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Showing posts from May, 2023

टेढेमेढे रास्ते

 टेढे मेढे रास्ते !!! ✍️ २२७९ विनोदकुमार महाजन ---------------------------- जिंदगी के टेढेमेढे रास्ते , चलते रहना है ! मिलेंगे अनेक टेढेमेढे लोग भी, हँसते हँसते उन सभी से , आगे आगे ही निकल जाना है ! सुखदुखों के अनेक रास्तों से निकलते जाना है ! हँसी खुशी से जीवन का सफर , पार करते जाना है ! कभी खुशी कभी गम के , अनुभवों को साथ लेकर , चलते रहना है ! जीवन का सफर चलते ही , रहना है ! चाहे खुशी के आंसू हो , या हो गम की पीडा ,  नितदिन , हरपल आगे  बढते रहना है ! जीवन का सफर चलते , रहना है ! शायद, पग पग पर रूलायेगा , मिलनेवाला हर शक्ख्स तुझे , फिर भी उदास ना होकर , जीवन का डगर , चलते रहना है ! आंसनिरास के जीवन के  इस खेल में तुझे , आगे बढते ही रहना है ! हरपल ,हरदिन तुझे  आगे आगे बढते ही रहना है ! इसी का नाम जीवन है ! ऐ मुसाफिर तुझे हरदिन , आगे बढते ही रहना है ! जीवन के टेढेमेढे रास्ते , हिम्मत से चलते रहना है !!

ज्ञान

 जबतक पूरा सच ज्ञात न हो , तबतक मौन और शांत रहिए , क्योंकी आधे सत्य पर विश्वास करना घातक साबित हो सकता है ,और खुद का भी नाश कर सकता है !! विनोदकुमार महाजन

सख्त कानून

 हिंदुओं के फर्जी नाम धारण करके , हिंदुओं को फँसाने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाओ और कठोर दंड का प्रावधान बनाओ विनोदकुमार महाजन

सुविचार

 अच्छे विचार https://globalhinduism.online/?p=3984 *अच्छी भूमिका,अच्छे लक्ष्य और*    *अच्छे विचारों वाले लोगों को,*        *हमेशा याद किया जाता है*          *मन में भी, शब्दों में भी*             *..और..जीवन में भी।।*   *🙏🏻🙏🏻सुप्रभात 🙏🏻🙏🏻* विनोदकुमार महाजन

सुविचार

 लक्ष्य https://globalhinduism.online/?p=3986 *लक्ष्य* निश्चित होते ही आपके *कर्म* एक *यात्रा* का रूप ले लेते हैं और फिर आज नहीं तो कल आप अपने लक्ष्य पर पहुँच ही जाते हैं.!! हर हर महादेव 🚩 विनोदकुमार महाजन

गलत लोगों का साथ ?

 गलत लोगों का ( ? ) साथ , सदा के लिए छोडना ही पडेगा !! ✍️ २२७८ विनोदकुमार महाजन ********************* जिन्होने भारतीय लोकतंत्र को खुद के ब*× की जागीर समझा था, लोकतंत्र का गला घोटकर , केवल एक मतों से जो देश का प्रधान बना था , क्या ऐसे धोखाधडी करनेवालों को , देश को और समस्त देशवासियों को गुमराह करनेवालों को, भारतीय समाज , भारतीय समाज मन ,समय और ईश्वर भी क्षमा करेगा ? और ऐसे व्यक्ती क्या सचमुच में क्षमा करने योग्य भी है ?? ( सोचना आप सभी को है ! ) जानो पहचानो साथीयों ! जागो मोहन प्यारे ! हमें आजीवन गुमराह करके ,हमारे बरबादी का सपना देखनेवालों का ? हमारी महान संस्कृति बरबाद करने का सपना देखने वालों का ? और उनके गुमराही अगली पिढीयों का ? ??? साथ सदा के लिए छोड दो ! हमारे देश को और हमें,हमारी अगली पिढी को, बरबादी की ओर ले जाने का, " गुप्त एजेंडा " चलाने वालों को,अब हम सबको मिलकर,उनका ऐसा विनाशकारी, " एजेंडा " , तोडना ही पडेगा ! और ? नवराष्ट्र निर्माण करनेवालों का, संपन्न, समृध्द भारत बनाने के लिए , आजीवन प्रयास करनेवालों का... शपथ लेकर साथ तो देना ही होगा ! मुक्त बिजली, प

भारतीय मतदाताओं

 भारतीय मतदाताओं, एक बात पक्की याद रखना !! ✍️ २२७७ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- भारतीय मतदाताओं, तुम्हे नम्र आवाहन तथा निवेदन है ! इसका गंभीरता से विचार करना ! और स्विकार करना ! २८ मई को नई संसद भवन का बडे हर्षोल्लास के साथ , अनेक साधुसंतों के सानिध्य में , बेहतरीन तरीकों से उद्घाटन हुवा है ! इतिहास इस घटना का सदैव साक्षीदार रहेगा ! सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की, आजतक गैरतरीकों से और जानबुझकर छूपाया गया, राजदंड फिरसे स्थापित किया गया है, और महादेव के नंदी को उसी राजदंड पर विराजमान करके ,उसे गौरवान्वीत किया गया है ! जानबुझकर चुरे छुपे राजदंड को स्थापित ना करने का जिन्होने महापाप किया है , उनके कुकर्म सारे देशवासियों ने इस महत्वपूर्ण घडी में देख लिए है ! राजदंड फिरसे स्थापित करके,इसे छूपाने का महापाप का महाकलंक अब बुझ गया है ! इसिलिए भारतीय मतदाताओं, इसके बाद एक बात पक्की याद रखनी है की.... " जिन्होने ने भी , अथवा जिन राजकीय पार्टीयों ने ऐसे ऐतिहासिक क्षणों का बहिष्कार करके , उस पवित्र वास्तू में जाने के लिए ,मना किया है ..." उन सभी ने भारतीय लोकतंत्र का ,भा

कौन करेगा चमत्कार ?

