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Showing posts from June, 2023

संपूर्ण जीत के लिए

 अनेक सालों तक.... ✍️ २३०० विनोदकुमार महाजन --------------------------------- अनेक सालों तक, खुद ईश्वर मेरे सत्य की, कठोर अग्नीपरीक्षाएं तथा सत्वपरीक्षाएं ले रहा था ! मैं आगे भाग रहा था ! और अनेक सालों तक प्रत्यक्ष काल मुझे निगलने के लिए मेरे पिछे भाग रहा था ! मगर आज मैंने प्रत्यक्ष भयावह काल पर भी विजय प्राप्त कर दी ! क्योंकी मेरे पास था मेरे सद्गुरू आण्णा ने दिया हुवा , अद्भुत गुरूमंत्र का दिव्यामृत ! तो मैं क्यों और कैसे हारूंगा ? मैं तो केवल और केवल जितुंगा ही ! अती भयावह समाज मुझे नेस्तनाबूद करने के लिए, मुझे बरबाद, बदनाम करने के लिए मेरे पिछे,दिनरात भाग रहा था ! मगर आज वह समाज भी हार गया ! मैं जीत गया ! अनेक सालों का अती भयानक अपयश का जहर भी मुझे बारबार परेशान कर रहा था ! मगर आज अपयश भी हार गया ! अनेक सालों तक मृत्यु तक ले जाने वाली भयंकर बिमारियां भी परेशान कर रही थी ! मगर आज बिमारीया भी हार गई ! मैं जीत गया ! अनेक स्वकियों ने भी मेरे खिलाफ चारों तरफ से हल्ला बोल कर दिया ! फिर भी मैं आज जीत ही गया ! भयंकर खडतर जीवन समाप्त होकर , मैं मेरे सद्गुरु कृपा से ,मेरे भव्यदिव्य मंजिल की

पूंडलिका वरदे हारी विठ्ठल

 वारी.......!! ✍️ २२९९ विनोदकुमार महाजन ------------------------------ वारी चल रही है पंढरपूर की ! विठोबा रूक्मीणी के जयजयकार की ! सकल वैष्णवों का मेला जम गया ! जयहरी विठ्ठल नाम का जयजयकार हो गया ! वारी में वैष्णवों के संग पैदल चलते है मेरे विठूमाऊली रूक्मीणी के संग ! जय जय रामकृष्ण हरी मंत्र का होता है उद्घोष ! सभी जात सांप्रदाय का भेदभाव बिना जम गया विराट जनसागर ! क्या वर्णन करूं मैं सभी के ह्रदय के प्रेमामृत का अविरत संचारण ! कंधे पर भगवान की भगवी पताका है ! भागवत धर्म का यह अद्भुत संगम है ! चलो उठो ,हम सभी भी  विठूमाऊली के नामजप का जयजयकार लगाते है ! जयहरी विठ्ठल नाम का बडे भक्तिभाव से उद्घोष करते है ! ज्ञानबा तुकाराम नाम से आसमान का भी भेदन करते है ! हँसते खेलते नाचते गाते , बडे भक्तिभाव से, रामकृष्णहरी दिव्यमंत्र का , टालमृदंग के ,जल्लोष से , भजन करते है ! ज्ञानोबा तुकाराम ! जय हरी विठ्ठल ! जय हरी विठ्ठल ! जय जय रामकृष्णहरी ! पुंडलीका वरदे हारी विठ्ठल !! श्री ज्ञानदेव तुकाराम !! माऊली ! माऊली ! माऊली ! माऊली ! 🕉🚩🙏🕉🚩🙏

गुरूदत्ता

 गुरूदेव दत्त प्रभुराया यावे त्वरित धावुनी आम्हास तारावया. बहुविध तापे तापलो दत्तराया तव चरणांची असु द्या  आम्हावर छाया. विश्वउध्दारक कार्यासाठी शक्ती द्या गुरूराया. हेच मागणे निरंतर तव चरणाशी दयाळू गुरूराया. अवधूत चिंतन श्री गुरूदेव दत्त. दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा. विनोदकुमार महाजन पुणे

