टेढेमेढे रास्ते
टेढे मेढे रास्ते !!! ✍️ २२७९ विनोदकुमार महाजन ---------------------------- जिंदगी के टेढेमेढे रास्ते , चलते रहना है ! मिलेंगे अनेक टेढेमेढे लोग भी, हँसते हँसते उन सभी से , आगे आगे ही निकल जाना है ! सुखदुखों के अनेक रास्तों से निकलते जाना है ! हँसी खुशी से जीवन का सफर , पार करते जाना है ! कभी खुशी कभी गम के , अनुभवों को साथ लेकर , चलते रहना है ! जीवन का सफर चलते ही , रहना है ! चाहे खुशी के आंसू हो , या हो गम की पीडा , नितदिन , हरपल आगे बढते रहना है ! जीवन का सफर चलते , रहना है ! शायद, पग पग पर रूलायेगा , मिलनेवाला हर शक्ख्स तुझे , फिर भी उदास ना होकर , जीवन का डगर , चलते रहना है ! आंसनिरास के जीवन के इस खेल में तुझे , आगे बढते ही रहना है ! हरपल ,हरदिन तुझे आगे आगे बढते ही रहना है ! इसी का नाम जीवन है ! ऐ मुसाफिर तुझे हरदिन , आगे बढते ही रहना है ! जीवन के टेढेमेढे रास्ते , हिम्मत से चलते रहना है !!