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Showing posts from October, 2020

आक्रित

 जनहो, अस कस हे सगळच आक्रित घडल ? मानसाचं सगळ गणितच चुकल पैसा झाला मोठ्ठा माणूस झाला छोट्टा मानवाच्या छोट्याशा मेंदूत सगळ भलतच भरल नातीगोती छोटी झाली दया माया संपली ह्रदये सगळीच होरपळून गेली अस अस हे समदच आक्रित झाल ? अस कस हे समदच इपरीत झाल ? संस्कृती, संस्कार यांच धन संपल संध्याकाळी दिवेलागनीच शुभंकरोती संपल टिव्ही न सगळच वाटोळ केल अस कस हे सगळचं आक्रित झाल ? घराघरात भांडण पेटल, सत्ता, संपत्तीच सगळ्यांना  येड येड की हो लागल सर्व सजीवामदी,चौ-यांशी लक्ष योनिमदी एकटा माणूस च का बिघडला ? माणूस धर्म च विसरून गेला पांडुरंगा, अस कसं हे समदच आक्रित झाल ? पंढरपूर नगरीत देवा हे घोर कलियुग पाहून तु बी डोळ का रं मिटल ? डोळ उघड देवा डोळ उघड मानसाच बिघडलेल गणित पुन्हा सावर मानवतेची इस्कटलेली घडी पुन्हा सावर धाव घेई बा ईट्टला धावत येई रे ईट्टला साधुसंताचे रक्षण करण्या धावत येई रे पांडुरंगा हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

विश्वास

 *क्षमाँ .....  केवल गलती का  मरहम हो  सकती है  विश्वास तोड़ने का नहीं.......* *इसलिये जीवन मे  ध्यान रहे कि हम   कोई  गलती  भले ही  करें पर किसी का  विश्वास न तोड़े........* *क्योंकि माफ  करना   फिर भी सरल  हैं  पर   भूलना  व  पुन: विश्वास  करना असंभव है!* विनोदकुमार महाजन

प्रारब्ध

 आज मैंने कठोर तप:श्चर्या द्वारा मृत्यु, काल और प्रारब्ध पर विजय हासिल की है। नामुमकिन को भी मैंने मुमकिन में बदल दिया है। जब सद्गुरु कृपा होती है तो ईश्वर भी प्रसन्न होकर आशिर्वाद देता है और प्रारब्ध भी बदल देता है। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन दि : - १/११/२०२०

भूका मरे बेहाल

 भूका मरे बेहाल भ्रष्टाचारी मालामाल देश बनाया कंगाल आजादी के बाद चोरों ने विनोदकुमार महाजन

हिंदवी स्वराज्य

 *हिंदवी स्वराज्य*  समाज कंटक,राष्ट्रद्रोही, पापी,पाकिस्तान प्रेमीयों को, देश को जलाने वालों को, गणतंत्र की हत्या करनेवालों को, कैसे काबू में लाओगे ❓❓ लोकतंत्र कैसे बचाओगे ❓❓ गद्दारों को सबक कैसे सिखाओगे ❓❓ एक ही रास्ता,एक ही उत्तर राजे शिवछत्रपती जैसा सख्त कानून बनाओ पापीयों के हाथ पैर तुरंत कलम करने का सख्त आदेश, सख्त कानून बनायेंगे, तो ही राष्ट्र बचायेंगे तभी लोकतंत्र बचेगा तभी गणतंत्र बचेगा तभी मानवता बचेगी तभी संस्कृती बचेगी " **हिंदवी स्वराज्य " " हिंदवी स्वराज्य "*  *   *विनोदकुमार महाजन*

सामाजिक अध:पतन

 एक होटल में खाना खा रहा था होटल के सामने एक भिखारी खडा था मैंने होटलवाले को खाने के पैसे देकर उस भिखारी को खाना दिया और यह दृष्य देखकर कुछ लोग मुझे हँस रहे थे सचमुच में इतना सामाजिक अध:पतन हो गया भाईयों ? विनोदकुमार महाजन

दुनियादारी

 *दुनियादारी*  अगर आपमें ९९ % अच्छे गुण होंगे,तो भी आपके समर्थन में बहुत कम लोग खडे होंगे मगर आपसे गलती से भी १ %  भी गलती होगी तो आपपर पत्थर फेंकने वाले बहुत मिलेंगे यही दुनिया की रीत है दोस्तों बचके रहना  *विनोदकुमार महाजन*

सत्य की जीत

 सत्य की सदा के लिए  जीत के लिए और असत्य की सदा के लिए हार के लिए सरकार तुरंत सख्त कानून क्यों नही बनाती है ? इससे आजादी के बाद के सभी पापी मुखौटे और पापीस्तान प्रेमी सामने आयेंगे विनोदकुमार महाजन

भाईचारा

 तुम्हारा " चारा "खा खाकर " वह "तुम्हारा भाई बना " भाईचारे " की कसमें खाते खाते तुम्हें नेस्तनाबूद करता गया और तुम गहरी निंद में सोते रहे कस्मेवादे निभाते रहे अभी भी जागो,आज भी समय हाथ में है.... अन्यथा ...??? ,कश्मीर...🤔 समझे कुछ ? समझ जायेंगे तो ही बचेंगे विनोदकुमार महाजन