बचके रहना

 बचके रहना !! ✍️ २२९८ विनोदकुमार महाजन 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔 अजब रीत है दुनियादारी की मित्रों ! मुसिबतों का दौर तो हरेक के जीवन में आता ही है ! किसी को कम किसी को जादा मुसिबतें ! तो किसी के नशीब में जीवनभर के लिए, कभी भी समाप्त नहीं होनेवाले मुसिबतों के पहाड़ ! मुसिबतों के भयंकर क्षणों में हर व्यक्ति परेशान होता है ! मुसिबतों से छूटने का उपाय ढूंढता है ! इधर उधर की भागदौड़ करता है ! और ऐसे क्षणों में अगर कोई आधार देनेवाला मिल भी जाता है तो ? मन आनंदित हो उठता है ! मगर गजब की दुनियादारी में आधार देनेवाले कम मिलेंगे ! दुखदर्द, पीडा देनेवाले, रूलानेवाले बहुत मिलेंगे ! आर्थिक परेशानियों का दौर भी लगभग हरेक के जीवन में आता है ! ऐसे में मन विचलित रहता है ! दुखी रहता है ! मगर प्यारे दोस्तों , कभी कभी भयंकर उल्टापुल्टा भी होता है ! कैसे ? अगर हम मुसीबतों में किसीका सहारा बनते है तो ? विचित्र दुनियादारी के अनेक विचित्र लोग भी कभी कभी बडे विचित्र ही निकलते है ! सहायभूत होनेवालों को ,सहारा देनेवालों को ही निगलने की कोशिश करते है ! है ना बडी विचित्र दुनियादारी ? कभी कभी ऐसा भी अनुभव आता है कि, अगर जरूरत मं

सोचो

 " तुम " व्हाट्सएप फेसबुक खेलते रहो !! ✍️ २२९७ विनोदकुमार महाजन 🤫🤫🤫🤫🤫🤫🤫 " तुम " व्हाट्सएप, फेसबुक खेलते रहो ! " वो " अंडरग्राउंड होकर तुम्हारे निचे की जमीन, शातिर दिमाग से खोद रहे है ! तुम्हारे पास इसकी कोई तगडी काट नहीं है ! और नाही शक्तिशाली रणनीति ! " डूब मरो ! " क्योंकि भागने के लिए भी तुम्हारे पास कोई जमीन बची नहीं है ! " आसुरी साम्राज्य ??? " जबतक संपूर्णता जमीनदोस्त नहीं होता है तबतक तुम्हारे अस्तित्व का प्रश्न बना रहेगा !? आखिर तुम्हें बचायेगा कौन ?? आज " तुम्हारे पास " सोचने के लिए भी समय नहीं है ! " तुम्हारा " मकसद ? ओन्ली मनी ? " उनका " मकसद ? तुम्हारा सर्वनाश ?? 🤫🤫🤫🤫🤫🤫🤫

ठंडे दिमाग से

 ठंडे दिमाग से !! ✍️२२९६ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 बिल्कुल ठंडे दिमाग से , जबरदस्त तगडी रणनीती  के साथ ,वायुगती से , यशस्वी कृष्णनिती और  चाणक्यनिती से , नवराष्ट्र निर्माण तथा हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए, संपूर्ण देश में चारों तरफ से, हल्लाबोल तो करना ही पडेगा ! जाग उठ हिंदुस्तानी , अपनी दिव्य मंजिल की ओर हरपल ,नितदिन आगे आगे बढता जा ! चुनौतीयाँ अनगिनत है ! फिर भी जीतना हमारा उद्दीष्ट है !! हरी बोल 👍👍🕉🕉🕉

पाकिस्तान में ??