 कौन करेगा चमत्कार ?? ✍️ २२७६ विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🕉🕉 यह भूमी चमत्कारों की है ! इस भूमीपर अनेक बार चमत्कारी, सिध्दपुरूषों ने जन्म लिया है ! और इस पवित्र भूमी पर आज भी चमत्कार होते रहते है ! अब, आज की भयावह स्थिति में, भयंकर अराजकता में, चमत्कार होने की फिरसे अपेक्षा है !? और आसुरीक संपत्तियों का सर्वनाश होकर, ईश्वरीय संपत्तियों का राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्तर पर , पुनर्निर्माण होना अत्यावश्यक है !? २०२४ का लोकसभा चुनाव तो बीजेपी ही भारी बहुमतों से जीतेगी ही जीतेगी,इसमें कोई संदेह नहीं है ! क्योंकि मोदिजी का अतुलनीय कार्य ही जीत दिला देगा ! मगर उसके बाद ? क्या सचमुच में चमत्कार होंगे ? ? जैसे, हिंदुराष्ट्र निर्माण !? यह भी चमत्कारों से कुछ कम नहीं है ! अखंड भारत , का निर्माण,यह भी चमत्कारों से कुछ कम नहीं है !? दो हजार साल पहले भी राजा विक्रमादित्य ने ऐसे ही दैवीय चमत्कार करके, इस भूमी को, वैभवशाली, सामर्थसंपन्न,सोने की चिडियावाला, " अखंड भारत देश अर्थात अखंड हिंदुराष्ट्र " बनाया था ! अब फिरसे राजा विक्रमादित्य जैसे चमत्कार होंगे ऐसी अपेक्षा संपूर्ण देशवासियों को तथा मानवताप

दूर्जनों के खेल

 दूर्जनों के " जहरीले खेल " उनके मृत्यु तक अखंड शुरू ही रहते है ! इसिलिए ईश्वर भी ऐसे दूर्जनों को मृत्युदंड देकर ही उनके ... " सभी को केवल पीडा ,दुखदर्द ही देनेवाले खेल " सदा के लिए समाप्त कर देता है ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

हिंदुओं से नफरत करने वाले

 हिंदुओं से नफरत करने वालों ? ✍️ २२७४ विनोदकुमार महाजन ---------------------------------- विनावजह हिंदुओं से नफरत करने वालों के लिए यह विशेष लेख ! हिंदु आस्था पर चोट पहुंचाने वाले, हिंदु संस्कृति को, देवीदेवताओं को,साधुसंतों को बदनाम करनेवाले, संस्कृति तबाह करने का सपना देखने वाले...यह बात पक्की ध्यान में रखना, " भविष्य तुम्हें कभी भी क्षमा नहीं करेगा ! " क्योंकि, बहुसंख्यक हिंदुओं ने तुम्हें अपना समझकर, सच्चा प्रेम दिया ! सदोदित... विनास्वार्थ भाव से,सभी प्रकार की, सुखसुविधाएं दी ! तुम्हारे संपूर्ण विकास के लिए ,हिंदुओं द्वारा हमेशा सहयोग ही प्रदान किया ! " अपनी आत्मा पर हाथ रखकर कह दो की ",  मैं सत्य ही लिख रहा हूं ! इसमें झूठ एक प्रतिशत भी नहीं है ! इतना होने के बावजूद भी, अगर तुम हमें ही उल्टा नेस्तनाबूद करने का , समाप्त करने का दिनरात सपना देखते हो,उसीके अनुसार योजनाएं बनाते हो,उसीके अनुसार दिनरात लगातार प्रयास भी करते हो तो...? सचमुच में तुम्हारी आत्मा ही मरी हुई है ? अथवा तुम्हारे अंदर आत्मा है ही नहीं ? कृतघ्नता की भी परीसीमा होती है ! और ऐसी भयंकर कृतघ्नता

सरकार को चेतावनी

 सरकार को चेतावनी ✍️ २२७३ विनोदकुमार महाजन ********************* संपूर्ण देश में,अनेक भागों पर, देश के कोने कोने में,अनेक जगहों पर ,गुप्त रूप से, अनेक घुसपैठियों को बसाने की, योजनाएं बनाने की संभावना है ! जो अगले सभी चुनावों में निर्णायक साबित हो सकती है ! इसीलिए सरकार सचेत और सावधान होकर ,सभी चुनावों का निर्णायक ढाँचा बनाये ! आज अनेक जगहों पर ,नये नये फलविक्रेते ,सब्जी विक्रेते , ज्यूस विक्रेते , छोटे छोटे व्यावसायिक , रास्ते के अनेक किनारों पर दिखाई दे रहे है ! इनको आधार से लेकर ,मतदाता सूची तक की सभी प्रकार की सुविधाएं , जल्द गति से दी जायेगी , ऐसी भी संभावना है ! गुप्तचर यंत्रनाओं द्वारा सरकार इसपर निगरानी रखकर , समयोचित योग्य कारवाई कर सकती है ! ताकी भविष्य भयंकर पीडादायक तथा क्लेशदायक ना हो ! देश के अनेक स्थानों पर बन रही बाकायदा मजारों पर भी सरकार को विशेष ध्यान देना होगा ! क्योंकि ऐसे स्थानों पर ,भविष्यकालीन अराजकता फैलाने के लिए तथा ग्रहयुद्ध छेडऩे के लिए , अनेक प्रकार की प्रभावी योजनाओं का अमल किया जा सकता है ! सरकार को इसी विषय में तुरंत सचेत होकर ,तुरंत सख्त और कठोर निर्णय

विष्णु का नौवां अवतार !

