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Showing posts from May, 2022

दूसरों को संन्मान देंगे तभी...

 दूसरों को संन्मान देंगे, तभी संन्मान से जीवन जियेंगे ----------------------------- अगर दूसरों का ह्रदय से संन्मान करेंगे, तो खुद बखुद दूसरे भी हमारा संन्मान ही करेंगे। मगर दूसरों को अपमानित करेंगे, तो अपमानित जीवन ही जियेंगे। जो दूसरों को इज्जत करता है, अनायासे दूसरे भी उसकी इज्जत करते है। यह कुदरत का कानून है। यह ईश्वर का कानून है। किसी के स्वाभिमान पर चोट करेंगे,उसे अपमानित, प्रताडित करेंगे... तो स्वाभाविक ही ऐसा करना, बूमरैंग ही होगा। अगर चिंटी को भी अपमानित करेंगे, उसके उपर पैर रखेंगे, तो वह चींटी भी तुम्हारा प्रतिशोध ही लेगी।और छोटासा जीव होनेपर भी,काटेगी तो जरूर। निरीक्षण करके देखो,पशुपक्षी भी अपमान का प्रतिशोध लेते है।और प्रतिशोध की आग भयंकर होती है। किसी की सहायता करनेपर भी,अगर वह व्यक्ति सहायता करनेवाले पर ही प्रहार करती है,और उसको प्रताडित करती है...तो वह प्रताडित व्यक्ति यह अपमान कतई नहीं भूलता है।और मौके की तलाश में रहकर, मौका मिलते ही,जानबूझकर अपमानित करनेवाले पर...प्रतिघात तो करता है। और ऐसा स्वाभाविक भी है। इसिलए साथीयों, सदैव दूसरों का संन्मान करेंगे तो दूसरे भी हमे स्

क्रांति

 व्यापक क्रांति के लिए https://globalhinduism.online/?p=2414 व्यापक क्रांति के लिए तगडी रणनीति बनाई जा रही है। राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय क्रांति के लिए तैयार हो जाईये। यूग बदल रहा है। विश्व व्यापक हिंदुत्व जाग रहा है। धैर्य रखिए, सबकुछ ठीक होगा। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

धर्म की जय हो

 धर्म की जय हो... *ऊर्ध्वबाहुर्विरौम्येश न च कश्चिन्छृणोति मे ।* *धर्मादर्थश्च कामश्च स किमर्थं न सेव्यते ।।* *भवार्थ:-* मैं दोनों हाथ ऊपर उठाकर पुकार-पुकारकर कह रहा हूँ, पर मेरी बात कोई नहीं सुनता । धर्मसे मोक्ष तो सिद्ध होता ही है अर्थ और काम भी सिद्ध होते हैं तो भी लोग उसका सेवन क्यों नहीं करते।              🙏🏻🌹🙏🏻     ईश्वर को अपना "न्यायाधीश" मानने वाला व्यक्ति जिंदगी का हर मुकदमा जीतता जरुर है वह भी नि:शुल्क बस "न्यायाधीश" के संविधान पर विश्वास होना चाहिए।              🌹🙏🏻🌹  *अहिंसा परमोधर्मः धर्म हिंसा  तथैव च।, यतो धर्म: ततो जय:, शस्त्रमेव जयते, शठे शाठठ्यम् समाचरेत्।* *सनातन धर्म सर्वोपरि।*            🌹🙏🏻🌹    *🚩🚩🕉🕉जय श्री राम जी जय हनुमान जी 🕉🕉🚩🚩🚩*                                        संकलन : - विनोदकुमार महाजन         🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹          🚩🕉️🕉️🙏🏻🚩

गंगा मैया आ गई

 गंगामैय्या आ गई,गौमाताओं का भी आशिर्वाद मिल गया। ---------------------------- कुछ ईश्वरी संकेत हमें समझ में आते है,तो कभी कभी हमें ईश्वरी संकेत तो मिलते है, मगर समझ में नही आते है। बहुत दिनों से मैं माँ गंगा को और गौमाता को बारबार पूकार रहा था।मगर कुछ संकेत नही मिल रहे थे। गंगाजल प्राप्त हो इसिलिए भरसक प्रयास कर रहा था।मगर माँ गंगा नही सुन रही थी। गंगा किनारे रहनेवाले एक मित्र को भी गंगाजल भेजने के लिए बारबार कहता था। और आज अचानक, एकाएक माँ गंगा बिना माँगे घर में आ गई,प्रकट हो गई।अर्थात बिनामाँगे गंगाजल प्राप्त हो गया। मतलब साफ है,ईश्वरी विश्व कार्य के रास्ते आसान हो गये। माँ गंगा के चमत्कार तो सर्वश्रुत ही है। इसी प्रकार से गौमाताओं के अनुभव भी अनेक पुण्यवंतों को मिलते है। कुछ दिनों से यह प्रचिती मैं भी महसूस कर रहा हुं। गौमाता को खाना देने को जाता हुं,तो मेरे हाथों से खाना खाते खाते,वह गौमाता का दूध अकस्मात निकलना शुरू हो जाता है। मतलब अपने बेटे को देखकर माँ के स्तन से दूध बहना शुरु हो जाता है। उसी प्रकार से गौमाताओं का भी मुझे यह अनुभव मिला है।मुझे देखकर उसके स्तनों से दूध बहना शुर

