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Showing posts from 2020

विश्व विजेता हिंदु धर्म

 आप सभी को सबूत चाहिए ना ? ये रहा सबूत। संपूर्ण विश्व में हिंदु राज्य ही था। भारतीय सनातन संस्कृति संपूर्ण विश्व में फैली हुई थी। अनेक आक्रमणकारियों ने हमारे विश्व व्यापक संस्कृति पर अनेक आक्रमण किए। मगर खुद ईश्वर निर्मीत आदर्शों को कौन मिटायेगा ? इसिलए  विश्व विजेता हिंदु धर्म था, है, और रहेगा। फिर भी आवो चले हम सभी मिलकर ऐसी महान संस्कृति का संपूर्ण विश्व में पुनर्जीवित करते है। विश्व स्वधर्म संस्थान द्वारा एक नये युग की ओर बढते है। विश्व स्वधर्म सुर्य देखे की ओर तेजीसे बढते है। नामुमकिन को भी मुमकिन में बदल देते है। पृथ्वी पर लगा पाप का कलंक मिटाते है। और हमारी विश्व व्यापक महान संस्कृति को, फिर से विश्व के कोने कोने में पहुंचाते है। भगवान के भगवे की शान दुनिया में बढाते है। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

नया साल

" रामबाण " इलाज क्या है ?

 अनेक हिंदुओं को पुछेंगे की तुम्हें धन चाहिए या धर्म ? तो अनेक हिंदु धन चाहिए ऐसा ही कहेंगे चाहे वह भले मार्ग से हो या फिर बुरे मार्ग का हो कोई हिचकिचाहट नही होगी उपर से ऐशोआराम की मस्त जिंदगी भी चाहिए अनेक  हिंदुओं को धर्म के लिए मर मिटने वाले बहुत कम मिलेंगे उल्टा " दुसरों " को पुछेंगे की, तुम्हे धन चाहिए या धर्म ? तो वह सभी बडे आराम से कहेंगे, हमें पहले धर्म चाहिए, बाद में धन इसिलए सदियों से हम पिछे पिछे हटते जा रहे है, घटते भी जा रहा है और " वह " ( ? )धिरे धिरे संपूर्ण विश्व में तेजीसे बढते जा रहे है इसी में समस्या की वजह है और इस भयंकर बिमारी का, जड का उत्तर अभी तक कोई ढूंढ नही रहा है आप ही बताईये, ऐसी भयंकर बिमारी का आखिर इलाज भी क्या हो सकेगा ? मुमकिन हुवा तो व्हाट्सएप करना विनोदकुमार महाजन व्हाटसएप नंबर +91 9890349751

शुध्द और पवित्र आत्मा

 मैं शुध्द और पवित्र आत्मा हुं झूट और फरेब से इंन्सानों के मायावी बाजार से मैं हमेशा कोसो दूर रहता हुं विनोदकुमार महाजन

अन्नदानाचे महत्व

 *जिवंतपणी अन्नदान करा, नाहीतर मृत्यूपश्चात उपाशी राहाल;* *वाचा रामायणातील ही कथा!!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एके दिवशी अगस्ती ऋषींच्या आश्रमात बंधु लक्ष्मणासह श्रीराम गेले असता, ऋषींनी त्यांचा योग्यप्रकारे आदरसत्कार केला आणि नवरत्नाचे कंकण रामास प्रेमभरे अर्पण केले. तेव्हा श्रीराम म्हणाले, 'मुनिवर्य, वास्तविक मीच तुम्हाला काही तरी अर्पण केले पाहिजे, त्याऐवजी तुम्हीच मला देत आहात.' त्यावर ऋषी म्हणाले, 'आम्हा तापसी जनांना हे रत्नकंकण काय कामाचे? तू विष्णूंचा अवतार असून अयोध्येचा राजा आहेस. तेव्हा हे कंकण तुझ्या हातातच शोभून दिसेल.' ऋषिंचे हे वाक्य ऐकताच, `हे कंकण तुम्हाला कसे प्राप्त झाले?' असा श्रीरामाने प्रश्न केला. तेव्हा ते म्हणाले, हे श्रीरामा, या माझ्या आश्रमापासून काही अंतरावर एक सरोवर आहे. तेथे मी त्रिकाल स्नानार्थ जात असतो. एके दिवशी स्नान करीत असता एकाएकी आकाशात घंटानाद होऊ लागला. मी वर पाहिले, तो एक विमान पृथ्वीवर येत असल्याचे मला दिसले. पाहता पाहता, ते विमान सरोवराजवळ येऊन थांबले.  थोडया वेळाने त्यातून एक दिव्य पुरुष बाहेर पडला. त्या पुरुषाने सरोवर

गायत्री मंत्र का प्रभाव

 *🌷अद्भुत सत्य🌷* *एक राजा ने एक ब्राह्मण को दयनीय हालत में जब भिक्षाटन करते देखा तो अपने मंत्री की ओर व्यंग्य कसकर बोले - 'मन्त्रिवर  ! ये हैं तुम्हारे ब्राह्मण ! जिन्हें ब्रह्म देवता के रुप में जाना जाता है । ये तो भिखारी हैं ।'* *मंत्री ने उस समय तो कुछ नहीं कहा । लेकिन जब राजा महल में चला गया तो मंत्री वापिस आया और ब्राह्मण से पूछा कि वह भिक्षाटन क्यों करता है ?* *ब्राह्मण ने कहा - 'मेरे पास धन, आभूषण, भूमि कुछ नहीं है और मैं ज्यादा शिक्षित भी नहीं हूँ । इसलिए परिवार के पोषण हेतू भिक्षाटन मेरी मजबूरी है ।'* *मंत्री ने पूछा - 'भिक्षाटन से दिन में कितना प्राप्त हो जाता है ?'* *ब्राह्मण ने जवाब दिया - 'छह से आठ अशर्फियाँ ।'* *मंत्री ने कहा - 'आपको यदि कुछ काम मिले तो क्या आप भिक्षा मांगना छोड़ देंगे ?'* *ब्राह्मण ने पूछा - 'मुझे क्या करना होगा ?'* *मंत्री ने कहा - 'आपको ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके प्रतिदिन 101 माला गायत्री मन्त्र का जाप करना होगा और इसके लिए आपको प्रतिदिन भेंटस्वरुप 10 अशर्फियाँ प्राप्त होंगी

भारत माझा देश आहे

 *राष्ट्रीय प्रतिज्ञा कोणी लिहिली?* - राष्ट्रीय प्रतिज्ञा कोणी लिहिली? भारतातील प्रत्येक भाषेतील , प्रत्येक पाठ्यपुस्तकाच्या पहिल्या पानावर ठळक अक्षरात राष्ट्रीय प्रतिज्ञा छापलेली असते.  - पण आजवर ती कुणी लिहिली, तेच ठाऊक नव्हते. अगदी पाठ्यपुस्तक मंडळालादेखील.  - परंतु गेल्या वर्षी या प्रतिज्ञेच्या कर्त्याचे नाव अचानक उजेडात आले. त्याची शोधकथा... देशभरातील शालेय पाठ्यपुस्तकांमध्ये सर्वत्र एकसमान प्रतिज्ञा प्रत्येक विषयाच्या पुस्तकामध्ये सुरुवातीलाच दिलेली असते.  - अनेक वर्षांपासून आपण नित्याचा परिपाठ म्हणून शाळा भरताना ही प्रतिज्ञा घेत असतो. परंतु ही प्रतिज्ञा कोणी लिहिली ? कधी लिहिली ? ती केव्हापासून देशभरातील पाठ्यपुस्तकांमध्ये आली , याची माहिती जवळपास कोणालाच दिसत नाही.  - मीही ही प्रतिज्ञा शालेय जीवनापासून म्हणत आलो.  - बालवयात पाठ्यपुस्तकातील एखादा धडा किंवा कविता वाचली की, त्या पाठाखाली किंवा धड्याखाली त्या-त्या लेखकाचे, कवीचे नाव दिलेले असते. त्यामुळे मला बालपणापासूनच पाठ्यपुस्तकातली ही प्रतिज्ञा कोणी लिहिली असेल , असा प्रश्न पडला होता.  - मला शिकविणाऱ्या प्रत्येक वर्गातील शिक्ष

विशेष कार्यक्रम का आयोजन

 विशेष कार्यक्रम का आयोजन १ जनवरी २०२० को सुबह ८ बजे बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल की तरफ से ,हमारे चैनल की वैश्विक बढोत्तरी की ईश्वर को  प्रार्थना करने के लिए, छत्तीसगड के सभी पत्रकार भाई और बहनो के उपस्थिती में , छत्तीसगड राज्य ब्युरो चिफ,श्री.रविंद्र कश्यपजी के सुकमा निवास में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसके लिए सभी पत्रकार तथा बिएनएन और सिएनएन चैनल से संबंधित सभी कर्मचारी गण इन सभी की उपस्थिती अनिवार्य है। इसी समय में पूजा अर्चना संपन्न होगी।तथा सभी को प्रसाद स्वरूप भोजन का आयोजन किया जायेगा। संकल्पना : - अजयकुमार पांडेय, डायरेक्टर, बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल और परिवार विनोदकुमार महाजन, नैशनल चिफ हेड, बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल और परिवार

