगेटिव एनर्जी उत्पन्न होती है। तो....ऐसे निगेटिव एनर्जी को क्या सचमुच में पोझिटिव एनर्जी में बदला जाता है? जी हाँ,बिल्कुल। कैसे...??? (१)निगेटिव सोच रखनेवालों से दूरी रखे। (२)ईश्वरी चिंतन करे। (३)पोझिटिव सोच रखने वालों से दोस्ती बढायें। (४)जप जाप्य,गुरूमंत्र का जाप करें। (६)मठ-मंदिरों में,जंगलों में जाने से भी निगेटिव शक्तीकम होती है,और पोझिटिव शक्ती बढ जाती है। (७)हमेशा विनावजह के झगड़े करनेवालों से सदा दूर रहे। (८)देवी देवताओं पर विश्वास न करनेवालों से दूर रहे। (९)धर्म ग्रंथों का पारायण करें।धार्मिक किताबों का पठन करें। (१०)शौर्यकथाओं का पठन करें। (११)य

दैवी कृपाप्राप्त व्यक्ति

 कैसे पहचानें कि दैवीय शक्ति आपकी मदद कर रही है ************************************* - इन 11 संकेतों से कर सकते हैं आभास ============================= दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में दैवीय सहायता मिलती है। किसी को ज्यादा तो किसी को कम। कुछ तो ऐसे हैं जिनके माध्यम से दैवीय शक्तियां अच्छा काम करवाती हैं। सवाल यह उठता है कि आम व्यक्ति कैसे पहचानें कि उसकी दैवीय शक्तियां मदद कर रही है या उसकी पूजा-पाठ-प्रार्थना का असर हो रहा है? इन 11 संकेतों से हम इसको महसूस कर सकते हैं- 1. अच्छा चरित्र ============ शास्त्र कहते हैं कि दैवीय शक्तियां सिर्फ उसकी ही मदद करती है, जो दूसरों के दुख को समझता है, जो बुराइयों से दूर रहता है, जो नकारात्मक विचारों से दूर रहता है, जो नियमित अपने इष्ट की आराधना करता है या जो पुण्य के काम में लगा हुआ है। यदि आप समझते हैं कि मैं ऐसा ही हूं तो निश्चित ही दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं। आपको बस थोड़ा सा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप अच्छे मार्ग पर हैं और आपको ऊपरी शक्तियां देख रही हैं। 2. ब्रह्म मुहूर्त ============ विद्वान लोग कहते हैं

हिंदू हिंदुत्व से दूर गया है ?

 हिंदू हिंदुत्व से सचमुच में दूर गया है... ??? ( ले : - २०३० ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- मुस्लिम समाज, लगभग सभी व्यक्ती, अबाल वृद्ध, स्त्री पुरूष, सहीत...अपने धर्मों के प्रती चौबीसों घंटे जागरूक रहता है और अपने धर्म पर जी जान से प्रेम करता है। धर्म के लिए मर मिटने को तैयार रहता है। यही स्थिती लगभग ख्रिश्चन और यहुदियों की।और लगभग सभी धर्मीयों की भी। संपूर्ण जागतीक विश्लेषण भी इसमें लगभग सत्यता दिखाता है।और यह वास्तव सभी को स्विकारना ही होगा। लगभग ९० % इसमें तथ्यांश भी है। मगर हिंदू धर्म अनुयायीयों की क्या स्थिती है ? १ ) धर्म के प्रती उदासीनता ? २ ) झूटे समाजवाद पर जादा झुकाव और लगाव भी ? ३ ) अपने देवीदेवताओं के प्रती उदासीनता ? ४ ) अनेक सदियों से अनन्वित अत्याचार सहने के बाद भी खून में बसी हुई अनावश्यक और विनाशकारी शांती ? ५ ) अनेक जातीपाती में बिखरकर आपसी झगडे ,द्वेष, मत्सर ? ६ )हर महापुरूषों को,साधू संतों का भी जातीपाती में बँटवारा ? ७ ) अनेक सालों की मानसिक गुलामी की आदत ? ८ ) स्वाभीमानशून्यता और लाचारी ? ९ ) व्यर्थ का घमंड और अहंकार ? १० ) फ्री का लालच ? ११