 पाकिस्तान में जैसी ??? ✍️ २२९५ विनोदकुमार महाजन ------------------------------- पाकिस्तान में ? ना मंदिर बचे है , ना मठ बचे है ! ना मंगलआरती की धून , ना पवित मंत्रोच्चार ! ना सुमधूर सुगम संगीत बचा है , ना ईश्वरी चिंतन ,मनन ! सबकुछ... भकास,उदास ,भयानक ! सबकुछ जमीनदोस्त हो गया ! बांग्लादेश,अफगाणिस्तान जैसे अनेक भू प्रदेशों में भी ! जी हाँ ! कौन जीम्मेदार ?? और अब बचेखुचे हिंदुस्थान में भी ?? फिरसे पवित्र भारतभूमी को ,यहाँ के संस्कार ,सिध्दांतों को  ...जमीनदोस्त बनाने की तैयारी ! दिनरात ! भयंकर षड्यंत्रों द्वारा ! और हम ?? निद्रीस्त ,बेफिकीर ,संवेदनशून्य ! मरे हुए मन से जीनेवाले ! और पैसा और पैसों से मिलनेवाले सभी सुखों को हासिल करने के लिए , दिनरात व्यस्त ! हुश्श....$$$ ना भविष्य की चिंता है ! ना मंदिर ,मठ फिरसे जमीनदोस्त होने की चिंता है ! और अगर समय हाथ से निकाल भी गया ? तो ? फिरसे भागने की तैयारी ! सबकुछ छोडकर ! दिनरात मेहनत करके कमाया हुवा धन ,दौलत ,वैभव सबकुछ छोडकर भागने की तैयारी ! कश्मीर की तरह ! भागो ! भागते रहो ! नामर्दों की तरह ! तेजोहीन समाज ! धधगता ईश्वरी तेज ही समाप्त हो गय

क्या यही लोकतंत्र है ?

 क्या यही लोकतंत्र है ??? ✍️ २२९४ विनोदकुमार महाजन --------------------------------- लगभग, सभी१३५ करोड़ भारतीयों को और विदेशों में बसे हुए, सभी भारतीयों को भी,मेरा एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है ! जिसके उत्तर की सभी से अपेक्षा करता हूं ! कितने लोग यह लेख पढेंगे ? 👌🏽कितने लोगों के मोबाईल में यह लेख जायेगा ? कितने प्रतिशत लोग इसपर गहराई से सोचेंगे ? और वास्तव जानेंगे ? कितने लोग यह मेसेज चारों तरफ आग की तरह ,संपूर्ण देश में फैलाकर ,समाज जागृती अभियान चलायेंगे ? कितने लोगों के मोबाईल में यह अत्यंत महत्वपूर्ण लेख जायेगा ? कितने लोग इसकी प्रिंट निकालकर ,हर गली गाँव ,चौराहे पर ,हर घर में , हर व्यक्ति को बाँटेंगे ? और कितने लोग समाज जागृती का प्रयास करेंगे ??? हर मंदिरों में ,इस लेख की प्रींट निकालकर,हर भक्तों को बाँटने का और इसका महत्व बताने का,महान कार्य कितने लोग करेंगे ? खुद जाग जावो ! साथ में हजारों ,लाखों लोगों को जगावो ! अनेक महत्वपूर्ण प्रश्न 👇👇👇जिसका आप सभी को तुरंत उत्तर देना है ! १ ) दिनदहाड़े, खुलेआम, अनेक लोगों की हत्याएं होती गई ,बलात्कार हो गये , खूनखराबा हो गया... फिर भी ना

यशस्वी चुनावी नतीजे

 अगले चुनावों के नतीजे कैसे रहेंगे ?? ✍️ २२९३ विनोदकुमार महाजन ---------------------------------- आज अत्यंत संवेदनशील मुद्दों पर ,इस लेख में विश्लेषण किया जायेगा ! अगले चुनावों के नतीजे कैसे रहेंगे ? मोदी सरकार ने २०२४ का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए ,एक रणनीति बनाई है ! ३५० पार यह नारा लेकर मोदी सरकार मैदान में उतरी है ! मगर मैं ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे इस लेख में लिख रहा हूं , जो चुनावी नतीजों के लिए निर्णायक साबित होंगे ! कर्नाटक विधानसभा चुनाव का उदाहरण सामने रखकर ही अगली रणनिती बनाई जायेगी ,इसमें कोई संदेह नहीं है ! क्योंकि कर्नाटक चुनाव में भाजपा की तरफ से जो कमीयाँ रह गई थी ,उसको निश्चित ही दुरूस्त करने का प्रयास किया जायेगा ! और यह मुद्दा जीत के लिए महत्वपूर्ण भी रहेगा ! मगर इसके साथ ही ,कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे ऐसे है ,जिसपर विचार होना और हल निकालना जरूरी हो गया है ! सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है  कि, १) घुसपैठियों के मतदान का और बोगस मतदान का ! इसको टालने के लिए सरकार के पास कौनसा विकल्प है ? २ ) पैसों का अनगिनत उपयोग किया जायेगा ,ऐसी संभावना प्रबल है ! इसका बंदोबस्त कैसे किया जायेगा ?

