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Showing posts from April, 2021

Krishna manch

 For the World Revolution ... Vishwa Shrikrishna Hindu Ekta Manch ------------------------------------ Shri Anand Bharati Ji and Guruji of Haridwar, his Guru Gopal Sharan Ji gave spiritual guidance and mastery in specialty tantra teachings and asked Guru to fulfill the unfinished dream of creation of Hindustan. Gopal Sharan Ji performed Tantra Sadhana in front of Mother Tara in West Bengal. Coincidentally, Gopal Sharanji and Anand Bharti ji met Goddess in Devgarh Jharkhand in 2014, and enabled Anandji for world welfare in silent mantra practice and tantra cultivation. So far, Anandji has blessed thousands of people with seven years of spiritual practice. Along with blessings, Ayurvedic medicine has also treated many people, on many incurable diseases. In 2009, with the training of Ayurveda by Bilas Sing, the propagation of Ayurveda has also been done in a large amount. The benefit has been reached. Anand ji also has a specialty that, in the meditative state of meditation, by the supern

अगर मैं हिंदु ना होता

 अगर मैं            हिंदु ना होता... -------------------------------------- बडा विचित्र लगता है ना भाईयों यह पढकर...? अगर मैं हिंदु ना होता आजके लेख में हमारे हिंदुओं की वास्तविकता लिखने की कोशीश कर रहा हुं। आशा करता हुं,आप के मत इससे विरूद्ध भी हो सकते है अथवा एकसमान भी हो सकते है। सोचो, अगर मैं हिंदु न होकर मदर तेरेसा होता और उसी विचार सरणी के अनुसार हजारो लेख लिखता  तो.... मुझे क्या मिलता ? संपूर्ण दुनिया में लोकप्रियता, अफाट पैसा, उच्च कोटी की देश में भी लोकप्रियता तथा राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा अनेक पुरस्कार तथा हमारे देश में भी लोगों का अफाट प्यार... है ना भाईयों ? अगर मैं झाकीर नाईक होता तो मुझे क्या मिलता ? उनके समाज द्वारा भयंकर लोकप्रियता, सर पर लेकर नाचना तथा प्रचंड धनप्राप्ती। और अगर मैं हिंदु होकर हिंदु उत्थान के लिए दिनरात जी जान से कोशीश करता,हजारो लेख लिखता तो.... मुझे क्या मिलता...? विशेषतः मेरे ही समाज द्वारा ? शायद, उपहास,अपमान, अपयश,मानहानी, मानसिक उत्पीडन, नींदा,कुत्सित भाव...? या लोकप्रियता ? धन,मान,संन्मान, इज्जत, प्रतिष्ठा ? या मनस्ताप ? सोचो, अगर आज भी एक स

पासवर्ड

 *पासवर्ड* एक अजनबी आदमी एक आठ साल की लडकी से स्कूल के बाहर मिला और उससे बोला," तुम्हारी माँ एक मुसीबत मे है इसलिये तुम्हे घर ले जाने मुझे भेजा है।मेरे साथ चलो।" उस लडकी ने बिना झिझकते हुए पूछा," ठीक है। पासवर्ड क्या है??" वह आदमी निरूत्तर होकर चला गया। दरअसल माँ बेटी ने एक पासवर्ड तय किया था जो आपातकाल मे माँ के द्वारा भेजे गये व्यक्ति को मालूम होना चाहिए था लेकिन वो पासवर्ड उसे मालूम नहीं था। बात छोटी सी है परन्तु नन्ही सी सूझबूझ बडा संकट टाल सकती है।। *अभिभावक बच्चों को विद्यालयो मे मोबाइल नही दे सकते।पासवर्ड तो दे सकते है।* 😊😊😊👍👍👍

सोचो

 मैं बिस्तर पर से उठा... अचानक छाती में दर्द होने लगा... मुझे... हार्ट की तकलीफ तो नहीं है. ..? ऐसे विचारों के साथ. ..मैं आगे वाले बैठक के कमरे में गया... मैंने नज़र की...कि मेरा परिवार मोबाइल में व्यस्त था... मैने... पत्नी को देखकर कहा... काव्या थोडा छाती में रोज से आज ज़्यादा दुख रहा है... डाॅक्टर को बताकर आता हूं. .. हा, मगर संभलकर जाना...काम हो तो फोन करना  (मोबाइल में देखते देखते हि काव्या बोली... मैं...ऐकटिवा की चाबी लेकर पार्किंग में पंहुचा... पसीना,मुझे बहुत आ रहा था... ऐकटिवा स्टार्ट नहीं हो रहा था... ऐसे वक्त्त... हमारे घर का काम करने वाला धुर्वजी(रामो) सायकल लेकर आया... सायकल को ताला मारते हि उसे मैने मेरे सामने खडा देखा... क्यों साब. ..ऐकटिवा चालू नहीं हो रहा है...मैंने कहा नहीं... आपकी तबीयत ठीक नहीं लगती साब... इतना पसीना क्यों आया है ?  साब... स्कूटर को किक इस हालत में नहीं मारते.... मैं किक मारके चालू कर देता हूं... धुर्व ने एक ही किक मारकर ऐकटिवा चालू कर दिया, साथ ही पूछा..साब अकेले जा रहे हो ? मैंने कहा... हां  ऐसी हालत में अकेले नहीं जाते... चलिए मेरे पीछे बैठ जाओ...

एक कुत्ते से संवाद

 एक कुत्ते से संवाद...। ------------------------------- मुझे हमेशा सजीवों से संवाद करने की आदत है। तो एक दिन मैंने ऐसे ही एक कुत्ते से संवाद किया। तो इस प्रकार से संवाद रहा। वैसे तो कुत्ते बहुत इमानदार होते है।अगर रास्ते का कुत्ता भी हो तो वह भी कभी इमान नही छोडता है,या चंद लालच में,पैसों के लालच में कभी इमान बेचता नही है। सिर्फ़ एक बार किसी कुत्ते को अगर एक रोटी भी सिर्फ़ एक रोटी भी दी तो वही कुत्ता जीवनभर हमसे बेईमानी करना दूर,हमें हर पल बडे प्रेम से बाते करता रहता है।और जीवनभर केवल प्रेम ही करता रहता है। तो मैंने बस्स युं ही थोडा सा संवाद किया उससे। जो इस प्रकार रहा। मैंने उसको पूछा, " क्या चल रहा है ?" उसने उत्तर दिया, बडा रंजक और सत्य भी । कुत्ता बोला, " बस्,मजे में हुं।ना इंन्सानों जैसी मुझे कभी चिंता सताती है।ना कभी भविष्य को लेकर,बिवी बच्चों के लिए चिंतित रहता हुं। ना घर चाहिए, न बंगला,न गाडी।न सोना,न चांदी।ना रूपया पैसा चाहिए, ना ऐशो आराम।न पंच पक्वान्न चाहिए, ना सोने की थाली। इसीलिए हमेशा मस्त रहता हुं,खुश रहता हुं।अपने ही मस्ती में मस्त होकर जीता हुं। ना बिवी चा