मोदिजी नाम का युगपुरुष

 मोदिजी नाम का युगपुरुष !!! ------------------------------ माँल में देखो,भयंकर भीड ! किराणा दुकान पर,भयंकर भीड ! सोनेचांदी की दुकान पर,भयंकर भीड ! पेट्रोल पंप पर ,भयंकर भीड ! सब्जीमंडी में,भयंकर भीड ! बैंक में देखो,भयंकर भीड ! भीड ही भीड,पैसा ही पैसा ! सभी के हाथ में,भरपूर पैसा ! हाँस्पीटलों में भी भरपूर पैसा ! खनखनाहट है पैसों की पूरे देश में ! सारा आबादी आबाद ! खानेपिने की आबादी ! राशनदुकान पर भी सभी को भरपेट अनाज ! किसीको कुछ कमी है ही नही ! कितना आनंद से जी रहा है हर भारतीय नागरिक ! और फिर भी कुछ नालायक लोग बोलते है, " मोदी ने महँगाई बढाई " मोदी को गाली देनेवाले नमकहराम, बेईमानों, जरा श्रीलंका, पाकिस्तान की दुर्दशा भी आँखें खोलकर देखो.. हमारा देश और देश का हर नागरिक, कितना अच्छा और स्वस्थ जीवन जी रहा है ! भ्रष्टाचार भी हट रहा है ! गरीबों को भी तुरंत न्याय मिल रहा है ! गरीबों को भी पैसा,राशन,घर,रोजगार, गँस कनेक्शन तुरंत उपलब्ध हो रहा है ! देश भी आगे बढ रहा है ! हर क्षेत्र में जबरदस्त तरक्की भी कर रहा है ! विदेशों में भी देश का नाम तेज गती से रोशन हो रहा है ! फिर भी मोदिजी

आत्मीयता

 दूसरों का दुखदर्द देखकर, जिसकी आत्मा तडप उठती है , उसे ही आत्मीयता कहते है !!! ( लेखांक : - २०२८ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- आत्मीयता ! दूसरों के प्रती उच्च कोटी का प्रेमभाव ! जिसकी आत्मीयता सदैव जागृत होती है,वह दूसरों का दुखदर्द समझकर, उसको यथासंभव आधार देने की,मदत करने की कोशिश करता है ! फिर वह आधार चाहे मानसिक हो,शाब्दिक हो अथवा मुमकीन है तो आर्थिक भी हो ! आधार ! बहुत महत्वपूर्ण शब्द है ! विशेषतः मुसिबतों की भयंकर घडी में ! आदमी जब प्रारब्ध गती के अनुसार भयंकर विचित्र परिस्तीयों में फँस जाता है,तब ऐसी विपदाओं कि स्थिती में उसे कोई,  " दो शब्दों का अगर आधार " भी देता है,तो उसका मानसिक बल बढता है और उसे संघर्ष करने में सहाय्यक होता है ! " चिंता मत कर,सबकुछ ठीक होगा ! ईश्वर सब ठीक करेगा ! " यह शब्द किसीके मुसिबतों में कोई बोलता है,तो उस व्यक्ती का आत्मबल बढता है ! मगर ऐसी भयावह स्थिती में साधारणतः होता उल्टा ही ! मुसिबतों की घडी में सब दूर भाग जाते है,और दूरसे तमाशा देखते है !अथवा समाज द्वारा शब्दों के बाण सहने पडते है ! जिनको उनकी घोर मुसि

मोदीजी योगीजी की जयजयकार

 मोदीजी योगीजी से प्रेम कौन करता है ? अरे बाबा पूरा देश ही मोदीजी योगीजी से प्रेम करता है उनकी दिनरात जयजयकार करता है। तो फिर मोदीजी योगीजी से नफरत कौन करता है ? जो भ्रष्टाचारी है,चोर,लुटेरे है जो नमकहराम,बेईमान है, जो राष्ट्र द्रोही है वही मोदीजी योगीजी से नफरत करता है... बदनाम भी करता है मगर सारा देश अब सच्चाई जान चूका है इसिलिए मोदीजी योगीजी के जयजयकार के नारे  लगाता है। और राष्ट्र द्रोहिंयों को धिक्कारता है। क्योंकी, देश अब जाग गया है। हर हर महादेव तो बोलना ही पडेगा विनोदकुमार महाजन

अपयश का जहर

 सबसे महाभयानक होता है.... अपयश का जहर !!! लेखांक : - २०२७ विनोदकुमार महाजन ---------------------------- सबसे महाभयानक अपयश का जहर होता है साहब ! हर क्षेत्र में यश मिलना इतना आसान नही होता है ! बहुत पापड बेलने पडते है ! अनेक चुनौतीयों का सामना करना पडता है ! अनेक मुश्कीलें पार करनी पडती है ! प्रारब्ध, संचित को भी हराना पडता है ! अनेक मुकाम,अनेक डगर पार करने पडते है ! अनेक विपदाओं का आपदाओं का सामना करना पडता है ! बारबार अपयश,अपमान, मनस्ताप, मानहानी, आत्मक्लेश का सामना करना पडता है ! अनेक आर्थिक मुसिबतें झेलनी पडती है ! बहुत जालीम जहर हजम करने पडते है ! जहर के अनेक सागर पार करने पडते है ! बारबार खून के आँसू भी पिने पडते है ! स्वकीय, समाज का भी भयंकर अवरोध सहना पडता है ! अनेक रूकावटें पार करनी पडती है ! भयंकर तप भी करना पडता है ! ईश्वर भी भयंकर कठोर अग्नीपरीक्षाएं,सत्वपरीक्षाएं लेता है ! नशीब भी भयंकर परीक्षाएं लेता है ! नियती भी बारबार रूलाती है ! तभी जाकर कोई, लाखों में एखाद महात्मा दिव्य मंजील तक,ध्येय तक,कार्यसफलता तक पहुंच जाता है !!! सावरकर, सुभाषबाबू जी ने कितने दुखदर्द झेलें ? रा