दिव्यप्रेम

 *दिव्य प्रेम*  दिव्य प्रेम का अमृत स्वर्ग से निर्माण होता है और सभी देवताओं के ह्रदय में इसका वास होता है दिव्य प्रेम से ही दिव्य अनुभूति अथवा दिव्यत्व की प्राप्ति होती है नफरत का जहर नरक से निर्माण होता है और इसका वास सभी राक्षसी वृत्ति के व्यक्तीयों में होता है दिव्य प्रेम की अनुभूति सभी सजीवों को समझती है इसिलिए सिंह,बाघ अथवा जहरीले साँप भी सिध्दपुरूषों के सानिध्य में आराम से,आनंद से और भेदभाव रहीत भाव से रहते है मगर आसुरीक संपत्ति वालों को जो नफरत का जहर बाँटते है,उन्हें दिव्य प्रेम से ,दिव्यत्व से कुछ लेना देना नही होता है इसीलिए कंस,दुर्योधन जैसे दुरात्माएं भगवान श्रीकृष्ण के सानिध्य में रहकर भी श्रीकृष्ण के दिव्यत्व को नही समझ सके और गौमाता को भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम की अनुभूति निरंतर मिलती रही,और गौमाता भी बडे आनंद से सदैव भगवान श्रीकृष्ण के साथ रही  *आज भी यह दोनों विरूद्ध शक्तियों का संघर्ष जारी है*  सृष्टि के आरंभ से सृष्टि के अंत तक ऐसा संघर्ष जारी रहेगा हरी ओम्  *विनोदकुमार महाजन*

विश्वक्रांती

 संपूर्ण देश में और संपूर्ण विश्व में सत्य की जीत के लिए क्रांती की लहर लाने के लिए क्या चाहिए ? १)सच्चे इंन्सानों का  शक्तिशाली संगठन ? ( मँनपाँवर ) ? २)धन ? ( मनीपाँवर ) ? ३)सक्त कानून  ( पाँवरफूल लाँ )? आपके विचार व्हाटस्अप करना विनोदकुमार महाजन व्हाटस्अप नं. +91 9890349751

षडयंत्र

 आजादी के बाद देश के कोने कोने में ऐसी  व्यवस्था बनाई गई है की जो भी सत्य की लडाई के लिए आगे आयेगा वह  समाप्त किया जायेगा भयानक षडयंत्र दमनचक्र द्वारा समाज में डर का माहौल बनाना जो भी आगे आयेगा वह ( विशेषतः हिंदु समाज ) समाप्त किया जायेगा भाईयों, शीघ्र हल ढुंडो विनोदकुमार महाजन

उत्तर क्या है ???

 बहुसंख्या में हिंदुही अगर... गद्दार जयचंदों का नमकहराम धर्म द्रोहीयों का बेईमान राष्ट्रद्रोहीयों का विघटनकारी सैतानी ताकतों का आक्रमणकारी,चोर,लुटेरों का हरामखोर पाकिस्तानप्रमीयों का ज्ञात - अज्ञात तरीकों से  साथ देंगे तो...⁉❓ भयंकर धर्म हानी और  धर्म ग्लानी कौन रोकेगा ??? और इसका अंतीम उत्तर  क्या है ? विनोदकुमार महाजन

राजव्यवस्था

 हमें राजव्यवस्था ही ऐसी बनानी है की हिंदुओं पर हो रहे अन्याय तुरंत समाप्त हो सके और हिंदुओं को तुरंत न्याय मिल सके ऐसा वायुगती से होना अत्यावश्यक है तभी धर्म बचेगा,संस्कृती बचेगी विनोदकुमार महाजन

संकल्प

 आप सभी को,विजयादशमी की अनेक मंगल शुभकामनाएं आवो आज हम सब मिलकर हमारे अंदर की और देश के अंदर की छुपी हुई बुरी शक्तियों का नाश करने का संकल्प करें इसी कार्य के लिए आप सभी को ईश्वर सदैव नवचैतन्य प्रदान करें हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

ऐसा क्यों ?

 सच्चे भक्तों पर ईश्वर बेहद प्रेम करता है मगर अनेक बार वही ईश्वर ने बनाया इंन्सान, सच्चे भक्तों से बारबार नफरत क्यों करता है ? विनोदकुमार महाजन

विपदाओं की घडी

 जब हम अत्यंत आर्थिक विपदाओं में और मुसिबतों में फँसें होते है तब... जिनको हमने जान हथेली पर रखकर प्रेम किया वह भी शायद दूर भाग जायेंगे, दूर से मजा देखेंगे आर्थिक सहायता करना तो दूर मुक्त में मिलने वाला प्रेम भी नही देंगे आधार के दो शब्द भी नही देंगे ऐसे भयंकर समय में आपको केवल और केवल माँ,सद्गुरू और ईश्वर ही सहायता करेंगे मेरा तो यही अनुभव है आप सभी का अनुभव क्या है यह मुझे पता नही हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

मेरे देशवासियों

 बढती उमर,कोरोना का कहर, फिर भी यह महात्मा देश की, संपूर्ण देशवासियों की, भलाई के लिए दिनरात एक कर रहा है देशवासियों, ऐसे महात्मा के पिछे अपनी संपूर्ण शक्ति ,खडी करने से ही हम सभी की भलाई है विनोदकुमार महाजन

फसाना

 मिठी मिठी बाते करके फँसाने वाले बहुत मिलेंगे मगर कडवी बाते करके कल्याण करनेवाले बहुत  कम मिलेंगे विनोदकुमार महाजन

