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Showing posts from March, 2023

भारत की नई संसद !

 भारत की नई संसद में पहुंचे प्रधानमंत्री !! ✍️ २२३२ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 यह बेहतरीन तस्बीर देखी आपने ? भारत की नई संसद भवन की ? सांसदों को बैठने के लिए, बनाए गये नये तरीकों के बेंच ! उन सभी का रंग ? भगवा ! संसद भवन का रंग भी ? भगवा ! और नई संसद भवन में जाने की टाईमिंग ? संपूर्ण देश में, हिंदुराष्ट्र निर्माण की माँग ? जोर पकड़ रही है ? क्या दर्शाता उस महात्मा का दिमाग ? भविष्य में जरूर कुछ होनेवाला है ? जबरदस्त तरीकों से ? हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए ?? यही तो वह संकेत है ? नई संसद में,नई लोकसभा में, कुल सीटें होंगी ? 888 8 अंक ? भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित अंक ? क्रांति का और नये युग निर्माण का शंखनाद हो रहा है ? " पांचजन्य ! " बज चुका है ? नई संसद में , राज्यसभा में, 384 सीटें ? फिरसे बीच में 8 ? 888 सीटों का,नई लोकसभा में, निर्माण ? और बाकी सिटें कहाँ से बढेगी ? पाकव्याप्त कश्मीर ? साथ में नेपाल भी ? शांत और मौन रहकर,  उस...  " देवदूत के महानिर्णय का " इंतजार किजिए ! " भविष्य में बहुत कुछ  होनेवाला है ! " जरूर होनेवाला है ! ईश्वरीय शक्तीयों की पुनर्

बागेश्वर धाम

 बागेश्वर धाम सरकार, और हिंदुराष्ट्र निर्माण !! ✍️ २२३१ विनोदकुमार महाजन 🕉🚩🕉🚩🕉🚩 बागेश्वर धाम के श्री.धिरेंद्र शास्त्रीजी सचमुच में इतिहास बना रहे है, इसमें कोई भी संदेह नहीं है ! इसी विषय पर थोड़ा विस्तृत विवेचन करते है ! सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है की, बागेश्वर धाम के धिरेंद्र शास्त्रीजी, इतनी कम उमर में इतने लोकप्रिय कैसे हो गए ? इतनी उंचाईयों तक कैसे पहुंच गए ? पिछले जन्म के पुण्यप्रभाव से और प्रारब्ध गती के अनुसार, इतनी कम उमर में ही,उनपर सद्गुरु जी की असीम कृपा हो गई ! और इसी कारण ,उनको अपरीमीत ईश्वरी कृपा भी प्राप्त हो गई ! इतनी कम उमर में ही ,उनको अनेक सिध्दियां भी प्राप्त हो गई ! उनके दादाजी का भी संपूर्ण पुण्यप्रभाव, धिरेंद्र जी के पिछे खडा हो गया ! और दादाजी के कारण ही,उन्हे जागृत बागेश्वर हनुमानजी की कृपा भी प्राप्त हो गई ! तंत्र मार्गों में ,धिरेंद्र जी ने,अनेक उंचाईयों को हासिल किया है , परिणाम स्वरूप, इतना बड़ा जनसागर और जनसागर की संपूर्ण शक्तीयों को,अपने पिछे खडे करने में यशस्वी होते हुए दिखाई देते है ! आजतक के इतिहास में, सचमुच में, यह एक रिकार्ड है ! अनेक बडे बडे

सुखी होने का उपाय ?

 सुखी होने का उपाय ? ✍️ २२३० विनोदकुमार महाजन ------------------------------ सुखी होने का सबसे बेहतरीन उपाय कौनसा है ? ह्रदयशून्य बनना ? देश में भयंकर अराजकता का माहौल है ?...अराजकता आँखों से देखी नहीं जा रही है ?...सब बेबस,मजबूर हो ? ह्रदयशून्य बनो ? हिंदुत्ववादीयों पर हमले हो रहे है ? विशेषतः केरल,पश्चिम बंगाल में ? यह देखकर, अंदर ही अंदर, भयंकर दुखदर्द, पीडा होती है ? ह्रदयशून्य बनो ? पाकिस्तान, बांगलादेश में हिंदुओं की स्थिती दयनीय बनती जा रही है ? ह्रदयशून्य बनो ? देवीदेवताओं को,साधुसंतों को बदनाम किया जा रहा है ? ह्रदयशून्य बनो ? संस्कृती पर दिनरात भयंकर हमले हो रहे है,और विकृतियां जोरों से बढती जा रही है ? ह्रदयशून्य बनो ? ईश्वरतूल्य मोदिजी को बदनाम किया जा रहा है ? ह्रदयशून्य बनो ? देश में समाजविघातक शक्तियों का जोर है ? ह्रदयशून्य बनो ? हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए, यथोचित और अपेक्षित परिणाम नही मिल रहे है ? ह्रदयशून्य बनो ? कार्यों में अपेक्षित यश तथा परिणाम नहीं मिल रहे है ? ह्रदयशून्य बनो ? ह्रदयशून्य समाज में रहना भयंकर मुश्किल हो रहा है ? ह्रदयशून्य बनो ? अपने ही भयंकर दुख

मोदी ? बूरा क्यों है ?

 मोदी बुरा क्यों है ? ✍️ २२२९ विनोदकुमार महाजन 🤔🤔🤔🤔🤔🤔 मोदी कालाधन बाहर निकालता है - इसिलिए मोदी बुरा है ? मोदी भ्रष्टाचारियों को छोडता नहीं है - इसिलिये मोदी बुरा है ? मोदी नोटबंदी करके,सभी के काले धन के कारनामे, एक ही झटके में बंद करता है - इसिलिये मोदी बुरा है ? मोदी सत्य के मार्ग पर चलता है - इसिलिये मोदी बुरा है ? मोदी चंदन तीलक लगाता है - इसिलिये मोदी बुरा है ? मोदी अनेक मंदिरों का जिर्णोद्धार करता है - इसिलिए मोदी बुरा है ? मोदी गरीबों का रखवाला है,तारणहार है ...और पापीयों का,उन्मत्त... उन्मादियों का कर्दनकाल है - इसिलिए मोदी बुरा है ? मोदी देश को हर क्षेत्र में, अनेक उंचाईयों तक ले जा रहा है - इसिलिये मोदी बुरा है ? मोदी संपूर्ण विश्वभर में देश की और संस्कृति की,आन..बान..शान..बढा रहा है - इसिलिए मोदी बुरा है ? मोदी गलत लोगों का तुष्टीकरण नहीं करता है - इसिलिए मोदी बुरा है ? मोदी पैसा नहीं खाने देता है - इसिलिए मोदी बुरा है ? मोदी देश में स्वच्छता अभियान चलाकर, देश की अनेक सालों की,सभी प्रकार की गंदगी, राजनैतिक गंदगी भी,सदा के लिए हटा रहा है - इसिलिए मोदी बुरा है ? ताली,थाल

निसर्ग और नियती ?