जीवन का सफर

 जीवन का सफर ! जिनके लिए जान हथेली पर लेकर चला, उन्होंने ही धोके दिए तो क्या करें ? खूब प्रेम भी किया दुनिया पर, मगर नफरत के बाजार में, प्रेम के बदले जहर ही मिला तो क्या करें ? जिनके सुखों के लिए ह्रदय निकालकर दिया, उन्होंने ने ही पीठ में खंजर धोंप दिया, तो दोष किसका ? रोने के लिए अब आँखों में अश्रू भी ना बचें, तो व्यर्थ का रोना भी बंद हुवा ! यही दुनिया है, यही दुनिया दारी भी है यारों ! इसी का नाम है जिंदगी, इसी का नाम है जीवन जीवन का सफर , चलता जा प्यारे,चलता जा ! बिना थके,बिना हारे खुद के लिए ना सही, ईश्वर के लिए, ईश्वरी सिध्दांतों के लिए, मस्त कलंदर बनकर, आगे आगे बढता जा प्यारे ! मंजील मिलने की , मंजील की ओर बढने की, चिंता छोडकर, एकेक कदम बढता जा ! जीवन का सफर, पूरा करने के लिए, आगे आगे चलता जा ! आगे आगे चलता जा ! विनोदकुमार महाजन

जीवन का सफर

 जीवन का सफर ! जिनके लिए जान हथेली पर लेकर चला उन्होंने ही धोके दिए तो क्या करें ? जिनके सुखों के लिए ह्रदय निकालकर दिया उन्होंने ने ही पीठ में खंजर धोंप दिया तो दोष किसका ? इसी का नाम है जिंदगी इसी का नाम है जीवन जीवन का सफर चलता जा प्यारे,चलता जा बिना थके,बिना हारे खुद के लिए ना सही ईश्वर के लिए ईश्वरी सिध्दांतों के लिए आगे आगे बढता जा प्यारे मंजील मिलने की  मंजील की ओर बढने की चिंता छोडकर एकेक कदम बढता जा जीवन का सफर पूरा करने के लिए आगे आगे चलता जा आगे आगे चलता जा विनोदकुमार महाजन

आत्मा बेचकर

 खुद की आत्मा बेचकर दूसरों के सोने के राजमहाल में कोई कैसे रह सकता है ? स्वाभीमानशून्य और  लाचार जीने से मृत्यु भी  बेहतर होती है विनोदकुमार महाजन

एक इमानदार हजारो बेईमानों पर भारी पडता है

 एक इमानदार व्यक्ती सिध्दांतों से समझौता कभी भी नही कर सकता है। सिध्दांतों के लिए ऐसे व्यक्ती सदैव मर मिटने के लिए भी तैयार रहते है और शायद इमानदार व्यक्ती बेईमानों की तरह हेराफेरी करके आगे जाने की कभी कोशीश भी नही करता है इसिलिए एक इमानदार व्यक्ती हजारो बेईमानों पर भारी पड जाता है विनोदकुमार महाजन

दो विरूद्ध सिध्दांत

 दो विरूद्ध सिध्दांत वाले एक जगह पर हरगिज नही रह सकते किसी सामाजिक संगठन के लिए भी यह प्रयोग किया जायेगा तो वह संगठन भी बरबाद हो जायेगा गांधीजी ने यही प्रयोग इस देश में किया... और यही प्रयोग की वजह से आज देश बर्बाद हो रहा है विनोदकुमार महाजन

सत्य वचन

 सत्य वचन.....              🙏🏻🌹🙏🏻     माना कठिनाई आने से, आदमी अकेला हो जाता है,पर कठिनाई आने पर ही, अकेला व्यक्ति मजबूत होना सीख जाता है।               🌹🙏🏻🌹  *अहिंसा परमोधर्मः धर्म हिंसा  तथैव च।, यतो धर्म: ततो जय:, शस्त्रमेव जयते, शठे शाठठ्यम् समाचरेत्।* *सनातन धर्म सर्वोपरि।* केवल सनातन धर्म के लिए ही जीवन समर्पित            🌹🙏🏻🌹    *🚩🚩🕉🕉जय श्री राम जी जय हनुमान जी 🕉🕉🚩🚩🚩*                                          संकलन : - विनोदकुमार महाजन         🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹          🚩🕉️🕉️🙏🏻🚩

शाबास पठ्ठे

 शाबास रे धर्म द्रोही हिंदुओं औरंगजेब से प्यार करनेवालों को सरपर लेकर नाचते हो और कट्टर सनातनी हिंदुओं से नफरत करते हो शाबास रे पठ्ठे बाघों देश बरबाद करते रहो धर्म द्रोहिंयों पर प्रेम करते रहो राष्ट्र प्रेमीयों को अपमानित करते रहो धन्य है तुम्हारे माता पिता की मिरची लगी ना पढकर ? सुधरो, अभी भी समय है विनोदकुमार महाजन

मोदी है तो मुमकीन है

 मोदी है तो मुमकीन है... एक संकल्प २०२४ : - हिंदुराष्ट्र निर्माण २०२८ : - अखंड भारत २०३६ : - हिंदुमय विश्व संकल्प को सिध्दीयों में बदलने का काम हम सभी राष्ट्रवादीयों का है... मोदी है तो नामुमकीन कुछ भी नही है विनोदकुमार महाजन

दो शस्त्रों की जरूरत है

 दो शस्त्रों की जरूरत है... ----------------------------------- कोई कल्पना विलास कहे या कोई भावनिक रचना कहे, आखिर सत्य तो सत्य होता है। अगर विश्व परिवर्तन की अपेक्षा करनी है तो सबसे पहले...दिमागी पटल पल उसी विषय में कल्पना चित्र अधोरेखित करना पडता है।कल्पना चित्र संकल्प में और संकल्प सिध्दीयों में बदल जाता है...तब परिवर्तन की परीभाषा अधोरेखित होती है। सबसे पहले मनोवैज्ञानिक तरीकों से जीत के लिए और अपेक्षित परिणामों के लिए, सुप्त संकल्पना अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यूध्द पर निकला है,और शत्रू कौन है यही पता नही... तो ऐसी मनोदशा में युध्दमैदान पर कोई उतरता है तो... संभवत: यशप्राप्ती की अपेक्षा करना गलत होगा। जो कोई सुयोग्य संकल्पना आगे आती है और उसे कार्यान्वित करने के लिए योजनाएं बनाना आरंभ होता है तो...और उसके अनुसार एक यशस्वी रणनीती बनती है तो... मनभेद, मतभेद, मतमतांतर या आशंका स्वाभाविक है।मगर हेतुपुरस्सर बुध्दीभेद द्वारा सफलता के बारे में जानबुझकर रोडा अटकाना,और कार्य सफलताओं में अनेक बाधाएं और विघ्न, विघ्न संतोषी लोगों द्वारा अथवा समाज  के कुछ विघातक शक्तियों द्वारा की जा सकता है। इ

क्या आप हिंदु राष्ट्र बनाना चाहते है ?