सभी बिमारियों की एक ही गोली

 सभी बिमारियों की... एक ही गोली... --------------------------------------- जी हाँ भाईयों, सभी बिमारियों की केवल एक ही गोली। मतलब ? मतलब, आज सत्य, सत्यप्रेमी आसुरिक आक्रमण की वजह से परेशान है।हर ईश्वर प्रेमी, सत्य प्रेमी, सच्चाई के रास्ते पर चलकर एक आदर्श स्थापित करने की लगातार कोशीश में जुडा हुवा है... मुझे ऐसा लग रहा है की,ऐसा व्यक्ती अनेक मुसिबतों का तथा परेशानीयों का सदैव सामना कर रहा है।तथा अनेक मुसिबतों से घिर रहा है।अथवा असत्यवादी ऐसे व्यक्तीयों को एक जबरदस्त नेटवर्क द्वारा एक सामुहिक कुटनीति द्वारा,एक भयंकर जाल बिछाकर, सत्य वादीयों को घेरने की और समाप्त करने की अनेक कुटील नितीयाँ बना रहे है तथा अनेक हथकंडे अपना रहे है। इसका इलाज क्या है ? रामबाण इलाज चाहिए। तो इसके लिए मैं एक ऐसी शक्तिशाली गोली बनाना चाहता हुं की,जो सभी बिमारियों पर चल सके। मतलब एक ऐसा शक्तिशाली वैश्विक संगठन हो,जिसमें सभी प्रश्नों का उत्तर भी हो। जिसमें,  सत्य वादीयों को आर्थिक संपन्नता भी मिल सके। अज्ञान में भटककर,राह भटके हुए हमारे भाईयों को सही रास्ता भी दिखाने सक्षम हो। अधर्मी, कुधर्मी,विधर्मी जो सत्य नेस्त

आनंद भारतीजी

 विश्व क्रांती के लिए... विश्व श्रीकृष्णा हिंदु एकता मंच ------------------------------------ हरिद्वार के श्री.आनंद भारतीजी तथा गुरूजी को,उनके गुरू गोपाल शरण जी ने आध्यात्मिक दिक्षा दी,और विशेषता तंत्र विद्याओं में पारंगत बनाया।इसके साथ ही हिंदुराष्ट्र निर्माण का गुरू का अधूरा सपना पूरा करने को कहा। गोपाल शरण जी ने तंत्र साधना पश्चिम बंगाल स्थित माँ तारा के सामने की। संयोग वश गोपाल शरणजी तथा आनंद भारती जी की मुलाकात इ.स.2014 में देवघर झारखंड में ईश्वरी इच्छा से हो गई।और मौन मंत्र साधना तथा तंत्र साधना में विश्व कल्याण हेतु आनंदजी को समर्थ बनाया। अभी तक सात साल खडतर साधना करके 4700 से भी जादा लोगों पर आनंदजी ने कृपा की है। आशीर्वाद के साथ साथ आयुर्वेदिक दवा द्वारा भी अनेक लोगों पर,अनेक असाध्य बिमारियों पर इलाज भी किया है।2009 में आयुर्वेद का प्रशिक्षण बिलास सिंग द्वारा लेकर,आयुर्वेद का प्रचार - प्रसार भी जादा मात्रा में किया है।प्राईवेट मेडिटेशन द्वारा भी अनेक लोगों को फायदा पहुंचाया गया है। आनंद जी में एक विशेषता यह भी है की,समाधि लगाने पर ध्यान अवस्था में,अलौकिक शक्तीयों द्वारा, सामने

संपादकीय (१)

 संपादकीय मुझे विश्व शांती मासिक पत्रिका के लिए, प्रधान संपादक, पद के लिए सेवा करने का मौका देने के लीए, मैं श्री.आनंद भारतीजी तथा गुरूजी का तथा विश्व शांती मासिक पत्रिका के संपूर्ण टीम का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हुं। विश्व शांती मासिक पत्रिका के माध्यम से अब हम हमारी संस्कृती, सभ्यता,शालिनता,महती,ईश्वरी सिध्दांतों को तथा हिंदु धर्म और सनातन संस्कृती को विश्व के कोने कोने में फैलाने का प्रयास करेंगे।और इसी माध्यम से ही हम वैश्विक क्रांती का भी अभियान आरंभ करने का प्रयास करेंगे। जो शांती से क्रांती के लिए संपूर्ण विश्व मानव को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेगा।और हमारे नये युग निर्माण के ईश्वरी कार्य के लिए हर एक को उद्युक्त करेगा ऐसी हम मंगल कामनाएं तथा आशा करते है। युग निर्माण कार्य के लिए आप सभी को तन,मन,धन से सहर्ष सहभागी होने का हम आवाहन करते है। हरी ओम् जय श्रीकृष्णा विनोदकुमार महाजन, प्रधान संपादक, विश्व शांती मासिक पत्रिका

शिव का तांडव

 *अब शिव का तांडव होगा।* *अब शिव का तांडव होगा। पापी,अधर्मींयों का पृथ्वी से, सदा के लिए नाश होगा। ईश्वरी सिध्दांतों को मिटाने की कोशिश करनेवाली,असुरी राक्षसी वृत्तीयों का, हैवानियत भरी गंदगी का ईश्वरी इच्छेअनुसार समूल नाश होगा। क्रोधायमान शिव का अब महाभयंकर तांडव होगा। आसुरीक संपत्ति का, पृथ्वी से संपूर्ण सफाया होगा। वह घडी अब ईश्वरी इच्छेअनुसार समीप आ ही गई, जिसका समय को इंतजार था। हैवानियत बढाने वाले हैवानी शक्तियों का अब खूद भगवान ही विविध  माध्यमों द्वारा नाश करेगा। अब धरती पर शिव का  तांडव होगा, उपद्रवी, आसुरीक शक्तियों का अब केवल और केवल नाश ही होगा। शिव का तांडव होगा। हर हर महादेव। बम बम भोले। हरी हरी:ओम् विनोदकुमार महाजन।

दुष्ट लोग...

 👺 दुष्ट लोग...👹 ------------------------------- सज्जन लोग हमेशा दयालु, परोपकारी होते है। मगर दुष्ट लोग..? हमेशा हिंसक, क्रूर होते है। दुसरों की विनावजह निंदा करना,दुसरों को सदैव अपमानित करना,बुरा कहना ही दुष्टों के जीवन का उद्देश्य होता है।और कलियुग में तो दुष्टों के कंठों में ही जहर होता है। दुष्ट लोग कभी किसी से माफी भी नही माँगते है।इर्ष्या, नफरत, जलन,द्वेष, बुराईयां ही इनका वैशिष्ट्य होता है। जब प्रत्यक्ष परमात्मा भगवान श्रीकृष्ण दुष्ट, पापी दुर्योधन के पास कृष्ण शिष्टाई करने को गया था तब, उन्मत्त, अहंकारी, दुष्ट दुर्योधन भगवान को ही मारने की धमकी दे रहा था। दुष्ट लोग हितैषी, कल्याणकारीयों को भी नही छोडते है।साँप की तरह डसते रहते है,या डसने के मौके की तलाश में रहते है। भाईयों, ऐसे होते है दुष्ट-दुरात्मे पापी लोग। इनसे हमेशा दुरी बनाये रखनेपर ही हमारी भलाई होती है। तो.👺दुष्टों से,👹हमेशा सावधान रहेंगे, सजग रहेंगे। दुष्टों से दोस्ती, मतलब संकटों का मामला। हरी ओम। ------------------------------- विनोदकुमार महाजन।