बचके रहना प्यारे

 *बचके रहना रे बाबा,बचके रहना रे*  केवल धन के लिए  दोस्ती करनेवाले दोस्त कभी दोस्ती निभाने वाले नही होते है केवल स्वार्थ के लिए आये हुए मौका परस्त होते है धन मिले तो दोस्ती नही तो संबंध विच्छेद ऐसे सुकाळ सोबती दोस्तों से हमेशा सावधान रहिए और उनसे दूरी बनाई रखिए किसी भी हालत में निरपेक्ष  वृत्ति से दौडकर आनेवाला दोस्त ही सच्चा होता है इसिलए दोस्ती भी परखकर किजिए साहब हमारे घर में आकर हमारे  दौलत पर नजर रखने वाले और बिवी बच्चों को घूरघूरकर देखने वाले नमकहराम दोस्तों से हमेशा सावधान रहिए यह कलियुग है मेरे दोस्त बचके तो रहना ही पडेगा नही तो गलत दोस्ती करनेपर कश्मीरी पंडितों जैसी स्थिति होगी ना घर का ना घाट का हाथ की सफाई करनेवालों से सावधान रहिए  *समझे कुछ ?*  हरी ओम्  * * *विनोदकुमार महाजन*

अद्भुत कृष्ण कथा

 *भक्ती कैसी होनी चाहिए, यह अद्भुत कृष्ण कथा पढकर समझ में आयेगा।*  एक बार एक गांव में बहुत से महात्मा आकर यज्ञ कर रहे थे और वह वृक्षों के पत्तों पर चंदन से  श्री कृष्ण का नाम dc लिखकर पूजा कर रहे थे। *वह जगह गांव से बाहर थी। वहां एक आदमी अपनी बकरियों को  रोज घास चराने जाता था। साधु हवन यज्ञ करके वहां से जा चुके थे, लेकिन वह पत्ते वहीं पड़े रह गए तभी घास चरती बकरियों में से एक बकरी ने वो कृष्ण नाम रूपी पत्तों को खा लिया।* जब आदमी सभी बकरियों को घर लेकर गया तो सभी बकरियां अपने बाडे में जाकर मैं मैं करने लगी लेकिन वह बकरी जिसने कृष्ण नाम को अपने अंदर ले लिया था, वह मैं मैं की जगह कृष्ण कृष्ण करने लगी क्योंकि उसके अंदर कृष्ण वास करने लगे थे। उसका मैं यानी अहम तो अपने आप ही दूर हो चुका था ! जब सब बकरियां उसको कृष्ण कृष्ण कहते सुनती हैं तो वह कहती हैं--- यह क्या कह रही हो? अपनी भाषा छोड़ कर यह क्या बोले जा रही है, मैं मैं बोल।  तो वह कहती है ----कृष्ण नाम रूपी पत्ता मेरे अंदर चला गया। मेरा तो "मैं" भी चला गया। सभी बकरियां उसको अपनी भाषा में बहुत कुछ समझाती परंतु वह टस से मस ना हुई

अमावस्या और पौर्णिमा

 *पूर्णिमा और अमावस्या का रहस्य* हिन्दू धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण हिन्दू धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण7 के रहस्य को उजागर किया गया है। इसके अलावा वर्ष में ऐसे कई महत्वपूर्ण दिन और रात हैं जिनका धरती और मानव मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनमें से ही माह में पड़ने वाले 2 दिन सबसे महत्वपूर्ण हैं- पूर्णिमा और अमावस्या। पूर्णिमा और अमावस्या के प्रति बहुत से लोगों में डर है। खासकर अमावस्या के प्रति ज्यादा डर है। वर्ष में 12 पूर्णिमा और 12 अमावस्या होती हैं। सभी का अलग-अलग महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माह के 30 दिन को चन्द्र कला के आधार पर 15-15 दिन के 2 पक्षों में बांटा गया है- शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या। हिन्दू पंचांग कि अवधारणा 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ यदि शुरुआत से गिनें तो 30 तिथियों के नाम निम्न हैं- पूर्णिमा (पूरनमासी), प्रतिपदा (पड़वा), द्वितीया (दूज), तृतीया (तीज), चतुर्थी (चौथ), पंचमी (पंचमी), षष्ठी (छठ), सप्तमी (सातम), अष्टमी (आठम), नवमी (नौमी), दशमी (दसम), एकादशी (ग्यारस), द्वादशी (बारस

वास्तव

 सत्ता,संपत्ती के लिए कोई जयचंद भाजपा का विरोध करे यह बात ठीक है मगर निस्वार्थ भाव से देशसेवा, समाज सेवा करनेवाले आर.एस.एस.  का विरोध अगर कोई हिंदुही करें तो...??? सचमुच में ऐसा विकृत व्यक्ति हिंदु कहने के लायक हो सकता है...??? विनोदकुमार महाजन

साधू

 लंगोटी पहने हुए साधू को कैसा मोह हो सकता है ? समय आनेपर एक लंगोटी भी वह साधू फेंक सकता है और नंगा साधू बनकर रह सकता है ऐसे उच्च कोटी के बैराग्य प्राप्त साधू को यह मोहमई,मायावी दुनिया क्या फँसायेगी ? " आग लगी बस्ती में , साधू अपनी मस्ती में । " विनोदकुमार महाजन