हमारा चैनल

 टिव्ही चैनल और हिंदुत्व -------------------------------------- जागतिक स्तर पर सनातन संस्कृती का अर्थात हिंदुत्व का प्रचार - प्रसार करने के लिए संपूर्ण विश्व में, शायद कोई प्रभावी टिव्ही चैनल नही है। कुछ गिने चुने चैनल इसके लिए जी जान से कोशिश कर रहे है।मगर कुछ कारणवश उनका टि.आर.पी.अपेक्षाक्रत नही बढ रहा है।अथवा हिंदुओं का अथवा सरकार का उन्हे पूरा समर्थन नही मिल रहा है। उलटा दुर्देव से देश में चल रहे अनेक टिव्ही चैनल परदेशी फंडिंग से चल रहे है जो सनातन संस्कृती को और हिंदुत्व को घातक साबित होते जा रहे है।और ऐसे बिकाऊ चैनल हिंदुत्व पर ही आघात कर रहे है।और हिंदु समाज तथा सरकार ऐसे नौटंकी बाज तथा भेडिये जैसे टिव्ही चैनलों के आगे हतबल है। ऐसी क्या मजबूरी है की,कानूनी तरीकों से ऐसे विदेशी फंडिंग से चल रहे बोगस तथा राष्ट्रद्रोही चैनलों पर सरकार अंकुश नही ला सकती है, यह बात एक जागृत तथा प्रखर राष्ट्र वादी पत्रकार के नाते मेरे समझ में नही आ रही है। इनपर प्रहार करने के लिए अब केवल सोशल मीडिया का ही शस्त्र जनता के हाथ में है।जो दिनप्रतिदिन शक्तिशाली भी बनता नजर आ रहा है। मगर फिर भी निरंकुश तथा झ

हमारा प्रेस परिवार

 बिएनएन और सिएनएन चैनल का बढता आलेख... -------------------------------------- देश विदेश के संपूर्ण सत्य प्रेमी,सभी पत्रकार जन तथा हमारे न्यूज चैनल के सभी पत्रकार भाई बहनो, बडे हर्षोल्लास से और आनंद से कहने में हमें यह खुशी हो रही है की, हमारा बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल बहुत तेजी से केवल आगे ही नही बढ रहा है तो... बहुत धूमधाम मचा रहा है।सोशल मिडिया में तो संपूर्ण विश्व स्तर पर हम जबरदस्त तरीकों से छाये हूए है।जिसका फायदा भविष्य में आरंभ होनेवाले हमारे हवाई प्रक्षेपण के लिए हो जायेगा।मतलब सैटेलाईट द्वारा हमारा एअर चैनल बडी धूमधाम से आगे बढेगा। आप सभी को बताने में हमें हर्षोल्लास हो रहा है की,वैश्विक स्तर पर सत्य की रक्षा तथा सत्य की अंतीम जीत के लिए हम एक जबरदस्त निती बना रहे है।और इसकी शक्तिशाली नींव भी बनाने की कोशिश में लगातार लगे हुए है। आप सभी का प्रेम,स्नेह और संपूर्ण सहयोग द्वारा हम नामुमकीन को भी मुमकीन में बदल रहे है। वैश्विक कल्याण, समाज कल्याण, राष्ट्रोध्दार तथा राष्ट्र सर्वोपरी को देखकर हम समाज तथा राष्ट्र के लिए अनेक प्रभावी नितीयाँ बना रहे है। हमारे सभी पत्रकार बंधुओं को भ

याद रखना

 सातसौ साल का राममंदिर का प्रश्न जिसने छुडाया सत्तर साल का धारा 370 वाला मसला भी हल किया क्या फर्जी किसान आंदोलन करके तुम उस हस्ती को मिटाने की कोशिश करोगे ? मिट्टी में मिल जायोगे पक्की याद रखना मेरी बात विनोदकुमार महाजन

फर्जी किसान आंदोलन

 अरे अरे अरे,ये क्या हो रहा है सबकुछ ? देखो देखो तो सही भाईयों गरीब किसान का अमीर आंदोलन है यह, या फिर किसानों के नाम पर देश के साथ धोकाधडी हो रही है ? सच्चाई तो यह है भाईयों की, असली किसान आज भी अपनी खेती में दिनरात मेहनत कर रहा है अन्नदाता बनकर देश की भूक मिटा रहा है  तो ये नौटंकी बाज फरेबी,नकली ,अमीर किसान कौन है भाई ? जरा दिमाग को झटका तो लगा दो सच्चाई समझ में आयेगी किसानों के नाम पर ये तो देश को और किसानों को भी गुमराह कर रहे है सच्चाई जानो और जागो फर्जी किसान आंदोलन का जमकर विरोध करो काँग्रेस राज में आत्महत्या करनेवाले गरीब किसान एकाएक इतने अमीर कैसे हो गये ? और मेवा,मिष्टान्न भी बाँटने लगे ? बात तो सोचनेयोग्य है भाईयों विनोदकुमार महाजन

दोस्ती

 दोस्ती अगर करनी ही है तो परखकर किजिए प्यारे " मैं मुसिबतों में हुं दोस्त " , ऐसा झूट कह दो और तब देखो कमाल झूटे दोस्त भाग जायेंगे और कुछ गिने चुने मित्र ही साथ रहेंगे अनुभव किजिए और बताईये विनोदकुमार महाजन व्हाटसएप नं. 9890349751

रामबाण

 हिंदुओं की अती प्राचीन संस्कृती है इसिलिए आज भी अनेक हिंदु अनेक सिध्दियाँ प्राप्त करके समाज में गुप्त रूप से रहते है इसिलिए हिंदुत्व को समाप्त करने की भाषा बोलनेवाले अनेक जहरीले साँप शक्तिशाली बनकर आगे आते है और नामशेष हो जाते है इतिहास साक्षी है हाँ,यह बात तो पक्की है की कुछ नमकहराम,बेईमान, सत्ता और संपत्ती के लालची जयचंद हिंदुओं की वजह से आज धर्म हानी भयंकर हो गई है धर्म ग्रंथों में इसका भी अचूक और, " रामबाण " उत्तर है आज ? समय का इंतजार हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

किसान

 ये कैसा किसान आंदोलन है भाई ? असली और गरीब किसान दिनरात खेतों में काम कर रहा है और नकली किसान बडे बडे ट्रेक्टर लेकर रास्ता जाम कर रहा है क्या कभी अन्नदाता किसान लोगों की परेशानियां बढा सकता है ? सोचनिय बात विनोदकुमार महाजन

ब्यापारी

 मैं आप सभी का दुखदर्द खरिदनेवाला और सुख बाँटनेवाला सबसे बडा आनंदी ब्यापारी हुं आप सभी का दुखदर्द मुझे दिजिए बदले में अनेक सुख लिजिए हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

खूश रहो

 लोग कहते है खूश रहो मगर जब खूश रहता हुं तब यही लोग बेहद जलते भी है और भयंकर नफरत भी करते है कमाल की दुनियादारी है दोस्तों विनोदकुमार महाजन

आज्ञाधारक पत्नी

 आज्ञाधारक पत्नी पत्नी हमेशा आज्ञाधारक होनी चाहिए अगर पत्नी आज्ञाधारक की बजाए आज्ञा देनेवाली होगी तब जीवन का सत्यानाश हुवा ऐसा ही समझिये विनोदकुमार महाजन

मेरे हिंदु भाईयों

 मेरे प्यारे हिंदु भाईयों अगर मजबूर और लाचार होकर दया की भीक माँगोगे तो निश्चित रूप से ठोकरे,बेईज्जत और अध:पतन ही होगा मगर शक्तिशाली और संगठीत बनकर राक्षसी शक्तियों पर जमकर प्रहार करोगे तो ही अस्तीत्व बचेगा और स्वाभिमान भी बचेगा और धर्म भी बचेगा आप को क्या बनना है ? लाचार या शक्तिमान ? जैसा सोचेंगे वैसा ही बनेंगे विनोदकुमार महाजन