 निसर्ग और नियती मनुष्य प्राणीयों को नही छोडेगी ?? ✍️ २२२८ विनोदकुमार महाजन --------------------------------- खुद का अती स्वार्थ, मोह,मद,मत्सर,अहंकार की वजह से, मनुष्य प्राणियों ने आजतक अती भयंकर गलतियां की है ! और इसी वजह से निसर्ग पर,निसर्ग नियम पर ,कुदरत के कानून पर भयंकर अत्याचार भी किये हुए है ! और आज भी यही सिलसिला लगातार जारी है ! खुद के स्वार्थ के लिए, मनुष्यों नै,निष्पाप जीवोँ की हत्याएं की है ! उनके खून की नदीयां बहाई है ! क्या ईश्वर ने मनुष्यों के लिए, पर्याप्त मात्रा में ,यथोचित भोजन की व्यवस्था नहीं करके रखी है ? फिर भी मनुष्य हाहाकारी क्यों बना ? और अदृश्य नियती ?? मनुष्यों की क्रूरता का,अती भयंकर स्वार्थ का,भयावह पाप का दूरसे निरीक्षण करती रही ! निशब्द होकर ! मौन रहकर ! और अती स्वार्थान्ध मनुष्य ? हरदिन अती उन्मत्त बनता गया ! कुदरत को ही हर पल ललकारता रहा ! और नियती पर ध्यान रखनेवाला ईश्वर ? चौ-यांशी लक्ष योनियों का पूरा हिसाब - किताब रखने वाला,अदृश्य ईश्वर, सभी के जन्म मृत्यु की नोंद रखने वाला ईश्वर ? अदृश्य रूप से यह मनुष्य प्राणीयों का एक अतीभयावह खेल देखता रहा !भयावह

बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में रहकर

 बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में रहकर,हिंदुओं से नफरत क्यों ? ✍️ २२२७ विनोदकुमार महाजन 😡😡😡😡😡😡😡 यह देश बहुसंख्यक हिंदुओं का देश है ! और कुछ लोग बहुसंख्यक समाज में रहकर ,उनके खिलाफ ही षड्यंत्र करते है ! उन्हें ही बदनाम करते है ! उनके देवीदेवताओं पर अभद्र टिप्पणी करते है !उन्हींसे नफरत करते है ! हिंदुओं को ही समाप्त करने की जहरीली भाषा बोलते है ! क्या यह यथोचित तथा न्यायसंगत है !  और मतों के लाचार,  हमारे ही कुछ लोग,ऐसे नमकहराम, बेईमान लोगों का साथ देते है तो , क्या सचमुच में यह लोकतंत्र है ? हम हिंदु सहिष्णु जरूर है ! सभी पर प्रेम करनेवाले ! सभी से अच्छा रीश्ता निभाने वाले ! सभी धर्मों को ,सभी मत - पंथों को सहर्ष स्विकारने वाले ! फिर भी हिंदुओं से नफरत, बैर, द्वेष भाव क्यों ? मगर अब ऐसा नहीं चलेगा ! कानून के दायरे में रहकर ,हर एक अन्याय - अत्याचार का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा ! मोदिजी की तरह !! योगीबाबा की तरह !! बहुत हो गये अबतक तुम्हारे अन्याय - अत्याचार ! अब हम मूकदर्शक बनकर, अन्याय - अत्याचार नहीं सहेंगे ! क्योंकि यह राज ? मोदी - योगी का राज है ! इसीलिए अब,अन्याय - अत्याचार का जमा

शांतीदूतों से सावधान रहिए

 शांतीदूत ? नहीं ये है मृत्युदूत ?? ✍️ २२२६ विनोदकुमार महाजन ××××××××××××××× किसी को शांतीदूत कहने से पहले यह लेख पढिये ! यह शांतीदूत नहीं बल्कि यमदूत है ! मृत्युदूत है ! फिर भी इसे शांतीदूत क्यों कहते है, समझ में नहीं आता है ! कौन ? कबूतर !! कैसे ? कबूतरों का संपर्क और उसकी विष्टा शरीर के लिए भयंकर घातक साबित हो सकती है ! कबुतर यह पक्षी दिखने में साधारण दिखाई देता है ! मगर यही पक्षी आपको 6 महिने के ही अंदर, मृत्यु तक ले जा सकता है !  विश्वास नहीं बैठता है ना ? मगर यह सत्य है ! कबूतर के संपर्क में रहने वाले की कुछ दिन पहले मृत्यु हो गई ! यह आदमी जहां रहता था,वहाँ के फ्लॅट के खिडकी के निचे, ग्रिल में ac के duct unite के आसपास कबुतर निवास था ! और कबूतर विष्ठा तकरीबन 3 महिनों से वहाँ पर थी !  कबुतरों के अंडा पिल्ले जहां रहते है,वहाँ उस घरोंदे में कबूतरों की विष्ठा  रहती थी ! AC से जो हवा घर में आती थी, उसमें से,सुखी विष्ठा में रहने वाले सूक्ष्म जंतू युक्त दुर्गंध घर में आयेगी ,इसकी किसी को भी जानकारी नहीं थी ! कबुतर की विष्ठा ,गंदगी ac के बाहर के outlet से पिछे की जाली से, सिधी घर के अंदर

जलबिन मछली, धनबिन आदमी

 जलबिन मछली, धनबिन आदमी ? ✍️ २२२५ विनोदकुमार महाजन 🦈🦈🦈🦈🦈🦈🦈 क्या जलबिन मछली जींदा रह सकती है ? हरगीज नही ! जींदा रहने के लिए, हर मछली को जल तो चाहिए ही चाहिए ! जल नही मिलेगा तो, मछली तडपकर मर जायेगी ! इसी प्रकार से, क्या आदमी भी धनबिन जींदा रह सकता है ? जी बिल्कुल ! जींदा रह सकता है ! मगर आज का माहौल देखेंगे तो क्या सचमुच में, आदमी धनबिन जींदा रह भी सकता है ? नही रह सकता ! कैसे ? जीवन जिने के लिए, हर पल, धन की केवल जरूरत ही नही होती है,बल्कि अत्यावश्यकता भी होती है ! हरदिन की रोजी रोटी चलाने के लिए, राशनपाणी लाने के लिए तो ,धन चाहिए ही चाहिए ! बिना राशनपाणी के आदमी जींदा कैसे रह सकता है ? भयंकर बिमारीयो से त्रस्त है तो ?  अस्पताल जाने के लिए, धन चाहिए ही चाहिए ! अगर बिमारियों मैं उसे योग्य समय पर दवापाणी नहीं मिलेगा तो ? वह तडपकर मर ही जायेगा ना ? ईश्वर ने हर मछली का जन्म ही पाणी में किया है ! मगर क्या हर इंन्सान पैदा होते ही धन प्राप्त करके ही पैदा होता है ? बिल्कुल नहीं ! अगर माँ बाप ने बच्चों के सुखी जीवन के लिए, धन कमाके रखा है... तो ही बचपन मुसिबतों के बिना आराम से कट सकता ह

हम तो चले परदेश ?