मोबाईल

 मोबाइल...। ------------------------------- खरच की राव, मोबाईलनं दुनिया पार येडी येडी झाली। सत्यानाश झाला समदा,वाट लागली। जब मोबाइल नही थे, तो आदमी सुखी था, हँसता खेलता भी था। रिश्ते नातों में बडा प्यार ही प्यार था। एक दुसरें के अश्रु पोंछने,सुखदूख में साथ निभाने के लिए समय ही समय था। जब मोबाइल नही था, तो हर घर सुखी था, आनंदी भी था। और मोबाइल आ गया, जैसे दुनिया उजाड हो गई। रिश्ते नाते समाप्त हो गए। सुखदुख बाँटना समाप्त हो गया। मोबाइल से दुनिया पागल हो गई। मोबाइल से हर घर पागल हो गया। मोबाइल से हर आदमी पागल हो गया। क्या भगवान से भी प्यारा, अब मोबाइल बन गया..??? खरंच, मोबाईलनं दुनिया येडी की हो झाली। समद्या दुनियेची मोबाईलनं वाट लावली। बरे होते,खरे होते ते पुर्विचे दिवस, मोबाइल शिवाय माणुस नावचा विचित्र प्राणी, मस्त होता,खुश होता,आनंदी होता। ----------------------------- विनोदकुमार महाजन।

साजिश

 साजिश।।। साजिश।।। साजिश।।। ------------------------------- हिंदुओं को बदनाम करने की,हिंदुओं में फूट डालने की,हिंदु संतों को बदनाम करने की शायद साजिश चल रही है ऐसा ही लग रहा है। कौन है साजिश करनेवाले पर्दों के पिछे के सुत्रधार??? देखो... रोंहिंग्या का समर्थन और कश्मीरी पंडितों का विरोध... विषेशत: अनेक टिवी चैनलों पर ऐसा माहौल जानबूझकर खडा किया जा रहा है। एक न्यूज देखो... सलमान की सजा...उसका मिडिया द्वारा विष्लेषण... जैसे की कोई देवदूत अवतरित हुवा है...ऐसा विष्लेषण....। और हिंदु संतों का विष्लेषण...??? जैसे की अती भयंकर हो रहा है... कुछ मीडिया वाले, कुछ राजकीय विष्लेशक,कुछ व्यक्ति हरदिन हिंदु समाज में फूट डालने की कोशिश में लगे है। इनपर अंकुश लगने के लिए इनपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की और उन्हें तुरंत कानूनी सजा होने का प्रावधान की आज सख्त जरूरत है। दुसरी दुखपूर्ण बात देखो... भारत तेरे तुकडे होंगे के.. नारे लगाने वाले खुलेआम घुम रहे है।सभा,मिटिंग अटैंड कर रहे है।और मिडिया वाले भी इनके पिछे खडे हो रहे है। और...कुछ निरपराध लोग विनावजह जेलों में सड रहे है। ऐसा विरोधाभास क्यों और क

क्विक एक्शन फोर्स

 लडते रहेंगे या...??? ------------------------------ इतिहास साक्ष है,हम आपस में जब जब लडते रहे,तब भयंकर अनर्थ ही हुवा है। आजतक हमने बहुत कुछ खोया है। जाती-पाती का झगड़ा, सत्ता-संपत्ति का झगड़ा, निजी स्वार्थ, अती अहंकार, लालच ऐसे अनेक कारणों से सदियों से हम लडते आये है।झगडते आये है। और ठीक आज कि तरह षड्यंत्रकारीयों ने इसका अचूक फायदा उठाकर हमें नेस्तनाबूद करने की साजिशें रची है। भाईयों, लडते रहेंगे-बँटते रहेंगे तो निश्चित रुप से कटते ही रहेंगे। जैसे की पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भी अनेक प्रदेश ऐसी गलत निती से ही हमने गंवाएं है। फिर भी हम सावधान नही हो सके। आज भी कश्मीर में,केरला में,पश्चिम बंगाल में और ऐसे अनेक प्रदेशों में हम कट रहे है-पिछे हट रहे है। क्या वजह है? सत्य के प्रति, धर्म के प्रति अज्ञान या उदासीनता?अति उदासीनता? आत्मा-परमात्मा की खोज करनेवाले, अंतिम सत्य क्या है यह सच्चाई बताने वाले, हमारे ही धर्म के बारे में इतना अज्ञान क्यों? धर्म जागृति के लिए अब हम सबको मतभेद भूलकर एक होना होगा।भगवान के भगवे के निचे आना होगा। सबको जगाना होगा।उदासीनता को दूर भगाना होगा। कानून क

जहर

 सावधान होकर यह व्हिडिओ देखो। भयंकर, अती भयंकर। सावधान, सावधान। अनाज जहरीले, फल -सब्जियां जहरीली।फसल जहरीली।मिलावटी दुध जहरीला। जमीन जहरीली, पाणी प्रदुषित, हवा भी प्रदुषित। जहर ही जहर। इंन्सानों के अंदर दिन बदिन जहर बढता जा रहा है। क्या खायें,क्या पियें,कहां जाये...??? अती स्वार्थांधता की वजह इंन्सानों ने अनेक जटिल प्रश्न निर्माण किए है। जिसका उत्तर ढुंडना दिनबदिन मुश्किल होता जा रहा है। जहर की वजह से घर घर में बिमारियां तेजी से  बढ रही है। प्रश्न ही प्रश्न। उत्तर ..? कुछ भी नही। इंन्सान भगवान को शह देने के चक्कर में,कुदरत को चुनौती देने के चक्कर में अस्तित्व शुन्य बनता जा रहा है। परिणाम स्वरूप सभी सजीवों पर संकटों की मालिका शुरू हो गई है। पेड - जंगलों पर आक्रमण हो रहा है। इंन्सान विनाश की ओर तेजी से बढ रहा है। आओ सब मिलकर, कुदरत को बचाए।कुदरत के कानून का स्वीकार करें। सभी सजीवों की रक्षा करें। पेड - जंगल बढायें,बचाये। संपूर्ण विश्व मानव को,सत्य की परिभाषा समझायें। हरी ओम। विनोदकुमार महाजन।

गायत्री महिमा

 *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्* *ॐ - गायत्री महामंत्र* गायत्री के अक्षरों का आपसी गुंथन, स्वर-विज्ञान और शब्दशास्त्र के ऐसे रहस्यमय आधार पर हुआ हैं कि उसके उच्चारण मात्र से सूक्ष्म शरीर में छिपे हुए अनेक शक्ति केंद्र अपने आप जागृत होते हैं| सूक्ष्म देह के अंग-प्रत्यंगों में अनेक चक्र उपचक्र, ग्रंथियाँ, मातृकायें, उपत्यकायें, भ्रमर मेरु आदि ऐसे गुप्त संस्थान होते हैं जिनका विकास होने से साधारण-सा मनुष्य प्राणी अनंत शक्तियों का स्वामी बन सकता हैं|  गायत्री मंत्र का उच्चारण किस क्रम से होता हैं उससे जिह्वा, दाँत, कंठ, तालू, ओष्ठ, मूर्धा आदि से एक विशेष प्रकार के ऐसे गुप्त स्पंदन होते हैं जो विभिन्न शक्ति-केंद्रों तक पहुँचकर उनकी सुषुप्ति हटाते हुए चेतना उत्पन्न कर देते हैं| इस प्रकार जो कार्य योगी लोग बड़ी कष्टदायक साधनाओं और तपस्याओं से बहुत काल में पूरा करते हैं वह महान कार्य बड़ी सरल रीति से गायत्री के जप मात्र से स्वल्प समय में ही पूरा हो जाता हैं|  साधक और ईश्वर सत्ता गायत्री माता के बीच में बहुत दूरी हैं, लंबा फासला हैं| इस दूरी एवं फासले