विश्व विजेता हिंदु धर्म

 विश्व विजेता हिंदु धर्म…..! ! ! ।। श्री गणेशाय नम : ।। ।। 🕉 गं गणपतये नम : ।। ।। जय गजानन श्री गजानन ।। ।। गण गण गणात बोते ।। ।। गजानन बाबा की जय ।। ।। वक्रतुंड महाकाय सुर्यकोटी समप्रभ ।। ।। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्व कार्येशु सर्वदा ।। विश्व विजेता हिंदु धर्म, इसका अर्थ क्या है ? इसका मतलब यह है की जीस महान और ईश्वर निर्मीत संस्कृती को कोई भी और कभी भी नही हरा सकता है, मतलब, विश्व विजेता हिंदु धर्म। कैसे ? जो अंतिम सत्य है,अनादी अनंत है,सनातन है, जीसका कोई आदी नही और अंत भी नही और कभी लुप्त भी हुवा नही, वही सदैव विश्व विजेता ही था,है और रहेगा। जिसमें पूर्णत्व है वही धर्म है। जिसमें ईश्वरी सिध्दांत है वही धर्म है। जिसमें भूतदया हो वही धर्म है। जिसमें सृष्टि का कल्याण हो वही धर्म है। जिसमें प्रेम भाईचारे की सिख हो वही धर्म है। क्या हमारा हिंदु धर्म ठीक ऐसा ही है ? ठीक ऐसा ही है। कोई प्रश्न ही नही है। और बाकी…? हिंदु संस्कृती से ही निर्माण हुवा एक हिस्सा। मतलब ? मतलब सभी के पुर्वज हिंदु ही थे। और संपूर्ण पृथ्वी पर केवल और केवल सनातन संस्कृति का ही राज था। प्रमाण ? संपूर्ण विश्व में हर

जगद् कल्याण

 हे मेरी माँ,सभी की माँ, जगद्दायीनी, सभी का अखंड कल्याण करना। सजीवों की,पशुपक्षियों की,सज्जनों की सदैव रक्षा करना। विश्व कल्याण की मेरी सभी मनोकामनाएं तुरंत पूरी करना। हे जगदात्री जगत् का कल्याण किजिए। सर्वमंगल मांगल्यै शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्यै त्रंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते विनोदकुमार महाजन

ऐसा क्यों हुवा ?

 *मेरे देश में ऐसा क्यों हुवा ❓*  इस देश में इमानदार व्यक्तियों को हमेशा प्रताडित किया गया इसिलिए इमानदार व्यक्ती परदेश में चले गये और वहाँ उन्होने अपनी योग्यता से संपन्नता खिंच के लाई और दुर्दैव से मेरा देश कंगाल बन गया उपर से समाज का खून चुसनेवालें भ्रष्टाचारीयों ने भी देश को भिकारी बना दिया और खूद खरबोपती बन गये मेरे सुसंस्कृत देश में बरबादी का ऐसा भयंकर षडयंत्र किसने और क्यों चलाया ???  *सोचो ❓⁉*   *विनोदकुमार महाजन*

धांगडधिंगा

 जो मन में आयेगा वही करेगा, नंगानाच भी चलेगा ना सच्चाई और अच्छाई की फिकर है मस्तवाल होकर परपिडा देना यही यहाँ का माहौल बन गया लोकतंत्र के नाम पर धांगडधिंगा बढ गया विनोदकुमार महाजन

हम कौनसे युगमें रहते है ???

 *भगवान, यह तेरा न्याय कैसा ?*  अनेक धर्मांतरीयों को ससंन्मान वापस लिया, अनेक परदेशियों को सनातन धर्म प्रेमी बनाया अनेक लोगों को मदिरा, मांसाहार मुक्त किया अनेक असंस्कृत लोगों को सुसंस्कृत बनाया अनेक लोगों को आर्थिक  संपन्न बनाया मानवता की जीत के लिए ईश्वरी सिध्दांतों की जीत के लिए संपूर्ण जीवन समर्मीत किया संस्कृति का महत्व विश्व के कोने कोने में बढाया नतीजा ??? प्रचंड ईश्वरी कार्य करनेपर भी ढलती उमर में भी कारावास ? समझे कुछ ? हे भगवन् , यह तेरा कैसा न्याय है ? कौनसे युग में हम रहते है ? ⁉❓⁉❓⁉❓⁉❓ हरी ओम्  **विनोदकुमार महाजन*

Narayani Sena

 Important role of captain Lakshmi Sahgal Of Subhash Chandra Bose from Azhad hind fauj  Stunning goddess personality To change the world Today again  Tremendous god fast  Can I get it? Which can make the entire world of women's power organized By Narayani Fauj  Punish manic sinners  In the act of getting  Can play an important role? Become a Narayan of every eternal male And woman's narayani So the concept of religion state And installation will be impossible?  *"Vishv Swadharm Sansthan"* Vinodkumar Mahajan, Founder, National, International President, Contact on whatsApp 9890349751 - Hindusthan Yash Prerna Parashar, National Secretary INDORE, 9755550555 - Hindusthan

मेरे लेख

 विश्व स्वधर्म संस्थान http://www.globalhinduism.online/archives/2079

मेरे हिंदुत्ववादी लेख

 BNN NEWS:-विश्व विजेता हिन्दु धर्म परिवार की ओर से संपूर्ण देशवासियों को मंगल शुभकामनाएं….   https://bharatnidhinews.com/?p=16694 इस वेबसाइट पर मेरे अनेक हिंदुत्ववादी लेख है। विनोदकुमार महाजन

हिंदुत्ववादी लेख

 विश्व विजेता हिंदु धर्म…..! ! ! ! !   https://vishvvijetahindudharm.com/?p=393 इस वेबसाइट पर मेरे अनेक हिंदुत्ववादी लेख है। विनोदकुमार महाजन

समाज व्यवस्था

 तवायफ किसी सत्पुरुष पर गंदा आरोप करें समाज विघातक शक्तियाँ तवायफ का साथ दें और सत्पुरुष को गुनहगार बतायें समाज भी संभ्रमित होकर सत्पुरुष का उत्पिडन करें और कानून भी सत्पुरुष को सजा दें.....तो....? आप कौनसी समाज व्यवस्था में रहते हो ? हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