 विष्णु का नौवां अवतार :-- पांडूरंग !! ✍️ २२७२ विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🕉🕉 विष्णु का नौवां अवतार कौनसा ? इस विषय में आजतक अनेक बार संशोधन करने का प्रयास हुवा है ! इसी विषय पर आज के लेख में विस्तृत विवेचन करने का एक छोटासा मगर वास्तव प्रयास है ! विष्णु के नौवें अवतार के बारे में अनेक मान्यताएं है ! मगर मैं इस विवाद में पडना नहीं चाहता हूं ! मगर मैं दावे के साथ यही कहूंगा कि, अवतार कार्य में पूर्णत्व होता है ! अवतार कार्य समस्त मानवसमुहों के आदर्शों को पुनर्स्थापित करने के लिए ही होता है ! और संपूर्णतः ईश्वरी सिध्दांतों पर आधारित ही होता है ! और हर अवतार कार्य में आदर्श सनातन धर्म और महान संस्कृति को ही पुनर्जीवित किया गया है !धर्म पुनर्स्थापना !! विशेष बात यह है की ,अवतार कार्य कोई स्वतंत्र मत - पथ - पंथ का निर्माण नहीं करता है, अपितु सनातन धर्म से ही संबंधित कार्यों को निरंतर बढावा देता रहता है ! इसी विषय के अनुसार दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा यह भी है की ,महापुरुष भी वहीं होते है , जो समस्त मानवसमुहों के कल्याण के लिए ही आजीवन प्रयासरत रहते है ! कोई विशिष्ट जाती के लिए ही महापुरुष कभी भी क

कृष्णनिती

 "हरी ओम्" https://www.kooapp.com/koo/विनोदकुमार_महाजन/94ffebdc-c2e0-4f5f-a631-b592c0470648 कू ऐप डाउनलोड करें - लाखों लोगों और टॉप सेलेब्रिटीज़ से जुड़े: https://www.kooapp.com/dnld बहुत बेहतरीन विडिओ है यह,कलियुग में कृष्णनिती कैसे काम करेगी इसका समर्पक उत्तर है ये... कृष्णभक्तों को,और कृष्णनिती पर चलनेवालों को इसका जरूर अभ्यास करना होगा। और आजके अधर्म के भयावह स्थिति में, धर्म की जीत तथा पुनर्स्थापना के लिए, यही कृष्णनिती से चलना चाहिए। तभी सौ प्रतिशत जीत पक्की है। छल के बदले छल,पवित्र प्रेम के बदले, पवित्र प्रेम। छली ...कृष्णनिती समझेंगे, तो ?  सबकुछ जान जायेंगे 👍💐💐💐

विश्व कार्य

 संपूर्ण विश्व में तेजिसे फैलने के लिए ?? ✍️ २२७१ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 जी हाँ ! संपूर्ण विश्व में तेजी से पहुंचने के लिए , विश्वव्यापक कार्य के लिए,एक उँची उडान के लिए , पंखो में बल , शक्ती चाहिए ही चाहिए ! मतलब अपेक्षित साधनों की आपुर्ती ! समझो,यहाँ से अगर अमरीका जाना है तो हवाई जहाज चाहिए !  मतलब एक प्रभावी साधन चाहिए ! सबसे पहले हमारे मन में तीव्र इच्छाशक्ती चाहिए की , हमें अमरीका पहुंचना है ! मतलब साफ है की ,  सबसे पहले हमारे मन में ,वैश्विक कार्य के लिए,तीव्र इच्छाशक्ती चाहिए की , हमें विश्व के कोने कोने में सनातन संस्कृती की ध्वजा पहुंचानी है ! तो जल्द गति से अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए,उसके लिए यथोचित योजना चाहिए ! और उसके यशस्विता के लिए , समयानुसार अपेक्षित साधन भी चाहिए ! और साधन माँगने से नही मिलेंगे ,बल्की विस्तृत प्रयासों द्वारा,अपेक्षित साधन निर्माण करने पडेंगे ! इस कार्य के लिए , संपूर्ण सहयोग करनेवाले संगी , साथी,सहयोगी की भी जरूरत होगी ! ऐसे सहयोगी जल्दी मिले ना मिलें ! प्रयास तो निरंतर चाहिए ही चाहिए ! स्वामी विवेकानंद ,भक्तिवेदांत प्रभुपाद जी जैसा अकेल

२४

 २४ में,कमल के फूल पर ही बटण दबाना है ! गलती से भी इधर उधर भटकना ,और ? आत्मघात करना नही है !! पक्का याद रखना है ! विनोदकुमार महाजन

हिंदु बनकर तुने व्यर्थ जन्म लिया ?