सबसे अमीर

 सबसे अमीर मैं दुनिया का सबसे बडा अमीर आदमी हुं क्योंकि मेरे सद्गुरु आण्णा के चरणों के सामने दुनिया का सारा राजऐश्वर्य अथवा सभी स्वर्गीय सुख भी शून्य है और ठीक इसी प्रकार से दुनिया का सारा दुख.अथवा संपूर्ण जहर भी मेरे सद्गुरु आण्णा के चरणों के सामने शून्य है ऐसे मेरे महान सद्गुरु आण्णा का स्वर्गीय, दिव्य, पवित्र, ईश्वरी प्रेम मुझे जनम जनम से मिलता आया है ऐसा भाग्य शायद सौ करोड़ में से किसी एक को ही मिल सकेगा मेरा जन्म धन्य हो गया हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

सभी पर दिव्य प्रेम करनेपर भी जब आपके लिए रोनेवाला, इंतजार करनेवाला, रोनेवाला, दिल देनेवाला, मर मिटनेवाला इस संपूर्ण धरती पर नही मिलता है,तब समझ लेना की, तुम ईश्वर के काफी नजदीक ही नही तो,ईश्वर के ह्रदय में चौबिसों घंटे रहते हो,और ईश्वर तुम्हारी दिनरात चिंता करता है,और हर भयंकर मुसिबतों में सहायता करता है और शक्ति भी देता है अनुभव करके तो देखो हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

 सभी पर दिव्य प्रेम करनेपर भी जब आपके लिए रोनेवाला, इंतजार करनेवाला, रोनेवाला, दिल देनेवाला, मर मिटनेवाला इस संपूर्ण धरती पर नही मिलता है,तब समझ लेना की, तुम ईश्वर के काफी नजदीक ही नही तो,ईश्वर के ह्रदय में चौबिसों घंटे रहते हो,और ईश्वर तुम्हारी दिनरात चिंता करता है,और हर भयंकर मुसिबतों में सहायता करता है और शक्ति भी देता है अनुभव करके तो देखो हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

मेरे जीवन का सार्थक हुवा

 अनेक सालों तक प्रारब्ध गती के आग में जलता था, स्वकियों की आत्यंतिक पिडा से,सामाजिक - सामुहिक उत्पिडन से ,परेशान था, फिर भी मैंने मेरे सद्गुरू ने बताया हुवा आदर्श सिध्दांतों का रास्ता नही छोडा ईश्वर ने भी मेरे सत्व की कठोर परिक्षा ली अनेक भयंकर जहर मैंने हजम किए,मगर सत्य का - सिध्दांतो का,इमानदारी का रास्ता मैंने नही छोडा और आज मैंने मेरे सद्गुरू को स्वर्ग में भी आनंदीत किया क्योंकी सत्य के लिए मैंने खुद होकर बडे आनंद से जहर का स्विकार किया और अमृत का भी त्याग किया मेरे सद्गुरु को मैंने आत्यंतिक समाधान दिया सद्गुरु के चरणों में मैंने मेरा संपूर्ण जीवन समर्पित किया और मेरे जीवन का भी सार्थक हुवा आज मैं कृतकृत्य हो गया हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

धर्म पुनर्स्थापना

 कठोर परिश्रम द्वारा हम खुद का प्रारब्ध भी बदल सकते है मगर एक बात पक्की याद रखना दोस्तों दिव्य प्रेम करनेपर भी हम दुर्जनों का ह्रदय कभी भी नही बदल सकते इसिलिए खुद भगवान श्रीकृष्ण को भी कँस,दुर्योधन के साथ धर्म युध्द करके उन्हें मृत्यु दंड ही देना पडा क्योंकि दुष्ट दुरात्माओं को प्रेम की भाषा समझेगी ऐसी गलतफहमी में कभी भी मत रहना दोस्तों खुद भगवान श्रीकृष्ण भी दुर्जनों का ह्रदयपरिवर्तन नही कर सके भगवान होकर भी तो.... हम दुर्जनों का ह्रदय परिवर्तन कैसे कर सकते है ? संपूर्ण पृथ्वी से आसुरीक  संपत्ति का सर्वनाश यही  एकमेव उपाय है धर्म राज्य पुनर्स्थापना का हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

झूटे आरोपों का षड्यंत्र

 झूटे आरोप लगाकर झूटे मुकदमे दर्ज करके अगर किसिको कोई बदनाम करने का षड्यंत्र चलाता है और वह चाहे स्त्री हो या पुरूष ऐसे झूटे लोगों को कानूनी तरीकों से कठोर दंडित करना ही होगा कठोर और सख्त कानून तुरंत बनाओ और देश बचाओ,संविधान बचाओ मानवता बचाओ विनोदकुमार महाजन

देशद्रोहियों को चौराहे पर गोलियों से भून डालो

 देशद्रोहियों को चौराहों पर गोलियों से भून दो भ्रष्टाचार, देशद्रोह, पाकिस्तान प्रेम का माहौल दिखाई देगा तो उसके खिलाफ कठोर तथा सख्त कानून तुरंत बनाना अती आवश्यक हो गया है। संपूर्ण देश की अब यही एक ही माँग है। संपूर्ण देश करे एक ही पूकार देशद्रोहियों पर करो कानूनी पलटवार अगर कोई, भारत तेरे तुकडे होंगे अथवा पाकिस्तान जींदाबाद के नारे लगाएगा तो ऐसे नीच,नमकहराम, बेईमान, गद्दार, हमारे थाली में खाकर छेद करनेवालों को तुरंत कानूनी तरीकों से कठोर दंडित करना केवल अनिर्वाय ही नही तो अती आवश्यक है। तभी देश का अराजकता का माहौल समाप्त होकर,संपूर्ण देश ऐसे नमकहरामों के,गद्दारों के चंगुल से छुटेगा। अगर कोई देशद्रोह करेगा, भ्रष्टाचार करके जनता का खून चुसने की कोशिश करेगा, तो उसे तुरंत दंडित करना ही पडेगा। शिवाजी महाराज जैसा सख्त कानून बनाना ही पडेगा। ऐसे देशद्रोहियों को चौराहे पर ले जाकर,गोलियों से भूनना होगा। तभी लोकतंत्र बचेगा।तभी मानवता बचेगी। ऐसा सख्त कानून बनाने के लिए, संसद में आवाज उठाने के लिए अब इसके आगे हम सभी  देशवासी तथा देशप्रेमी, हमारी माँगे पूरी करनेवाले ही सांसद जादा मात्रा में चुनेंगे।

हिंदु द्रोहियों को कठोर दंडित करो

 हिंदुओं को बदनाम करनेवाले हिंदु देवीदेवताओं की बदनामी करनेवाले हिंदु धर्म, संस्कृति, सभ्यता का मजाक उडाने वाले हिंदु ऋषीमुनियों को ,साधुसंतों को बदनाम करनेवाले बेईमान, नमकहराम, हिजड़ों को अब बक्शा नही जायेगा जुतों की माला पहनाकर जूतों से मारमार कर ऐसे हिजडों का अब खुलेआम जलूस निकाला जायेगा मेरे हिंदु भाई बहनों ऐसे बेईमानों को सबक सिखाने का समय आ गया है इसके लिए हम सभी हमारा ईश्वरी आत्मतेज जागृत करते है और हिंदुद्रोहीयों को चारों तरफ से घेरकर ऐसे नमकहरामों को हर चौराहे पर जुतों से मारने की कसम खाते है क्योंकि आईंदा कोई हिजड़ा गलती से भी हमारे देवीदेवताओं का मजाक ना उडा सके हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

टिव्ही डिबेट

 टिव्ही डिबेट टिव्ही डिबेट पर हिंदुत्ववादी अथवा भाजपा का चर्चा के लिए केवल  एक सदस्य और हिंदुत्व विरोधी पाँच सदस्य मतलब समझ गये डिबेट का ? उसीमें भी हिंदुत्व वादियों को कम बोलने देना अथवा मुद्दा पूरा करने से पहले ही  काट देना सचमुच में यह डिबेट है ? क्या सचमुच में यह लोकतंत्र है ? या लोकतंत्र के नाम से बिकाऊ टिव्ही चैनलों का षड्यंत्र है ?  या परदेशों से फंडिंग करनेवाले देशविरोधी शक्तियों का देश में अराजकता फैलाने की जहरीली योजना है ? मोदिजी सोचिए और हल निकालिए जनहो, लोकतंत्र का गला घोटनेवाले टिव्ही चैनलों का बहिष्कार किजिए अथवा ऐसे हिंदुद्रोही चैनलों पर तुरंत कानूनी कारवाई हो अथवा हिंदु विरोधी टिव्ही चैनल बैन हो विनोदकुमार महाजन

अराजकता समाप्ति के लिए

 देश में अराजकता समाप्त करने का एक ही उपाय शिवाजी महाराज जैसे सख्त कानून बनाओ गद्दारों को सबक सिखाओ विनोदकुमार महाजन

काश...