दुनियादारी

 दुनियादारी ! जब अभाव में होंगे तो सब दूर भाग जायेंगे ! और जब प्रभाव बढेगा तब दूरसे भी नजदीक आयेंगे !! विनोदकुमार महाजन

मेरे लेख

 मेरे राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय लेख ✍️ २२९२ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- सत्य की जीत के लिए , प्रखर राष्ट्राभिमान से प्रेरित होकर , सत्य सनातन धर्म के आदर्श सिध्दातों के लिए , वैश्विक मानवता की जीत के लिए , और भी अनेक विषयों पर आधारित , मैंने आजतक ईश्वरी प्रेरणा से,हजारों लेख लिखे है !  मगर आज की घडी में इसका मुल्यांकन क्या है ? शायद बहुत ही कम ! जैसा चाहिए वैसा सामाजिक परिवर्तन के अपेक्षित परिणाम चाहे आज कम दिखाई दे रहे हो ! मगर भविष्यकालीन समय में मेरे लेख राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्तर पर ,अनेक प्रकार की उथल पुथल करनेवाले है ! आज के मेरे लेख , वैश्विक सत्य सनातन के कार्यों की नींव है ! और नींव जब शक्तिशाली होती है , इमारत भी उतनी ही ताकतवर होती है ! मेरे अनेक लेखों की शायद आज की घडी में, किसी को कीमत समझ में नहीं आयेगी ! मगर जब संपूर्ण विश्व में मेरे लेखों द्वारा अनेक मानवतावादीयों द्वारा,ईश्वरी कार्य आरंभ होगा और दस दिशाओं में मेरे लेखों द्वारा और विविध माध्यमों द्वारा,कार्यों का विस्तार बढता जायेगा, उसी के द्वारा सनातन धर्म का कार्य भी बढता जायेगा... कार्य को गती म

कभी राम बनके

 कभी राम बनके ,कभी शाम बनके  ✍️ २२९३ विनोदकुमार महाजन ---------------------------- कभी राम बनके  कभी शाम बनके  समय के अनुसार अनेक रंग रूप  धारण करके...? रंग रूप बदलके... अधर्मीयों को मिटाना है !? धर्म राज्य धरती पर लाना है !! सत्ययुग के लिए  हम सबको आगे बढना है ! विष्णुजी के सभी रंग  रूपों की पूजा करते करते आगे बढते रहना है ! नया युग बनाना है ! नितदिन हम सबको... हम सभी राम और  शाम के भक्तों को... आगे आगे बढते ही रहना है ! हर दिन कार्य सफलता की ओर बढना है ! आओ सब मिलकर  साथ चलें कंधे से कंधा मिलाकर  चलें नया रास्ता अपनाते चलें ! धर्म की जीत की ओर चलें ! ज्योत से ज्योत जगाते चलें ! भगवान राम और कृष्ण के सिध्दातों को आगे आगे बढाते चलें ! नवयुग निर्माण की ओर बढते चलें ! हर कदम कामयाबी की ओर बढाते चलें ! हरी ओम् 👍👍👍 सौजन्य : - ए.जैन

मेरे लेख

 मेरे अनेक लेखों की शायद आज किसी को कीमत समझ में नहीं आयेगी ! मगर जब संपूर्ण विश्व में मेरे लेखों द्वारा ईश्वरी कार्य आरंभ होगा और दस दिशाओं में मेरे लेखों का और कार्यों का नाम हो जायेगा, शायद तब मेरे लेखों की कीमत सभी को समझ में आयेगी ! विनोदकुमार महाजन

झूठे आरोप

 झूठे आरोप लगाकर दूसरों का पूरा जीवन ही बरबाद करनेवालों का आखिरी कानूनी इलाज  क्या है ? पूरा वीडियो देखेंगे तो  सच्चाई समझ जायेंगे !

वैश्विक क्रांति के लिए !