हरदिन गंगाजल पिओ और स्वस्थ रहो

 *गंगा जल* अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ? सर्दी के मौसम में कई बार खांसी हो जाती है। जब डॉक्टर से खांसी ठीक नही हुई तो किसी ने बताया कि डाक्टर से खांसी ठीक नहीं होती तब गंगाजल पिलाना चाहिए। गंगाजल तो मरते हुए व्यक्ति के मुंह में डाला जाता है, हमने तो ऐसा सुना है ; तो डॉक्टर साहिब बोले- नहीं ! कई रोगों का इलाज भी है। दिन में तीन बार दो-दो चम्मच गंगाजल पिया और तीन दिन में खांसी ठीक हो गई। यह अनुभव है, हम इसे गंगाजल का चमत्कार नहीं मानते, उसके औषधीय गुणों का प्रमाण मानते हैं। कई इतिहासकार बताते हैं कि सम्राट अकबर स्वयं तो गंगा जल का सेवन करता ही था, मेहमानों को भी गंगा जल पिलाता था। इतिहासकार लिखते हैं कि अंग्रेज जब कलकत्ता से वापस इंग्लैंड जाते थे, तो पीने के लिए जहाज में गंगा का पानी ले जाते थे, क्योंकि वह सड़ता नहीं था। इसके विपरीत अंग्रेज जो पानी अपने देश से लाते थे वह रास्ते में ही सड़ जाता था। करीब सवा सौ साल पहले आगरा में तैनात ब्रिटिश डाक्टर एमई हॉकिन ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने पर कुछ ही देर में मर गया

अध्यात्म

 *अध्यात्म किसे कहते है* ? स्फुट ले : - २०२५ सौजन्य : - निलेश जाधव संकलन : - विनोदकुमार महाजन *अध्यात्म का मतलब आद्य आत्मा*  आत्मा की आवाज. मेरे जैसा सभी में एकसमान आत्मतत्त्व देखने की समदृष्टि. मेरे आत्मक्लेश ,दुखदर्द से सभी के आत्मक्लेश,दुखदर्द समझने का पवित्र चिंतन. चिंता हराने वाला शास्त्र. *अध्यात्म मतलब सभी के प्रती निष्पाप प्रेमभाव.* *अध्यात्म मतलब सभी सजीवों के प्रति करूणा.*  *अध्यात्म मतलब खुद की वजह से किसी को भी पीडा न हो ऐसा शुध्द आचरण.* *अध्यात्म मतलब वेद के साथ दूसरों की वेदना पढऩे का श्रेष्ठ साधन.*  *अध्यात्म मतलब खुद का कार्य इमानदारी और लगन से पूरा करना.* *अध्यात्म मतलब खुद का और परिवार का सामाजिक सौहार्द रखना.* *अध्यात्म मतलब निष्पाप जीवों पर,पशु-पक्षीयों पर शुध्द और पवित्र प्रेम करना.* *अध्यात्म मतलब निरंतर निरपेक्ष सत्कर्म करते रहना.* *अध्यात्म मतलब नि:स्वार्थ सेवाभाव से जीवन बीताना.* *अध्यात्म मतलब सदैव कृतार्थ भाव से जीना.* *अध्यात्म मतलब बिना अपेक्षा सभी को प्रोत्साहित करना.* *अध्यात्म मतलब हर एक के साथ सद्भाव और सौजन्य का आचरण.* *अध्यात्म मतलब ग्रंथ और  संतों के

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संपूर्ण विश्व में गुरूकुल निर्माण के लिए