 हम तो चले परदेश !! ✍️ २२२४ विनोदकुमार महाजन 🙏🙏🙏🙏🙏 भारतीय लोकतंत्र ! और लोकतंत्र का सिस्टम ? कैसा था ? अनेक बुध्दीवान,गुणवान, योग्यतापूर्ण व्यक्तियों को...बहुतांश जगहों पर , कभी भी कीमत न देनेवाला, गुणवत्ता पूर्ण व्यक्तियों को ,योग्य न्याय न देनेवाला, उल्टा, उनका ही मानसिक उत्पीड़न करनेवाला, भयंकर विचित्र सिस्टम ! सभ्य, सुसंस्कृत लोगों को,बारबार अपमानित करने वाला ही था सचमुच में ? और इसी कारणवश, अनेक गुणवत्ता पूर्ण व्यक्तियों ने,यहाँ के भयंकर लोकतंत्र से तंग आकर, अपना देश ही छोडने का निर्णय लिया ! और ? ऐसे व्यक्ति विदेशों में जाकर, बसने लगे ! वहाँ का उत्कृष्ट जीवन ,गुणवान व्यक्तियों का...यथोचित मानसंन्मान,योग्य कीमत,उत्तम न्यायप्रणाली और ? अच्छी खासी आमदनी ! इसी के कारण,हमारे देश के अनेक विद्वतापूर्ण व्यक्ति, यहाँ के सिस्टम से तंग आकर, विदेशों में " भाग गये ! "  ( या उन्हें यहाँ के सिस्टम ने,भागने के लिए... मजबूर कर दिया ? ) वहाँ... विदेशों में जाकर, अच्छा खासा पैसा कमाया ! एक आनंदी जीवन की शुरूआत की ! एक प्रतिष्ठित जीवनप्रणाली आरंभ की ! अनेक भारतीयों ने ऐसा ही रास्ता चुन

हिंदुत्व की वैश्विक लहर

 हिंदुत्व की वैश्विक लहर तेज करने के लिए, सक्रिय होना होगा !! ✍️ २२२२ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 उपरोक्त विषय की जीत के लिए, एक व्यापक रणनीति बनानी पडेगी ! व्यापक जनाधार प्राप्त करना पडेगा ! इसी विषषयानुर एक विस्तृत और प्रभावशाली, वैश्विक व्यासपीठ का निर्माण करना पडेगा ! सभी प्रखर, जागरूक,प्रभावी, प्रवाही, हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं के लिए,वैश्विक स्तर पर, " एक व्यासपीठ, एक आवाज " बुलंद करनी पडेगा ! इसके लिए मेरे दिमाग में अनेक योजनाएं है ! ऐसी प्रभावी योजनाओं को प्रत्यक्ष अमल में लाने के लिए, मुझे मोदिजी - योगीजी के साथ विस्तृत चर्चा करनी है !उनको प्रभावी योजनाएं बतानी है ! इसके लिए, मैं उनको मिलकर, सभी योजनाओं को बताने के लिए, समय का इंतजार कर रहा हुं ! मेरी योजनाएं उनको पसंद आयेगी ही ऐसी अपेक्षा है !  जब उनका वैश्विक स्तर पर, संपूर्ण सहयोग प्राप्त होगा,तब मेरा कार्य और आसान बनेगा ! मोदिजी - योगीजी को मिलने का मेरा,हरपल प्रयास जारी है ! मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं की,मेरा यह लेख जितना जल्दी हो सकें,उन महात्माओं तक पहुंच सकें और खुद उनसे ही चर्चा के लिए, निमंत्रण आ ज

मुख्यमंत्री जी का अभिनंदन

 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का हार्दिक अभिनंदन 💐💐💐 ✍️ २२२३ ********************* छत्तीसगढ़ के संन्माननीय मुख्यमंत्री श्री. भूपेश बघेल जी ने,एक अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयक, विधानसभा में पारित किया है  - संपूर्ण पत्रकारों के लिए अधिस्विकृती पत्रकार बनाने के संदर्भ में ! जिसमें इलैक्ट्रोनिक मिडिया, प्रिंट मीडिया, वेब पोर्टल जैसे सभी पत्रकारों के हितों का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है... यह एक अभिनंदनीय निर्णय है ! हमारे बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल के, एडिटर इन चिफ, श्री.विनोदकुमार महाजन, न्यूज चैनल के डायरेक्टर, श्री अजयकुमार पांडेय तथा हमारे भारत सरकार द्वारा, रजिस्टर न्यूज चैनल के सभी पत्रकार साथी और हमारा आदर्श चैनल परिवार, भूपेशजी के इस महत्वपूर्ण निर्णय का ह्रदय से आभार व्यक्त करते है ! समाजहित तथा राष्ट्रहित के लिए, आजतक हमारे चैनल द्वारा हजारों लेख लिखे गये है ! जो देशविदेशों में भी लोकप्रिय हो गए है ! इसका संपूर्ण श्रय ,हमारे न्यूज चैनल के सभी सहयोगी, सभी पत्रकार बंधू तथा डायरेक्टर और एडिटर इन चिफ के द्वारा, किए गये विस्तृत प्रयासों को हम देते है ! भविष्य में हमारे दोनों चैनल, समाज

धरातल पर रहकर

 धरातल पर रहकर ! ✍️ २२२१ विनोदकुमार महाजन ********************* हवा में उडेंगे तो निश्चित रूप से एक दिन जमीन  पर गिरेंगे ! इसिलिए धरातल पर रहकर ही काम करना पडेगा ! आँखों पर धूंद चढेगी तो धूंद उतरते ही नशा निकल जायेगी ! इसिलिए निश्चल होकर नजर साँफ रखकर ही मंजिल की ओर बढना होगा ! बडप्पन के भ्रम में रहकर आगे बढेंगे तो एक दिन पाँव  फिसलकर गिर पडेंगे ! इसिलिए छोटासा, साधारण, अहंकारशून्य बनके रहेंगे तो जल्दी ही मंजिल की ओर बढकर रहेंगे ! हरी ओम् 🙏🙏🙏