 काश, दुनिया का हर इंन्सान दुसरे सजीवों की तरह निष्पाप,इमानदार, निस्वार्थ, शुध्द मनवाला होता तो दुनिया में कोई समस्या ही उत्पन्न नही होती विनोदकुमार महाजन

सद्गुरु चरणों पर

 पूर्ण विराम ईश्वरी कार्यों को,विश्व कार्य को अब संपूर्ण रूप से, पूर्ण विराम। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन https://twitter.com/HinduismGlobal/status/1331034386112802818?s=08 https://hinduismforworldvictory.blogspot.com/2020/11/blog-post_23.html

कठोर कानून

 जबतक पाकिस्तान प्रेमियों को तुरंत मृत्यु दंड देने का कानून नही बनेगा तब तक देश का अराजकता का माहौल खतम नही होगा विनोदकुमार महाजन

पूर्ण विराम

 बहुत कोशिश की धर्म कार्य बढाने की।लोगों को जगाने की।संस्कृती, संस्कारों का धन बढाने की। ईश्वरी कार्यों को संपूर्ण विश्व में बढाने की। मगर अगर यह कार्य ईश्वर को ही मंजूर नही है,मेरे हाथों से ईश्वर कुछ कार्य ही नही करना चाहता है ..तो...मैं व्यर्थ कोशिश क्यों करूं ? चौबीस सालों तक कार्य सफल बनाने के लिए कठोर तप:श्चर्या भी की।फिर भी अपेक्षित यश नही मिला। इसिलिए अब विश्व कार्य, ईश्वरी कार्य ,नाम,प्रसिद्धी, पैसा,धन,राजऐश्वर्य, मंदिर निर्माण, वृध्दाश्रम, अनाथाश्रम, गौशाला, गुरूकुल निर्माण, पेड जंगलों का रक्षण तथा संवर्धन, सजीवों की रक्षा यह सभी उपक्रम अब संपूर्ण रूप से छोड देता हुं। और एक अज्ञात जगह पर जाकर,एक झोपडी में रहकर, सद्गुरु के चरणों में संपूर्ण जीवन समर्पित करके,ईश्वरी चिंतन में,मौन होकर,एकांत में रहकर जीवन बिताने का संकल्प करता हुं। बहुत कोशिश की,मगर कुछ भी हासिल नही हुवा,इसीलिए अब.... संपूर्ण कार्य को पूर्ण विराम देकर,बडे शांती से,आनंद से,जीवन आरंभ करता हुं। आज तक दुसरों के लिए जीने की कोशिश की।अब खुद के लिए जीने की कोशिश करता हुं। अब ब्रम्हज्ञान, योगसामर्थ्य, योगशक्ति, आत्मज्ञान

सत्य का रखवाला कौन ?

 मेरा अनुभव सत्यवादी जब अग्नि में जल रहा होता है तब उसे बचाने वाला कोई नही मिलेगा बल्कि दूर से ही मजा  देखने वाले बहुत मिलेंगे इससे भी भयंकर यह है की उसी अग्नि में घी डालने वाले स्वकीय भी जादा मिलेंगे जिनके लिए ही हम लड रहे थे सत्य का और सत्य वादीयों का रखवाला आखिर कौन ? विनोदकुमार महाजन

छोटीसी चिंटी

 इतनी सी छोटी चिंटी भगवान ने इसके शरीर के अंदर , छोटासा ह्रदय, छोटासा दिमाग कहाँ और कैसे बिठाया होगा ? और इतने छोटेसे देह में आत्मा भी कहाँ बिठाया होगा ? भगवान की अद्भुत लिला विनोदकुमार महाजन

भगवंताने प्रत्येक सजीवासाठी झोप का दिली ?

 *झोप . !.....* शास्त्रज्ञांनी अशी एक उपाययोजना शोधली आहे की जी तुम्हाला दीर्घायुषी बनवते, तुमची स्मृती, सर्जनशीलता वाढवते, तुम्ही बारीक राहता, जास्त लक्षवेधक दिसू |लागता. ही उपाययोजना तुम्हाला सर्दी, फ्लूपासूनच नाही तर कर्करोग आणि स्मृतीभ्रंशापासून देखील वाचवू शकते. हृदयविकार, पक्षाघात, मधुमेह होण्याचा धोका कमी करते आणि तुम्हाला जास्त आनंदी आणि तणावमुक्त ठेवते.. काहींना हे वर्णन अतिरंजित वाटेल, पण यातला प्रत्येक शब्द शास्त्रीय चाचणीवर खरा उतरलेला आहे. ही बातमी ना रंजक द्रव्याची आहे ना कुठल्या जादूई औषधाची! ही आहे आठ तासांच्या शांत झोपेमुळे मिळणाऱ्या फायद्याची! आपण मात्र आज या आठ तास झोपेला फारसे महत्त्व देत नाही, ती नियमित घेत नाही आणि खरं सांगायचं तर कित्येकांना ‘ती’ येतही नाही. ती म्हणजे, झोप! झोप म्हणजे फक्त जागेपणाचा अभाव असा अर्थ होत नाही. ती एक खूप गुंतागुंतीची, चयापचय असलेली प्रक्रिया आहे. झोप सर्वानाच जरुरी आहे. आपल्या मेंदूत एक घडय़ाळ असतं, जे अंधार, प्रकाश किंवा तापमानातील बदल यावर चालतं. ‘सरकाडियन ऱ्हिदम’ (circadian rhythm) म्हणतात याला. हे घडय़ाळ वसलेले असते ‘सुप्राकयाझमॅटिक

भगवत् गीता का महत्त्व

 मेरे सनातनी हिंदु भाईयों, हम सब कब जागेंगे ? हमारे आराध्य दैवत भगवान श्रीकृष्ण की निती में और उन्हीके भगवत् गीता में कितनी शक्ती है यह आप ही निचे की जानकारी पढकर बताईये। मेरे प्यारे भाईयों, हमारी संस्कृती, सभ्यता,संस्कार, शालीनता इतनी श्रेष्ठ होनेपर भी हम.... निरांजन में दिये जलाकर आयुष्मान भव.... का आशिर्वाद देने के बजाए... जनमदिन पर दिये बुझाने की संस्कृती के पिछे अंधविश्वास से क्यों भाग रहे हो भाईयों ? हमने सायंसमय की शुभंकरोती भी छोड दी।हमने त्रीकाल संध्या भी छोड दी। हमारे देवीदेवताओं के मजाक उडाये जा रहे है,राम को शपथपत्र पर काल्पनिक बताया जा रहा है। फिर भी हम इतने निद्रीस्त क्यों है भाईयों ? बताईये ? ऐसी भयंकर धर्म ग्लानी देखकर मुझे भयंकर आत्मक्लेश होते है। हमारा अध:पतन ही हमारी हानी का कारण बनता जा रहा है। मेरे प्यारे सभी तेजस्वी ईश्वर पूत्रों,वीरपूत्रों हमारा अंदर का ईश्वरी तेज जगावो। धर्म हानी तथा धर्म ग्लानी को समाप्त करने के लिए, शक्तिशाली वज्रमूठ बनाकर अधर्म पर प्रहार करो।यही एकमात्र बचने का उपाय बचा है। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन अब....👇यह भी पढ लो। *जिस आदमी ने श्रीमदभगवद

वीर हनुमानजी की जय हो

 *हनुमान जी की आठ सिद्धियां, नौ निधियां और दस गौण सिद्धियां*    🚩🚩🚩 *अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।* *अस बर दीन्ह जानकी माता ।।*   यह हनुमान चालीसा की एक चौपाई  जिसमे तुलसीदास जी लिखते है कि हनुमानजी अपने भक्तो को आठ प्रकार की सिद्धयाँ तथा नौ प्रकार की निधियाँ प्रदान कर सकते हैं ऐसा सीतामाता ने उन्हे वरदान दिया ।   यह अष्ट सिद्धियां बड़ी ही चमत्कारिक होती है जिसकी बदौलत हनुमान जी ने असंभव से लगने वाले काम आसानी से सम्पन किये थे।  आइये अब हम आपको इन अष्ट सिद्धियों, नौ निधियों और भगवत पुराण में वर्णित दस गौण सिद्धियों के बारे में विस्तार से बताते है। आठ सिद्धयाँ : - हनुमानजी को  जिन आठ सिद्धियों का स्वामी तथा दाता बताया गया है वे सिद्धियां इस प्रकार हैं- 1.अणिमा:  इस सिद्धि के बल पर हनुमानजी कभी भी अति सूक्ष्म रूप धारण कर सकते हैं। इस सिद्धि का उपयोग हनुमानजी तब किया जब वे समुद्र पार कर लंका पहुंचे थे। हनुमानजी ने अणिमा सिद्धि का उपयोग करके अति सूक्ष्म रूप धारण किया और पूरी लंका का निरीक्षण किया था। अति सूक्ष्म होने के कारण हनुमानजी के विषय में लंका के लोगों को पता तक नहीं चला। 2. महिमा