 विश्व स्वधर्म संस्थान द्वारा हर देश में सुसंस्कृत समाज निर्माण के लिए खोला जायेगा गुरूकुल !!! लेखांक २०२४ विनोदकुमार महाजन ---------------------------- विश्व स्वधर्म संस्थान के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। संपूर्ण विश्व के ,हर देश में सुसंस्कृत समाज निर्माण के लिए, एक आदर्श गुरूकुल निर्माण के लिए, हमारे, विश्व स्वधर्म संस्थान द्वारा कार्य आरंभ हो रहा है। इसके सिवाय हम सभी देशों के मानवता प्रेमीयों को आवाहन करते है की... *सनातन गुरुकुल के निर्माण में सहभागी बने और बढ़ाएं एक कदम सुरक्षित भविष्य की ओर* *हर बच्चे के भाग्य में परिवार का सुख नही होता कई बच्चे ऐसे भी है जो बचपन मे ही अनाथ हो जाते है या अपने परिवार से दूर हो जाते है* *ये बच्चे भी हमारी अमानत है यदि आज उन्हें सही मार्ग और सही शिक्षा नही मिली तो कल ये बच्चे गलत रास्ते पर जा सकते है* *आइए आज उन बच्चों के भविष्य के लिए उनके साथ खड़े हों* *हमारा ये गुरुकुल उन बच्चों के लिए उनके घर की तरह होगा जहां उन्हें परिवार का स्नेह मिलेगा साथ ही निःशुल्क शिक्षा आवास भोजन और प्रशिक्षण मिलेगा यहां बच्चों को स्वावलंबी बनाया जायेगा साथ ह

काळभैरव नाथाच चांगभले

 कथा काळभैरवनाथाची https://globalhinduism.online/?p=2641 काळभैरवनाथ,सोनारी... हा देव अत्यंत जागृत आहे.व आजही इथे चमत्कार घडतात. माझा इथला अनुभव खूप जाज्वल्य आहे. मी भयंकर आर्थिक संकटात होतो तेंव्हा मी काळभैरवनाथ उपासना केली.हे माझे सोनारीचे कुलदैवत आहे. मला स्वप्नात देवाने सत्वगुणप्रधान रूपात दर्शन दिले व मुर्तीमधून बालमुर्ती पळत बाहेर आली व माझ्या हातावर धन ठेवले.व परत ती बालमुर्ती काळभैरव नाथ मुर्तीमध्ये एकरूप झाली. तेंव्हापासून आजपर्यंत मला कधीही धनाची कमतरता भासली नाही. काळभैरव नाथाच चांगभले देवाच्या घोड्याच चांगभले देवाच्या ध्वजाच चांगभले देवाच्या मंदिराच चांगभले देवाच्या कळसाच चांगभले ओम् कालभैरवाय नम : विनोदकुमार महाजन आता वाचा भैरवनाथाची सविस्तर माहिती. 👇👇👇👇👇 भैरव  शिवाचे उग्र व भीषण असे एक रूप. भैरव हा शब्द भीरु (भित्रा) या संस्कृत शब्दापासून बनल्यासारखे दिसते आणि कोशकारांचेही तसेच मत आहे परंतु भीरु म्हणजे भित्रा आणि भैरव म्हणजे भीषण असा त्या दोन शब्दांच्या अर्थांत पूर्णपणे विरोध दिसतो. त्यामूळेच भैरों, बहिरोबा वा भैरोबा या ग्रामदेवतेचे शिवाशी तादात्म्य मानले गेले, तेव्हा

देश की गंभीर स्थिती

 https://youtube.com/watch?v=nEtbd-2-_1c&feature=share भयावह परिस्थिती👆 है हिंदुस्थान की। यती नरसिंहानंद सरस्वती जी का यह हिंदुओं को जागरूक करनेवाला विडिओ देखा।और मन सून्न हो गया। ह्रदय काँप उठा। और कुछ प्रश्न मन में उठे। ( यती नरसिंहानंद जी के गांधीजी के बारें में उपस्थित किए गये प्रश्नों पर, मैं इतना ही कहुंगा की,गांधी जी के बारे में, संपूर्ण देश के सामने सत्य आने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा एक जाँच आयोग का गठन करके, गांधीजी के विवादास्पद भुमिकाओं की निष्पक्ष जाँच होना अत्यावश्यक है।) अपेक्षा है सभी भारतीय तथा संपूर्ण हिंदू समाज इस भयंकर परिस्थिती का गंभीरता से चिंतन, मनन करें और हल निकाले। समय बहुत कम बचा है।सर से उपर पाणी बह चुका है। विनाश सामने दिखाई दे रहा है। अब केवल और केवल केंद्र सरकार ही इसी भयंकर समस्या का,सख्त कानूनी उपायों द्वारा, तुरंत हल निकाल सकती है... अगर यह यती नरसिंहानंद सरस्वती जी का विडिओ... सत्य है तो....? अब इसी विषय में केंद्र सरकार को मेरे कुछ सवाल। १ ) उपरी  राष्ट्रविघातक योजना को तहस नहस करने के लिए, केंद्र सरकार के पास,अभी... " सुपर पाँवरफूल योजना

एक ही हथीयार, संपूर्ण बहिष्कार !