सत्य को निगलने नहीं देंगे

 सत्य को निगलने नहीं देंगे !! ✍️ २२२० विनोदकुमार महाजन 👍👍👍👍👍 अगर कोई तुम्हे निगलने के लिए आ रहा है...तो क्या तुम,उसको स्वस्थ, शांत और मौन रहकर निगलने देंगे ? या उसका विरोध करेंगे ? ईश्वर ने सभी को जिवीत रहने का अधिकार दिया है ! इसिलिए तुम्हे जो निगलने को आया है,उसका ईश्वरी सिध्दातों के अनुसार, विरोध होना ही चाहिए !   और तुम्हे निगलकर कोई, तुम्हारा अस्तित्व ही समाप्त कर रहा है, तो ...? तुम शांत और मौन रहने के बजाए, जो तुम्हें निगलने के लिए आ रहा है... और तुम्हारे सामने,उसे ही... निगलने के सिवाय, दूसरा पर्याय ही बचा नहीं है...तो ? उसको तुम छोड देंगे ?  या फिर उसको ही तुम निगल दोगे ? खुद की आत्मरक्षा करना कोई पाप नहीं है ! और तुम्हे निगलने के लिए आनेवालों को,तुम खुद ही निगल देना,इसमें कोई पाप भी नहीं है, अथवा दोष भी नहीं है ! यही ईश्वरी सिध्दांत है ! ।। " अहिंसा परमो धर्म :        धर्म हींसा तथैवच् " ।। और अगर मेरे आदर्शों को,मेरे आदर्श ईश्वरी सिध्दांतों को और ईश्वर निर्मित,मेरे सनातन हिंदु संस्कृती को,निगलने के लिए, कोई आ रहा है... तो मैं...हम सभी...?  क्या चुपचाप, शांत और

सभी हिंदुत्ववादीयों को

 सभी हिंदुत्ववादियों को... ✍️ २२१९ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 आज चैत्र शुध्द प्रतिपदा ! गुढी पाडवा ! हिंदु नववर्षारंभ ! बडे धूमधाम से और बडे हर्षोल्लास से मनाते है ! हर मन में हिंदुत्व की हुंकार जगाते है ! साथियों, आज के मंगल दिन पर हम सभी कट्टर हिंदुत्ववादी, ऐसा दृढ संकल्प करते है की, यह राष्ट्र जल्दी ही , हिंदुराष्ट्र घोषित हो ! अखंड भारत का निर्माण हो ! संपूर्ण विश्व पर हिंदुओं का, ईश्वरी राज्य हो ! राक्षसों से और आसुरिक शक्तियों से, धरती माता मुक्त हो ! सभी प्राणीयों का कल्याण हो ! सभी पशुपक्षीयों को अभय मिलें ! गौमाताओं को अभय मिले ! गंगामैया का और सभी नदीयों का शुध्दिकरण हो ! धरती माता स्वर्ग जैसी सुंदर हो ! भारत माता सुजलाम् सुफलाम् हो ! सुसंस्कृत भारत हो ! मानवता की जीत हो ! हाहाकारी हैवानियत का नाश हो ! अनेक मुसिबतों का सामना करते करते,जिन हिंदुत्ववादियों ने आजतक हिंदुत्व का अलख जगाया, और हमें आज का गुढीपाडवा का ऐतिहासिक स्वर्णीम दिन दिखाया है , उन सभी पुण्यात्माओं को,महापुरुषों को,त्रिवार कोटि कोटि प्रणाम ! अब हम सभी हिंदुत्ववादी, हिम्मत से,आत्मविश्वास के साथ,हर कदम आगे

अलौकिक जीवन

 हमारा अलौकिक जीवन !! ✍️ २२१८ विनोदकुमार महाजन ******************* " अथांग ईश्वर और अथांग ईश्वरी शक्तीयों का सागर ! उसीमें हम कौन ? एक छोटासा बूंद ! " " एक छोटासा देह !! " मगर वह ईश्वरी शक्तीयों का अथांग सागर, " ना खारे पाणी का है ! ना ही मिठे पाणी का है ! वह तो है...विशालकाय अमृत का सागर !!! " " हर बूंद में अलौकिक ईश्वर का अस्तित्व ! " " और हम उसी अमृत सागर की एक बूंद ! एक छोटिसी बूंद ! उसी ईश्वरी शक्तीयों के अथांग सागर से एकरूप होनेवाली बूंद ! उसमें से हमें अलग कौन कर सकता है ? " हरी ओम् 🙏🙏🙏🙏🙏

छोटासा आदमी !

 छोटासा आदमी बनकर जिने में ही ,जीवन का आनंद है !! ✍️ २२१७ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- साधारण आदमी ? छोटासा आदमी ? मस्त जीवन, स्वच्छंद जीवन,आनंदी जीवन ! सिधासादा अनमोल जीवन ! कहीं पर भी जाओ, रास्ते पर भेलपुरी खाओ, रगडा पैटिस खाओ ! मस्त,स्वस्थ जीवन ! और अगर किसीका गुरू बनेंगे तो ? शिष्यों के सुखदुखों की चिंता ! आध्यात्मिक गुरु बनेंगे तो ? अनेक बंधनों का जीवन ! व्हिआयपी बनकर जीयेंगे तो ? " बाँडीगार्ड " का कवच ! और मुखौटे वालें दुनिया से संपर्क ! और साधारण आदमी  बनकर जीयेंगे तो ? बिनधास्त जीवन ! वास्तव जीवन ! मस्त जीवन ! सुखी जीवन ! साधारण आदमी ? असली मुखौटे वालों को भी तुरंत जानता है - पहचानता है ! नौटंकीबाजों को भी जानता है ! असली, नकली को भी पहचानता है ! और ? मुखौटे वाले,नौटंकीबाजों से सदैव दूरियां बनाकर रखता है ! ना टेंशन, ना किरकिरी ! आसमान के निचे का खुलेआम, आनंदी जीवन ! पशुपक्षीयों की तरह ! इसिलिए ? साधारण आदमी बनकर जीने में जो आनंद है,जो मजा है,जीवन की सच्चाई है... वह...व्हिआयपी बनकर जिने में नहीं है ! मस्त, स्वस्थ, आनंदी जीवन ! एक कलंंदर जीवन ! साधा

दुनिया बनाने वाले...

 प्रश्न अनेक, उत्तर नेक ! ✍️ २२१६ विनोदकुमार महाजन ----------------------------- जिसको ब्रेन ही नही है , उसका " ब्रेनवॉश " कैसे होगा ? जिसको ह्रदय ही नहीं है , उसका " ह्रदयपरिवर्तन " कैसे होगा ? जिसका मत ही नही है , उसका " मतपरिवर्तन " कैसे होगा ? जिसको मन ही नही है , उसका " मन " भी साफ कैसे करना होगा ? जीवन में कुछ ध्येय ही नहीं है तो , वह " ध्येयवादी " कैसे बनेगा ? जिसका जीवन में कोई सपना ही नहीं है वह , " दृष्टा " कैसे बनेगा ? मनुष्य होकर भी मनुष्यों जैसा आचरण नही है तो , उसका " ईश्वर स्वरूप " कैसे होगा ? जो मानवता मानता ही नहीं है, वह " इंन्सानियत " कैसे समझेगा ? जिसके ह्रदय में प्रेम ही नहीं है, वह " प्रेम की भाषा " कैसे समझेगा ? प्रश्न तो अनेक है, जिसका एक ही " नेक "  उत्तर कौन देगा ? " मानव तेरे अनेक रंग, अनेक रूप ??? " धन्य है वह ईश्वर , जिसनें मानवप्राणी सहित  " अनेक रंगों " की  दुनिया बनाई ! " दुनिया बनाने वाले , तुने काहे को दुनिया बनाई ? " हरी ओम

जागो !