विश्व स्वधर्म संस्थान

 हमारे, विश्व स्वधर्म संस्थान का प्रमुख उद्दीष्ट है.... विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो अर्थात, जहाँ सुर्य की किरण पहुंचेगी वहाँ स्वधर्म अर्थात ईश्वरी धर्म, मानवता धर्म, सत्य धर्म, सत्य सनातन धर्म, कुदरत का का कानून हो। असुरी सिध्दातों का नाश हो। इसी उद्दीष्ट से प्रेरीत होकर मैंने, पांडुरंग जी के पंढरपूर में 12 साल तथा संत ज्ञानेश्वर जी की नगरी में 12 साल खडतर तप:श्चर्या की है। इसके कार्यसफलता के लिए, खुद ज्ञानेश्वर जी सहीत, मेरे सद्गुरू, गुरू दत्तात्रेय, माता महालक्ष्मी, मेरी कुलदेवता कालभैरवनाथ,मेरी ग्रामदेवता खंडोबा, हनुमानजी,ज्वाला नारसिंव्ह, शेगाव के गजानन बाबा,सज्जनगड के संत रामदास स्वामीजी के शिष्य कल्याण स्वामीजी, और अनेक देवीदेवताओं के, सिध्दपुरूषों के, आशिर्वाद, वरदहस्त प्राप्त हो चुके है। और यह दिव्य संकल्प पूर्ती के लिए हमारा संगठन बन गया है।और तेजीसे हम इसके लिए आगे बढ रह है। इसकी कार्यसफलता के लिए, खुद ईश्वर हमें पग पग पर सहायता कर रहा है,इसकी दिव्य अनुभूती मुझे हो रही है। अब इसके लिए हमें, संपूर्ण विश्व में तथा विश्व के कोने कोने में  गुरूकुल का निर्माण, गौशाला का निर्माण, सना

समाज

 जहाँ सच्चे,अच्छे और नेक व्यक्तियों के साथ समाज सदैव दुर्वव्यवहार करता है, ऐसे समाज के अध:पतन को खूद ईश्वर भी कैसे बचायेगा ? आज का सामाजिक माहौल कैसा है ? विनोदकुमार महाजन

सुख दुख

 सुरज उगता भी है और ढलता भी है ठीक इसी प्रकार से मानवी जीवन में सुख दुख आते है चले जाते है विश्वास पक्का है तो दुखों के बुरे दिन भी निकल जायेंगे और सुखों के रास्ते भी मिलेंगे विनोदकुमार महाजन

नारायणी

 कैप्टन लक्ष्मी सहगल सुभाषचंद्र बोस के आझाद हिंद फौज की महत्वपूर्ण भूमिका तेजस्वी ईश्वरी व्यक्तित्व विश्व परिवर्तन के लिए आज फिर से ऐसा जबरदस्त ईश्वरी तेज मिल सकेगा ? जो संपूर्ण विश्व की नारीशक्ति को संगठित बना सके नारायणी फौज द्वारा उन्मत्त पापियों को सजा दिलाने के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके ? हर सनातनी नर का नारायण बने और नारी की नारायणी तो धर्म राज्य की परिकल्पना एवं स्थापना नामुमकिन होगी ? विनोदकुमार महाजन व्हाट्सएप नंबर + 91 9890349751 ( हिंदूस्तान )

विवेकानंद

 स्वामी विवेकानंद कहते थे " अगर मेरे धर्म को, कोई गाली देगा तो मैं उसे समंंदर में फेंक दूंगा। " और आप ? देवीदेवताओं का,ऋषीमुनियों का,सनातन धर्म का,हिंदु संस्कृति का, इतना अपमान करनेपर भी आप मौन और शांत क्यों और कैसे ? आपका धधगता ईश्वरी तेज कहाँ है ? विनोदकुमार महाजन

हिंदुओं के देश में

 बहुसंख्यक हिंदु राष्ट्र में रहकर मंदिरों के पैसों से सरकारी योजनाएं चलाने पर बहुसंख्यक हिंदुओं के टैक्स का पैसा लेकर, अगर कोई कुंभ के पैसों पर सवाल उठाता है तो... उसको क्या कहना होगा ? पागल या दुष्ट ? उत्तर आप सभी को देना है विनोदकुमार महाजन

ईश्वर से नाता

 भगवान को हम जैसा देते है वैसा भगवान हमें वापस देता है इसिलए सदैवअच्छे कर्म करते रहिये ईश्वर से नाता जोडिए ईश्वर से नाता जोडने पर भगवान आपको जो चाहिए वही देगा विनोदकुमार महाजन

भाग्योदय

 अती भयंकर तथा खडतर चालिस सालों की भयानक अग्नीपरिक्षाएं तथा सत्वपरिक्षाएं आज मैंने पूरी कर ली है इसिलिए स्वर्ग से प्रसन्न होकर आज मेरे सद्गुरू तथा तेहतीस कोटी देवताएं मुझपर फुलों की वृष्टि करेंगे और मुझे अपेक्षित दिव्य मंजिल प्राप्ति का और त्वरीत मनोकामनाएं पूर्ती का आशिर्वाद भी देंगे " भाग्योदय " विनोदकुमार महाजन

संतों का आशिर्वाद

 संतों के आशिर्वाद से जीवन का उध्दार हो जायेगा और संतों के श्राप से जीवन उध्दवस्त हो जायेगा विवेकी व्यक्ती हमेशा संतों का आशिर्वाद लेते है और उन्मादी व्यक्ती हमेशा श्राप लेते है आपको क्या चाहिए ? आशिर्वाद या श्राप ? विनोदकुमार महाजन