 एक ही हथियार... संपूर्ण बहिष्कार.... कैसे ??? ( लेख विस्तार से पढेंगे...तो...?          जानेंगे....👇👇👇 ) लेखांक : - २०२१ विनोदकुमार महाजन ------------------------------ साथीयों, सबसे पहले यह बात जानो की, " राक्षस कौन ??? " फिर ? हर गली,गाँव,मुहल्ला में एक शक्तिशाली " टीम " बनायेंगे। हर घर में जाकर, " हमारे हर सदस्य को " " राक्षस " कौन ? यह समझायेंगे... और ...? " राक्षसों का " संपूर्ण सामुहिक बहिष्कार करने की ट्रेंनिंग  " हमारे " हर सदस्य को देंगे। हर घर में जाकर, समाज जागृती का अभियान चलायेंगे। संपूर्ण देश में एक ही चलेगा शक्तिशाली हथियार.... संपूर्ण बहिष्कार। और इसके साथ ही ? एक सामुहिक, सामाजिक,साप्ताहिक, " मिटिंग " का आयोजन। हर गाँव में... " मंदीरों में " सामुहिक हनुमान चालीसा और आरती का प्रायोजन। हर एक के माथे पर " भगवान का भगवा " तीलक लगाना अत्यावश्यक। हर घर पर " भगवान का भगवा "ध्वज  लगाना अत्यावश्यक। हर घर में " राम हनुमान " जी के फोटो लगाना अत्यावश्यक। हर चौराहे पर,ह

सज्जनों की और दुर्जनों की संगत

 सज्जनों की संगत स्वर्ग समान होती है,और दुर्जनों की संगत नरकसमान !!! लेखांक : - २०२० विनोदकुमार महाजन ---------------------------------- साथींयों, आज का लेख का विषय थोडा अलग है।जो हम सभी के जीवन में नित्य अनुभव को मिलता है। सज्जन संगत और दुर्जन संगत। सज्जनों की संगत सदैव आनंददायी, हर्षोल्लासित करने वाली होती है।सज्जन हमेशा दूसरों का दूख निरंतर, नितदिन दूर करने की कोशीश में लगातार लगे रहते है।सज्जनों को परदु:ख  ,अपना खुद का दु:ख लगता है।और इसिलिए सज्जन व्यक्ती परपिडा, खुद की पिडा समझकर दुसरों का दुखदर्द हरन करने के लिए खुद को निरंतर झौंक देते है। आर्थिक लाभहानी का विचार किए बगैर, ऐसे व्यक्ती दुसरों को सदैव आधार देते रहते है। कभी आर्थिक आधार देते है,कभी मानसिक आधार देते है।तो कभी खुद भूका रहकर भूके को खाना भी खिलाते है। सज्जनों के सहवास में हमेशा शांती बनी रहती है।इसिलिए सज्जनों का सहवास हमेशा आनंददायी तथा मन को प्रफुल्लित करनेवाला रहता है।मन की संतुष्टी का यह क्षण होता है। सज्जनों की संगत में हमेशा उच्च कोटी का स्वर्गीय आनंद प्राप्त होता रहता है। साधु - संत इसी श्रेणी में आते है।सभी के

ईश्वराधिष्ठीत समाज निर्माण के लिए

 ईश्वराधिष्ठीत समाज निर्माण के लिए.... लेखांक २०१९ विनोदकुमार महाजन --------------------------------- चौ-यांशी लक्ष योनियों का ,लगभग सभी सजीवों का जीवन, ईश्वराधिष्ठीत अर्थात, ईश्वरी सिध्दांतों पर आधारित होता है। जैसा ईश्वर ने दिया वैसा आनंदी, स्वच्छंद जीवन। एक मनुष्य प्राणी छोडकर बाकी सभी सजीव, ईश्वर ने जैसा जीवन दिया है,वैसा ही जीवन जीते है। सभी योनियों में देहतत्व अलग अलग होकर भी,आत्मतत्त्व एकसमान होता है। आहार, निद्रा, भय,मैथून का,पुनर्रउत्पादन का सुत्र भी लगभग एकसमान। जन्म मृत्यु का सुत्र भी एकसमान। आत्मतत्व से सभी जीव एक ही ईश्वर की संतान। मगर.... मनुष्य प्राणियों को ईश्वर ने बुध्दि का वरदान देकर,सब प्राणियों से थोड़ा अलग ही बनाया है। हमेशा सद्सद्विवेक बुध्दी जागृत रखकर योग्य निर्णय लेने की क्षमता केवल मनुष्य प्राणीयों में ही होती है। और नर का नारायण बनने की क्षमता भी केवल और केवल मनुष्य प्राणी में ही वरदान स्वरूप दिखाई देती है। इसके साथ ही बुध्दि का सदुपयोग करके सभी सजीवों में एकसमान आत्मतत्व और ईश्वरी अंश मानकर, सभी सजीवों का पालकत्व भी ईश्वर ने मनुष्य प्राणी को ही दिया है। मगर ह