 जागो !! ✍️ २२१५ विनोदकुमार महाजन ***************** सत्य का दम  घूंटता देखकर हर सत्यप्रेमी परेशान है ! साधुसंतों को अंदर जाते देखकर हर ईश्वर प्रेमी  हैरान है ! क्या सचमुच में आज लोकतंत्र ही खतरे में है ? मगर ऐसी घटनाएं देखकर हर हैवान बडा खुश है ! हैवानियत का राज लाने के लिए हर वक्त तैयार है ! जानो,पहचानो, जागो !!

कर्तव्य कठोर महापुरुष

 कर्तव्य कठोर महापुरुष !! ✍️ २२१४ विनोदकुमार महाजन ------------------------------- महापुरुष, हमेशा अपने कर्तव्य के प्रती जागरूक होते है,तत्पर होते है,दक्ष होते है ! अपने उद्दीष्ट पुर्ती के लिए, दिनरात मेहनत करते रहते है ! श्रद्धा, विश्वास के साथ, हर कदम अपनी ध्येयसिद्धि की ओर,निरंंतर बढते रहते है ! मोहमाया त्यागकर ! रिश्तेनाते त्यागकर ! सत्ता - संपत्ति का मोह छोडकर ! अनेक महापुरुषों ने,अपने उद्दीष्ट पुर्ती के लिए, सदा के लिए, घर - परिवार त्याग दिया ! रिश्ते - नाते त्याग दिये ! घर - परिवार का कौन सुखी है ? कौन दुखी है ? इसकी कभी फिकर,चिंता नहीं की ! निरंंतर कार्यतत्परता और कर्तव्य कठोरता ! अपने ध्येयसिद्धि के लिए, एक बार  घर - परिवार, रिश्ते - नाते, मेरा - तेरा, अपना - पराया, त्याग दिया, तो सदा के लिए त्याग दिया ! सावरकरजी ने अपने घर परिवार की व्यर्थ की चिंता नहीं की ! सुभाषचंद्र बोस जी ने अपने घर परिवार की चिंता नहीं की ! अनेक क्रांतिकारियों ने अपने घर परिवार की चिंता नहीं की ! और आज के दौर में ? मोदिजी - योगीजी जैसे महापुरुषों ने, देश - धर्म के लिए, समाज उत्थान तथा समाज उध्दार के लिए,

नोस्ट्राडमस की भविष्यवाणी

 नोस्ट्राडमस की भविष्यवाणी ? ✍️ २२१३ विनोदकुमार महाजन ---------------------------------- लगभग, एक हजार साल पहले, फ्रेंच भविष्य वेत्ता, नोस्ट्राडमस ने अनेक भविष्यवाणीयाँ की थी ! और उनकी अनेक भविष्यवाणीयाँ, हिंदुस्तान और हिंदुओं पर ही संबोधित थी ! उन्होंने अपने विद्वत्ता के बल पर, उसी समय में, एक अत्यंत महत्वपूर्ण भविष्यवाणी की थी ! वह यह थी की, एक दिन संपूर्ण विश्व में, हिंदुओं का ही राज्य रहेगा ! तत्कालीन कालगणना के अनुसार, वह समय,लगभग आज से ही मिलता है ! क्योंकि, उनकी भविष्यवाणी के अनुसार बताई गई,अनेक अद्भुत तथा चमत्कारिक घटनाएं घटीत होती दिखाई देती है ! उन्होंने यह भी लिखा है की, " एक देवदूत संपूर्ण विश्वमानव को ! " अपने बलपर, सनातन धर्म का महत्व बतायेगा ! और संपूर्ण विश्वमानव को,ईश्वर निर्मित, सत्य सनातन धर्म से दिक्षित करेगा ! क्या यह सत्य है ? अगर हाँ,तो उसी भविष्य के अनुसार ही, ऐसी अद्भुत घटानाएं, घटीत होना, आरंभ हो गई है ? " वह देवदूत ! " सचमुच में अवतरित हुवा है ? अगर हाँ... तो वह देवदूत कौन है ? कहाँ है ? और आज कौनसी भविष्य कालीन योजनाएं बना रहा है ? इसका उ

चलो अंतिम सत्य की ओर !

 चलो,अंतिम सत्य की ओर !! ✍️ २२१२ विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🕉🕉🕉 विश्व के सभी तत्वचिंतकों को,सभी तत्ववेत्ताओं को, ( फिलोसाँफर ) विश्व के सभी मनुष्य प्राणीयों को,सभी मत - पथ - पंथ - प्रवाह - धर्मावलंबियों को, मेरे इस लेख पर,मेरे विचारों पर, गहराई से सोचना होगा ! इसपर गहन चिंतन, मनन भी करना होगा ! और अंतिम सत्य तक पहुंचना ही होगा ! सभी को !! इसिलिए मेरा यह लेख, विश्व के अनेक भाषाओं में प्रकाशित होना जरूरी है ! आखिर अंतिम सत्य है क्या ? इसकी खोज हर मनुष्य प्राणी को , ( जागृत ) होती ही है ! और अपने विवेक, ज्ञान के अनुसार, इसके यथार्थ उत्तर को संशोधित करने की,सुप्त प्रबल इच्छा हर जिज्ञासाओं के अंदर होती ही है ! साधारणतः चौ-यांशी लक्ष योनियों में से, ईश्वर ने केवल मनुष्य प्राणियों को ही ,बुध्दि का वरदान देकर,अलग प्रकार से बनाया है ! बाकी जीवजंतुओं को तो जन्म - मृत्यु की केवल प्रक्रिया ही पूरी करनी पड़ती है ! जन्म लेना - और ? एक दिन ? मर जाना ! साँप, बिच्छू, हाथी, घोडा, मच्छर, खटमल, चिंटी जैसे अनेक योनियों को बदलते रहना ! ना आत्मज्ञान है,ना ब्रम्हज्ञान है,ना आत्मा की खोज है ! इसिलिए यह, " अ

तेरे भी दिन आयेंगे

 ये भी दिन जायेंगे प्यारे,तेरे भी दिन आयेंगे !! ✍️ २२११ विनोदकुमार महाजन ------------------------------ साथीयों, हर एक के जीवन में, हर एक के नशीब में,कभी ना कभी,भयंकर मुसिबतों का दौर तो आता ही है ! और भयंकर दुखदर्द, पीडा,यातना तो देता ही है ! मुसिबतों के भयंकर दौर में, हर एक मन की स्थिति बडी विचित्र हो जाती है ! और मुसिबतों के दौर में, हमें ऐसा लगने लगता है की, कोई ना कोई हमें आधार देगा,कोई ना कोई हमें सहारा देगा ! कम से कम दो शब्दों का, " क्यों चिंता करता है ? ईश्वर सबकुछ ठीक करेगा ! " ऐसा आधार देनेवाला तो कोई तो भी मिलेगा ! मगर ? मुसिबतों के भयंकर दौर में, कोई आधार देनेवाला मिलना तो दूर,हमें ही उल्टा, पीडा - तकलीफ - दुखदर्द देनेवाले ही पग पग पर मिलते है !  और परिणाम स्वरूप ? हमारा मन भी और घबरा जाता है ! चिंताएं बढती है ! और चिंता और विवंचना यह एक ऐसी भयंकर मुसीबत होती है की - पूछो मत ! फिर भी, बडे हिम्मत से, हम हरदिन - हरपल मुसिबतों का दौर काटने का प्रयास करते रहते है ! इसी मुसिबतों की भयंकर घडी में,हमें यह भी समझ में आता है की, " सुख के सब साथी ! दुख में ना कोई !! &q

२४ आ रहा है !