 क्या आप हिंदु राष्ट्र बनाना चाहते है...??? साथीयों, क्या आपको सचमुच में हिंदुराष्ट्र चाहिए ? क्या आपको अखंड भारत चाहिए ? क्या आपको रामराज्य भी चाहिए ? क्या आपको सोने की चिडिया वाला संपन्न हिंदुराष्ट्र भी चाहिए ? जो आप चाहते है वह सबकुछ मिलेगा। आप सभी को बस्स.... एक ही काम करना है। कौनसा ??? चुनाव चाहे कौनसा भी हो। ग्रामपंचायत हो नगरपंचायत हो, नगरपालिका हो, महानगरपालिका हो, तालुका पंचायत हो, जिल्हा परिषद हो, बैंक चुनाव हो, शक्कर कारखाना चुनाव हो, विधानसभा हो, या फिर... लोकसभा चुनाव हो.... चुनाव कभी भी हो और कौनसा भी हो.... बस्स्....आप सभी को केवल और केवल एक ही काम करना है।  *कमल का बटन दबाना है।*  केवल और केवल बिजेपी को ही चुनना है। मोदिजी, योगीजी,अमीत शाहजी जैसे अनेक प्रखर राष्ट्र योध्दाओं को ही चुनना है। केवल और केवल कमल को ही याद रखना है। तो....??? बस्स्.... हो गया आपका काम। उत्तर से दक्षिण तक पूरब से पश्चिम तक चारों दिशाओं में गूंजेगा केवल बिजेपी का ही नाम। पूरे भारत में चलेगा केवल कमल का ही...निशाण। तब... हिंदु राष्ट्र भी बनेगा। अखंड भारत भी बनेगा। और ईश्वरी राज्य की संकल्पना भी प

नेरेटीव फैलाना

 🕉️  🔱 *जलती कलम से*✍️ *इस्लाम और ईसाइयत को बढ़ाने के लिए कुछ सरकारों ने सब कुछ किया गया तब किसी को कोई समस्या नहीं हुई परंतु जैसे ही आज राष्ट्रवादी सरकारों के बूते हिन्दूओ ने अपनी खोई हुई सनातन संस्कृति को जीना शुरू किया, इस्लाम की काली सच्चाई को देखना-दिखाना शुरू किया.. तुरंत जिहादियों के साथ साथ कुछ सेक्युलर हिन्दू चिल्लाने लगे कि सरकार बस हिंदू मुस्लिम करती है विकास नहीं करती-एक विश्लेषण* देश विरोधी मानसिकता रखने वाले या भाजपा के अतिरिक्त किसी अन्य राजनीतिक पार्टी को पसंद करने वाले लोगों के द्वारा आज कल एक ही नैरेटिव चलाया जा रहा है कि योगी मोदी सरकारे बस *धर्म* के नाम पर ही नौटंकी कर रही हैं, *विकास नहीं कर रही, रोजगार नहीं दे रही।* *वो कौन थे*???????  जिन्हें देश के आजाद होते ही रोजगार और विकास न चाहा कर अपने लिए अलग मुल्क की आकांक्षा थी और वो भी सिर्फ धर्म के आधार पर.... विश्व के साथ-साथ भारत में भी होने वाले अधिकतर संघर्षों में धर्म ही मुख्य कारक रहा है....????????  *इस्लामिक लुटेरों को मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाने की जिद धर्म के कारण ही तो थी।*  *हिंदुओं को ईसाइयत और इस्ला

भारतीय चिकित्सा पध्दती

 _*नीचे दी गईं कुछ बातों को अपने जीवन से तालमेल करते हुए विचार करें कि........*_ _*क्या मेडिकल माफिया सही में सक्रिय है?*_ *1.पहले सिगरेट को प्रमोट किया ।* *2. फिर प्राणघातक रिफाइंड को promote किया ।* *3. सरसों के शुद्ध तेल और देशी घी का विरोध किया ।* *4 .बच्चों के लिये अमृत समान देशी गाय के दूध और शहद के स्थान पर ,कैंसर कारक sikkmed milk powder को promote किया।* *5.खिचड़ी के स्थान पर 7 दिन पुरानी ब्रेड को promote किया।* *6.सेंधा नमक के स्थान पर समुद्री नमक को promote किया ।* *7.मधुमेह एवं रक्तचाप के मानक क्यों बदले जाते रहे हैं?* *8. बीमारी के समय खाने पीने के निर्देश देने की प्रथा बंद करके क्यों अन्य बीमारियों को बढा़ने में सहयोग किया गया?* *9. आपरेशन से बच्चा पैदा होना, घुटनों का निरन्तर बढ़ता प्रत्यारोपण, जीवन पर्यंत रक्तचाप व मधुमेह की गोलियां खाना क्या कहीं माफिया का कुचक्र तो नहीं?* *क्या मेडिकल माफिया ने इन सबको आपकी भलाई के लिये prmote किया ⬇️* *1.क्या किसी मेडिकल माफिया ने आपको बताया कि उच्च रक्तचाप (BP) , URIC ACID और अन्य acid आदि की समस्या की जड़ चाय है ?*  -- *मैंने जब चाय छ