वह जीतेगा

 *फिर भी वह निश्चल है....*  नवरात्री का नौ दिन का उपवास है, पाँच राज्यों के चुनाव की जिम्मेदारी है, कोरोना का संकट भयानक है, अंदर से देश तोडनेवाली,राष्ट्रद्रोही ताकतें भी गुप्त रूप से सक्रीय है, बढती उमर भी है, फिर भी वह निश्चल है,अटल है, मंजिल की ओर बडे निश्चय से, एक एक कदम आगे बढ रहा है, एक ईतिहास बना रहा है, बुलंद हौसले लेकर,निश्चय से, भारत को शक्तिशाली बनाने के लिए, भारत माता की जय, का नारा देकर,जयघोष कर, वह आगे बढ रहा है... वह आगे बढ रहा है... हमारे उज्वल भविष्य के लिए, हमारी अगली पिढी को सुखी देखने के लिए, ईश्वरी सिध्दांतों की जीत के लिए, वह हर दिन आगे आगे ही बढ रहा है... और वह जीतेगा,जरूर जीतेगा जीतकर ही रहेगा क्योंकी खुद महादेव ही उसकी चिंता करता है,दिनरात, चौबिसो घंटे... तो... उसे कौन हरायेगा...? ? ? नाम है...मोदी... जि हाँ भाईयों,  नरेंद्र दामोदरदास मोदी... आवो चलो हम सभी मिलकर, ऐसे महात्मा की शक्ती बढाते है, हरपल उसका साथ देते है... एक युगपुरुष को , भारतभाग्य विधाता बनने का मौका देते है... हम सभी का भविष्य उज्वल बनाने वाले के पिछे, हमारी सारी शक्ती खडी कर देते है हरी ओम्  *व

भगवान का भगवा

 विश्व के कोने कोने में भगवान का भगवा पहुंचायेंगे हिंदु धर्म की भगवी ध्वजा हर घर पर लहरायेंगे विनोदकुमार महाजन

ये भी दिन जायेंगे प्यारे

 कोरोना का टेंशन नही लेना मस्त रहना खुश रहना और ईश्वर का चिंतन भी करना ये भी दिन निकल जायेंगे प्यारे हिम्मत ना हारना हरी ओम् विनोदकुमार महाजन जैसे की हम कोविड के साथ जी रहें हैं लेकिन मेरी तरफ से एक छोटा सा प्रयास हे की हम हिम्मत नहीं हारे और कोरोना को जिंदादिल्ली से हराना है आपको एक कहानी सुनाना चाहता हूं और विस्वास करता हूं आप सभी पॉजिटिव सोच के साथ कोरोना को हरा देंगे *बहुत पुरानी बात है, एक नगर मे महामारी आने वाली थी* *उसने नगर के राजा से कहा मैं आ रही हूँ, और 500 लोगो की जान लुंगी। राजा ने नगर में ढिंढोरा पिटवा दिया, हर तरफ महामारी का ज़ोर और दहशत एवं डर का माहौल हो गया।*  *जब महामारी जाने लगी राजा ने कहा कि तुमने तो 500 लोगो की जान लेने को कहा था, पर यह क्या किया, यहां तो 5500 से भी ज्यादा जानें चली गई। तो महामारी ने कहा कि मैने तो 500 ही जाने ली है, पर जो आपने डर और दहशत का माहौल बनाया, 5 हजार जाने तो उस डर और दहशत ने ली हैं।* *यह वक्त भी गुजर जायेगा सयंम रखे सावधानी रखें।* *अखबार पड़ना कम करे, TV न्यूज़ गलती से भी ना देखें और अपना व अपने आस पास का माहौल खुश नुमा रखे* *सावधानी रखे

सब ईश्वर की संतान

 सभी ईश्वर की एक ही संतान ----------------------------------  सर्वाभूती भगवंत, जैसा स्थाईभाव जब बनता है तो समदृष्टि बनती है।और चारों तरफ,दस दिशाओं में ईश्वर का अस्तित्व नजर आता है। हर सजीवों में,पशूपक्षी में,गौमाताओं में,साँप - बिच्छू, बाघ - सिंहो में भी ईश्वर नजर आता है। और ईश्वर की अगाध महिमा,ईश्वर की अगाध लिला की अनुभूति मिलने लगती है। सभी सजीवों में केवल एक ही आत्मतत्व दिखाई देता है। और मैं,आप,हम सभी,पशुपक्षी सहीत सभी सजीव भी एक ही ईश्वर की एक ही संतान है इसकी दिव्य अनुभूति भी मिलने लगती है। और सारे भेद ही मिट जाते है। और हर एक के प्रती दयाभाव, प्रेमभाव उत्पन्न होता है। और ऐसी दृष्टि बनने पर,वह पावन आत्मा नर का नारायण बन जाता है। हरी ओम् ------------------------------------ विनोदकुमार महाजन

घर एक मंदिर

 घर एक मंदिर -------------------------------------- भाईयों, हमारा, हम सभी का,मेरा - तुम्हारा, घर आखिर कैसा होना चाहिए ? हर घर एक मंदिर जैसा होना चाहिए। जी हाँ । जहाँ पर दिव्यत्व की अनुभूति हो,आपसी प्रेम,भाईचारा, संपूर्ण विश्वास तथा संपूर्ण समर्पण का माहौल हो।एक दुसरे के प्रती उच्च कोटि का भाव तथा सर्वस्व समर्पीत प्रेम हो।आदर हो। जहाँ संस्कारों का धन हो,ईश्वरी सिध्दांतों के प्रती मर मिटने के लिए हर सदस्य तत्पर हो। हर घर में ईश्वर के प्रती प्रेम हो, अतीथी देवो भव्... का उच्चतम सिध्दांत हो... दया,करूणा हो, मन की मैल न होकर,मन का बडप्पन हो... स्वार्थ, अहंकार ,लोभ ,झूठ की गुंजाइश ना हो... ऐसा घर सचमूच में आदर्श होता है।ऐसे घरों में सदैव स्वर्ग जैसा आनंदी माहौल चौबीसों घंटे बना रहता है। सदैव हंसी खुशी होती है। ऐसे घरों में लक्ष्मी जी का भी अखंड वास होता है। ऐसे घरों में देवता भी अदृष्य रूप से रहते है। यही स्वर्ग है। यही स्वर्गीय आनंद भी है। और यही, घर एक मंदिर भी है। मगर इसके लिए तो सबसे पहले हर एक को अपना मन मन एक मंदिर बनाना ही पडता है। स्वच्छ,सुंदर,अवर्णनीय, आनंददायक,प्रेमदायक। आज कितने घ

संपूर्ण विश्व के लिए

 हिंदुस्तान में हिंदुओं को न्याय दिलाने के लिए, और भारत को, विश्वगुरु बनाने के लिए, मैं आकाश जी के साथ रणनीति बना रहा हुं। जिसमें अनेक किताबें लिखना, फिल्मों का निर्माण, अखबार, टिवी में आना,ऐप बनाना,हिंदुओं का तेजस्वी एवं चैतन्य मई,तेजी से विश्व संगठन बनाना अनिर्वार्य होगा। आप सभी से नम्र निवेदन है की, हमारे ईश्वरी कार्य में जुड जाव। हरी ओम। विनोदकुमार महाजन, राष्ट्रीय सलाहकार, ओल मिडिया प्रेस असोसिएशन।