जुडे रहो

 जीवन में यही देखना महत्वपूर्ण नहीं की कौन हमसे आगे है या कौन पिछे ? हमेंयह भी देखना चाहिए की कौन हमारे साथ है और हम किसके साथ है....!!! ~~~~~~~~~ जुडना बडी बात नहीं, जुडे रहना बडी बात है। और जीवनभर के लिए जुडे रहना सबसे महत्वपूर्ण बात है !!! ~~~~~~~~~ विनोदकुमार महाजन 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

कौन हमारे साथ है

 *जीवन में यही देखना महत्वपूर्ण नहीं कि कौन हमसे आगे है या कौन पीछे। हमें यह भी देखना चाहिए कि कौन  हमारे साथ है और हम किसके साथ....!!!*      *जुड़ना बड़ी बात नहीं,*     *जुड़े रहना बड़ी बात है.।* ~~~~~~~~  *विनोदकुमार महाजन*    🙏🙏🙏🙏🙏

जो बोलता है

 जो बोलता है वही करके दिखाता है उसके हर शब्द में वजन होता है और जो केवल बोलता है और कृती शून्य होती है उसे केवल बडबोला ही कहते है और समाज जो बोलता है वही कर दिखाने वालों पर ही भरौसा रखता है और बडबोलों से दूरीयाँ बनाता है विनोदकुमार महाजन

सख्त कानून

 संपूर्ण विश्व में कोरोना का भयंकर कहर चल रहा है। फिर भी जागतिक स्तर पर सभी धर्मीय अपने अपने धर्मों पर जी जान से प्रेम करते है। कट्टर हिंदु भी जी जान से धर्म रक्षा में लगा है। मगर कुछ गद्दार, बेईमान लालची, सत्ता और संपत्ती के लिए बेईमान, पाकिस्तान प्रेमियों का साथ दे रहे है। अब समय आ गया है की ऐसे बेईमानों को सबक  सिखाने के लिए और कठोर दंडीत करने के लिए कठोर और सख्त कानून बनाया जाय। ताकी आईंदा ऐसी ताकतें राष्ट्रद्रोह ना कर सके और संपूर्ण देश में अराजकता का माहौल ना बना सके। और देशविघातक समाज को तोडनेवाली गंदी राजनिती भी ना कर सकें। कानूनी तौर पर ऐसे राष्ट्रद्रोहीयों को कानूनन चुनाव लडने पर भी पाबंदी लगानी चाहिए। चाहे वह व्यक्ती हो अथवा कोई राजकीय पार्टी। गणतंत्र के नाम पर अगर कोई व्यक्ती अथवा समुह देश में अराजकता फैलाकर समाज तोडने की साजीश  करता है और दुसरे शत्रुराष्ट्रों की सहायता करता है तो ऐसा सख्त कानून तुरंत बनाना अती आवश्यक है।  *विनोदकुमार महाजन *

सच्चाई

 अगर कोई हिंदु हिंदुत्व के लिए अच्छा कार्य कर रहा है तो उसकी टांग पिछे खिंचनेवाले भी जादा मात्रा में हिंदु ही होंगे  *विनोदकुमार महाजन*

कडवा सच

 अगर कोई हिंदु हिंदुत्व के लिए अच्छा कार्य कर रहा है तो उसकी टांग पिछे खिंचनेवाले भी जादा मात्रा में हिंदु ही होंगे  *विनोदकुमार महाजन*

कुरूक्षेत्र

 *कुरूक्षेत्र*  भगवान श्रीकृष्ण, जगन्नाथ, जगन्नायक, प्रेम का,शांती का प्रतीक फिर भी प्रेम से विश्व को,दुर्जनों के ह्रदय को नही जीत सके परमात्मा होकर भी युद्ध करना पडा धर्म युद्ध करके ही दुष्टों का संहार करना पडा और धर्म की पुर्नस्थापना करनी पडी तभी विश्व में शांती बन गई  *विनोदकुमार महाजन*

ईश्वर का चमत्कार

 ईश्वर का एकसमान सूत्र सभी सजीव प्राणियों में जन्म और मृत्यु का  सूत्र एकसमान आहार,निद्रा, भय,मैथून का सूत्र भी एकसमान बिजारोपन और पुर्नउत्पादन का सूत्र भी एकसमान अंदर का आत्मतत्व और पंचमहाभूतों का सूत्र भी कुछ अपवादों को छोडकर एकसमान श्वसन तंत्र भी एक समान फिर भी आपस में विनावजह क्यों झगडता है इंन्सान ? संपूर्ण ब्रम्हांड में ईश्वर का, सृष्टी का और पंचमहाभूतों का अद्भुत और अनाकलनीय चमत्कार उसमें समाविष्ट साकार निराकार ब्रम्ह का भी अद्भुत चमत्कार फिर भी उन्मत्त इंन्सान कहता है " कहाँ है भगवान ? " आँखें खोल अंधे प्राणी आँखें खोल हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

माँ और सत्पुरुष

 माँ अपने बेटे की  भलाई के लिए जिसप्रकार से डांटती है ठीक इसी प्रकार से किसी की भलाई लिए सत्पुरुष किसी को डांटते है,मौन धारण करते है अथवा दूरीयाँ बनाते है क्योंकी उनका उद्देश  केवल और केवल उसकी भलाई अथवा समाज की भलाई ही होता है विनोदकुमार महाजन