कडक बात

 बात कडवी है,मगर सत्य है... गहराई से देखो और सोचो भी कडवे राष्ट्र द्रोहीयों का एक भी राष्ट्रद्रोही विरोध नही करता... मगर कडवे राष्ट्र प्रेमीयों का विरोध करनेवाले, अनेक हिंदुही मिलेंगे... ऐसा क्यों ? जब राष्ट्रद्रोही दंगाई होता है तो साधारणतः एक भी पाकिस्तान प्रेमी दंगाईयों का विरोध नही करता है बल्की मूकसमर्थक बनता है... और अगर गलती से भी कोई राष्ट्रप्रेमी पर दंगाई बनने का झूटा आरोप भी होता है तो... अनेक हिंदु ही उस राष्ट्रप्रेमी को नेस्तनाबूत करनेपर तूले होते है ऐसा क्यों ? राष्ट्रद्रोहीयों पर मोर्चा निकलनेवाले कभी पाकिस्तान प्रेमी देखे है क्या...? मगर राष्ट्रप्रेमीयों के खिलाफ मोर्चा, धरणा आंदोलन करनेवाले बहुत मिलेंगे... आखिर ऐसा क्यों ? बात कडवी है,और सत्य भी है विनोदकुमार महाजन

ऐ मुगल ए आझम

 ऐ,मुगल - ए - आझम ---------------------------- ऐ,मुगल ए आझम तेरा वक्त आ गया है अब तुझे तेरे मंगोलिया वापस लौटने का ! यहाँ आकर तुने तो बहुत लुटपाट की, अत्याचार किए...! लुटारू बनकर तुने बहुत अनाचार भी किए ! भरकस कोशीश की तूने हमारी आदर्श संस्कृती सदा के लिए समाप्त करने की हमारे आदर्शों को दफनाने की ! हमारे ही लोगों का मनोबल तोडा तुने तलवार की तेज धारपर और उन्हे भी  गुलाम बनाया जीवनभर के लिए तुने ! मगर अब तेरे पापों के  पूरे के पूरे घडे भर गये है, क्योंकी अब हमारा....  *शंभू महादेव ही खुद*  जाग गया है ! और जमीन के निचे से अब महादेव तुम्हारे सर्वनाश के लिए खुदाई में उपर उठकर खुद आ गया है ! अब तुम्हारा सर्वनाश पक्का  तय है, ऐ - मुगल - ए - आझम सदा के लिए, बोरा बिस्तर लपेटकर तेरा मंगोलिया भाग जाने का, समय अब नजदीक आया है ! ऐ - मुगल - ए - आझम जल्दी लौट जा यहाँ से... मंगोलिया के लिए, तेरा पूरा नामोनिशाण मिटाकर ! अब बाबरी भी हट गई, हट जायेंगे पूरे के पूरे तेरे पापों के कलंक और  पापों के कलंक के... पूरे नाम ! लुटारू,खूनी, आक्रमणकरी,रक्तपिपासु औरंग्या का भी,अकबर का भी नामोनिशाण मिट जायेगा अब सदा क

देव,देश और धर्म रक्षा अभियान

 आत्मरक्षा,देशरक्षा के लिए अगर हिंदु बोलता है तो रविश जैसे लिब्रांडू बवाल  मचाते है.... और अगर हिंदु धर्म पर कोई अधर्मी प्रहार करता है तो ऐसे बिकाऊ शांति से तमाशा देखते है.... सबसे पहले बेईमानों का तुरंत बंदोबस्त होना अत्यावश्यक  हो गया है देव,देश और धर्म रक्षा के लिए.. जनजागृती अभियान आरंभ हो चुका है विनोदकुमार महाजन

जब जीवन जिने की इच्छाशक्ति समाप्त होती है...तब...

 *जब जीवन जिने कि इच्छाशक्ती* *समाप्त होती* *है....तब....*  ---------------------------- जब अनेक सालों तक कठोर तपश्चर्या, कडी मेहनत, कडा संघर्ष करनेपर भी,अपेक्षित यश,परिणाम नही मिलते है...तब आदमी हताश, उदास हो जाता है।उद्विग्न हो जाता है...अनेक जहर के सागर पार करने पर भी,अथवा अनेक जालिम जहर हजम करने के बाद भी,जब अपने ही भयंकर आत्मक्लेश देते है ... तब उद्विग्न होना,अथवा जीवन के प्रती उदासीन होना सहजस्वाभाविक ही होता है। ऐसे समय में किसी महापुरूषों, पुण्यपुरूषों द्वारा कुछ अच्छी घटनाएं होती है..तब आत्मक्लेश, उदासी नाराजी समाप्त होती है।और मन में फिरसे नवचैतन्य की लहर सी दौड आती है। मेरे दादाजी,अर्थात मेरे सद्गुरू आण्णा के देहावसान के बाद मुझे,उद्विग्न मनस्थिती में मानसिक आधार देकर, प्रेरणा देकर,आगे का रास्ता दिखाने वाला कोई नही था। जहर देनेवाले तो बहुत मिले जालिम दुनिया में... मगर जहर हजम करने की शक्ती देनेवाला कोई नही मिलेगा... मुसिबतों की घडी में। मगर सत्पुरूषों के आधार के दो शब्द भी उदास मन को,नवसंजीवनी देकर कार्यान्वित करने की क्षमता रखते है। प.पू.पंडित लक्ष्मण बालयोगीजी ने मुझे अनेक