 हिंदु बनकर व्यर्थ जन्म लिया ?? ✍️ २२७० विनोदकुमार महाजन 🤦‍♂️🤦‍♂️🤦‍♂️🤦‍♂️🤦‍♂️ हिंदु धर्म में जन्म लिया, मगर ना कभी हिंदु धर्म का कार्य किया ? ना कभी दूसरों को हिंदु धर्म की महानता बताई ? देवीदेवताओं के,ऋषीमुनियों के ,साधुसंतों के,महापुरुषों के महान देश में ,महान संस्कृति में पैदा होकर भी, ना कभी धर्म का अभिमान दिखाया ? ना धर्म कार्य करने वालों का साथ दिया ? तो समझो व्यर्थ जन्म लिया ? किडे मकौड़े की तरह,पैदा हो गए, खाया - पिया ,चार पैसे कमाए , चार बच्चे पैदा किए, और ?? एक दिन ? मर गया ? मगर कभी धर्म का कार्य नहीं किया ? और धर्म कार्य करने के लिए , कभी ना मन में विचार भी आया ?? तो समझो ?? मनुष्य जन्म व्यर्थ गया ! उल्टा धर्मद्रोहियों का ही साथ दिया ? संस्कृति भंजकों के संपर्क में रहकर, उल्टा धर्म पर ही प्रहार किया ?? ईश्वर का कभी नाम भी नहीं लिया ?  तो तेरा जनम भी व्यर्थ गया ! हिंदु धर्म की, देवीदेवताओं की,साधुसंतों की,महापुरुषों की ही उल्टी ,गलत लोगों के संपर्क में रहकर, निर्भत्सना की ?? तो तुने जीवन में आखिर क्या कमाया ? सत्ता ,संपत्ति के लिए, धन लालच से बेईमानों का ही साथ दिया ? तो

फसाद की जड

 फसाद की जड ✍️ २२६९ विनोदकुमार महाजन ***************** फसाद की जड कहाँ है ? एक " जहरीला पेड ! " यही पेड का जहर संपूर्ण देश में और संपूर्ण विश्व में ,हाहाकार मचा रहा है ! आतंकवाद का भयावह जहरीला पेड ! यही फसाद की जड है ! इसकी जड ही उखाड़ फेंकेंगे तो ? संपूर्ण देश की और संपूर्ण विश्व की समस्या ही एक झटके में ही खतम ! संपूर्ण देश में भी और संपूर्ण विश्व में भी बिल्कुल शांति ! मगर इसे जड से उखाड़ फेकेगा कौन ? और कैसे ? यही तो समस्या है ! हर एक देश के हर एक राष्ट्रप्रमुखों को मिलकर ,योजना बनानी होगी ! और एक ही झटके में, एक ही रात में ,कठोर कानून द्वारा ? जहरीले पेड की जड खतम ! और त्रस्त ,भयभीत विश्व में शांति का माहौल ! सभी आतंकीयों के ,घुसपैठियों के मतदान से लेकर ,सभी अधिकार, एक ही झटके में खतम ! उनकी सारी धन - संपत्ति ? सरकार जमा ! संपूर्ण विश्व में ! बस्स्...हो गया काम ! अनेक " जहर से त्रस्त देश " जड की काट ढूंड रहे है ! भविष्य उसी की ओर तेजिसे बढ रहा है ? जी हाँ ! यह तो होना ही है ! एक भी गोली चलायेबिना, रक्तविहीन वैश्विक क्रांति ! नजदीक है !? इसी कार्य को अंजाम देने क

मोदीजी को नम्र निवेदन

 मोदी सरकार को, जीत का फाँर्मुला बदलना ही पडेगा ! ✍️ २२६८ विनोदकुमार महाजन ***************** अगले सभी चुनावों में मोदी सरकार को अगर सौ प्रतिशत ,केवल और केवल जीत ही चाहिए तो अपने पुराने फाँर्मुले में थोडा बदलाव करना पडेगा ! मेरे पिछले लेखों में मैंने जीत के अनेक नये तरीकों को के बारे में बताया भी था ! मगर उसमें भी और कुछ जादा " एडनिशल " करना होगा ! क्योंकि आज के ,वर्तमान समय में,  " हमारे अपने ही लोगों "  का कुछ भरौसा नहीं दे सकते है !  इतिहास साक्षी है ! हमारे ही कुछ जयचंदों की वजह से , आजतक हमारी,हमारे देश और धर्म की भयंकर क्षति हो गई है !  अगर इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर ,हम नई निती बनाकर आगे बढेंगे तो , सौ प्रतिशत जीतेंगे भी ! और चारसौ पार भी करेंगे ! पक्का ! मगर नितीयाँ शक्तिशाली होनी चाहिए ! मेरे इस लेख में मैं और कुछ ऐसे मुद्दे लिखुंगा , जिसका अगर वास्तव में अमल होगा तो सौ प्रतीशत जीत मिलकर ही रहेगी ! इसके सिवाय मेरे पास ऐसे भी कुछ मुद्दे है , जो जीत दिला सकते है , वह सभी मुद्दे मैं केवल मोदीजी को अथवा वरीष्ठ स्तरपर ही अकेले में बता सकता हूं ! इसीलिए वर्त