आत्मा और अंतरात्मा की आवाज

 अगर तवायफ ही पतीव्रता पर आरोप करें ? तो आपको कैसा लगेगा ? इतना ही नही तो कुछ उन्मादी सामाजिक तत्त्व तवायफ को सही और पतीव्रता को गलत कहेगा ? तो आपको कैसा लगेगा ? सोचो भाईयों, ठीक इसी प्रकार से इस मिट्टी में रहकर, यहाँ का खाकर, शपथपत्र पर राम को काल्पनिक पात्र कहेगा ? तो आपको कैसा लगेगा ? इतना ही नही तो कुछ बेईमान, नमकहराम, जयचंद भी राम को काल्पनिक कहनेवालों का साथ देंगे ? तो आपको कैसा लगेगा ? सत्ता और संपत्ती के लिए हमारे ही गद्दार इतना गीर सकते है और, " गिरपडे " ,को बल और शक्ती देते है तो आपको कैसा लगेगा ? उत्तर तो देना ही होगा साथीयों ठंडे दिमाग से, बहुत सोच समझकर इसका उत्तर देना साथीयों। मामला भयंकर ही नही तो भयानक गंभीर है कितने दिनों तक चंद  लालच में आकर कुछ लोग केवल इमान ही नही तो आत्मा की और अंतरात्मा की आवाज भी  बेचते रहेंगे ??? विनोदकुमार महाजन

बेईमानों से देश बचाओ

 बंद करो बंद करो देशद्रोही टीवी चैनल बंद करो बहिष्कार करो बहिष्कार करो पाकिस्तान प्रेमी गैंग का बहिष्कार करो टुकडा गैंग हाय हाय एवार्ड वापसी गैंग हाय हाय राष्ट्रद्रोहियों से देश बचाओ बेईमानों को सबक सिखाओ विनोदकुमार महाजन

आजादी के पहले और आजादी के बाद

 भारतीय जनता : - ( आजादी से पहले ) लाठी,गोली खायेंगे देश को आजाद बनायेंगे जनप्रतिनिधि : - ( आजादी के बाद,साठ सालों तक ) जनता को नोच नोच कर खायेंगे गरीबों का भी खून पियेंगे खर्बों की संपत्ती जमा करके परदेशों में जमा कराएंगे देश को,देशवासियों को भूका,कंगाल बनायेंगे देश में अराजकता फैलायेंगे टुकडा गैंग भी बढायेंगे विनोदकुमार महाजन

हे प्रभो

 हे प्रभो संपूर्ण सजीव प्राणी तेरे ही बनाए हुए ईश्वरी कानून से चलते है सिर्फ मनुष्य प्राणी छोडकर आखिर ऐसा क्यों भगवन् ? 🤔 विनोदकुमार महाजन

भगवा ध्वज

 *अपने घर के उप्पर ध्वज 🚩  क्यों* *लगाना चाहिए :-*                      *हिंदू धर्म में घर 🏠 की छत पर 🚩ध्वज* *लगाने को शुभ और* *असरदायक माना जाता है। यह* 🚩 *ध्वज कई कारणों से* *लगाया जाता है। हालांकि* *ज्योतिष के अनुसार 🚩ध्वज लगाने* *के कारण और उनके* *लाभ अलग-अलग हैं। भारत की* *सनातन संस्कृति की* *धरोहर का सांस्कृतिक दूत है।* *आदि काल से वैदिक संस्कृति,* *सनातन संस्कृति,* *हिंदू संस्कृति, आर्य संस्कृति,* *भारतीय संस्कृति एक दूसरे के* *पर्याय हैं जिसमें समस्त* *मांगलिक कार्यों के प्रारंभ करते* *समय उत्सवों में, पर्वों में,* *घरों-मंदिरों-देवालयों-वृक्षों,* *रथों-वाहनों पर भगवा🚩 ध्वज या* *केसरिया🚩 पताकाएं फहराई* *जाती रही है।*   *क्यों लगाते हैं ध्वज :-*🚩              *जिस तरह मोबाइल📱, टीवी📺, आदि* *को चलाने के लिए* *नेटवर्क,📡 एन्टीना की जरूरत* *होती है। ठीक इसी तरह घर में* *सकारात्मक🌅 ऊर्जा के लिए* *घर के उप्पर भगवा ध्वज*  🚩 *होना आवश्यक है।* 🚩 *ध्वजा को विजय और* *सकारात्मकता ऊर्जा का प्रतीक* *माना जाता है। ध्वजा*🚩 *या झंडा लगाने से घर में* *रहने वाले सदस्यों के रोग,* *शोक

हे भगवान

 हे भगवान हे भगवान तुने चौ-याशी लक्ष योनी निर्माण की मगर उसमें सिर्फ एक इंन्सान नही बनाना चाहिए था देख लिया तुने ? छोटेसे दिमाग के छोटेसे इंन्सान ने पूरे पृथ्वी पर कितनी गंदगी फैला दी ? कितना हाहाकार मचा दिया है ? कितना भयंकर अधर्म  फैला दिया है ? तुने ही बनाया यह मिट्टी का खिलौना आज तुझे ही ललकार रहा है अच्छा हुवा तुने सभी का जन्म और मृत्यु खुद के हाथों में रख दिया। अगर जन्म और मृत्यु भी इंन्सान के खुद के हाथों में रखता तो ? कितना भयंकर अनर्थ होता ना ? विनोदकुमार महाजन