राक्षसों का सर्वनाश

 जो दूसरों का जीना निरंतर, नितदिन हराम कर देते है, उसे " राक्षस " कहते है ! उन्मत्त होकर हमेशा उन्माद फैलाना यही इनके जीवन का उद्दिष्ट होता है ! चौबिसों घंटे हाहाःकार से आतंक फैलाकर सभी का जीना मुश्कील कर देना, इसी में ही इनको, " राक्षसी " आनंद मिलता रहता है ! और ऐसे महाभयानक राक्षस हर युग में निरंतर पैदा होते रहते है ! सृष्टि संतुलन के लिए, मानवता की रक्षा के लिए, संपूर्ण पृथ्वी से ऐसे राक्षसों का सदा के लिए, संपूर्ण सर्वनाश यही एकमेव तथा अंतिम उत्तर होता है ! क्या आज भी संपूर्ण पृथ्वी पर " राक्षसी हैवानों का " हाहाःकार मचा हुवा है ? क्या इनका संपूर्ण धरती से " संपूर्ण सर्वनाश " यही एकमेव उत्तर बचा है ??? तो ??? संपूर्ण विश्व के सत्यवादीयों को, मानवताप्रेमीयों को, ईश्वरी सिध्दांत माननेवालों को, ऐसे महाभयावह,राक्षसी उन्मादियों से बचने के लिए, एक होकर इनका संपूर्ण सर्वनाश करना ही होगा ! मगर कौनसे राक्षसों के खिलाफ हमारी " वैश्विक जंग " जारी है ? यह भी सबसे पहले तय करना होगा ! और " यशस्वी रणनीती "  बनाकर यह युध्द हमें जीतना ही ह

सद्गुरु आण्णा

 देहतत्व में होकर भी और देहतत्व छोडने के बाद भी मुझे नितदिन, निरंतर मार्गदर्शन करनेवाले तथा मुझे ब्रम्हज्ञान देकर मुझे पूर्णत्व देनेवाले, मेरे दादाजी तथा मेरे प्राणप्रिय सद्गुरू आण्णा को कोटी कोटी प्रणाम।दंडवत। प्रेमामृत का दिव्यत्व दिखाने वाले,स्वर्गीय सुखों की बौछार करनेवाले मेरे आण्णा चौबीसों घंटे मेरे ह्रदय कमल में विराजमान रहते है।उनके दिव्य प्रेम के याद के बिना एक पल भी जाता नहीं है। मेरा संपूर्ण जीवन मेरे सद्गुरू आण्णा के चरणों पर समर्पित है। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

सभी को नम्र निवेदन

 सभी हिंदुओं से नम्र निवेदन ( लेखांक २०१६ ) विनोदकुमार महाजन --------------------------------- देश के सभी हिंदुओं मेरा नम्र निवेदन स्विकार करो। राक्षसी सिध्दातों के विरोध में एक हो जावो। अगर आप कौनसी भी राजकीय पार्टी में हो, जैसे काँग्रेस, समाजवादी, आमआदमी,कम्युनिस्ट.... देशहित, हिंदुत्व की रक्षा के लिए भाजपा से नाता जोडो। कौनसे भी सामाजिक संगठनों से जुडे हुए हो, कौनसे भी आध्यात्मिक संगठनों से जुडे हुए हो, कौनसे भी हिंदुत्ववादी संगठनों से जुडे हुए हो, राष्ट्रहित,धर्म रक्षा तथा हिंदुत्व की रक्षा के लिए, भाजपा से नाता जोडो। याद रखिए, हमारा और हमारे अगली पिढी का उज्वल भविष्य, केवल और केवल हिंदुत्व में ही है। और भाजपा ही केवल ऐसी एकमेव राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी है.... जो हिंदुत्व का विचार करती है। हम सभी के उज्वल भविष्य के लिए, तथा आसुरीक सिध्दांतों पर प्रहार करने के लिए, सभी भारतीयों को भाजपा का ही मन - बुध्दी - आत्मा से समर्थन करना चाहिए। सौ बार सोचो,समझो,जागो,जानो... और सभी के कल्याण की मेरी बात मानो। हरी ओम्

सरकार सख्त कानून कब बनायेगी ?

 सरकार सख्त कानून कब बनायेगी ??? खुलेआम हिंदु देवीदेवताओं का मजाक उडाया जा रहा है ! खुलेआम हत्या का सत्र आरंभ हो गया है ! जरूरत है अब सरकार को तुरंत सख्त एक्शन लेने की ! सख्त कानून बनाने की ! और कानून को तुरंत अमल में लाने की ! गुनहगारों को तुरंत और कठोर दंड मिले ऐसा सख्त कानून सरकार कब बनायेगी ? सारा देश इसके इंतजार में है ! ताकी, कोई भी व्यक्ती अभिव्यक्ती के नामपर, हिंदु देवीदेवताओं को,हिंदु संस्कृती को और हिंदु धर्म को बदनाम ना कर सके। कोई निष्पाप की हत्या ना हो सके ! अब सख्त कानून चाहिए ! जो हिंदुहितों की रक्षा कर सके ! बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार हिंदु अब नही सहेगा ! विनोदकुमार महाजन