अराजक तत्वों को हराने के लिए

 देश अती भयावह स्थिति से गुजर रहा है !! ✍️ २२६७ विनोदकुमार महाजन ***************** आज संपूर्ण देश में ,कुछ अराजक तत्वों द्वारा , अती संवेदनशील तथा स्फोटक परिस्थिति निर्माण करने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है ! लोकतंत्र नाममात्र बचा है ! विशेषता कर्नाटक चुनाव के बाद , स्थिति भयंकर गंभीर होती जा रही है ! २०२४ के लोकसभा चुनाव तक ऐसी भयंकर स्थिति रहेगी, और भयंकर घटनाएं तीव्र गति से बढती जायेगी ! अराजकता वादी तत्वों का उद्देश्य केवल एकमात्र ही है की , ऐसी स्थिति देखकर मोदी सरकार गलती करें ! और विघटनकारी शक्तियों को बल मिलें ! इसीलिए सरकार को भी , बिल्कुल ठंडे दिमाग से ,हर कदम सोच समझकर ही आगे बढाना होगा ! शायद जाँर्ज सोरेस का पैसा ,दिमाग और भूमीगत योजनाओं को अमल में लाया जा रहा होगा ! चाहे कुछ भी हो अथवा कारण कौनसा भी हो , मोदी सरकार को अराजकता वादी शक्तियों को रोकना ही होगा ! अनेक यशस्वी नितीयों द्वारा , विघटनकारी और विनाशकारी शक्तियों को काबू में रखना ही होगा ! अगर मोदी सरकार शांत ,स्वस्थ और मौन रहेगी , तो भी ऐसी शक्तियों को बल मिलेगा ! अथवा सरकार द्वारा ठोस तथा कठोर कदम उठाये , तो भी

सिध्दांतों की रक्षा

 सिध्दांतों की रक्षा के लिए !! ✍️ २२६६ सिध्दांतों की रक्षा के लिए जैसे राम को बनवास जाना पडा, कृष्ण परमात्मा को भी अपना " उन्मादी सगा मामा " कँस का भी वध करना पडा , परशुराम को भी अपनी माँ  " रेणुका " का भी सर काटना पडा था ! वृत्रासुर के वध के लिए, महान ऋषि , " दधीची " को भी अपना देहत्याग योगशक्ति द्वारा करके, इंद्र को " वज्र " बनाने के लिए सर्वस्व समर्पण करना पड़ा ! तो हम सिध्दांतों की रक्षा के लिए क्यों पिछे हट रहे है ? क्यों  " अपने ही बेईमानों को  ( ??? ) बचा रहे है !? " जो देश में तबाही का माहौल बना रहे है ? सर्वोच्च सत्तास्थान को अब,कर्तव्य कठोर तो बनना ही पडेगा ! अगर सबका साथ ,सबका विकास, सबका विश्वास यह सिध्दांत कुछ काम नहीं आता है तो ??? " योगीबाबा का " जमीन में गाड दूंगा... यह सिध्दांत ही काम आता होगा तो...??? अब हमें सिध्दांतों के नियमों को बदलना पडेगा ! अगर भगवत् गीता और सभी देवीदेवता भी यही सिखाती है तो ? हम उसका अमल  " संपूर्ण देश के लिए !" क्यों नहीं कर सकते है ? हर हर मोदी ! घर घर योगी ! विनोदकुमार महाज

मान गये गुजरात, यु.पी.वालों को

 मान गये भई ,गुजरात... यु.पी.वालों को !! ✍️ २२६५ मान गये भई,गुजरात और उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को ! कितनी फूट डालने की कोशिश की ! फ्री का लालच दिया ! प्रलोभन भी दिए ! अनेक षडयंत्र भी किए ! मगर मोदीजी ,योगीजी का साथ नहीं छोडा ! यह होता है प्रेम ,भक्ति, विश्वास और श्रध्दा ! भलेही कुछ प्रदेशों के मतदाता बिकाऊ हो ,बेईमान हो, मगर कुछ प्रदेश ऐसे भी है, जिनका आदर्श सारे विश्व को भी लेना पडेगा ! पूरे देशवासियों सोचो ,समझो ! सच्चाई जानो और आत्मरक्षा और आत्मकल्याण के लिए, जागो , जागो ,जागो !! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

उन्मत्त कली

 उन्मत्त, उन्मादी कली का साम्राज्य चारों ओर फैल गया !! ✍️ २२६४ लोकसंख्या बेसुमार बढ गई ! मगर सच्चाई और ईमानदारी घट गई ! काम के लिए कोई आदमी नहीं मिल रहा है , इसिलिए मशीनों की संख्या भी बढ गई ! हर एक को काम चाहिए, आराम का , सुखचैन का ! मगर ईमानदारी का भरौसा नहीं रहा ! घर में भी काम के लिए कामवाली नहीं मिल रही है ! मिलती भी है तो पाँचसौ रूपयों की जगह पर हजार रूपये की माँग होने लगी ! पाँचसौ की जगह पर हजार देनेपर भी ईमानदारी से काम करने की पूरी की पूरी " गैरंटी " ही खत्म हो गई ! सचमुच में जमाना बिगड़ गया ! सच्चाई की  " ऐसी की तैसी " का बोलबाला बढ गया ! चारों ओर उन्मत्त, उन्मादी  " कली " ने अपना साम्राज्य बढा दिया ! संपूर्ण विश्व में हाहाकार और अराजक फैल गया ! विश्वासघात , धोखा ,छल ,कपट ,बेईमानी का जमाना आ गया ! सचमुच में जमाना बदल गया ! ऐसी भयावह स्थिति में, सत्य की जीत कौन करेगा ? सत्यप्रेमीयों को न्याय कौन देगा ? इसका उत्तर मिलना भी लगभग नामुमकिन हो गया ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

जमीन में

 कर्नाटक चुनाव से एक बात साफ हुई कि ... सबका साथ सबका विश्वास नहीं चलेगा .. *मिट्टी में मिला दूंगा ही चलेगा*  विनोदकुमार महाजन