 सावधान...२४ आ रहा है ! ✍️ २२१० विनोदकुमार महाजन -------------------------------- सावधान हो जाईये ! २०२४ आ रहा है ! यह लडाई हमारे लिए, हम सभी के लिए, अत्यंत महत्वपूर्ण लडाई है ! रणकंदन ! लडाई आसान है, और जीत पक्की है,ऐसा समझकर, बेफिकर मत रहिए ! बल्कि हर मोड पर चौकन्ना, चौकस रहिए ! " उनकी " तैयारी अभी से,आज से जबरदस्त चल रही है ! जीतने की ! हर शाखपर " उल्लू " बैठा है ! हमें " उल्लू " बनाने के लिए ! साजिश गहरी है ! इसीलिए " हमको " भी हर क्षेत्र में चौकन्ना रहकर, किसी भी हालत में, बाजी ( ! ) जीतनी है ! और जीतनी ही होगी ! यह अस्तित्व की आखिरी लडाई है ! इसमें जीत गये तो ? " अगला रास्ता " आसान है ! इसिलिये,  " देश के हर चौकीदार को " हरपल बिल्कुल चौकन्ना ही रहना चाहिए ! उनका हर दाँव, हर पांसा,उल्टा करना चाहिए ! अनेक षडयंत्र होंगे ! अनेक कुटिल नितीयों का प्रयोग होगा ! " हमारे " बदनामी के भी हथकंडे अपनाए जायेंगे ! ( जो अभी से दिखाई दे रहे है ! कौनसे ? दिमाग चौकन्ना रखेंगे, तो सबकुछ जान जायेंगे ) अनेक दांवपेंच लडे जायेंगे ! आख

कल्की अवतार का प्रकटीकरण

 https://youtube.com/shorts/R9ydkUbiMG0?feature=share यूगपरिवर्तन की घडी !!! ✍️ २२०९ विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🚩🚩 विष्णु का दसवां अवतार, कल्की अवतार ,इस गूंफा में,यहाँपर प्रकट हो गये... गगनगिरी महाराज, खोपोली, की यह गूंफा है ! जहां पर गगनगिरी महाराज जी के साथ,कल्की अवतार ने , एक वर्ष, गुप्त रूप में रहकर, उन्मत्त कली के नाश के लिए, गुप्त शस्त्र और अस्त्रों की पुनर्स्थापना की ! उन्मादी, हाहाकारी कली के संपूर्ण नाश के लिए, तथा सत्य युग के आरंभ के लिए, अदृश्य रूप से कल्की ने अपना अवतार कार्य आरंभ किया हुवा है ! एक गुप्त स्थान पर, कल्की अवतार ने मुझे भी दिक्षित किया और ,गुप्त रूप से ही,कल्की का अवतार कार्य, अनेक माध्यमों द्वारा आगे बढाने के लिए, आशिर्वाद दिया ! कुछ दिनों के लिए, गुप्त रूप में रहकर ही, कार्य आगे बढाने के लिए, संबोधित किया ! क्योंकि, उन्मादी कली के अदृश्य  दूत,सत्य को निगलने के लिए, पग पग पर,गुप्त रूप से ही पहरा दे रहे है ! इसिलिए सत्य आज परेशान ही नहीं, बल्कि घोर मुसिबतों के दौर से, गुजर रहा है ! गगनगिरी महाराज जी ने भी,दृष्टांत में मेरे आज्ञाचक्र को जागृत किया है ! इसिलिए, आ

सुंदर बोधकथा

 एक सुंदर उद्बोधक कथा ! ✍️ २२०८ संकलन : - विनोदकुमार महाजन 🌹🌹🌹💐💐 पै पै जमवून धन संग्रह करणारांनी ही कथा जरूर वाचावी,व आत्मबोध घ्यावा. 🙏🙏🙏🕉 रवींद्रनाथांची एक छोटीशी कविता आहे.  सकाळी एक भिकारी भीक मागण्यासाठी घरातून बाहेर पडला.  पौर्णिमेचा दिवस होता.  एक धार्मिक उत्सव होता आणि त्याला  खूप आशा होती की आज त्याला खूप काही मिळेल. नेहमीप्रमाणे तो जेव्हा  घरातून बाहेर पडला,   त्याने आपल्या झोळीत मुठभर तांदूळ टाकले. झोळी पूर्णपणे रिकामी असेल तर भिक्षा कोणी देणार नाही कारण  लोक भिकाऱ्यांना क्वचितच देतात - ते त्यांच्या प्रतिष्ठेसाठी देतात;  ते त्यांच्या अहंकारासाठी देतात.  वाटेत भिकारी येताच त्याला आश्चर्य वाटले कारण  राजाचा सोनेरी रथ येत असल्याचे त्याने पाहिले.  आजपर्यंत तो राजाच्या दरवाज्यातूनच परत आला होता कारण  राजवाड्यात प्रवेश करण्याची संधी नव्हती. राजासमोर झोळी पसरवण्याचे भाग्य कधीच मिळाले नाही. आज माझ भाग्य उजळनार. आता कदाचित भीक मागायची गरज पडणार नाही.  राजा येत आहे आणी ते माझी झोळी भरुन भिक्षा देणार असा विचारत करत असतानाच धूळ उधळत राजाचा रथ त्याच्या जवळ येऊन उभा राहिला. राजा 

विघ्नसंतोषी लोग !