सबसे बडा रूपैय्या

 प्रेम की किमत अनमोल है दुनिया में मगर फिर भी यहाँ पर तो रूपयों के खनखनाहट से ही दुनियादारी चलती है यारों ना बाप बडा ना भैय्या सबसे बडा रूपैय्या विनोदकुमार महाजन

एक और धक्का जोर से मारो

 अनेक राक्षस,सैतान, हैवानों के चोर,लुटारु,आक्रमणकारियों के नाम,अनेक गली,मुहल्ले, गाँवों को दिये है, सबसे पहले उसीको हटा दो पाप का कलंक मिटा दो एक और धक्का और जोर से मारो,आक्रमणकारियों का नामोनिशान मिटा दो विनोदकुमार महाजन

ऐ मेरे दोस्त, तू बचके रहना रे

 दुनिया का दस्तूर  बडा भयावह होता है यारों जिस जिस को मैंने  प्रेम का पवित्र अमृत दिया उन्होंने ही मुझे जहर दिया और मजे की बात देखो जिन्होंने उन्हे भरभरकर जहर दिया उन्हीको उसीने अमृत दिया जिसके मुसिबतों में मैंने  आँसू पोंछे उन्होनें ही मुझे भरभरके आँसू दिये और मेरे कोमल ह्रदय पर कुठाराघात किये और मैं भी दुनियादारी से तंग आकर पत्थरदिल बन गया यही दुनियादारी है दोस्तों यही दुनिया का दस्तूर है बडे विचित्र दुनियादारी से ऐ मेरे मित्र,बचके रहना रे तू संभल के रहना रे ! ! ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

भगवान श्रीकृष्ण की जय हो

 बांसुरी वाले भगवान श्रीकृष्ण के बजाय सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करेंगे तो सभी प्रश्नों के उत्तर भी मिलेंगे दुष्ट संहारक भगवान  श्रीकृष्ण की जय हो जय हो,जय हो,जय हो त्रिवार जयजयकार विनोदकुमार महाजन

सद्गुरू चरण

 सद्गुरू चरण ------------------------------ सद्गुरू चरणों में, साक्षात स्वर्ग होता है, अमृत होता है, दिव्यत्व होता है, भव्यत्व होता है, प्रेम-वात्सल्य-करूणा, दया-क्षमा-शांती, कृपा-आनंद , आनंद ही आनंद, अखंड चैतन्य ही चैतन्य, होता ही है। इसिलए... जीवन में आयेंगे, कितने भी तूफान, या फिर आँधियाँ, या चाहे हजम करने पडे, दुनियादारी के चित्र विचित्र जहर, या चाहे झेलने पडेंगे, कर्मगती के, दुखों के पर्बत, या फिर भयंकर नरकयातनादाई, अनेक संकटों की चट्टानें, सद्गुरु सभी भयंकर, अती भयंकर,  जहर को भी हजम करने की, शक्ती देते है, निरंतर, नितदिन, नित्यसमय में। इसिलए जिसे भी, सद्गुरु चरण मिल गए, जनम जनम के, उस प्राणी के भाग्य ही, खूल गये। हरी ओम। ------------------------------- --  विनोदकुमार महाजन।

शिवबांचे दु:ख !!!

 शिवबांचे दु:ख आऊसाहेब गेल्या, खंबीर मानसिक आधार गेला. मिर्झाराजे जयसिंग बरोबरच्या तहात रक्ताच पाणी करून मिळवलेल हिंदवी स्वराज्य गहाण पडल. शंभूराजे संकटात सापडले. आग्र्याहून सुटका करवून घेतली. पण गडावर स्वकियांच्या मानसिक छळाने त्रस्त झाले. गुढग्याचा आजार बळावला. जगात कुणाचाच आधार उरला नाही. आई तुळजाभवानीचा,साधुसंतांचा, पुण्यवंताचा आशिर्वाद असुनही, दिल्लिवर भगवा फडकवता आला नाही. केवढे हे भयंकर, अफाट दु:ख ? केवढे वैशम्य ? कसे पचवले असेल हे सगळं ? परकाया प्रवेश करून पाहिलं तर किती भयानक विष पचवलं ? ईश्वरी कार्यासाठी किती भयंकर, कठोर आयुष्य वेचल ? सिध्दांतासाठी आयुष्य वेचल. तडजोड केली असती तर ? मनसबदारीतून राजऐश्वर्य ही मिळालं असतं. पण गुलामीच राजऐश्वर्य घेऊन काय करायचं ? किती हा स्वाभिमानी बाणा ? धन्य ते शिवराय !!! धन्य ते अवतार कार्य !!! आजच्या भयंकर अधर्मी सुळसुळाटात, पापाच्या अंध:कारात एक तरी धगधगते शिवतेज पृथ्वीवर पाठव आई जगदंबे. एक तरी धगधगतं शिवतेज पृथ्वीवर पाठव. जागोजागी लपलेले अनेक उन्मत्त, अधर्मी, लुटेरे, आक्रमणकारी,अफजलखानाचे, नारसिंव्ह बनून कोथळे टरटरा फाडण्यासाठी. उन्मत्त, उन

देशप्रेमियों से प्यार

 देशप्रेमियों से प्यार निधर्मी, अधर्मी, विधर्मियों से बहिष्कार यही है जीवन का सार विनोदकुमार महाजन

ईश्वर के चरणों में

  ईश्वर के चरणों पर  सर्वस्व समर्पीत करना मतलब हार नही है सर्वस्व समर्पण के सिवाय ईश्वर प्राप्ती असंभव है मगर सैतानों के सामने समर्पण करने का मतलब जीवन की हार होना है विनोदकुमार महाजन

मायावी बाजार

 षड्ररीपुओं में और  मायावी बाजार में अटके हुए इंन्सानों से हम सदैव दूर रहना ही पसंद करते है विनोदकुमार महाजन

विष्णु का आंतरिक दुख

 विष्णु का आंतरिक दुख बडी मजे की बात है ये। विष्णु को अनेक अवतारों में भयंकर पिडा एवं दुख भोगना पडा है। विष्णु के मन में और आत्मा में परकाया  प्रवेश करनेपर यह दुख महसुस होता है। अनेक विष्णु अवतारों में ऐसा ही होता है।और आखिर ऐसा क्यों होता है ? क्या आज भी विष्णु अवतरीत होंगे तो ऐसे ही दुखों का सामना फिरसे करना पडेगा ? शायद !!! देखो। तिरूपती बालाजी की पत्नी,महालक्ष्मी। झगडा करके कोल्हापूर में आई। विष्णु अनाथ हो गये। गरीब लडकी पद्मावती से दुसरा विवाह करना पडा। वह भी कर्जा निकालकर। कृष्ण अवतार में दोनों पत्नीयों से ,सत्यभामा और रूक्मिणी से दिव्य प्रेम की प्राप्ति न हो सकी। इसिलए वही दिव्य प्रेम प्रेयसी राधा से प्राप्त करना पडा। राम अवतार में भी सिता का बारबार वियोग हुवा। बनवास में रावण ने सिता का हरण किया।और अंत में भी सिता भूमि में समा गई। भयंकर अद्भुत लिला यवं रचना भगवान की। भगवान होकर भी दुखों का सामना करना पडा। भगवान का दुख कौन समझेगा ? हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

सुंदर तन और सुंदर मन

 तन भी सुंदर मन भी सुंदर सुंदर रहती है बाणी वही पवित्र आत्माएं लीन रहते है प्रभुचरणी विनोदकुमार महाजन

घोर कलियुग

 प्रारब्ध गती के अनुसार मेरा खुद का शरीर वेदनाओं की आग से  जल रहा था ! फिर भी मैं दुसरों के शरीर को लगी आग बुझाता था ! मगर दुर्देव यह था की खुद जलते हुए भी, जिसको भी जलते अग्नि से बाहर निकाला था, उन्होंने भी मुसिबतों की आग से बाहर निकलते ही, मुझे आधार देने के बजाय, मेरे कोमल ह्रदय पर आघात किया था ! हाय रे,भयंकर, भयानक घोर कलियुग !!! और घोर कलियुग की महिमा !!! चौ-याशी लक्ष योनियों में से मानव प्राणी का अजब न्याय ! विनोदकुमार महाजन !