अमृतप्राप्ती

 अमृतप्राप्ती के लिए सबसे पहले तो अनेक जहर हजम तो करने ही पडते है !! विनोदकुमार महाजन

विश्वासघाती

 विश्वासघाती शत्रु ,विश्वासघात से ही मारा जाता है !! ✍️ २२६३ विनोदकुमार महाजन ****************** मेरे एक परम मित्र ,प्रखर राष्ट्रप्रेमी , रिटायर्ड फौजी ! उत्तराखंड से , दिवानसिंगजी बीष्ट ! उनके रग रग में राष्ट्रप्रेम ,कूटकूटकर भरा है ! कल के कर्नाटक के चुनाव नतीजों से , संपूर्ण देश के और विदेश के भी प्रखर राष्ट्राभिमानी भयंकर दुखी हुए है ! मैं भी ! और मेरे मित्र दिवानसिंगजी भी ! उन्होंने मुझे लिखा है , " मगरमच्छ अब संपूर्ण राष्ट्रप्रेमियों को गहरे पाणी में ले गया है ! बचने का कोई रास्ता नहीं है ! मगर एक हाथी पाणी के बाहर खडा है !  " वह है मिलीट्री शासन!! " यही हाथी अब देश को बचा सकता है ! मगरमच्छ के चंगुल से हमें सहीसलामत बाहर निकाल सकता है ! " कितना सुंदर उदाहरण है यह ! सत्यावलंबीयों को ,ईश्वरप्रेमीयों को ,मानवतावादीयों को , प्रखर राष्ट्रप्रेमियों को ,सत्य को और सत्य सनातन को , आज चारों तरफ से , दुष्ट ,क्रूर , हिंसक ,आक्रमणकारी , अत्याचारी मगरमच्छ ने हर जगहों पर , छल - बल - कपट से घेरकर रखा है ! जिसमें हमारे ही विरोधी हमारे भी है और पराये भी ! चारों तरफ से पाणी है

कर नाटक का नाटक !

 कर नाटक ! कर नाटक !! ✍️ २२६२ विनोदकुमार महाजन @@@@@@@@@ कर नाटक ! बेटा तु कितना भी कर नाटक ! यह कोई बाप बेटे का संवाद नही है ! कर्नाटक में हुए ताजे चुनाव नतिजों पर यह एक तिखी प्रतिक्रिया है ! मेरी वैयक्तिक नहीं तो देश के और विदेश के सभी प्रखर राष्ट्रप्रेमियों की ! कैसे ?? विस्तार से पढेंगे तो जानेंगे ! सदियों से हम विश्वासघात करनेवालों का ,गला घोटने वालों का ही साथ देते आ रहे है ! हर जगहों से हमें भगाया जा रहा है ! फिर भी हम नहीं सुधर रहे है ! हुश्श्.... दुर्दैव ! देश का और सत्यप्रेमीयों का !! चाहे बजरंग दल पर बंदी लगाने की कोई घोषणा करें ! अथवा चाहे भविष्य में कोई हिंदुत्व पर ही बैन लगाने की घोषणा करें ! इससे हमें क्या लेनादेना ? इससे हमपर क्या फर्क पडता है ? ( यह पाकिस्तान , सिरिया की घटना नहीं बल्की हिंदुस्थान की ताजी घटना है ! ) कर नाटक की ! संपूर्ण देश में भी यही होगा ? रोंगटे खडे कर देनेवाली घटना ! सचमुच में ! चाहे हिंदुत्व को जगाने का कोई कितना भी प्रयास करें ? चाहे मोदी देश का कितना भी विकास करें ? या फिर सदीयों से मरा हुवा स्वाभिमान जगाने का कोई कितना भी प्रयास करें ? सदीयों

समाजहितों के लिए

 कानूनव्यवस्था और देशांतर्गत सौहार्द !! ✍️ २२६१ विनोदकुमार महाजन ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ समाजहितों के लिए जो कानूनप्रणाली उपयुक्त नहीं होती है , उल्टा सदैव समाजहितों के लिए ही बाधित शाबित होती है , तब ऐसी कानूनप्रणाली , उस समाज के लिए स्विकारार्य नहीं होती है ! इसीलिए समाज हितों की संपूर्ण रक्षा करने के लिए ,किसी देश की कानूनव्यवस्था अगर असमर्थ रहती है तो ,ऐसी कानूनप्रणाली या तो कालबाह्य होती है , अथवा सदोष होती है ! इसिलिए अनेक बार व्यापक जनहित सामने रखकर , बारबार कानूनप्रणाली में व्यापक संशोधन जरूरी होता है ! अनेक देशों में कानून संशोधन किया गया है ! और संपूर्ण जनमानस को यथोचित तथा संन्मानजनक न्याय देने के लिए, यथोचित न्यायव्यवस्था बनाई गई है ! अनुकूल न्यायव्यवस्था देश में शांति और सौहार्द बढाने में सहायक होती है ! और प्रतिकूल न्यायव्यवस्था सामाजिक कलह , उद्रेक ,सामाजिक असंतुलन तथा भारी संख्या में अराजकता का निर्माण कर सकती है ! इसीलिए सक्षम ,सख्त और कठोर कानूनप्रणाली ही सामाजिक सौहार्द स्थापित करने में सक्षम होती है ! आपको क्या लगता है ? बहुमतों की संख्या में , मेरे विचारों का समर्थन किया जा