कितने गिरे हुए हो तूम

 कितने गिरे हुए हो तूम ??? ---------------------------------- पूरे देशवासियों, संपूर्ण पृथ्वी के मानवताप्रेमीयों,सभी धर्मीय भाई - बहनों.... मेरी बात आप सभी को गौर से सुननी ही है,मेरा लेख अंत तक पढना ही है। और हो सके तो आपको इसपर प्रतिक्रिया भी देनी है। ज्ञानवापी का सत्य देखकर और वहां के खुदाई में निकले शंभू महादेव की अनेक सालों की दुर्दशा देखकर, मेरे आँखों में आँसु आ गये। साक्षात मेरे महादेव की इतनी भयंकर दुर्दशा ? सचमुच में कितने गिरे हुए तुम हो ? और तुम्हारे साथ प्रेम, भाईचारे का नाता ही हम आखिर क्यों रखें ? कितने दिनों तक रखें ? सचमुच में इतनी दुर्दशा मेरे महादेव की तुमने बनाई है...और यह सत्य जानते हुए भी तुम्हे कभी बूरा नही लगा मेरे... " भाईयों ???"  सचमुच में बूरा नही लगा आपको ? या आप में से किसी को भी ? किसी एक को भी ? मेरे महादेव को आप वहां जाकर बारबार रौंदते रहे।मेरे महादेव को अपमानित करते रहे...बारबार...। कितना प्रेम किया हमने तुमपर ? अपना भाई समझकर ? हम सहिष्णू... सभी पर निरंतर, निरपेक्ष, निस्वार्थ, निर्वाज्य प्रेम करनेवाले और तुमपर प्रेम ही किया ना तूम पर...हमनें..

लडाई होगी आरपार की !!!

 अब तो लडाई होगी,आरपार की...!!! लक्ष्मण बालयोगीजी की हुंकार ! अब लडेंगे आरपार ! अगस्त क्रांती का नारा होगा बुलंद ! संपूर्ण देश को जगाने का दिया है आदेश ! आदेश है महादेव का ! नवयुग निर्माण का ! नवनाथों का भी आदेश ! अगस्त्य क्रांती को मिलेगा, व्यापक जनादेश ! उठो हिंदु वीर हो, नींद से जाग जावो ! देश में है क्रांती लानी ! अब हमें है नई दुनिया बनानी ! जाल को बेदखल करना है ! नौटंकी बाजों का मुखौटा सामने लाना है ! देश का कप्पा कप्पा जगाना है ! चैतन्यमय समाज बनाना है ! ताई,माई,आक्का, दादा,मामा,काका, जागो रे जागो ! हिंद के वीरों जागो ! आदेश, आदेश, आदेश !!! शब्दांकन : - विनोदकुमार महाजन... अब आगे...👇👇👇 *!!_राष्ट्रीय अवधारणा व कांग्रेसी जाल_!!                   हरि ॐ तत्सत। राष्ट्रऋषि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में विगत 08 वर्षों में भारत और विदेशों में अनेकानेक बदलाव हुए हैं लेकिन,इन बदलावों से विदेशी मीडिया व गद्दार नेहरु गांधी परिवार का हाजमा बिगड़ गया है और ये भी छद्मवेशी हिंदू  हितैषी का राग अलापकर एक ओर हिंदुओं एवं दूसरी ओर मुसलमानों का हमसफर बनकर मोदी को बदनाम करने का अथक

योगीबाबा की जय हो

 अहो महोदय, सुनिए तो जरा, उत्तर प्रदेश में धडाधड बाबा बुलडोजर से समाज में शिघ्रगती परिवर्तन ला रहे है। और उत्तर प्रदेश भी गती से चौतरफा प्रगती कर रहा है। और गैंगस्टर,माफिया राजवाले शरण आकर माफी माँग रहे है। यह दृष्य पूरे देश में क्यों नहीं दिखाई दे रहा है। जब बाबा का बुलडोजर देश में चलेगा, तब देश भी धडमधाम से विकास की ओर बढेगा। जय हो,जय हो योगीबाबा की। विनोदकुमार महाजन

जाल है ये

 " जाल " की काट खोजो  -------------------------------- भयानक जाल बिझाया है, हर जगहों पर, जगहों जगहों पर " विशिष्ट " आदमी लगा के रखे है.... जो भी आगे आने की कोशिश करेगा, साम,दाम,दंड,भेद नितीद्वारा चकनाचूर किया जायेगा। क्या दिमाग लगाया है ? मगर इस भयंकर जाल की भी काट निकाली ही उस पठ्ठे ने। नाम है पठ्ठे का :- नरेंद्र दामोदरदास मोदी भयंकर जाल की काट खोजकर, 370 हटाया जो नामुमकिन सा लग रहा था। राममंदिर बनवाया जो कोर्ट में लटका गया था। अब हिंदुराष्ट्र और हिंदुहितों के लिए भी काट खोजनी होगी। ठंडे दिमाग की काट। कानूनी काट। निकालेगा वह बंदा, काट जरूर निकालेगा। वह भी कानून के दायरे में रहकर। क्या भयानक षड्यंत्र था। बहुसंख्यक समाज को कानूनी तरीकों से काबू में रखकर समाप्त करने का.... जहरीला षड्यंत्र। और उपर से ? षड्यंत्रकारी ही भगवान बन बैठे। आज भी पुतलों में बैठे है। भगवान बनकर। जाल लगाकर अनेक राष्ट्रप्रेमीयों को,महात्माओं को... बरबाद कर दिया। आज भी यह सिलसिला चालू ही है। " महत्वपूर्ण " स्थानों पर " उनके आदमी " हर जगहों पर पहरेदारी कर रहे है। राष्ट्र निर्माण