 विघ्नसंतोषी लोग ??? ✍️ २२०७ विनोदकुमार महाजन ------------------------------- विघ्नसंतोषी लोग ? ना खुद सुख से जियेंगे, ना दुसरों को भी सुख से,चैन से जीने ना देंगे ! तुम आगे बढ रहे हो ? प्रगती कर रहे हो ? हर क्षेत्रों में नाम कमा रहे हों ? तो...??? तुमको, सुखचैन से नहीं जिने देंगे ! पाँवों में पैर अटकाकर निचे गिराएंगे ! और उपर से ? दादागिरी भी करेंगे ! हँसेंगे भी ! बदनाम भी करेंगे ! दुसरों को ही उल्टा मूर्ख कहलायेंगे ! अध:पतीत समाज बनाने के लिए ही सारी शक्ति लगायेंगे ! जीवनभर के लिए ! विघ्न संतोषी लोग ? कौन और कैसे ? हमारे, अपने ! हिंदु भाई ! जिनके लिए, जिनके हितों के लिए, जिनके कल्याण के लिए, हम दिनरात प्रयास कर रहे है... वहीं ! वही...कृतघ्न लोग, अहितकारी लोग, दूसरों का कल्याण होता हुवा देखकर भी ,भयंकर पिडित होनेवाले, दूसरों पर जलनेवाले,दूसरों को हमेशा दुखी देखने वाले, नतदृष्ट लोग ! कोई ईश्वरी चिंतन कर रहा है, तपस्या कर रहा है... उसे भी ? चौबिसों घंटे रूलानेवाले ! उसके भी विरूद्ध षड्यंत्र करनेवाले ! दूसरों के दुखों में आधार बनने के बजाए, परपीडा देने में ही खुद को धन्य समझने वाले, इसीसे

मस्त रहेंगे

 दूसरों की खुशियों में सुख ढुंडेंगे, तो खुद भी खुश रहेंगे । दूसरों को दुखदर्द देंगे तो ? खुद भी दुखी रहेंगे ! मस्त रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे। प्रभु परमात्मा के प्रेम से,सारी दुनिया को भी, स्वस्थ - मस्त बनायेंगे । हँसते रहो, दूसरों को भी हँसाते रहो। जीवनभर के लिए, सुखों का भंडार, बाँटते रहेंगे। बिना पैसों का व्यापार, बिना पैसों का है,यह आनंद का व्यवहार। पशुपक्षीयों को भी प्रेम बाँटते रहो। सभी को खुश करते रहो। विनोदकुमार महाजन

हिंदुओं का जोश बढाना है

 हिंदुओं का जोश बढाना है ! ✍️ २२०५ विनोदकुमार महाजन --------------------------------- हिंदुओं का उत्साह, आनंद बढाने के लिए, उनका जोश,जल्लोष  बढाने के लिए, मरी हुई चेतना जगाने के लिए, अत्याचारी, आक्रमणकारी, मुगल, अंग्रेजों द्वारा, बनाई गई मानसिक गुलामी की आदत छुडवाने के लिए, मरा हुवा स्वाभीमान फिरसे जगाने के लिए, आजादी के बाद " काले अंग्रेजों की " गुलामी से छुडवाने के लिए, हम प्रखर राष्ट्रप्रेमी, दिनरात मेहनत कर रहे है ! विविध माध्यमों द्वारा, अथक प्रयास भी कर रहे है ! और... मोदिजी - योगीजी जैसी पवित्र आत्माएं भी,  हिंदुओं को पुनर्जीवित कर रहे है ! उन सभी के चेतना जगा रहे है ! मरा हुआ आत्मविश्वास फिरसे जगा रहे है ! उन सभी का भविष्य सुरक्षित बना रहे है ! राममंदिर निर्माण , काशी विश्वनाथ, उज्जैन का पुनर्निर्माण, यह सभी कार्य तो, सभी की मरी हुई चेतना जगाने का ही कार्य है ! सभी की आध्यात्मिक शक्ति  भी बढा रहे है ! इसी माध्यम से सभी को संगठित भी कर रहे है ! आर्थिक विकास द्वारा, सभी को शक्तिशाली भी बना रहे है ! सडक निर्माण, रेल निर्माण, जैसे अनेक उद्योगों द्वारा, राष्ट्रीय पुनर्निर्

सोशल मीडिया के तेजस्वी शेरों

 " सोशल मिडिया " के शेरों हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए ? लगे रहो !!! ✍️ २२०४ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 सोशल मीडिया के शेरों,वीरों, हिंदुराष्ट्र बनने तक हमें, लगे रहना है ! डटकर लगे रहना है ! उद्दीष्ट पूर्ती तक पिछे नहीं हटना है ! क्योंकी, ना जादा संख्या में अखबार वाले यह यथोचित मुद्दा उठायेंगे ! और नाही टिवी चैनल वाले ! और " हमारी माँगे पूरी करो..." का विस्तृत नारा देकर, रास्ते का जनआंदोलन, अथवा व्यापक जनआंदोलन भी हम नाही खडा कर सकेंगे ! क्योंकि ऐसा जनआंदोलन खडा करने के लिए, अपेक्षित माहौल बनाने के लिए, और अपेक्षित परिणाम साध्य करने के लिए, जो व्यापक तथा सर्वसमावेशक निती बनानी पडती है ! वह तगड़ी निती तो है हमारे पास ! मगर, इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात होती है, " अपेक्षाकृत फंडिंग की ..." जो आज के दौर में हमारे लिए, असंभव है ! क्योंकि हिंदुहितों का कार्य आरंभ करने के लिए, तथा इसे व्यापक जनाधार का मुद्दा बनाने के लिए, आर्थिक सहयोग करनेवालों का अभाव और इसके लिए, सहायक होनेवाली, सामाजिक मानसिकता का अभाव !  यह भी अत्यंत महत्वपूर्ण बात है की, हिंदुहितों के कार्य

तुरंत हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए

 हिंदुराष्ट्र बनाना है ? मगर कैसे ? ✍️ २२०३ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 हिंदुराष्ट्र ! और हिंदुराष्ट्र निर्माण ! संपूर्ण देश का एक अतिशय महत्वपूर्ण तथा आस्था का विषय !! साधारणतः सामाजिक धारणा भी ठीक ऐसी ही प्रचलित है कि, जिनकी आबादी जादा,उनका और उनके हितों का ( और उनके और उनके साथ रहने वाले, सभी पंथीयों की ) कायदाकानून व्यवस्था और ऐसी ही सरकार ! और जिनकी आबादी जादा, उन्हींका राष्ट्र, उन्हींका देश ! साधारणतः यही नियम विश्व के लगभग सभी देशों में लागू है ! तो ? बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में भी ऐसा ही नियम और कायदेप्रणाली लागू होनी ही चाहिए ! क्या मैंने गलत लिखा है ? नहीं ना ? तो हिंदुराष्ट्र निर्माण यह विवादित मुद्दा बन सकता है ? बिल्कुल भी नहीं ! एक प्रतिशत भी नहीं ! छत्रपति राजे शिवाजी जैसे महान राजनेता तथा समाजनेता ने भी... " हिंदवी स्वराज्य " की संकल्पना प्रत्यक्ष रूप में स्थापित की थी,तथा उसी के अनुसार कायदेप्रणाली भी बनाई थी ! बहुमतों के आधार पर, जिसकी लोकसंख्या अधिक, उसीकी, सर्वहितकारी - समाजकल्याणकारी कानून व्यवस्था प्रणाली ! और राजे शिवाजी ने भी सभी पथ,पंथों को यथोचित न्