मेरा देश बदल गया है

 मेरा देश.... बदल गया है। ~~~~~~~~~~~~ सफर में हुं,लोगों को चुनाव के बारे में पुंछता हुं।जिधर देखो उधर जबरदस्त मोदी लहर। दिल्ली, नैनीताल ( निमकरौली ),मथुरा,वृंदावन, जयपुर,अहमदाबाद, सुरत। मोदी और मोदी। ट्रेन में,बस में,रिक्षा में,होटल में जगह जगह पर लोगों से चर्चा करता हुं। एक चाय के ठेले पर एक  बुढी औरत से पूछा, "अम्मा,मतदान किसको किया..?" बोली, "बताने का नही।" फिर भी मैंने जोर देकर कहां,उसका फेसरिडिंग पढकर कहा, " आपने तो मोदिजी को ही मतदान किया है।" अम्मा खुश होकर बोली, " आपने कैसे पहचाना ?" मैंने कहा, " जमाना अब बदल गया है अम्मा।।सच्चाई के पिछे जा रहा है।असली नकली ( सोना - पितल ) लोग तुरंत पहचानने लगे है।और आप भी सच जानती है।" अम्मा ने खुश होकर मुझे कहा, " बेटा,सही बात है तेरी।मोदी नो जो नोटबंदी की है,और काला धन बाहर निकाला है,इसिलए मैंने मोदी को व्होट किया है। कुछ विरोधी लोग मुझे पैसों का लालच दे रहे थे।मगर मैंने और मेरे बेटे ने कह दिया, तेरा पाप का पैसा,नदी में फेंक दे।तु चाहे कितना भी लालच दे,मैं तो मोदी को ही व्होट दुंगी।&quo

मेरे कृष्णा

 मेरे प्यारे कृष्णा, संपूर्ण देश तथा संपूर्ण विश्व आज कोरोना की वजह से भयंकर मुसीबत में है और भयभीत भी है। कृष्णा, दौडके आ जाना। और यह मुसीबतों का दौर तुरंत समाप्त कर देना। हरे कृष्णा मेरे कृष्णा सभी के कृष्णा हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

सत्य क्यों तडप रहा है ?

 सत्य..... क्यों तडप रहा है...? ~~~~~~~~~~~~ देश विदेश के ,मेरे सभी सत्यवादी मित्रों को मेरा एक ही प्रश्न है। जिसका उत्तर अपेक्षित है। लेख अधिक लंबा भी हो सकता है।फिर भी,हो सके तो आखिर तक पढने की कोशिश जरूर करना। क्योंकि यह सत्य की खोज भी है,और सत्य की विजय के लिए क्या करना अनिर्वार्य भी है। सत्य ही ईश्वर का रूप होता है,और युगों युगों से सत्य की जीत पक्की तय होती है। इसीलिए एक कहावत है, " सत्य परेशान हो सकता है,मगर पराभूत नही हो सकता।" अगर यही सच्चाई है तो मित्रों आज सत्य परेशान क्यों है...? मतलब... सत्य के रास्ते से चलनेवाला हर शक्स परेशान क्यों है..? सत्यवादी आज, कोई भयंकर बिमारियों से जुंझ रहा है, तो कोई भयंकर आर्थिक परेशानियों से परेशान है। कोई अनाथ,निराधार है। तो किसी सत्य वादी व्यक्तियों के घर में अनेक समस्या चल रही है। चिंता, चिंता और चिंता। यह सिलसिला कबतक चलेगा ? और इससे बाहर निकलकर समस्याओं पर मात करके,कब बाहर निकलेगा ? सत्य आज आसुरिक तथा पैशाचिक वृत्तियों से परेशान है। सत्य धर्म, सत्य सनातन धर्म,और सत्य के रास्ते पर चलने वाला हर व्यक्ति आज परेशान है। वजह..? यही आसु

मेरे आण्णा

 देह त्यागने के बाद भी जिन्होंने मुझे गायत्री मंत्र दिया, देह त्यागने के बाद भी बारबार मुझे दर्शन देकर मार्गदर्शन किया, मुझे अहोरात्र प्रेम का अमृत कुंभ देकर, भयंकर दुनियादारी में और चौफेर भयानक आग जैसी गृहदशा तथा मुसिबतों की घडी में मेरी रक्षा की तथा ज्ञानामृत दिया, वैश्विक कार्य के लिए मुझे सक्षम बनाया, ऐसे मेरे सद्गुरु आण्णा के पावन तथा कोमल चरणकमलों पर, मेरा सर्वस्व,मेरा संपूर्ण जीवन समर्पित है। आज भी मैं शून्य ही हुं और आगे भी शून्य ही रहूंगा। मेरा ना यह तन है,ना धन है,ना मन है,और ना ही मेरा यह आत्मा भी है। जो भी है सबकुछ मेरे आण्णा का ही है। आदेश ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

जीना इसिका नाम है

 *जीना इसिका नाम है*  दोस्ती केवल उनसे किजिए साहब जिनके ह्रदय साफ है जो वचन के पक्के है इरादों के भी पक्के है और जिनके इरादे भी बुलंद है,आसमान को भी छुने वाले है केवल मिठी मिठी बाते करके हमें फँसाने वालों से दोस्ती मत कीजिए साहब जहाँ हमारे शब्दों की किमत हो वही पर ही दोस्ती किजिए नही तो पछताना पडता है हरी ओम्  *विनोदकुमार महाजन*

फिल्मों का निर्माण

 अनेक भाषाओं में डबींग करके,राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, सामाजिक, आध्यात्मिक फिल्मों के निर्माण द्वारा, संस्कृति को विश्व के हर कोने में पहुंचाने का प्रयास जारी रहेगा। आप सभी को जुडने के लिए आवाहन करता हुं। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

मेरे प्यारे भाईयों

 मेरे प्यारे विश्व में  फैले हुए सभी भाईयों मन में केवल यही ठान लो की हम केवल और केवल जीतने के लिए ही धरती पर आये है हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

मेरा अभियान

 विश्व के कोने कोने में  फैले हुए सभी हिंदुओं का संपूर्ण कल्याण यही है मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ अभियान... विनोदकुमार महाजन

मन की मैल

 मन की मैल.... ------------------------------ आध्यात्म में आत्मशुद्धि बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। मतलब सभी विकारों पर विजय प्राप्त करके,मन शुध्द करना। मतलब मन की मैल उतारना। जिसके मन में मैल होती है,उसपर ईश्वरी कृपा कभी भी नही होती है। ह्रदय, मन और आत्मा जब शुध्द होती है तो वह पुण्यात्मा सभीपर,पशुपक्षियों पर निस्वार्थ प्रेम करता है। सभी सजीवों में भगवान को देखता है। और ऐसे पुण्यात्माओं के ह्रदय में खुद भगवान, प्रभु परमात्मा निरंतर, अखंड वास करता है। इसीलिए मन पवित्र,निष्कपट होना चाहिए। यही जीते जी स्वर्ग है,मोक्ष है।यही पर ब्रम्हांड भी है।और वह पुण्यात्मा साक्षात ईश्वर स्वरूप भी बन जाता है। इसिलिए सभी पर शुध्द, पवित्र, निस्वार्थ प्रेम करो। हरी ओम। ------------------------------ विनोदकुमार महाजन।