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 [06/07, 9:21 am] sureskumar Chaudhari, Mumbai: विनोद जी आपकी राष्ट्र के प्रति जागरूक और सनातन हिन्दू धर्म में गहरा विश्वास रखने वाला और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने और सनातन धर्म को जागृत करने में आप की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस लिए मुझे और मेरी टीम ने आपको कोटि कोटि नमन और प्रणाम करते हैं।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩 [06/07, 9:22 am] sureskumar Chaudhari, Mumbai: आप एक महान दिव्य आत्मा है।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩 [06/07, 9:22 am] Vinodkumar Mahajan: 🙏धन्यवाद प्रभुजी

मेरे लेखों पर एक प्रतिक्रिया

 *मेरे* *लेखों* *पर* *सन्माननीय* *श्री.देवेंद्र* *जी* *शर्मा* *(* *लखनौ* *)* *की* *प्रतिक्रिया* *पढकर* *अत्यंत* *आनंद* *प्राप्त* *हुवा।पुलीस* *में* *रहकर* *रहकर* *देवेंद्र* *...* https://www.kooapp.com/koo/विनोदकुमार_महाजन/3e4d824e-51cf-412a-b46e-6eef924991e8 ~~~~~~~~ _कू से जुड़ें - लाखों लोगों और टॉप हस्तियों से जुड़ें:_ https://www.kooapp.com/dnld  _कू मेड इन इंडिया है! 🙂_ देवेन्द्र जी की प्रतिक्रिया 👇👇👇 आदरणीय विनोद महाजन जी आप केवल हेमंत जी के ही दिल में नहीं हम लाखों हिंदुओं के दिलों में वास करते हैं क्योंकि आप हमेशा हिंदू हित की बात करते हैं और हिंदुओं को संगठित करने के लिए आप प्रेरणा देते रहते हैं आप हम सभी के प्रेरणा स्रोत हैं आपका बारंबार हृदय से धन्यवाद

रामराज्य कैसे आयेगा ?

 आसुरों का नाश.... जबतक नही होगा,तबतक, धरती पर रामराज्य असंभव है ! ( लेखांक : - 2014 ) विनोदकुमार महाजन ----------------------------------- मोदिजी प्रधानमंत्री बनने से पहले से ही मैं लेख लिखता हुं।जिसमें संपूर्ण परिवर्तन का जिक्र मैं करता आया हुं। अनेक अखबारों में हिंदुत्व के पूरजोर समर्थन में मैंने अनेक लेख लिखे है। दै.सामना में मेरे विशेष लेख आते थे। सभी लेखों में मैं बारबार यही लिखता था की, समय करवट बदल रहा है।परिवर्तन आरंभ हो रहा है। ईश्वर निर्मित ... सनातन हिंदु संस्कृती पर मेरा लिखान हमेशा लोकप्रिय होता आ रहा है। क्योंकी सनातन धर्म ही अनादी अनंत कालों से चलता आया है।और सनातन धर्म ही अंतिम सत्य भी है। सनातन धर्म अर्थात हिंदु धर्म में ही पूर्णत्व है।सभी प्रश्नों का और समस्याओं का अचूक रामबाण उत्तर भी सनातन धर्म में ही है। ईश्वरी सिध्दांत और आसुरीक संपत्ती का निर्माण खुद ईश्वर ने ही किया है। दो विरूद्ध शक्तियों का निरंतर संघर्ष भी ईश्वर निर्मीत ही है। और सृष्टि से आरंभ से लेकर सृष्टि के अंत तक का यह संघर्ष निरंतर चलता ही रहेगा। तो एक प्रश्न मन में आना स्वाभाविक है। क्या जरूरत थी ईश्

गजानन महाराज की जय

 गजानन महाराज आजही चमत्कार करतात. माझा अनुभव सांगतो. मी गण गण गणात बोते या दिव्य मंत्राचा दोन कोटी जप पुर्ण केला आहे. गजानन महाराजांनी मला दर्शन, आशिर्वाद व वरदहस्त दिला आहे. मी स्वप्नात गजानन महाराजांजवळ रडत होतो. व असे म्हणत होतो की, बाबा मला या कलिगाचा दाह सहन होत नाही. यापेक्षा मृत्यु बरा वाटतो. कांहितरी महान ईश्वरी कार्य हातून व्हावे ही इच्छा आहे. त्यावेळी गजानन महाराज हात उंच करून,दोन्ही टाचा उंच करून, फार मोठ्या आवाजात मला म्हणाले फार मोठ्ठे नांव कमावशील. पुन्हा थोडे दिवसांनी बाबांनी माझ्या डोक्यावर उजवा हात ठेवला व मला म्हणाले, तुझे कार्य चालू झाले आहे. गजानन महाराज की जय गण गण गणात बोते अंतरराष्ट्रीय पत्रकार, विनोदकुमार महाजन गणगण गणात बोते आज चा दिवस सोमवार.. भगवान शिव यांचा वार... भगवान शिव आणि श्री गजानन महाराज यांच्या त काही गोष्टींची लिंक आहे असे बहुतांना वाटते. श्री गजानन महाराज यांचे काही बघता त्यांना दत्ताचा अवतार मानतात. शेगाव जवळील वीट खेड या गावी श्रींनी परशुराम बापूंना चैत्र पौर्णिमेला दत्तप्रभू प्रकट करून दत्तप्रभू चे दर्शन कळविले होते. श्री गजानन विजय ग्रंथ यात श