मकडजाल

 हनीट्रैप अर्थात मकडजाल ✍️ २२६० विनोदकुमार महाजन 🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️ एक संन्माननीय भारतीय वैज्ञानिक को हनीट्रैप में फँसाकर , कैसे लटकाया गया,इसका ताजा उदाहरण देश में देखने को मिल रहा है ! सुसंस्कारित व्यक्ति भी , मोहजाल में कैसे फँस सकता है ... इसका यह एक ताजा उदाहरण है ! वास्तविक ऐसे मकडजाल में बडे बडे विद्वान समझने वाले भी लिलया कैसे फँस जाते है ? यह एक आश्चर्य ही है ! व्यक्ति का सामाजिक कार्य जितना बडा और व्यापक , उतना ही उसका दाईत्व भी बडा होना चाहिए ! तथा हर क्षण में सावधानियां बरतनी चाहिए ! वास्तव में मोह , यह एक ऐशी भयंकर बिमारी है की , पहुंचा हुवा व्यक्ति भी जाल में फँस जाता है ! और जीवन बरबाद हो जाता है ! ऐसे विनाशकारी भँवर , ऐसे जाल हमें सामाजिक कार्य करते समय , बरबाद ना करें ,इसके लिए हर क्षण सतर्क और चौकन्ने रहना जरूरी है ! शारीरक आकर्षण के साथ साथ आर्थिक मोह भी ऐसे जाल में फँसाने के लिए कारणीभूत होते है ! चाहे स्त्री हो अथवा पुरूष , सभी को, ऐसे षड्यंत्रों से , ऐसे मकडजाल से , ऐसे विनाशकारी भँवर से सावधानियां बरतनी ही चाहिए ! अन्यथा गंभीर परिणाम हो सकते है ! और हमारे कार्

सख्त कानून व्यवस्था कब बनेगी ?

 आंतरराष्ट्रीय मानवतावादी संगठन कहाँ है ??? ✍️ २२५९ विनोदकुमार महाजन --------------------------------- यह लेख विशेषतः संपूर्ण विश्व के राष्ट्रप्रमुखों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ! इस लेखपर गहराई से वैश्विक स्तर पर चिंतन, मंथन करके , संपूर्ण विश्व में भयंकर तेजी से फैलती जा रही अमानवीय घटनाओं पर तुरंत निर्णय लेने की अत्यावश्यकता है ! दो दिन पहले पाकिस्तान से आया हुवा एक विडिओ देखने को मिला ! और ह्रदय पर कुठाराघात हुवा ! वहाँ के एक हिंदु भाई का यह विडिओ है ! वह अतीशय दु:खावेश से मोदीजी और अमीत शाहजी को निवेदन कर रहे है ! और वहाँ के भयंकर हालात का वर्णन कर रहा है ! यह विडिओ तो झूठ नही लगता है ! अथवा नाही एडीट किया हुवा लगता है ! तो मेरा वैश्विक राजनितीज्ञों को यह नम्र निवेदन है की , तेजीसे भयंकर बढती हुई घटनाओं का हल क्या है ? निष्पाप लोगों पर बर्बतापूर्वक ,जघन्य अन्याय ,अत्याचार क्यों ? और ऐसा सिलसिला कबतक चलता रहेगा ? क्या ऐसे लोगों को ,उनके सिध्दांतानुसार,जीने का हक नही है ? मानवता के नाते उनको भी जीने का अधिकार नही है ? वैश्विक राजनिती ऐसी भयंकर घटनाओं पर मौन और शांत क्यों है ? संपूर

ऐसा क्यों हो गया ??

 संवेदनशील समाज धीरेधीरे संवेदनशून्य कैसे बनता गया ?? ✍️ २२५८ विनोदकुमार महाजन @@@@@@@@@ अपने पैरों के निचे से गलती से भी एक चिंटी आकर भी मरती थी , तब कुछ लोग दुखी होते थे ! मतलब इतना संवेदनशील समाज और व्यक्ती था.... मगर ऐसा अनेक सालों पहले दिखाई देता था ! कुछ सालों पहले  !! व्यक्ति ,समाज परपीड़ा जानते थे ! दुसरों के दुखदर्द में आधार , सहारा ,आसरा बनते थे ! मगर अब तो परपीड़ा देने में ही आसुरीक आनंद माननेवाला समाज क्यों और कैसे बन गया ? मगर अब तो...?? वही संवेदनशील समाज, व्यक्ती  धीरेधीरे इतने क्रूर और संवेदनशून्य बनते जा रहे है की... सामने अगर तडपतडपकर कोई मर रहा है ...तो भी इंन्सान उसको और जादा तडपाता है ! ऐसा भयावह दृष्य देखकर, अंदर भयंकर दुखदर्द ,पीडा , यातना , आत्मक्लेश होते है !! ऐसा क्यों हो गया ? सुसंस्कारित समाज संस्कारशून्य क्यों और कैसे बन गया ?? कितना बदल गया इंन्सान ? सचमुच में , कितना बदल गया इंन्सान ? अगर धरती पर ईश्वर भी आयेगा तो शायद , ऐसी भयानकता , भयावहता देखकर ,ईश्वर भी स्वर्ग को वापीस लौट जायेगा ! जी हाँ ! दुखी होकर !! आखिर संस्कारवान ,संवेदनशील समाज संस्कारशून्य  किस