पुराना घर

 पुराना घर.... ------------------------------ जीस प्रकार से बचपन का पुराना घर छोडकर हम नये घर में रहने को जाते है, फिर भी हमें पुराने घर की यादें हमेशा सताती है।उस घर में बिते हुए पल को हम जीवनभर याद करते रहते है। ठीक इसी प्रकार से हमारा यह पंचमहाभूतों का देह भी तो हमारी आत्मा के लिए एक घर ही तो है। यह घर हम बारबार बदलते रहते है।फिर भी पुराने घर की यादें या उसी देह में हमने जो सुखदुख देखे है,वह सभी यादें हमें देह से आत्मा मुक्त होनेपर भी उसी आत्मा को रहती है। अगर पंचमहाभूतों का देह छोड भी दिया, तो वही आत्मा पुराना शरीर धारण करके किसिके सपनों में जाकर,कोई संदेश जरूर देता है। हम सभी को ऐसी आत्मानुभुतियाँ अनेक बार, बार बार सपनों में,दृष्टांत में मिलती है। कभी कभी इसका अर्थ भी हमारे समझ में नही आता है। कोई आत्मज्ञानी या ब्रम्हज्ञानी इसका सही उत्तर हमें दे सकता है। हम सभी को हमेशा स्वप्न दृष्टांत होते है।यह वास्तव है। हरी ओम। ------------------------------ विनोदकुमार महाजन।

सद्गुरू चरण चाहिए

 *मेरे सद्गुरू के चरणकमल चाहिए*  ना धन चाहिए, ना मान चाहिए ना संन्मान चाहिए बस्स...सद्गुरू चरणों पर समर्पण चाहिए ना यश चाहिए, ना किर्ती चाहिए ना मोहमाया का बाजार चाहिए बस्स्...जनम जनम में सद्गुरू चरणों की सेवा चाहिए ना सोने का राजमहाल चाहिए ना राजऐश्वर्य चाहिए मैं तो हुं सद्गुरू चरणों की धूल मेरे ह्रदय का फूल सद्गुरू चरणों में ही समर्पित है ना बडप्पन चाहिए ना प्रतिष्ठा केवल और केवल मुझे मेरे सद्गुरू के चरण चाहिए ना भूक की सुदबुध है,ना प्यास की चिंता है मुझे तो *मेरे सद्गुरू*  " *आण्णा* " के ही जनम जनम में चरणकमल चाहिए हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

भगवान श्रीकृष्ण

 कृष्ण निती से चलेंगे तभी जितेंगे...! ------------------------------------- भगवान श्रीकृष्ण ! भगवान विष्णु का आठवां अवतार ! जबरदस्त व्यक्तित्व ! सभी समस्याओं का अचूक उत्तर देनेवाले श्रेष्ठ देवता ! हँसता खेलता अवतार ! हर एक समय के लिए, लागू होनेवाले सिध्दांतों पर आधारित उच्च विचारधारा ! इसीलिए आज भी,अगर कोई इसी सिध्दांतों पर आधारित जीवन में चलेगा, तो जीत निश्चित है,पक्की है ! साम,दाम,दंड, भेद नितीद्वारा सत्य की जीत करने का अद्वितीय सिध्दांत ! बाँसुरी बजाकर सभी को प्रेमामृत पिलाने वाला,सभी पर दिव्य प्रेम करनेवाले भगवान ! तो दुसरी ओर सत्य की धर्म की रक्षा के लिए, आसुरों का नाश करने के लिए हाथ में शस्त्र लेकर, सुदर्शन चक्र लेकर,हाहाकारी - उन्मादी - उन्मत्त राक्षसों का नाश करनेवाले कर्तव्य कठोर भगवान ! गोप गोपिकाओं के प्रिय,अर्जुन सुदामा पर भी जी जान से प्रेम करनेवाले, प्रेमामृत की महती सभी को बताने वाले,मीरा के भी प्यारे, राधा के भी प्यारे, सर्व व्यापी,सर्वसाक्षी, मेरे - तुम्हारे - हम सभी के... भगवान श्रीकृष्ण  ! ! ! जिसको भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन हो गये,जिसको प्रभु परमात्मा के प्रेम का अम

भाषांतर के लिए...

 प्रिय आत्मजन, हिंदी भाषा में लेख लिखकर सभी को पढने में,विशेषता परदेशों में,दिक्कत हो रही है !इसलिए हिंदी अंग्रेजी तथा अंग्रेजी हिंदी में लेखों को ट्रांन्सलेट करनेवाला महात्मा हमारे ग्रुपपर है तो मुझे संपर्क करें ! ताकी हमारे आध्यात्मिक विचार विश्व के कोने कोने में पहुंचाने के लिए आसान हो सके ! हरी ओम् ! विनोदकुमार महाजन

वैश्विक संगठन

 हमारे ग्रुपपर विदेशों से जो भी संन्माननीय आत्मीय सदस्य है, उन सभी मान्यवरों को मैं अवगत कराना चाहता हुं की, आपके देश में हिंदुत्व बुलंद करने के लिए एक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन किया जायेगा। जैसे मोरिशस से बि.व्ही.आचार्य सर,इंग्लैंड से संजय कौल सर,अमरिका से विनायक जोशी सर। वहाँ संगठन बढाने के लिए तथा आपकी शक्ती बढाने के लिए हम और हमारी वरीष्ठ टीम वहाँ के राष्ट्र प्रमुखों को तथा विरोधी पक्ष नेताओं को मिलकर, वहाँ पर हमें सहायता देने के लिए बताया जायेगा। सुभाषचंद्र बोस जी ने जिस प्रकार से जर्मनी में जाकर इतिहास बनाया है, उसी प्रकार से हम उस देश के हर एक सरकार को हिंदुओं की सहायता करने के लिए एक गुप्त निती के अनुसार बाध्य किया जायेगा। अब ग्रुप के सभी सदस्यों को मैं कोरोना काल में घर में रहकर ही संगठन शक्ती बढाने के लिए प्रयास करने के लिए आवाहन करता हुं। अनेक सदस्यों की अनेक समस्याओं के बारे में भी हर एक को संपूर्ण मानसिक सहयोग प्रदान करके,अगर कोई किसी मुसिबतों के दौर से गुजर रहा है तो उसे बाहर निकालने के लिए प्रयास किया जायेगा। जैसे कोई आर्थिक समस्या अथवा सामाजिक उत्पीडन अथवा कौटुंबिक कलह क

सुर्य को जल क्यों चढाते है....

 सूर्य अर्घ्य दान वैज्ञानिक रहस्य । जिस समय हम सूर्य को अर्घ्य दान देते हैं उस समय जल की धारा पृथ्वी (या जल) पर पड़ती है। सामने से सूर्य की किरणें उस अर्ध्य धारा के जल पर पड़कर उसके अन्दर से पास करके (बेध करके) हमारे ऊपर तथा सामने आंखों पर पड़ती हैं। उससे हमारी नेत्र ज्योति बढ़ती है तथा नेत्रों के रोग दूर होते हैं। इसमें वैज्ञानिक रहस्य यह है कि सूर्य संसार के नेत्र हैं, हमारे नेत्रों में भी सूर्य के तेज का ही प्रकाश है। सूर्य में सातों रंग होते हैं, विज्ञान से यह सिद्ध है कि जिस वस्तु पर सूर्य की सातों किरणें पड़कर वापस नहीं लौटती उस वस्तु का रंग काला होता है, उसीमें किरणें प्रवेश कर जाती हैं और जहां से सारी किरणें वापस चली जाती हैं उसका रंग सफेद होता है। हमारी आंख की काली पूतरी में सूर्य की सारी किरणें जल के बीच से पास होकर (बेधकर) जल से उत्पन्न विद्युत शक्ति का और भी वेग तथा प्रभाव लेकर प्रवेश कर जाती हैं और अपनी जीवनदायिनी पोषण शक्ति प्रदानकरती हैं। जल धारा के बीच में से किरणों का आना एक विशेष लाभदायक विद्युत्-शक्ति को उत्पन्न करके लाभ पहुंचाता है और तत्सम्बन्धी सारी कमी को पूरा कर

मेरा देश बदल रहा है...