समर्पण

 ईश्वर के चरणों पर  सर्वस्व समर्पीत करना मतलब हार नही है सर्वस्व समर्पण के सिवाय ईश्वर प्राप्ती असंभव है मगर सैतानों के सामने समर्पण करने का मतलब जीवन की हार होना है विनोदकुमार महाजन

मित्र कैसा हो

 मुसिबतों में भागनेवाले नही मुसिबतों में कंधेपर  हाथ रखकर हौसला बढाने वाले मित्र बनाईये विनोदकुमार महाजन

संगीत

 संगीत से सभी पशुपक्षियों को आनंद होता है। देखो गौमाता का भी ह्रदय संगीत सुनने पर कैसे आनंदित हो उठा और उसकी दूध की धाराएं बहने लगी। जो जो ईश्वर निर्मित है,वह सब सत्य है,शिव है,सुंदर है। ईश्वर निर्मीत इंन्सान भी सुंदर है। फिर भी क्यों क्रूर होता है,पशुपक्षियों की हत्या करता है,गौमाताओं की भी हत्या कर देता है ? वजह आप सभी ही बताना। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

गणपती स्तोत्र

 shubh deepawali  https://youtu.be/CGTqQIojbiQ

नारायणी

 अवतार कार्य के लिए जगद् अंबा बनकर जगदंबा बनकर संपूर्ण समर्पीत होना होगा. दिखावा नही चाहिए,,प्रपोगंडा भी नही चाहिए. क्षमता है. अदृष्य ईश्वरी अवतार कार्य के लिए संपूर्ण समर्पण चाहिए. आत्मा की आवाज सुनो. आखिर में भगवान की इच्छा. यही नारायणी सेना का मूल उद्दीष्ट है. उत्तीष्ठ. दिपावली लक्ष्मी पूजन दिवस, शनिवार दि. १४/११/२०२० राजगुरु नगर,पुणे.

गरीब को कभी भी अपमानित मत किजिए

 किसी गरीब का कभी भी मजाक मत उडाईये उसके गरीबी पर कभी भी मत हँसिए किसी गरीब को सहायता मत किजिए  मगर कभी भी अपमानित मत किजिए किसी गरीब को कभी भी प्रताडित भी मत किजिए गरीबी उसकी मजबूरी हो सकती है,उसकी लाचारी नही इसिलिए गरीब का हमेशा हौसला बढाईये ध्यान रखिए, एक गरीब चायवाला भी बुलंद हौसलों से देश का प्रधानमंत्री भी बन सकता है विनोदकुमार महाजन

जागो मोहन प्यारे

 हिंदुओं तुम्हारा आत्मतेज, ईश्वरी तेज कहाँ लुप्त हो गया ? हमारा आत्मसंम्मान कहाँ गया ? अत्याचार की विरूद्ध की आग,ज्वाला, लाव्हा कहाँ गई ? हमारे देवीदेवताओं का,संस्कृति का,धर्म का,साधुसंतों का अपमान करनेपर भी हम मौन और शांत क्यों और कैसे बैठ सकते है ? मुगलों की,अंग्रेजों की,काले अंग्रेजों की मानसिक गुलामी करते करते क्या सचमुच में हम मानसिक गुलाम बन गये ??? एक बार नही,बारबार नही,सौ बार सोचो। अंदर का ईश्वरी तेज जगावो। हैवानियत का,राक्षसी शक्तियों का जमकर विरोध करों। भगवत् गीता पढने के लिए नही है,आचरण के लिए है। कृष्ण तत्वज्ञान, कृष्ण निती हर युग में उपयुक्त है। उसी सिध्दांतों पर चलकर असुरी शक्तियों का विरोध करना होगा। अहिंसा परमो धर्म : धर्म हिंसा तदैवच् सत्य की रक्षा के लिए कानूनी लडाई लडनी होगी। और साम - दाम - दंड - भेद के अनुसार दुष्टों को दंडित करना होगा। तभी धर्म बचेगा, संस्कृति बचेगी। मंदिर बचेंगे। नही तो..... अधर्म, असत्य का सैतानी राज आयेगा। जागो मोहन प्यारे। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

मेरी गौमाता

 *🐄.मेरी गौमाता।🐄 ---------------------- मेरे जीवन एह एक सत्य कथा है।हम जीसे जानवर,पशु कहते है,वे क 🐄.मेरी गौमाता।🐄 ---------------------- मेरे जीवन एह एक सत्य कथा है।हम जीसे जानवर,पशु कहते है,वे कोई जानवर या पशु नही होते है।मुझे तो लगता है की,हमारा प्रेम पाने के लिए ईसी रुप में जरुर कोई,"दिव्य-आत्माएं,"बहाना बनाकर हमारे सामने आते है।और इनपर प्रेम करने से कभी भी धोका नही देते है। जब मैं मेरे छोटेसे गांव मे रहता था,तो मेरे घर में एक सफेद रंग की गौमाता थी।बहुत ही शालीन,गरीब और सभी पर प्रेम करने वाली। मेरे साथ हमेशा प्रेम से बहुत बाते करती थी।मैं उसे खेत में ले जाता,चारा खिलाता,धोता,उसका दुध निकालता था। मेरी गौमाता बडे ही प्रेम से मुझे,उसकी मुलायम जीभ से हमेशा चांटकर अपना दिव्य प्रेम व्यक्त करती रहती थी। कुछ कारण वश मेरा गांव छुट गया।मैं शहर चला आया।मेरी गौमाता वहीं गांव में रह गई। शहर में उसकी याद तो मुझे हमेशा आती थी।कुछ दिनो बाद मेरी गौमाता मेरे सपनों में आई और मुझे बोली,"कितने देर से तुझे ढुंड रही हूं।तु मिल ही नही रहा था।मैं अब स्वर्ग जा रही हूं।तुझे बताने के लिए म

ईश्वर का प्रेम

 खुद का अस्तित्व  भूलकर जो ईश्वर से एकरूप हो जाता है  उसीसे भगवान भी उतना ही प्रेम  करता है विनोदकुमार महाजन

बिहार चुनाव

 बिहार चुनाव भाजपा प्रणित : -  126  ( स्पष्ट बहुमत ) एक्झिट पोलवाले , सभी टिव्ही वाले  हरबार भाजपा की  और हिंदुत्ववादीयों की  हार ही दिखाने में  हरबार क्यों धन्यता  मानते है ❓ दिशाभूल करके  समाज को तोडऩे  वालों की कडी निंदा नही, इनपर सख्त कानूनी  कारवाई हो देश में सत्य की रक्षा तथा न्याय के लिए सख्त कानून हो गधों का गंदा खेल समाप्त हो विनोदकुमार महाजन

हे कृष्णा

 हे भगवान श्रीकृष्ण, सत्य के लिए और  धर्म के लिए लडनेवाला वीर योध्दा अभिमन्यू आज तेरे ही आँखों के सामने  चक्रव्यूह में फँसकर  तडप तडप कर मर रहा है और यह दुर्दीन देखने  के लिए आज हम सभी  सत्यप्रेमी दुर्देव से जींदा है हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

हे पार्थ, तुझे लडाना होगा

 *हे पार्थ.....*  ************************ सत्य के लिए,धर्म के लिए लड रहे हे पार्थ, हे धनुर्धारी, तुझे समाप्त करने के लिए, दुर्योधन, दु:शासन की निती, बहुत गहरी है। जमीन के निचे की साजीश भयंकर है। तुझे फँसाने के लिए बरबाद करने के लिए तबाह करने के लिए समाप्त करने के लिए हर प्रयास किए जायेंगे हर जगह पर ,जगह जगह पर अनेक लाक्षागृह बनाए गये है सौ दुर्योधन, सौ कंस,सौ रावण जैसे उन्मादी, उन्मत्त हैवान जगह जगह पर कुनिती बनाए बैठे है धर्म के लिए मर मिटने को सदैव तैयार रहनेवाले कलियुग के पार्थ सदैव जागरूक तथा अखंड सावधान रहकर, सतर्कता से  तुझे कार्य बढाना होगा हर षडयंत्र को भेदन करके सहिसलामत बाहर निकलना होगा दुष्ट, दुराचारी, हिंसाचारी,जहरीले साँप जैसे, जगह जगह पर अदृष्य रूप से, जमीन के निचे से कुटिल योजनाएं बनाने वालों से बचके रहना होगा अदृष्य विषबाण को अदृष्य रामबाण से सही उत्तर देना होगा और कार्य सफल बनाना होगा अदृष्य रूप से ईश्वर भी सदैव तेरी सहायता ही करेगा, कृष्ण परमात्मा भी तुझे सहायक होगा  *मगर....इसके लिए तेरे हौसले बुलंद चाहिए*  मगर उसके लिए भी तुझे पग पग पर सावधानी बरतकर कृष्ण निती से औ

सत्य और अजगर

 अजगर सत्य को निगल रहा है क्या दूरसे नारे लगाने से अजगर शिकार को छोड देगा ? हाथ में डंडा लेकर अजगर को मारना होगा और सत्य को बचाना होगा अन्यथा ? सत्य के लिए लडनेवालों की हिम्मत समाप्त हो जायेगी विनोदकुमार महाजन

हे प्रभो

 हे दयालू प्रभो, अगर तुझे ही सत्य की रक्षा की, धर्म की रक्षा की, गौमाताओं के रक्षा की, साधुसंतों के रक्षा की, चिंता नही है...? तो हम क्या कर सकते है ? विनोदकुमार महाजन