 वैश्विक क्रांती के लिए... ✍️२२९१ विनोदकुमार महाजन ********************* आज संपूर्ण विश्वमानव भयंकर हाहाकार से त्रस्त है ! संपूर्ण सजीव सृष्टि भी खतरे में है ! हाहाकार की परीसीमा के कारण सृष्टिसंतुलन बिगडता जा रहा है ! संपूर्ण सृष्टिचक्र का संतुलन समाप्त होता जा रहा है ! इसका प्रमुख कारण है,चारों तरफ से आसुरिक शक्तियों ने हाहाकार, उन्माद फैलाया हुवा है ! क्या मैं सही लीख रहा हूं ना ?? पृथ्वी निवासी पवित्र सजीव,वरदायिनी, गौमाताओं का आक्रंदन और श्राप से , समस्त देवीदेवता भी शायद  चिंतीत है ! सभी सजीवों पर अनेक कारणों से भय का साया है ! उन सभी को जीने का ईश्वरी प्रादत्त अधिकार है ! उन सभी को अभय चाहिए ! मगर उनका तारणहार कोई नहीं बचा है ! अगर संपूर्ण विश्व के मानवतावादी और मानवताप्रेमी ,निसर्ग प्रेमी ,पशुपक्षी प्रेमी सभी राष्ट्र प्रमुख , एक होकर ,हाहाकारी ,हैवानियत का सदा के लिए , जमकर विरोध करेंगे,बंदोबस्त करेंगे तो ? अथवा ? वि×× ही करेंगे तो ? सभी समस्याओं का हल मिल जायेगा ! ऐसे कार्यों को तो तुरंत गति मिलनी चाहिए ! इस गंभीर तथा अतीसंवेदनशील विषय में मैं ,मोदीजी ,अमित शाहजी , योगी आदित्य

क्रांति

 हिंदुत्व जगाने आया हूँ हिंदुत्व जगाकर ही रहूंगा ! विश्व में क्रांति करने आया हूँ वैश्विक क्रांति करके ही रहुंगा !! विनोदकुमार महाजन

देव , देश और धर्म के लिए !!

 देव ,देश और धर्म के लिए ?? ✍️ २२८९ विनोदकुमार महाजन 🕉🚩🕉🚩🕉🚩 देव , देश , और धर्म  के लिए जिन्होंने संपूर्ण जीवन ही समर्पित किया है , उनको धन , वैभव ,ऐश्वर्य , यश ,किर्ती, सभी प्रकार के सुख ,राजऐश्वर्य , साक्षात स्वर्गीय सुख भी , किस काम के ?? देव , देश ,धर्म के लिए जिन्होंने सभी सुखों का आजीवन त्याग किया है , उनको प्रलोभन , धन लालसा कैसे बाधित करेंगे ? अथवा चाहे दुखों के कितने भी पहाड़ पार करने पडेंगे तो भी...अपने सिध्दातों पर ऐसे महात्मा अडीग ही रहते है ! मगर आज की घडी में ऐसे " संपूर्ण समर्पित " , महात्मा समाज में कितने प्रतिशत मिलेंगे ?? एक प्रतिशत ? या उससे भी कम ? ऐसे समर्पित व्यक्ति चाहे एक प्रतिशत भी क्यों न हो ?? निन्यानबे प्रतिशत को भारी ही पडेंगे !! क्योंकी उनके " निस्वार्थ भाव " का कोई मोल नही होता है ! " अनमोल रतन !! " विश्व परिवर्तन की लहर लाने के लिए ,मुझे ऐसे " एक प्रतिशत ! " वाले ही चाहिए !! मिलेंगे ? कब ?? इंतजार जारी रहेगा ! हरी ओम् 🤝🤝🤝🤝🤝🤝

आसुरों का सर्वनाश

 आसुरों का सर्वनाश ?? ✍️ २२८८ विनोदकुमार महाजन 👹👺👹👺👹👺 संपूर्ण देश से और संपूर्ण विश्व से जबतक " आसुरों का " सर्वनाश नहीं होगा तबतक ? संपूर्ण देश में और संपूर्ण विश्व में " रामराज्य की " संकल्पना असंभव है !! और तभी संपूर्ण मानवसमुह और सभी सजीव भयमुक्त होंगे ! मगर " आसुरों का सर्वनाश " कौन करेगा ? ईश्वर ?? ❓⁉❓⁉❓⁉

देवता आसुरों को मृत्युदंड क्यों देते है ?