माँ का प्यार

  के बिना सारा जग सुना है जिसे माँ मिल गई उसे सबकुछ मिल गया तिनों लोक का राजा भी माँ के बिना भिकारी है मगर जिसे परमदयालु,कृपालु सद्गुरु मिल गये उसे माँ भी मिलेगी सभी देवता भी मिलेंगे संपूर्ण ब्रम्हांड भी मिलेगा और क्या चाहिए ? सद्गुरू आण्णा की जय हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

स्थितप्रज्ञ

 आपकी कोई निंदा करें या प्रशंसा... स्थितप्रज्ञ बनकर दिव्य मंजील की ओर हर पल,हर दिन,हर समय आगे आगे बढते ही रहना चाहिए। क्योंकि निंदा और प्रशंसा दोनों रूकावटें है। जिसे पार करके आगे निकलना चाहिए। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

महाँकाल स्तोत्र

 महाकाल स्तोत्रं : नामुमकिन काम भी हो जाएगा मुमकिन  अधिकतर लोगों को पता होगा कि भगवान शंकर के अनेकों नाम है। भक्त भिन्न-भिन्न नामों से इनका गुणगान करते हैं, कोई महादेव तो कोई भोलेनाथ, कोई अघोरी तो कोई शंभु। भोलेनाथ के अलग-अलग रूपों के कारण ही उनके इतने नाम हैं।  इन्हें तंत्र साधना का जनक भी कहा जाता है, इसलिए कोई भी तंत्र साधना उनके बिना पूरी नहीं होती। जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से इनकी अराधना करता है, उसके जीवन से बड़े-बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान शिव का एक स्वरूप महाकाल का भी है, यानि वे मृत्यु को भी अपने वश में रखते हैं।  महामृत्युंजय मंत्र के विषय में तो यह भी माना जाता है कि वह आसन्न मृत्यु को भी टाल सकता है। लेकिन बहुत ही कम महाकाल स्तोत्रं के बारे में जानते हैं, जिसे स्वयं भगवान शिव ने भैरवी को बताया था। इस स्तोत्रं में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों की स्तुति की गई है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो यह स्तोत्रं भगवान शिव के भक्तों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।   प्रतिदिन बस एक बार इस स्तोत्रं का जाप भक्त के भीतर नई ऊर्जा और शक्ति का संचार कर सकता है। इस स्तोत्रं का जाप आपको स

रक्त पिपासु मच्छर और खटमल

 रक्तपिपासु मच्छर और खटमल ! ( लेखांक २००८ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- मच्छर और खटमल ! ईश्वर ने बनाए छोटेसे महाउपद्रवी,रक्तपिपासु जीवजंतू ! मगर इनके छोटेसे दिमाग की रक्त पिने की रणनीती ? महाभयंकर ! देखो, मच्छर सबसे पहले हमारा अंदाज लेते है !  कब हमला करना इसकी रणनीती बनाते है ! और जब रक्त पिकर दूर भागते है...तब हमें पता चलता है ! तबतक हम निद्रीस्त ! और खटमल ? इनकी भी रणनीती ! विषेशतः रात में खून चुसना ! सभी एकसाथ और जमकर ! नींद हराम कर दी  ×× नें ! और इलाज ? बहुत जालीम ! पाँईजन का " स्प्रे " देकर एकसाथ सभी का संपूर्ण सर्वनाश और सदा के लिए छुटकारा ! परीणाम ? शांती और आराम की और स्वस्थ नींद ! रक्तपिपासु मच्छर, खटमलों का एकसाथ संपूर्ण नाश,क्या पाप की श्रेणी में आयेगा ? बिल्कुल नही ! क्योंकी अनेकों की नींद हराम करनेवाले "सभी हरामखोरों का"  रक्तपिपासुओं का एकसाथ बंदोबस्त ! या सर्वनाश ? आज मानवी झूंड में रहकर भी, समूह में रहकर भी , मच्छर, खटमलों की जैसी उपद्रवीता तथा रक्तपिपासुता बढ गयी है ! जोरों से बढती जा रही है ! वह भी एक भयंकर रणनीती बनाकर ! और