हम कृष्णभक्त है

 नैतिकता का पाठ केवल हिंदुओं को ही क्यों पढाया जाता है ?? ✍️ २२५७ विनोदकुमार महाजन ******************** आज का जमाना बडा भयंकर विचित्र है ! सत्यता, प्रामाणिकता,ईमानदारी की दुनिया नहीं रही है ! हेराफेरी , बेईमानी ,लफंगेगिरी , बनवेगिरी की दुनिया है ! यहाँपर तो सत्य नहीं चलता है ! बल्की सत्य का मुखौटा धारण करके , केवल असत्य ही चलता है ! और ईश्वर भी ,पंढरपूर में पांडुरंग बनकर ( विष्णु का नौवां अवतार यही है ,क्योंकि अवतार में पूर्णत्व होता है, जो पांडूरंग में है ) , निश्चल ,स्थिर और मौन बनकर , आँखें बंद करके बैठा है ! चाहे कितना भी भयंकर घोर अन्याय ,अत्याचार हो , वो तो आँखें खोलेगा ही नहीं ? शायद पांडुरंग भी विष्णू का दसवाँ अवतार , कल्की  का ,आँखें बंद करके इंतजार कर रहा होगा ? इसिलिए जब वह आँखों को खोलेगा ,तब पापीयों में हाहाकार मचेगा ? मगर वह आँखें खोलेगा कब ? और हम भी पांडुरंग के भक्त , क्या उसकी तरह ही आँखें बंद करके , पाप का और पापीयों का भयंकर आतंक खुले आँखों से देखते रहेंगे ? हरगीज नही ! ईश्वर की इच्छा चाहे कुछ भी हो , हमें तो हैवानों के हैवानियत के विरूद्ध लडना ही होगा ! उसे रोकना ही

ईश्वर और सैतान !

 ईश्वर और सैतान !! ✍️ २२५६ विनोदकुमार महाजन --------------------------- सैतान अगर एक प्रतिशत सोचता है तो , ईश्वर उसके आगे सौ प्रतिशत सोचता है ! सैतान अगर , ईश्वरी सिध्दातों पर चलने वालों को समाप्त करने की सौ योजनाएं बनाता है तो , ईश्वर उन्हें बचाने के लिए हजारों योजनाएं बनाता है !! इसिलिए , ईश्वर पर भरौसा करनेवालों की चिंता खुद ईश्वर ही करता है ? तो डर किस बात का ? हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

मोदीजी और योगीजी

 मोदीजी और योगीजी के बाद, तुम्हें बचाने के लिए, कोई भी नहीं आयेगा !! ✍️ २२५५ विनोदकुमार महाजन ******************** सत्यप्रेमी साथीयों ,ईश्वर भक्तों , प्रखर राष्ट्रप्रेमीयों मेरा यह लेख गहराई से पढकर ,इसपर चिंतन ,मनन करके , हमारे ही  " रास्ता भटकनेवाले " हिंदु भाईयों को जगाने का प्रयास करना ! क्योंकी आज का देश का महाभयानक माहौल देखकर भी जिनकी आँखें नहीं खोलती है , और आज भी ऐसे लोग जिंदा लाशें बनकर निरर्थक जी रहे है , अथवा विनाषकारी , " सेक्युलारीझम " का गंदा कीडा आज भी जिनके दिमाग में   जींदा है , इतना भयावह होने के बाद भी हमारे ही भाई अगर आज भी मोदिजी, योगीजी का विरोध करते है ,सत्य पर ,सत्य प्रेमीयों पर , राष्ट्रवादीयों पर प्रहार करते है ,  तो ?  उनको जगाने का एक छोटासा प्रयास जरूर करना ! क्योंकी यही अंतिम मौका है सत्य को ,सत्य सनातन को बचाने का !  ईश्वर ने मोदिजी और योगीजी जैसे महापुरूषों को , भेजकर ,तुम्हे , हम सभी को बचाने के लिए एक अंतिम मौका दिया है ! अगर आज भी नहीं सुधरे , आज भी विनावजह आपस में झगडते रहें , आज भी मोदिजी , योगीजी का विरोध करते रहें तो...शायद...

सावरकरजी का प्रायोपवेशन और देहत्याग

 सावरकरजी का प्रायोपवेशन  :-  एक क्लेशदायक घटना ! ✍️ २२५४ विनोदकुमार महाजन ******************* जिस देश में महापुरुषों के साथ , महात्मा - संत - सत्पुरुषों के साथ , धोखा - छल , कपट किया जाता है , विचारवंतों को प्रोत्साहित करने के बजाय , जानबूझकर हतोत्साहित और अपमानित किया जाता है , उस देश का भविष्य निश्चित ही अंधकारमय हो जाता है ! और हमारे देश में भी ठीक ऐसा ही सिलसिला , अनेक सालों से , लगातार जारी है ! परिणाम ? देश का आज का उपद्रवी शक्तियों का भयंकर अराजक और कानूनी हतबलता ! सावरकर , सुभाषचंद्र बोस , श्यामा प्रसाद मुखर्जी , करपात्री महाराज जैसे अनेक थोर महापुरुषों के साथ भी ठीक ऐसा ही हुवा था ! विश्वासघात ,धोखाधड़ी के कारण ,उन महापुरुषों के नशीब में भयंकर दुखदर्द ,यातना , आत्मक्लेश देखने को मिलते है ! हमारे देश में अनेक सालों तक ऐसा भयंकर अघटित क्यों होता आया है ? क्यों हुवा ? और ऐसा अघटित जानबुझकर क्यों किया गया ? कौन असली सुत्रधार है ऐसी भयंकर घटनाओं के पिछे ? ऐसी भयंकर घटनाओं के लिए, परदे का पिछे का असली चेहरा कौन था ? और ऐसी भयंकर विपरीत घटनाओं के पिछे उसका उद्देश क्या था ?  यह जानना