 देवता आसुरों को मृत्युदंड ही क्यों देते आये है ?? ✍️ २२८७ विनोदकुमार महाजन ********************* सभी देवीदेवता परम कृपालु, दयालु , सर्वहितकारी ,शांत ,संयमी ,सभीपर दिव्य प्रेम करनेवाले ही होते है ! मगर क्या देवताओं को भी क्रोध आ सकता है ? जी हां ! और देवताओं का क्रोध भयंकर होता है ! जिससे कोई भी बचता नहीं है ! और जब आसुरिक शक्तियों का प्राबल्य होता है ,चारों तरफ अधर्म का अंधेरा फैल जाता है ,चारों तरफ हाहाकार मच जाता है , मानवता संपूर्ण मर जाती है , निष्पाप जीवों पर अत्याचार बढते है , जब आसुरिक शक्तियों द्वारा, ईश्वर भक्तों को भी नरकयातनाएं दी जाती है,सजीव प्राणीयों को तडपाया जाता है... तब...?? ईश्वर जरूर क्रोधित हो उठता है ! और ईश्वर का क्रोध भी भयंकर होता है ! उन्मत्त ,उन्मादी ,हाहाकारी शक्तियों को ईश्वर कठोर दंडित ही नहीं करता है ,बल्कि ऐसे पापात्माओं को मृत्युदंड भी देता है ! जी हाँ ! इसीलिए ईश्वर को कभी भी क्रोधित नहीं करना चाहिए ! अनेक बार देवीदेवताओं ने उन्मत्त ,उन्मादी शक्तियों को मृत्युदंड देकर ही ,सामाजिक असंतुलन समाप्त करके ,सामाजिक सौहार्द तथा शांति स्थापित की है ! और आखिर म

तानाशाह क्यों चाहिए ?

 तानाशाह क्यों चाहिए ?? ✍️ २२८६ विनोदकुमार महाजन ---------------------------------- जो सख्ती से सभी घुसपैठियों को तुरंत बाहर निकालेगा ? जो तुरंत गोहत्या बंद करेगा और गौहत्यारों को तुरंत मृत्युदंड देगा ? जो एक ही रात में कठोर कानून द्वारा देश का सारा अराजक समाप्त कर देगा ? जो तुरंत हिंदुराष्ट्र बना देगा ? जहाँ हिंदुओं की आबादी कम हुई है वहाँ पर दूसरे स्थानों से हिंदुओं को भेजकर, वहाँ उनको नौकरी धंदा देकर , असंतुलन समाप्त कर देगा ? जो आक्रमणकारियों के गली,गाँव, शहरों के नाम तुरंत हटाकर , पुर्वेइतिहास के नाम बहाल कर देगा ? जो आक्रमणकारियों ने अन्याय से हस्तगत की हुई सारी भूमी ,मठ ,मंदिरों पर बिठाया गया अवैध कब्जा हटा देगा ? जो हर हिंदुओं को समझा बुझाकर हिंदुत्व का आचरण सख्ती से सिखाएगा ? जो गद्दार जयचंदो को सबक सिखाएगा ? जो फ्री का लालच तुरंत समाप्त कर देगा ? जो सख्ती का धर्मांतरण तुरंत रोक देगा ? जो धर्मांतरित लोगों को ससंन्मान अपने धर्म में वापस लेगा ? जो सख्ती से चारों तरफ यज्ञ ,होम हवन आरंभ करके ,संपूर्ण पृथ्वी का असंतुलन समाप्त करने के लिए, पर्याप्त उपाययोजनाओं को अमल में लायेगा ? जो

ईश्वर को भी भगाएंगे ?