 मेरा देश.... बदल गया है। ~~~~~~~~~~~~ सफर में हुं,लोगों को चुनाव के बारे में पुंछता हुं।जिधर देखो उधर जबरदस्त मोदी लहर। दिल्ली, नैनीताल ( निमकरौली ),मथुरा,वृंदावन, जयपुर,अहमदाबाद, सुरत। मोदी और मोदी। ट्रेन में,बस में,रिक्षा में,होटल में जगह जगह पर लोगों से चर्चा करता हुं। एक चाय के ठेले पर एक  बुढी औरत से पूछा, "अम्मा,मतदान किसको किया..?" बोली, "बताने का नही।" फिर भी मैंने जोर देकर कहां,उसका फेसरिडिंग पढकर कहा, " आपने तो मोदिजी को ही मतदान किया है।" अम्मा खुश होकर बोली, " आपने कैसे पहचाना ?" मैंने कहा, " जमाना अब बदल गया है अम्मा।।सच्चाई के पिछे जा रहा है।असली नकली ( सोना - पितल ) लोग तुरंत पहचानने लगे है।और आप भी सच जानती है।" अम्मा ने खुश होकर मुझे कहा, " बेटा,सही बात है तेरी।मोदी नो जो नोटबंदी की है,और काला धन बाहर निकाला है,इसिलए मैंने मोदी को व्होट किया है। कुछ विरोधी लोग मुझे पैसों का लालच दे रहे थे।मगर मैंने और मेरे बेटे ने कह दिया, तेरा पाप का पैसा,नदी में फेंक दे।तु चाहे कितना भी लालच दे,मैं तो मोदी को ही व्होट दुंगी।&quo

हे हनुमान

 हे रामभक्त हनुमान हे चिरंजीव हनुमान हे पवनपुत्र हनुमान हे चमत्कार दिखानेवाले हनुमान हे भक्त वत्सल हनुमान कलियुग में जागृत हे महाबली हनुमान अब चमत्कार चाहिए अब तुझे तेरी शक्ति दिखाने का समय आ गया है रामराज्य निर्माण के लिए प्रभु हनुमान अब तुझे शक्ति दिखानी ही पडेगी हिंदु राष्ट्र निर्माण के लिए अब तुझे चमत्कार दिखाना ही पडेगा विश्व गुरू भारत बनाने के कार्य को तुझे गती देनी ही होगी ओम् हं हनुमते नम: मनोजवं मारूततुल्य वेगं जितेंद्रियं बुध्दीमताम् वरीष्ठम् वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये जय श्रीराम जय हनुमान जय श्रीकृष्णा हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

विदेशी

 विश्व के मेरे सभी भाईयों,सभी सनातनी भाईयों, सभी हिंदु भाईयों, देखो यह एक विदेशी होकर भी हमारी संस्कृती पर कितना सच्चा प्रेम करता है। और हम...? हमारी संस्कृती, हमारी सभ्यता, हमारी विरासत को ही भूलते जा रहे है। भाईयों, सचमुच में अगर विश्व का उध्दार चाहते हो तो हमारे सिध्दांतों पर चलना होगा,हमारी संस्कृती का महत्त्व विश्व के कोने कोने में पहुंचाना होगा। हमारे ही देश में,हमारे ही लोगों में हमारे ही धर्म के प्रती उदासीनता देखकर मुझे भयंकर दुख होता है और आत्मा तडप उठती है। हम हमसे ही दूर क्यों भाग रहे है...मतलब हम ईश्वरी सिध्दांतों से क्यों दूर होते जा रहे है...? एक विदेशी हमारी महती समझ सकता है... तो मेरे प्यारे भाईयों, हम क्यों नही समझ सकते...? वह भी हम सभी तेजस्वी ईश्वर पुत्र होकर भी...??? उठो भाईयों उठो,नवराष्ट्र तथा नवयुग निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढते है।और हमारी महान ईश्वरी संस्कृती को दुनिया के कोने कोने में पहुंचाने का अभियान आरंभ करते है। साथी हाथ मिलाना साथी रे... एक अकेला थक जायेगा, मिलकर बोझ उठाना साथी हाथ बढाना साथी हाथ बढाना हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

सोशल मिडिया की शक्ती

  भाईयों, सोशल मीडिया द्वारा असत्य पर प्रहार करो। ------------------------------- भाईयों, आज कुछ राष्ट्रद्रोही ताकदें,कुछ असामाजिक तत्व देश में असत्य फैलाकर सत्य को परेशान कर रहे है। असत्य ही सत्य का मुखौटा धारण कर रहा है।अतएव सावधान।कुछ मिडिया वाले भी इसमें जमकर हिस्सा ले रहे है। इसपर कानूनी इलाज क्या है?या किसिको इनके झूट के खिलाफ जनहित याचिका दायर करके अंकुश लगेगा? चाहे कुछ भी हो,ऐसी ताकदों को हमें प्रखर राष्ट्राभिमानियों को एक होकर रोखना होगा।जमकर विरोध करना होगा। गुजरात चुनाव में एक टिवी चैनल बार बार एक गलत न्यूज और सर्वे दिखा रहा था।इस सर्वे में बिजेपी की करारी हार और काँग्रेस की प्रचंड बहुमतों से जीत दिखाई थी। मगर....?आज सत्य आप सभी के सामने है।मेरे कहने का मतलब यह है की,ऐसे गलत सर्वे दिखाने वाले टिवी चैनल पर क्या कार्रवाई हो गई? कुछ भी नही।आज भी वह चैनल झूटी अफवाएं फैला रहा है। तो क्या करें? (1)सबसे पहले ऐसे चैनल देखना बिल्कुल बंद कर दो। (2)इनको विज्ञापन देना बंद कर दो। (3)ऐसे झूट फैलाने वाले चैनल,व्यक्ति, संस्था का संपूर्ण रुप से बहिष्कार करो। (4)सोशल मिडिया का जबरदस्त शक्तिशा

आऊल डांडी

 हर हर....म... महादेव। ●●●●●●●●●●●● एक छोटासा बच्चा रास्ते से जोर जोर से चिल्लाते जा रहा था, "आऊल डांडी चोर है, आऊल डांडी चोर है। अंग्रेस चोर है, अंग्रेस चोर है।" मैंने उस बच्चे को पास बुलाया और पुछा, "तु इतनी जोर जोर से क्या चिल्लाता जा रहा है ?इसका अर्थ तुझको समझता है क्या ?" तो वह बच्चा बोलता है, " गली गली में शोर है, आऊल डांडी चोर है। इमानदार चौकीदार को ही यह चोर बोलता है, पूरे देश को उल्लू बनाता है, झूटे झूटे बादे करके, सारे देश को फँसता है। आऊल डांडी चोर है।" मेरी तरफ देखकर वह छोटा बच्चा जोर जोरसे चिल्लाता हुवा,दौडता हुवा छोटीसी गली में गायब हो गया। भाईयों, असलियत समझो,जानो, सोचो,जागो, छोटे छोटे बच्चे भी जाग रहे है। असलियत पहचान रहे है। और आप...??? एक उंगली दबाकर चोरों का सदियों का राज समाप्त कर दो। हर हर म... हर हर महादेव। •••••••••••••••••••••• विनोदकुमार महाजन।