अनादि अनंत सनातन धर्म की जय हो

 अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का निर्माण विश्व पटल पर आदर्श भारतीय सनातन संस्कृति को पुनर्स्थापित करने हेतु , सभी साधनों का तथा विविधांगी मार्गों का प्रयास किया जायेगा। जिसमें, विश्व के सभी देशों में ,और सभी देशों के सभी शहरों में गुरूकुल निर्माण, गौशाला निर्माण किया जायेगा, जिसके द्वारा संपूर्ण विश्व स्तर पर सुसंस्कारित तथा आदर्श पिढी का निर्माण होगा। इसके साथ ही,हर जगहों पर, यज्ञ,होमहवन द्वारा सृष्टि संतुलन, सभी सजीवों को अभय,पेड - जंगल - जल संवर्धन तथा संगोपन देने हेतु सभी देवीदेवताओं को आमंत्रित किया जायेगा। वैश्विक शांति तथा विश्व सनातन को गती देने हेतु, विविधांगी प्रयोग किए जायेंगे। जिसमें टिवी,अखबार, किताबों का निर्माण, विश्व के संपूर्ण भाषाओं में संस्कृति संपन्न, सामाजिक फिल्मों का निर्माण किया जायेगा। फिल्मों के निर्माण में कथा - पटकथा - संवाद - गीत - गायन - संगीत - अभिनय - फोटोग्राफी - विशिष्ट लोकेशन द्वारा, फिल्मों में जान लाने की कोशिश की जायेगी।जिसके द्वारा समाज परिवर्तन को गती मिल सके।और एकसंध समाज बनकर, ईश्वराधिष्टीत समाज निर्माण में सहजता आ सके,और सभी मानवसमुह फिरसे सनातन के म

ऐसे सांसद

 *इंदिरा गांधी के जमाने की एक सच्ची बात मिली है जो अभी तक हम इस से रूबरू नहीं था।* *जो आप तक पहुंचा रहा हूं, आशा है आप इसे पढ़ेंगे।* 👇🏻 *गुरुकुल घरोंदा के एक आचार्य जनसंघ के टिकट पर सांसद बन गए, तो उन्होंने सरकारी आवास नहीं लिया । वे दिल्ली के बाजार सीताराम, दिल्ली-6 के आर्य समाज मंदिर में ही रहते थे । वहाँ से संसद तक पैदल जाया करते थे कार्रवाई में भाग लेने।* *वे ऐसे पहले सांसद थे, जो हर सवाल पूछने से पहले संसद में एक वेद मंत्र बोला करते थे। वे सब वेदमंत्र संसद की कार्रवाई के रिकार्ड में देखे जा सकते हैं। उन्होंने एक बार संसद का घेराव भी किया था, गोहत्या पर बंदी के लिए ।* *एक बार इंदिरा गांधी ने किसी मीटिंग में उन स्वामी जी को पांच सितारा होटल में बुलाया। वहां जब लंच चलने लगा तो सभी लोग बुफे काउंटर की ओर चल दिये । स्वामी ही वहां नही गए । उन्होंने अपनी जेब से लपेटी हुई बाजरे की सूखी दो रोटी निकाली और बुफे काउंटर से दूर जमीन पर बैठकर खाने लगे।* *इंदिरा जी ने कहा - "आप क्या करते हैं ? क्या यहां खाना नहीं मिलता ? ये सभी पांच सितारा व्यवस्थाएं आप सांसदों के लिए ही तो की गई है ।"

मनुष्यों को पशुपक्षियों की तरह निरोगी रहना है तो क्या करें ?

 *बन्दर कभी बीमार नहीं होता।।*  किसी भी चिड़िया को डायबिटीज नहीं होती।  किसी भी बन्दर को हार्ट अटैक नहीं आता ।कोई भी जानवर न तो आयोडीन नमक खाता है और न ब्रश करता है, फिर भी किसी को थायराइड नहीं होता और न दांत खराब  होता है । बन्दर शरीर संरचना में मनुष्य के सबसे नजदीक है, बस बंदर और आप में यही फर्क है कि बंदर के पूँछ है आप के नहीं है, बाकी सब कुछ समान है। तो फिर बंदर को कभी भी हार्ट अटैक, डायबिटीज , high BP , क्यों नहीं होता है? एक पुरानी कहावत है बंदर कभी बीमार नहीं होता और यदि बीमार होगा तो जिंदा नहीं बचेगा मर जाएगा! बंदर बीमार क्यों नहीं होता? हमारे एक मित्र  बताते हैं कि एक बहुत बड़े,प्रोफेसर हैं, मेडिकल कॉलेज में काम करते हैं । उन्होंने एक बड़ा गहरा रिसर्च किया कि बंदर को बीमार बनाओ। तो उन्होने तरह-तरह के virus और वैक्टीरिया बंदर के शरीर में डालना शुरू किया, कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी और माध्यम से । वो कहते है,मैं 15 साल असफल रहा,लेकिन बंदर को कुछ नहीं हुआ । मित्र  ने प्रोफेसर से कहा कि आप यह कैसे कह सकते है कि बंदर को कुछ नहीं हो सकता ?तब उन्होंने एक दिन यह रहस्य की बात बत

किताबें क्या लिखती है ?

 मनोरोगियों की लिखी किताबें बच्चों को इतिहास कहकर पढ़ाना बन्द हो ..................................... आज बाबू सरस्वती प्रसाद हम से मिलने आए थे।। हमारे बहुत पुराने मित्र। देश दुनिया की बातों में बड़ी रुचि रखते हैं। आज हमने उनसे निजी बात की। हमने कहा कि आपके घर के सामने तो एक बरगद का बहुत बड़ा पेड़ है और आपके घर के पिछवाड़े एक झील है और आपके सारे घर में पानी भरा रहता है और आप लोगों को बहुत कष्ट है और रहने के लिए बहुत थोड़ी सी जगह है और आपका परिवार बड़े कष्ट में है।बड़े दुःख की बात है।मुझे बडी चिन्ता रहती है आजकल। इस पर वे तमतमा गए और उन्होंने कहा कि आप किसी मनोचिकित्सालय  में तुरंत भर्ती होइए या मैं ही ले चलता हूं आपको। लगता है आपका मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है। इस पर मैंने बताया कि नहीं आपके घर में एक बार बाहर से आया एक सब्जी बेचने वाला  1 दिन गया था। वह इस इलाके का नहीं है, विधर्मी हैं और वह बहुत दूर रहता है, पर उस दिन अचानक इस इलाके में आ गया था और वह आपको एक लौकी देने गया था ।आप ने पुकारा तो ठेले से लौकी लेकर आपके घर गया और फिर वह चला गया । वह मुझे आज रोशनाबाद में  मिला था और आज उसने