 ईश्वर को भी भगाएंगे ?? ✍️ २२८५ विनोदकुमार महाजन ********************* हमारे जीवन में अनेक बार, हमारे ही अखंड कल्याण के लिए ,ईश्वर गुप्त रूप से हमारे नजदीक आकर रहता है ! हमें पता भी नहीं चलता है ! अथवा हमें समझने भी नहीं देता है ? मगर अनेक कर्मदरीद्री लोग उस ईश्वर को भी पीडा ,दुखदर्द देकर दूर भगाते है !? सदीयों से  हिंदुओं की भी यही स्थिति है !!? उन्हें हितकारी कौन और अहितकारी कौन यही समझ में नहीं आता है !!? तो उन्हें कर्मदरीद्री कहना ही ठीक रहेगा ना ? आप ही बताईये ! अब यही देखो ना , मोदिजी ,अपनी दिनरात की कडी मेहनत से,हर एक देशवासियों को सुखी, समृद्ध, वैभवशाली, आनंदित ,सुसंस्कृत करना चाहते है ! यही वास्तव है ना ? और उल्टाअनेक देशवासी ?? मोदिजी को ही बारबार रूलाते है !! वाह रे समाज रचना का अचंभित करनेवाला ,अनाकलनीय गणीत ? तो फिर, जिन्हें ईश्वरी लीला भी नहीं समझ सकती है तो ? उन्हें कर्मदरीद्री कहना ही उचित रहेगा ना ? ऐसे कर्मदरीद्रीयों का कल्याण भी कौन करेगा ? कैसे करेगा ? और क्यों करेगा ? आखिर ईश्वर को भी भगाने वाले लोग जो ठहरे ? विश्वासघातकी !! हरी ओम् 🤦‍♂️🤫🐍🤔🤔

क्रूर शासक ?

 क्या देश को आज क्रूर शासक चाहिए ?? ✍️ २२८४ विनोदकुमार महाजन ******************** जनता का कल्याण करने के लिए , शासकों को हमेशा कठोर निर्णय ही लेने पडते है ! विशेषतः देव , देश और धर्म के लिए ही संपूर्ण जीवन समर्पित करनेवाले शासकों को हमेशा सजग रहकर ही निर्णय लेने पडते है ! और देश का भयंकर पीडादायक,क्लेशदायक अराजक हटाकर ,देश और देशवासियों के चौफेर कल्याण के निर्णय लेने के लिए , कानून प्रणाली हमेशा कठोर और सख्त बनानी पडती है ! पत्रकार , लेखक ,कवी हमेशा अपनी जागृत प्रज्ञा से शासकों को सर्वहितकारी निर्णय लेने के लिए प्रेरित करते रहते है ! मोदिजी के सामने मेरी प्रज्ञा भी य:कश्चित हो सकती है ! फिर भी,इसी लेख द्वारा एक ऐसा ही देशहित के लिए छोटासा प्रयास ! वैसे तो देश और संपूर्ण विश्व भी आज भयंकर विचित्र तथा अराजकीय स्थितियों से गुजर रहा है ! और भयंकर मुसिबतों के समय में हमारा आदर्श राष्ट्र ,देवीदेवताओं का देश ,संपूर्ण विश्व के लिए तथा वैश्विक राजनीति के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकता है ! क्योंकि वैश्विक कल्याण की परीभाषा हमारे अनेक आदर्श धर्मग्रंथों ने हमें सिखाई है ! संपूर्ण मानवसमुह का वैश्वि

आत्मघाती समाज

 आत्मघाती समाज ?? ✍️२२८३ विनोदकुमार महाजन ********************* लालची, आत्मघाती, लाचार, स्वाभिमान शून्य ,बिकाऊ कौन ? यह तो " कर्नाटक " के नाटक से ही सिध्द हो गया है ! ऐसे लोगों से क्या और कौनसी अपेक्षा करते हो ? " महाभयानक राक्षसों " , के संगत में आकर ,खुद का ,अगली पिढी का , और देश का भी सर्वनाश कर देंगे ऐसे विश्वासघातकी लोग ?? ढूंढने से भी इसका इलाज नहीं मिलेगा ! ऐसे लोगों के लिए क्या सचमुच में , तानाशाही ही काम आयेगी ?? क्योंकि इनको तो क्रूर, लुटेरे, हत्यारे ,मुगल, अंग्रेज ,तानाशाह की ही गुलामी करने की भयंकर बुरी बिमारी सी लग गई है ? और अब , ऐसी भयंकर स्थिती में ,केवल और केवल फिरसे तानाशाही ? ही लगानी पडेगी ?यही एकमेव और अंतिम उत्तर बचा है ? बचने का ? सक्ती का कानून ! और सक्ती से ही सात्विक आचरण की और धर्म अवलंबन की कारवाई ! जो धर्म द्रोह करेगा ? चाहे वह अपना हो या पराया , तुरंत मृत्युदंड का कानूनी प्रावधान ! ऐसा हुआ तभी सत्य बचेगा ! अन्यथा ? सर्वनाश अटल है ? चारों तरफ, घनघोर अंधेरे का साम्राज्य फैला हुआ है !  " काला राज्य ( ? ) , काला अंधेरा ( ? ) " मगर