देश बचावो गद्दारों से

 गद्दारों को सबक सिखावो समाज में फूट डालने की समाज तोडने की राष्ट्रीय एकता तोडने की पाकिस्तान प्रेम की अगर कोई कोशीश करेगा तो उसपर तुरंत राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दायर करके उसको राष्ट्र द्रोही घोषित करके दस दिनों के अंदर देश छोडने का आदेश निकालना होगा सख्त कानून बनाकर राष्ट्रद्रोहीयों से देश को बचाना होगा देश बचावो गद्दारों से राष्ट्रद्रोही चोरों से  बेईमान,गद्दार, नमकहराम टुकडा गैंग से बेईमानों को सबक सिखावो जयचंदो से भी देश बचावो विनोदकुमार महाजन

हितों के लिए

 हिंदु हित और हिंदु ना की मैं पाकिस्तान में रहता हुं। ना ही पाकिस्तान प्रेमी बहुल इलाके में। हिंदुबहुल इलाके में रहता हुं। हिंदुत्व, हिंदुहितों के बारें में बोलता हुं,लिखता हुं। और दुर्देव से.... सहायता करना तो दूर.... हिंदु ही,स्वकीय ही, पिडा,नरकयातना, आत्मल्केश देते है। इतिहास भी यही कहता है। राजे शिवाजी, संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, सावरकर, सुभाष बाबु जैसे अनेक महापुरूषों को,सिध्दपुरूषों को,अवतारी पुरूषों को, रूलाने वाले,पिडा - आत्मल्केश, यातनाएं, देनेवाले भी हिंदुही थे। स्वकीय ही थे। इसी वजह से,ऐसे कारणों से, भयंकर धर्म हानी हुई है। और हमारा समाज..... आज भी ठीक इसी मानसिकता में जी रहा है। इसिका हल क्या है भाईयों ? सच है मगर कडवा है। हजम तो करना ही पडेगा। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

कृष्ण निती

 श्रीकृष्ण निती कृष्ण निती से चलेंगे तो दुनिया जीतेंगे प्रेम से दुनिया जितने  के लिए हाथ में बांसुरी और अधर्मीयों का नाश करने के लिए हाथ में सुदर्शन चक्र विनोदकुमार महाजन

समर्पण

 देव,देश और धर्म के लिए तन,मन,धन से सर्वस्व समर्मीत लाखों कार्यकर्ताओं की फौज बनेगी तभी देश में क्रांति होगी विनोदकुमार महाजन

लेना और देना

 देने की वृत्ति ईश्वरी सिध्दांतों पर आधारित होती है। चाहे वह निष्पाप प्रेम हो,धन हो या समर्पण हो। और लेने की वृत्ति लालच पैदा करती है। जिससे द्वारा अनेक विकार उत्पन्न होते है। दोस्ती करते समय भी सबसे पहले यह परख लेना चाहिए की यह देनेवाला है या लेनेवाला। विनोदकुमार महाजन

कृष्ण निती

कृष्ण निती जबतक परमात्मा भगवान श्रीकृष्ण की परमात्म शक्ती से हम एकरूप नही होते है, कृष्ण निती से नही चलते है,भगवत् गीता का आचरण नही करते है.... तबतक अपेक्षित यश यश नामुमकिन है। भगवान श्रीकृष्ण कितने लोगों के समझ में आ गये ? कोई श्रीकृष्ण की निती पर सवाल खडा कर सकता है ? हरी ओम् विनोदकुमार महाजन  

विश्व स्वधर्म संस्थान

 हमारे, विश्व स्वधर्म संस्थान का प्रमुख उद्दीष्ट है.... विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो अर्थात, जहाँ सुर्य की किरण पहुंचेगी वहाँ स्वधर्म अर्थात ईश्वरी धर्म, मानवता धर्म, सत्य धर्म, सत्य सनातन धर्म, कुदरत का का कानून हो। असुरी सिध्दातों का नाश हो। इसी उद्दीष्ट से प्रेरीत होकर मैंने, पांडुरंग जी के पंढरपूर में 12 साल तथा संत ज्ञानेश्वर जी की नगरी में 12 साल खडतर तप:श्चर्या की है। इसके कार्यसफलता के लिए, खुद ज्ञानेश्वर जी सहीत, मेरे सद्गुरू, गुरू दत्तात्रेय, माता महालक्ष्मी, मेरी कुलदेवता कालभैरवनाथ,मेरी ग्रामदेवता खंडोबा, हनुमानजी,ज्वाला नारसिंव्ह, शेगाव के गजानन बाबा,सज्जनगड के संत रामदास स्वामीजी के शिष्य कल्याण स्वामीजी, और अनेक देवीदेवताओं के, सिध्दपुरूषों के, आशिर्वाद, वरदहस्त प्राप्त हो चुके है। और यह दिव्य संकल्प पूर्ती के लिए हमारा संगठन बन गया है।और तेजीसे हम इसके लिए आगे बढ रह है। इसकी कार्यसफलता के लिए, खुद ईश्वर हमें पग पग पर सहायता कर रहा है,इसकी दिव्य अनुभूती मुझे हो रही है। अब इसके लिए हमें, संपूर्ण विश्व में तथा विश्व के कोने कोने में  गुरूकुल का निर्माण, गौशाला का निर्माण, सना

वचन

 वचन वचन के पक्के है हम जो बोलते है वही कर दिखाते है झूटी बाते करते नही है हम मिठी मिठी बाते करके, लोगों को फँसाते नही हम आवो सब मिलकर वचन निभायें " विश्व स्वधर्म संस्थान " द्वारा युग बदले नया संकल्प, नई दिशा, नई आशा,नई उषा हरी ओम् 👍🙏🌹🌹🕉 विनोदकुमार महाजन संस्थापक,अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय अध्यक्ष, " विश्व स्वधर्म संस्थान "