जालीम दुनिया

 जालीम दुनिया इस दुनिया में पाणी पाणी करके कोई तडप तडप कर मर रहा होता है तब पाणी पिलाने वाला भी कोई सचमुच में मिल भी सकेगा ? अमृत पिलाने वालों की तो दूर की बात है उल्टा जहर पिलाने वाले ही बहुत मिलेंगे दोस्तों इस जालिम दुनिया में बडी बेरहमी दुनिया है और बडी पत्थर दिल भी अमृत पिलाकर तृप्त करनेवाले बस्स्..... दो ही रिश्ते होते है एक जनमदात्री माँ और दूसरे सद्गुरु मुसीबतों की घडी में जो हमारे लिए खूब रोयेगा वही असली रिश्ता  कहलायेगा मायवी, मतलब की दुनिया में ऐसा रिश्ता सचमुच में  मिलेगा भी ? और अगर मिलेगा भी तो कहाँ मिलेगा ? बडी जालीम है दुनिया विनोदकुमार महाजन

पाप का कलंक

 यह पाप का कलंक कब मिटेगा ? https://globalhinduism.online/?p=2284 यह पाप का कलंक कब मिटेगा ? कौन मिटायेगा ? बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में हिंदुओं पर ही अत्याचार क्यों ? आखिर कब तक सहेंगे हम यह भयंकर अत्याचार ? क्या हिंदु गुनहगार है ? सोचो,समझो, जानो,जागो साथीयों अधर्म का अंधीयारा भयावह है 80,000 सैनिकों के निगराणी में होती है अमरनाथ यात्रा कब तक चलेगा यह भयंकर सिलसिला ? हिंदुओं के साथ हो रहा निरंतर, नितदिन का अत्याचार कौन रोकेगा ? हिंदु सहनशील, सहिष्णू होते है, इसका फायदा कबतक  उठाते रहेंगे कुछ लोग ? और हमारे ही धर्म के कुछ लोग कब तक इसे अनदेखी भी करते रहेंगे ? कब तक ? आत्मतेज जगाओ साथीयों आत्मसन्मान जगाओ स्वाभिमान से जीने के लिए आत्मसन्मान जगाओ हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

लोहा लोहे को काटता है

 लोहा लोहे को काटता है। --------------------------- जी हाँ, लोहा ही लोहे को काटता है। ठंडा लोहा गरम लोहे को काटता है। कुछ लोग भी ठंडे लोहे की तरह कठोर भी होते है और भयानक समस्याओं की तोड भी होते है। ठंडे दिमाग के मगर ईश्वरी अधीष्ठान पर चलने वाले और अधर्म को मिटाने की पूरी क्षमता रखने वाले,क्रूर शासक। वैसे तो आदमी क्रूर नही होता है।एक तो नियती उसको क्रूर बनाती है,अथवा समाज। तक्षक का नाम आपने सुना होगा।उसके बचपन में ही उसका सारा परिवार अधर्मीयों द्वारा गाजर मूली की तरह काट दिया था। और अनायास ही तक्षक भी भयंकर क्रूर हो गया,जहरीला हो गया। ठंडा अग्नीकुंड। और आगे चलकर एक राजा का प्रधान भी बन गया।और हैवानों को,अधर्मीयों को क्रौर्य धारण करके,गाजर मूली की तरह काट डाला। तक्षक। जब अत्याधिक अत्याचार कोई सहता है तो,वह भी भयंकर क्रूर बनता ही है। मगर यह क्रौर्य भी धर्म रक्षा के लिए ही चाहिए।अन्यथा क्रौर्य भी गुनहगार बनाकर आजीवन तडपाता रहता है। वैसे ही आदमी जहरीला भी नही होता है।मगर समाज ही कुछ इंन्सानों को अत्यधिक अत्याचारों द्वारा भयंकर जहरीला बनाता है। विषकन्या तथा विषपुत्रों का प्रयोग भी धर्म रक्ष

लालच,लाचारी और स्वाभीमान शून्यता

 लालच,लाचारी और स्वाभिमान शून्यता। ------------------------------- साथीयों, विश्व पटलपर अमरीका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इटाली जैसे अनेक देशों ने कडी मेहनत से संपन्नता तथा आर्थिक स्थैर्य खिंचकर लाया। राजनैतिक तीव्र इच्छाशक्ति की वजह से वहां का समाज आर्थिक संपन्न भी हुवा और सामान्य लोगों को आर्थिक स्थैर्य प्राप्त होकर, एक स्वाभीमानी जीवनशैली का उच्च कोटि का जीवन प्राप्त हुवा।और अनायास ही धर्मावलंबी समाज भी बनाया गया।उनके धर्म के प्रति कोई बुरा कहता,करता है तो...तुरंत कानूनी सख्त एक्शन लिया जाता है। मगर मेरे देश को ही क्या हो गया ? सोने की चिडिय़ा वाला देश दरीद्री कंगाल क्यों हुवा ? क्या गलतियां थी हमारी ? राजनैतिक तीव्र इच्छाशक्ति का अभाव या जानबूझकर भयंकर, विपर्यस्त कूटनीति द्वारा सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक खच्चिकरण किया गया हमारे देश में ? अगर हाँ...तो इसका जिम्मेदार कौन ? खैर,अब मूल विषय पर आते है। मेरे समाज की भयंकर दुर्दशा देखकर अंदर से भयंकर पिडा होती है,दर्द होता है। मेरा समाज लालची, लाचार, स्वाभिमान शून्य, हीन, दीन ,धर्म के प्रती उदास देखता हुं तो आँखों से अनायास ही आँसू आते है। आर्थ