राजमहल और झोपडी ( एक बोधकथा )

 कुल्हाड़ी : - सोने की और लोहे की ( एक बोधकथा : - लेखक,विनोदकुमार महाजन ) --------------------------------------- एक छोटासा गांव था।वहां पर एक अत्यंत गरीब आदमी रहता था।मगर इमानदार था। लालच,धन,दौलत,अमीरी,भूलभुलैया, रूपयों की खनखनाहट, झूटमूठ का ग्लैमर ,दिखावेपन,इसमें नही अटकनेवाला। सिधासादा,भोलाभाला। इमान का पक्का। अपनी झोपडी में,बडे आनंद से गुजारा करता था।उसे ना राजवैभव का मोह था,ना ही राजपाट का। इसिलिए छल - कपट - झूट - दिखावा - मायावी दुनिया की नौटंकी, उसके दिल को भी छूती नही थी।दाल - रोटी पर ही संतुष्ट था।बेईमानी उसके खून में ही नही थी। आत्मानंद में मस्त था। हर दिन जंगल में जाता था।एक लोहे की कुल्हाड़ी लेकर।जंगल में जाकर लकडी काटकर बाजार ले जाता था।और वह लकडी बेचकर, अपना,अपने बच्चों का गुजारा चलाता था। उसके घरवाले भी गरीबी में भी आनंदी थे,समाधान थे। घर के सभी सदस्य, आपस में एक दुसरों पर,पवित्र, निष्पाप, निष्कपट प्रेम करते थे।आत्मा का शुध्द ईश्वरी प्रेम। हरदिन का उसका नियम था।कुल्हाड़ी लेकर जंगल में जाना।और लकडी बेचकर गुजारा चलाना। वह लोहे की कुल्हाड़ी , उसके लिए जी जान से प्यारी थी। एक दि

सज्जन

 मेरा अनुभव जब दुर्जन, सज्जनों को पिडा देकर ठहाके लगाते है तब तथाकथित सज्जन दूरसे मजा देखते है और जब अन्यायग्रस्त सज्जन दुर्जनों को आव्हान करते है तो यही तथाकथित सज्जन सच्चे सज्जनों को बदनाम करते है कडवा है मगर सत्य है इसी वजह से हमारी आत्यंतिक धर्म हानी हो गई है विनोदकुमार महाजन

जहरीले अजगरों का सर्वनाश

 *जहरीले अजगरों का सर्वनाश*  सौ नही हजारो अजगर शिकार को ढुंडकर अचूक हमला करनेवाले जमीन के निचे से षडयंत्र धिमे जहर का,स्लो पाँईजनींग का और अजगर के भक्ष ❓❓ निद्रीस्त,बेफिकर, बेकाबू, असंगठित अनेक सालों से अजगरों की सोची समझी साजीश, एटेक का जबरदस्त तरीका और....शिकार का सर्वनाश और....अजगरों का राज मगर अब निती बदलनी होगी अजगरों को पहचानना होगा और उससे भी जादा शक्तिशाली बचावात्मक तरीका ढुंडना पडेगा संगठित शक्तिद्वारा फुत्कारी,विनाशकारी, जहरीले अजगरों का, सर्वनाश करना होगा करना ही होगा ठंडे दिमाग से कू.....ल माईंड संपूर्ण विश्व में यह निती बनानी होगी जहर का नाश करके अमृतबेल की शक्ति  संपूर्ण विश्व में बढानी होगी हम तो तैयार है और आप ❓❓❓ समझे कुछ ???  *विनोदकुमार महाजन*

गौमाता

 गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।  1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।  2. गौ माता में तैंतीस कोटी देवी देवताओं का वास है । 3. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं ।  4. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है ।  5. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है ।  6. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते ।  7. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है ।  8. गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता है ।  9. गौ माता के गोबर से बने उपलों का रोजाना घर दूकान मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।  10. गौ माता के एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है ।  11. गाय इस धरती पर साक्षात देवता है ।  12. गौ माता अन्नपूर्णा देवी है कामधेनु है । मनोकामना पूर्ण करने वाली है ।  13. गौ माता क

आक्रित

 जनहो, अस कस हे सगळच आक्रित घडल ? मानसाचं सगळ गणितच चुकल पैसा झाला मोठ्ठा माणूस झाला छोट्टा मानवाच्या छोट्याशा मेंदूत सगळ भलतच भरल नातीगोती छोटी झाली दया माया संपली ह्रदये सगळीच होरपळून गेली अस अस हे समदच आक्रित झाल ? अस कस हे समदच इपरीत झाल ? संस्कृती, संस्कार यांच धन संपल संध्याकाळी दिवेलागनीच शुभंकरोती संपल टिव्ही न सगळच वाटोळ केल अस कस हे सगळचं आक्रित झाल ? घराघरात भांडण पेटल, सत्ता, संपत्तीच सगळ्यांना  येड येड की हो लागल सर्व सजीवामदी,चौ-यांशी लक्ष योनिमदी एकटा माणूस च का बिघडला ? माणूस धर्म च विसरून गेला पांडुरंगा, अस कसं हे समदच आक्रित झाल ? पंढरपूर नगरीत देवा हे घोर कलियुग पाहून तु बी डोळ का रं मिटल ? डोळ उघड देवा डोळ उघड मानसाच बिघडलेल गणित पुन्हा सावर मानवतेची इस्कटलेली घडी पुन्हा सावर धाव घेई बा ईट्टला धावत येई रे ईट्टला साधुसंताचे रक्षण करण्या धावत येई रे पांडुरंगा हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

विश्वास

 *क्षमाँ .....  केवल गलती का  मरहम हो  सकती है  विश्वास तोड़ने का नहीं.......* *इसलिये जीवन मे  ध्यान रहे कि हम   कोई  गलती  भले ही  करें पर किसी का  विश्वास न तोड़े........* *क्योंकि माफ  करना   फिर भी सरल  हैं  पर   भूलना  व  पुन: विश्वास  करना असंभव है!* विनोदकुमार महाजन

प्रारब्ध

 आज मैंने कठोर तप:श्चर्या द्वारा मृत्यु, काल और प्रारब्ध पर विजय हासिल की है। नामुमकिन को भी मैंने मुमकिन में बदल दिया है। जब सद्गुरु कृपा होती है तो ईश्वर भी प्रसन्न होकर आशिर्वाद देता है और प्रारब्ध भी बदल देता है। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन दि : - १/११/२०२०

भूका मरे बेहाल

 भूका मरे बेहाल भ्रष्टाचारी मालामाल देश बनाया कंगाल आजादी के बाद चोरों ने विनोदकुमार महाजन

हिंदवी स्वराज्य

 *हिंदवी स्वराज्य*  समाज कंटक,राष्ट्रद्रोही, पापी,पाकिस्तान प्रेमीयों को, देश को जलाने वालों को, गणतंत्र की हत्या करनेवालों को, कैसे काबू में लाओगे ❓❓ लोकतंत्र कैसे बचाओगे ❓❓ गद्दारों को सबक कैसे सिखाओगे ❓❓ एक ही रास्ता,एक ही उत्तर राजे शिवछत्रपती जैसा सख्त कानून बनाओ पापीयों के हाथ पैर तुरंत कलम करने का सख्त आदेश, सख्त कानून बनायेंगे, तो ही राष्ट्र बचायेंगे तभी लोकतंत्र बचेगा तभी गणतंत्र बचेगा तभी मानवता बचेगी तभी संस्कृती बचेगी " **हिंदवी स्वराज्य " " हिंदवी स्वराज्य "*  *   *विनोदकुमार महाजन*

सामाजिक अध:पतन

 एक होटल में खाना खा रहा था होटल के सामने एक भिखारी खडा था मैंने होटलवाले को खाने के पैसे देकर उस भिखारी को खाना दिया और यह दृष्य देखकर कुछ लोग मुझे हँस रहे थे सचमुच में इतना सामाजिक अध:पतन हो गया भाईयों ? विनोदकुमार महाजन

दुनियादारी

 *दुनियादारी*  अगर आपमें ९९ % अच्छे गुण होंगे,तो भी आपके समर्थन में बहुत कम लोग खडे होंगे मगर आपसे गलती से भी १ %  भी गलती होगी तो आपपर पत्थर फेंकने वाले बहुत मिलेंगे यही दुनिया की रीत है दोस्तों बचके रहना  *विनोदकुमार महाजन*

सत्य की जीत

 सत्य की सदा के लिए  जीत के लिए और असत्य की सदा के लिए हार के लिए सरकार तुरंत सख्त कानून क्यों नही बनाती है ? इससे आजादी के बाद के सभी पापी मुखौटे और पापीस्तान प्रेमी सामने आयेंगे विनोदकुमार महाजन