प्रेम

 निरपेक्ष, समर्पित और निस्वार्थ प्रेम ही सर्वश्रेष्ठ होता है ! ✍️ २२०२ विनोदकुमार महाजन ---------------------------- प्रेम.... कितना पवित्र, आनंददायी शब्द ! ईश्वर के ह्रदयकमल से निर्माण होनेवाला अमृत ! प्रेम का महत्व सभी के जीवन में अद्वितीय है ! बेजोड़ है ! मगर प्रेम कैसा चाहिए ? निष्पाप, निरपेक्ष, समर्पित प्रेम ही सच्चा प्रेम होता है ? निस्वार्थ प्रेम जीवन को नई दिशा देता है ! और स्वार्थी, मतलबी प्रेम ? जो राक्षसों के ह्रदय से उत्पन्न होता है ? स्वार्थी प्रेम में नौटंकी, फरेब, धोका, विश्वासघात हो सकता है ! मगर निस्वार्थ प्रेम ? ईश्वर से नाता जोड देता है ! क्या आज के भयंकर स्वार्थ के बाजार में, पैसों की खनखनाहट में,मेरा - तेरा के मायावी बाजार में...सचमुच में... पवित्र, निरपेक्ष, निस्वार्थ, समर्पित प्रेम मिल भी सकता है ? मेरा - तेरा से हटकर ? स्वार्थ - मोह से हटकर ? दो देह मगर ? आत्मा एक ! अवर्णनीय, अद्भुत, अलौकिक प्रेम ! यहीं प्रेम दिव्यात्मानुभूती देता है ! आत्मानंद, परमानंद देता है ! खुद अस्तित्व शून्य बन जाना, एक दूसरे के आत्मा से एकरूप हो जाना ! जैसे ? राम - हनुमान ! कृष्ण - अर्जुन

प्रकाशमान बनेंगे

 प्रकाशमान बनेंगे !!! ✍️ २२०१ विनोदकुमार महाजन 💥💥💥💥💥 *अनेक लोग अपने जीवन की समस्याओं को देखकर निराश, उदास हो जाते हैं ! उत्साह छोड़ बैठते हैं ! वे सोचते हैं कि ..."अब मेरे जीवन में क्या बचा है ?*  " कुछ नहीं बचा ! सब कुछ समाप्त हो गया है ! "          ऐसा सोचना ठीक नहीं है ! " सूर्य प्रतिदिन सायं काल को अस्त हो जाता है, पूरा ही चला जाता है ! चारों ओर अंधकार हो जाता है ! लेकिन  कुछ समय के पश्चात अगले दिन सूर्य फिर से उदय होता है, फिर से पूर्ववत् चमकता है ! "         इस सूर्य से हम और आप सभी यह सीख सकते हैं, कि " कितनी भी हानि हो जाए, फिर भी कभी उदास निराश नहीं होना चाहिए ! सूर्य के समान पुरुषार्थ करना चाहिए ! " यदि हम और आप फिर से पुरुषार्थ करेंगे, तो अपनी पूर्व स्थिति को फिर से प्राप्त कर सकते हैं ! जैसे सूर्य फिर से चमकता है, ऐसे ही हम और आप भी फिर से चमक सकते हैं ! "         इसलिए सूर्य को ध्यान में रखकर उससे शिक्षा प्रेरणा लेकर , कि... "कभी भी आपत्ति काल में उदास निराश न होंगे ! पुनः पुरुषार्थ करके फिर से स्वयं को चमकाएंगे , तभी जीवन

विषबेली

 विषबेली को जड से उखाडकर फेंकना होगा ! ✍️ २२०० विनोदकुमार महाजन -------------------------- विषबेली ? कौनसी विषबेली ? वहीं विषबेली,  जो संपूर्ण देश में भयंकर तेजी से फैल गई है ! और भयंकर तेज गती से फैलती भी जा रही है ! वहीं विषबेली, जो संपूर्ण विश्व में तेजीसे फैल गई है ! और भयंकर तेज गती से फैलती भी जा रही है ! जालिम जहरवाली,विषबेली ! संपूर्ण अहितकारी, विषबेली ! मानवता को भी निगलने वाली, विषबेली ! हाहाकार मचाने वाली, विषबेली ! सभी का जीना ही मुश्किल कर देनेवाली, विषबेली ! आसुरीक सिध्दातों को बढावा देनेवाली, विषबेली ! ईश्वरी सिध्दातों का नामोनिशान मिटाने का प्रयास करनेवाली, विषबेली ! सभी को त्राहि माम् कर देनेवाली, विषबेली ! उन्मत्त, उन्मादी, विषबेली ! ईश्वर को भी दुखी और क्रोधित करनेवाली, विषबेली ! कौनसी विषबेली ??? जानो,पहचानो ! जागो ! यह एक ऐसी भयावह विषबेली है,जो संपूर्ण धरती पर हाहाकार मचा रही है ! वक्त आ गया है, ऐसी भयंकर विषबेली को,उखाड़ फेंकने का ! उखाड़ फेंककर उसका नामोनिशान मिटाने का ! इसके सभी भयंकर जालीम बीज को भी सदा के लिए, जलाकर राख कर देने का ! क्योंकि इसका एक जहरीला बीज भ

क्या ईश्वर भी क्रोधित हो सकता है ?

 क्या ईश्वर को दुख होता है ? ईश्वर को क्रोध भी आता है ? ✍️ २१९९ विनोदकुमार महाजन ----------------------------- जब मनुष्य वैयक्तिक स्वार्थ, लोभ,मोह,अहंकार में अटक जाता है, तब उसे ईश्वर की दिव्यात्मानुभूती प्राप्त नहीं हो सकती है ! मगर जब मनुष्य वैयक्तिक स्वार्थ, लोभ,मोह,अहंकार से हटकर,ईश्वर से निरपेक्ष प्रेम करने लगता है, सभी प्राणीयों का कल्याण देखने लगता है, सभी के कल्याण के बारे में सोचने लगता है तो, उसका सभी सजीवों के प्रती,उच्च करूणाभाव मन में उत्पन्न हो जाता है !और सभी सजीवों को वही प्रेम,वात्सल्य भाव से देखने लगता है ! और यही करूणाभाव से सभी सजीवों के सुखदुखों का हिस्सेदार बन जाता है !और परपीडा को भी खुद की पीडा समझने लगता है ! तब उसे ईश्वरी दिव्यानुभूतीयाँ मिलने प्रारंभ हो जाती है ! जबतक मनुष्य खुद के लिए, तथा खुद के सुखों के लिए ही ईश्वर से प्रार्थना करता है, तब वह मनुष्य ईशत्व को नहीं समझ सकता है ! और ईशत्व से जूड भी नहीं सकता है ! मगर खुद के सुख के बजाए, सभी के सुख के लिए, मनुष्य ईश्वर से प्रार्थना करने लगता है,तब वहीं मनुष्य धिरे धिरे ईशत्व की ओर बढने लगता है ! और एक दिन खुद