टोपी के निचे

 " टोपी " के निचे ..क्या छुपा है ? ------------------------------- "टोपी " बहुत शक्ति रखती है। और उसके निचे ? बहुत कुछ छुपा हुवा है। सबसे महत्वपूर्ण बात, पातालयंत्री दिमाग। जो दिनरात जबरदस्त आक्रामक एवं स्फुर्तीला रहता है,और किसी को कुछ समझ में भी नही आता है। भयंकर तेज दिमाग। संपूर्ण वैश्विक घटनाओं पर बारीकी नजर और कुनिती द्वारा , " दुसरों को " उखाड़ फेंकने की विचारधारा, शक्ति और क्षमता। टोपी के निचे भयंकर शातिर दिमाग की योजनाएं चलती है। और किसी को कुछ पता ही नहीं चलता है। मगर टोपी कौनसी ? जो आप सभी सोच रहे है... "वही।" " और हम ??? " सौ प्रतिशत गहरी नींद में। और उपर पैसा कमाने की होड और लालच। सत्यानाश कर दिया ऐसी सोच ने। " उनकी " रणनीति सौ प्रतिशत है.... और " हमारी " शून्य। जी हाँ।बिल्कुल शून्य। और उपर से हमारे बीच की भयंकर खिंचतान।आपसी बैर। दुसरों को निचा दिखाने की और पैर खिंचने की होड। अगर " हमारा " कोई आगे आने की कोशिश करता है... तो...? हम ही उसे मनोवैज्ञानिक हमले करके समाप्त करते है। और उपर से, जीत की सै

फिरसे लगे रहो

 फिरसे लगे रहो मुन्नाभाई... -------------------------------- जीवन बहुत टेढामेढा होता है। कुछ लोग भी बहुत ही टेढेमेढे भी होते है। और तब ऐसी मुश्कील की घडी में एक सच्चा पत्रकार, अथवा सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला हर इंन्सान हमेशा जड तक पहुंचकर सच्चाई बाहर निकालने की कोशीश में रहता है। इसके लिए अनेक बार अनेक टेढेमेढे रास्ते भी अपनाये जाते है। अनेक टेढेमेढे शब्दों के बाण भी छोडे जाते है। ह्रदय की छलनी होकर सत्य बाहर निकालने का और उसे उजागर करने का प्रयास भी होता है। अनेक चुभते हुए प्रश्नों से पत्रकार हमेशा सत्य की खोज में रहता है। और यही सच्ची पत्रकारिता भी होती है। बुलेट प्रूफ...पत्रकारिता। मगर कही बार ऐसा अनुभव होता है की,अमृत भी बाहर निकलता नही है और जहर भी। तो भी सच्चा पत्रकार हताश उदास नही होता है। संजय दत्त की फिल्म आयी थी.... " लगे रहो मुन्नाभाई " मगर कसे हुए पत्रकार ...मुन्ना भाई ...को तो बारबार कोशिश करनेपर भी जब हाथ में कुछ भी नही लगता है... तब वह मन ही मन में,खुद के मन को यही समझाता होगा... " फिरसे लगे रहो मुन्नाभाई " अगला प्रयास विफल नही होगा। और राष्ट्रनवनि

दुखदर्द में साथ निभाए ं,वही असली दोस्त होता है

 दुखदर्द में साथ निभाए,वही दोस्त होता है... दुखदर्द केवल उसी को ही बताए जो हमारा दुखदर्द समझ सके और योग्य रास्ता भी दिखा सके। हमारा उदास चेहरा देखकर ही जिसका ह्रदय पिघल जाता है,और दो शब्दों का आधार देता है.... वही असली रिश्ता होता है। ऐसे रिश्ते कहाँ मिलेंगे ? दुखदर्द, अंदर की वेदना, पिडा उसी को ना बताए की, तुम्हारा दुखदर्द देखकर वह अंदर ही अंदर खुश हो जाएं। परखकर दोस्ती करेंगे तो ही मुसिबतों से दूर रह सकेंगे। अन्यथा मनस्ताप और पश्चाताप के सिवाय हाथ में कुछ भी नही लगेगा। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

भैरव की पूजा होती है जहाँ,सुखशांती रहती है वहाँ

 ॐ शिवगोरक्ष योगी आदेश ८-५-२०२२ । भैरव कोतवाल । एक पुरानी पोस्ट हिंदू सनातनी देवताओं में भैरव जी का बहुत ही महत्व है, इन्हें काशी का कोतवाल एवं रक्षक देव कहा जाता है । भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित है, भैरव शिवजी के गण और माता पार्वती के अनुचर माने जाते हैं । पुराणों में उल्लेख है कि शिव के रूधिर या क्रोधाग्नि से भैरव की उत्पत्ति हुई, बाद में उक्त रूधिर या अग्नि के दो भाग हो गए- पहला बटुक भैरव और दूसरा काल भैरव । नाथ सम्प्रदाय में इनकी पूजा का विशेष महत्व है, भैरव की आराधना का दिन रविवार और मंगलवार नियुक्त है । पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह को भैरव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया है, उक्त माह के रविवार को बड़ा रविवार मानते हुए व्रत रखते हैं । भैरव आराधना से पूर्व जान लें कि कुत्ते को कभी दुत्कारे नहीं बल्कि उसे भरपेट भोजन कराएँ । गृहस्थों को पवित्र होकर ही उस्ताद की आराधना करनी चाहिए, उनके लिए अपवि‍त्रता वर्जित है । कापालिक, अघोरी और विरक्त साधुओं के लिए कोई भी नियम मान्य नहीं, वो अपनी व्यवस्था अनुसार साधना करते है । भैरव जी के अनंत रूप है जि