दुनियादारी

 दुनियादारी के पिछे मत भागो ! ✍️ २२८२ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- दुनियादारी और दुनियावालों के पिछे मत भागना मेरे दोस्त ! बडी विचित्र होती है दुनियादारी ! दुनियादारी और दुनियावाले तो तुम्हें पागल बनाकर ही छोडेंगे ! उसके बाद भी मौन और शांत नहीं बैठेंगे ,बल्कि पागलों का भी जीना हराम कर देंगे ! उसका भी उत्पीड़न कर देंगे ! उसको भी पीडा , दुखदर्द, यातना देंगे ! उसको भी रूलायेंगे ! उसका भी सुखचैन छीनेंगे ! अनेक निष्पाप जीवों का भी जीवन मुश्कील कर देंगे ! यही दुनियादारी है मेरे दोस्त ! और यही दुनियावालों का दस्तूर भी है ! बडे बडे संत ,महंत ,महापुरुषों को भी , सिध्दपुरूष ,अवतारी पुरूषों को भी ऐसी दुनियादारी ने नहीं छोडा है ! तो तुम कौन हो ? इसिलिए दुनियादारी और दुनियावालों के पिछे भागना छोड दे बंदे ! अगर भागना ही है तो ईश्वर के पिछे भाग ! वहीं तुम्हारा आखिरी तारणहार है ! और वही तुम्हारा उध्दारक भी है !! हरी ओम्

हे ईश्वर !

 हे ईश्वर !! ✍️ २२८१ विनोदकुमार महाजन 🐂🐂🐂✅✅✅🕉 हे ईश्वर , हे दुर्गामाता,  हे गौमाता, मुझे इतना बलवान और शक्तिशाली बना देना की, हर गौहत्यारों को मैं तुरंत  फाँशी पर चढा दूंगा ! उरूग्वे देश में ठीक ऐसा ही कानून है ! तो हमारे यहाँ ऐसा कानून क्यों नहीं ? गोपाल की भूमी में ?? सख्त कानूनव्यवस्था बनाओ, देश बचाओ !! सख्त कानूनव्यवस्था बनाओ , गौवंश बचाओ !! विनोदकुमार महाजन

आँसुओं का मोल ?

 आँसुओं का मोल ✍️ २२८० विनोदकुमार महाजन --------------------------------- हमारे दुखदर्द का ,हमारे आँसुओं का मोल अगर किसी को नही समझता है , तो आखिर उस व्यक्ती के सामने आँसू बहाने से क्या फायदा ? और ऐसे स्थानों पर रहने से भी क्या फायदा ? जहाँ प्रेम है , वहीं हमारे आँसुओं की कीमत समझी जा सकती है , वहींपर हमारे आँसुओं का मोल समझा जा सकता है ! मगर प्रेम भी कैसा चाहिए ? माँ जैसा पवित्र , निष्पाप ,निरपेक्ष प्रेम होगा तभी आँसुओं की कीमत समझेगी ! मगर दिखावे का प्रेम , स्वार्थी ,ढोंगी प्रेम को आँसुओं की कीमत कैसे समझेगी ? वैसे तो असली प्रेम भी बडा विचित्र होता है ! और ऐसा प्रेम,सर्वसमावेशक और निर्लज्ज भी होता है ! मतलब प्रेम में मान - अपमान ,स्वार्थ - मोह ,मेरा - तेरा ऐसा कुछ होता ही नही है ! इसमें संपूर्ण समर्पण होता है ! मगर मतलबी दुनिया में समर्पित प्रेम मिलना भी लगभग असंभव है ! यही देखो ना... माँ अपने बेटे को गालियाँ देती है ,दो चार रट्टे भी मारती है ! फिर भी वह बच्चा सबकुछ भूलकर ,फिर माँ माँ जैसी रट लगाता रहता है ! और माँ के आसपास मँडराते रहता है ! बडे प्रेम से ! माँ के चार रट्टे भूलकर ! यह