भाईचारा

 तुम्हारा " चारा "खा खाकर " वह "तुम्हारा भाई बना " भाईचारे " की कसमें खाते खाते तुम्हें नेस्तनाबूद करता गया और तुम गहरी निंद में सोते रहे कस्मेवादे निभाते रहे अभी भी जागो,आज भी समय हाथ में है.... अन्यथा ...??? ,कश्मीर...🤔 समझे कुछ ? समझ जायेंगे तो ही बचेंगे विनोदकुमार महाजन

दिव्यप्रेम

 *दिव्य प्रेम*  दिव्य प्रेम का अमृत स्वर्ग से निर्माण होता है और सभी देवताओं के ह्रदय में इसका वास होता है दिव्य प्रेम से ही दिव्य अनुभूति अथवा दिव्यत्व की प्राप्ति होती है नफरत का जहर नरक से निर्माण होता है और इसका वास सभी राक्षसी वृत्ति के व्यक्तीयों में होता है दिव्य प्रेम की अनुभूति सभी सजीवों को समझती है इसिलिए सिंह,बाघ अथवा जहरीले साँप भी सिध्दपुरूषों के सानिध्य में आराम से,आनंद से और भेदभाव रहीत भाव से रहते है मगर आसुरीक संपत्ति वालों को जो नफरत का जहर बाँटते है,उन्हें दिव्य प्रेम से ,दिव्यत्व से कुछ लेना देना नही होता है इसीलिए कंस,दुर्योधन जैसे दुरात्माएं भगवान श्रीकृष्ण के सानिध्य में रहकर भी श्रीकृष्ण के दिव्यत्व को नही समझ सके और गौमाता को भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम की अनुभूति निरंतर मिलती रही,और गौमाता भी बडे आनंद से सदैव भगवान श्रीकृष्ण के साथ रही  *आज भी यह दोनों विरूद्ध शक्तियों का संघर्ष जारी है*  सृष्टि के आरंभ से सृष्टि के अंत तक ऐसा संघर्ष जारी रहेगा हरी ओम्  *विनोदकुमार महाजन*

विश्वक्रांती

 संपूर्ण देश में और संपूर्ण विश्व में सत्य की जीत के लिए क्रांती की लहर लाने के लिए क्या चाहिए ? १)सच्चे इंन्सानों का  शक्तिशाली संगठन ? ( मँनपाँवर ) ? २)धन ? ( मनीपाँवर ) ? ३)सक्त कानून  ( पाँवरफूल लाँ )? आपके विचार व्हाटस्अप करना विनोदकुमार महाजन व्हाटस्अप नं. +91 9890349751

षडयंत्र

 आजादी के बाद देश के कोने कोने में ऐसी  व्यवस्था बनाई गई है की जो भी सत्य की लडाई के लिए आगे आयेगा वह  समाप्त किया जायेगा भयानक षडयंत्र दमनचक्र द्वारा समाज में डर का माहौल बनाना जो भी आगे आयेगा वह ( विशेषतः हिंदु समाज ) समाप्त किया जायेगा भाईयों, शीघ्र हल ढुंडो विनोदकुमार महाजन

उत्तर क्या है ???

 बहुसंख्या में हिंदुही अगर... गद्दार जयचंदों का नमकहराम धर्म द्रोहीयों का बेईमान राष्ट्रद्रोहीयों का विघटनकारी सैतानी ताकतों का आक्रमणकारी,चोर,लुटेरों का हरामखोर पाकिस्तानप्रमीयों का ज्ञात - अज्ञात तरीकों से  साथ देंगे तो...⁉❓ भयंकर धर्म हानी और  धर्म ग्लानी कौन रोकेगा ??? और इसका अंतीम उत्तर  क्या है ? विनोदकुमार महाजन

राजव्यवस्था

 हमें राजव्यवस्था ही ऐसी बनानी है की हिंदुओं पर हो रहे अन्याय तुरंत समाप्त हो सके और हिंदुओं को तुरंत न्याय मिल सके ऐसा वायुगती से होना अत्यावश्यक है तभी धर्म बचेगा,संस्कृती बचेगी विनोदकुमार महाजन

संकल्प

 आप सभी को,विजयादशमी की अनेक मंगल शुभकामनाएं आवो आज हम सब मिलकर हमारे अंदर की और देश के अंदर की छुपी हुई बुरी शक्तियों का नाश करने का संकल्प करें इसी कार्य के लिए आप सभी को ईश्वर सदैव नवचैतन्य प्रदान करें हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

ऐसा क्यों ?

 सच्चे भक्तों पर ईश्वर बेहद प्रेम करता है मगर अनेक बार वही ईश्वर ने बनाया इंन्सान, सच्चे भक्तों से बारबार नफरत क्यों करता है ? विनोदकुमार महाजन

विपदाओं की घडी

 जब हम अत्यंत आर्थिक विपदाओं में और मुसिबतों में फँसें होते है तब... जिनको हमने जान हथेली पर रखकर प्रेम किया वह भी शायद दूर भाग जायेंगे, दूर से मजा देखेंगे आर्थिक सहायता करना तो दूर मुक्त में मिलने वाला प्रेम भी नही देंगे आधार के दो शब्द भी नही देंगे ऐसे भयंकर समय में आपको केवल और केवल माँ,सद्गुरू और ईश्वर ही सहायता करेंगे मेरा तो यही अनुभव है आप सभी का अनुभव क्या है यह मुझे पता नही हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

मेरे देशवासियों

 बढती उमर,कोरोना का कहर, फिर भी यह महात्मा देश की, संपूर्ण देशवासियों की, भलाई के लिए दिनरात एक कर रहा है देशवासियों, ऐसे महात्मा के पिछे अपनी संपूर्ण शक्ति ,खडी करने से ही हम सभी की भलाई है विनोदकुमार महाजन

फसाना

 मिठी मिठी बाते करके फँसाने वाले बहुत मिलेंगे मगर कडवी बाते करके कल्याण करनेवाले बहुत  कम मिलेंगे विनोदकुमार महाजन

बचके रहना प्यारे

 *बचके रहना रे बाबा,बचके रहना रे*  केवल धन के लिए  दोस्ती करनेवाले दोस्त कभी दोस्ती निभाने वाले नही होते है केवल स्वार्थ के लिए आये हुए मौका परस्त होते है धन मिले तो दोस्ती नही तो संबंध विच्छेद ऐसे सुकाळ सोबती दोस्तों से हमेशा सावधान रहिए और उनसे दूरी बनाई रखिए किसी भी हालत में निरपेक्ष  वृत्ति से दौडकर आनेवाला दोस्त ही सच्चा होता है इसिलए दोस्ती भी परखकर किजिए साहब हमारे घर में आकर हमारे  दौलत पर नजर रखने वाले और बिवी बच्चों को घूरघूरकर देखने वाले नमकहराम दोस्तों से हमेशा सावधान रहिए यह कलियुग है मेरे दोस्त बचके तो रहना ही पडेगा नही तो गलत दोस्ती करनेपर कश्मीरी पंडितों जैसी स्थिति होगी ना घर का ना घाट का हाथ की सफाई करनेवालों से सावधान रहिए  *समझे कुछ ?*  हरी ओम्  * * *विनोदकुमार महाजन*

अद्भुत कृष्ण कथा

 *भक्ती कैसी होनी चाहिए, यह अद्भुत कृष्ण कथा पढकर समझ में आयेगा।*  एक बार एक गांव में बहुत से महात्मा आकर यज्ञ कर रहे थे और वह वृक्षों के पत्तों पर चंदन से  श्री कृष्ण का नाम dc लिखकर पूजा कर रहे थे। *वह जगह गांव से बाहर थी। वहां एक आदमी अपनी बकरियों को  रोज घास चराने जाता था। साधु हवन यज्ञ करके वहां से जा चुके थे, लेकिन वह पत्ते वहीं पड़े रह गए तभी घास चरती बकरियों में से एक बकरी ने वो कृष्ण नाम रूपी पत्तों को खा लिया।* जब आदमी सभी बकरियों को घर लेकर गया तो सभी बकरियां अपने बाडे में जाकर मैं मैं करने लगी लेकिन वह बकरी जिसने कृष्ण नाम को अपने अंदर ले लिया था, वह मैं मैं की जगह कृष्ण कृष्ण करने लगी क्योंकि उसके अंदर कृष्ण वास करने लगे थे। उसका मैं यानी अहम तो अपने आप ही दूर हो चुका था ! जब सब बकरियां उसको कृष्ण कृष्ण कहते सुनती हैं तो वह कहती हैं--- यह क्या कह रही हो? अपनी भाषा छोड़ कर यह क्या बोले जा रही है, मैं मैं बोल।  तो वह कहती है ----कृष्ण नाम रूपी पत्ता मेरे अंदर चला गया। मेरा तो "मैं" भी चला गया। सभी बकरियां उसको अपनी भाषा में बहुत कुछ समझाती परंतु वह टस से मस ना हुई