अराजक

 क्या चल रहा है? ------------------------------- भाईयों, सचमुच में क्या चल रहा है आज देश में? अराजक? जी हाँ भाईयों, अराजक।और यह अराजक ऐसा तैसा नही है।अती भयंकर षडयंत्र द्वारा प्रायोजित अराजक। मोदीजी और उनकी पूरी टीम जीस तरीके से देश और देशवासियों के लिए विकास कार्य कर रही है,शायद लबाड, ढोंगी घबरा गए है। और.... मोदीजी को 2019 में हराने का भयंकर अती भयंकर षडयंत्र। कुछ भी करो बदनाम करो,विकास कार्यों में बाधाएं उत्पन्न करो,षडयंत्र भयंकर षडयंत्र करो और मोदीजी को बदनाम करो। किसी भी तरीके से,किसी भी बहाने से।बदनामी और बदनामी। ऐसा ही माहौल खडा किया जा रहा है ना देश में? मगर भाईयों, हमें राष्ट्र प्रेमीयों को यह लडाई बहुत ही हिम्मत से लडनी है।ठंडे दिमाग से लडनी है।और मोदीजी को राष्ट्रीय तथा आंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही शक्तीशाली बनाना ही है। अब उन्नीस में केवल जीत नही महाजीत हासिल करनी है। और जनता...? सब जानती है,पहचानती है।देश के लुटेरे कितनी भी नौटंकी करे,ड्रामेगिरी करे, जनता जनार्दन केवल और केवल,सिर्फ और सिर्फ मोदीजी को ही भारी बहुमतों से जीताएगी। क्योंकी कुछ असामाजिक तत्व,कुछ बिकाऊ मिडियावा

अंगार कोट

 कंबोडियाच्या घनदाट अरण्यात एक फ्रेंच शास्त्रज्ञ वेगवेगळी फुलपाखरे, किटक यांचा शोध घेत होता. फुलपाखरे शोधतं तो जंगलात बराच आतपर्यंत शिरला. कंबोडियावर त्या काळी फ्रेंच लोकाची सत्ता होती. वर्ष होते १८६०. त्या काळोख्या दाट जंगलात पुढे पाऊल ठेवण्यासाठी त्याला झुडपे, वेली तोडतच पुढे जावे लागतं होते. किर्र जंगलात शोधता शोधता अचानक त्याला समोर असे काही दिसले की त्याचे डोळे आश्चर्याने विस्फारले! क्षणभरं त्याचा स्वतःच्या डोळ्यांवर विश्वास बसेना! समोर होती, त्याच्या नजरेच्या कवेत मावत नव्हती, एवढी प्रचंड इमारत! संपूर्ण दगडात बांधलेली! जंगलामध्ये लुप्त! शेकडो वर्षांपासून मानवी हस्तक्षेपासून दूर, महाकाय झाडांनी वेढलेली. अवाढव्य, महाप्रचंड आणि अदभूत! खरेतरं, अविश्वसनीय! त्याने त्याच्या आयुष्यात एवढी महाप्रचंड इमारत पाहिली नव्हती. त्यानेचं काय, संपुर्ण युरोप खंडात कोणीही अशी इमारत पाहिली नव्हती. पाहणार तरी कशी? कारण एवढ्या प्रचंड आकाराची इमारत संपूर्ण युरोपमध्ये नव्हतीचं! कोणी बांधण्याचा विचारही करू शकतं नव्हते. आधुनिक तंत्रज्ञानात स्वत:ला खुप प्रगत समजणाऱ्या संपुर्ण युरोपला आणि जगाला थक्क करणारी ही

भरोसा

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 *मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ , हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !* *मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं , जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !* *भरोसा ” ईश्वर ” पर है, तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे !* *मगर , भरोसा अगर ” खुद ” पर है ,तो ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे !!!*  इसिलए दोस्तों, भरोसा खुद पर रखेंगे और जो हमें चाहिए वही हासिल करके ही रहेंगे               🙏सुप्रभात 🙏 हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

धर्म युध्द

 धर्म युद्ध क्या होता है...? --------------------------------- दो विरूद्ध शक्तियों का संघर्ष ! ईश्वरी शक्ति और राक्षसी शक्ति ! एक कल्याणकारी दुसरी हाहा:कारी ! एक परोपकारी दुसरी उन्मादी ! रामायण ! जिसमें राम ने रावण का नाश किया ! महामहारत ! जिसमें परमात्मा श्रीकृष्ण ने उन्मादी कौरवों का नाश किया ! और...? धर्म संकट ! ! ! अंदर से बाहर से धर्म संकट में ! मतलब ? मतलब अंदर से धर्म पर प्रहार करनेवाले अधर्मी ! और बाहर से भी धर्म पर प्रहार करनेवाले कुधर्मी ! परीणाम ? हाहा:कार,तबाही,बरबादी ! और उत्तर ? धर्म युध्द ??? इसके साथ ही सृष्टि संतुलन में अनेक बाधाएं। जैसे नैसर्गिक आपदाओं द्वारा अनेक मुसीबतें। कटते पेड जंगलों की वजह से संपूर्ण सजीव प्राणीमात्राओं में हाहा:कार। मरती मानवता। और धर्म के प्रती,उदासीनता। क्या अब... ईश्वरी इच्छा से, सृष्टि संतुलन के लिए, मरती मानवता को जीवित करने के लिए, पेड जंगल,पशुपक्षियों की रक्षा के लिए, अंदर बाहर से हो रहे धार्मिक आघातों को रोक लगाने के लिए, हाहा:कारी,उन्मादी, राक्षसी शक्तीयों का सदा.के लिए नाश करके,इंन्सानियत बचाने के लिए, ईश्वरी राज्य की पुनर्स्थापना के

पत्रकार उत्पीड़न

 *पत्रकारो के साथ* *बदसुलूकी करने वाले* *पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज होगी FIR नही तो एसएसपी पर* *होगी कार्यवाही* *दिल्ली-* *प्रेस काउंसिल ने राज्यसरकारों को चेताया...* *पत्रकार नही है भीड़ का हिस्सा l*  पत्रकारों के साथ बढ़ती ज्यादती और पुलिस के अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम नही कर पाते है. उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिया है कि पुलिस आदि पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना करे...। *पत्रकार भीड़ का हिस्सा नही है* किसी स्थान पर हिंसा या बवाल होने की स्थिति में पत्रकारों को उनके काम करने में पुलिस व्यवधान नही पहुँचा सकती। पुलिस जैसे भीड़ को हटाती है वैसा व्यवहार पत्रकारों के साथ नही कर सकती। ऐसा होने की स्थिति में बदसलूकी करने वाले *पुलिसवालों या अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा...*। काटजू ने कहाँ कि जिस तरह कोर्ट में एक अधिवक्ता अपने मुवक्किल का हत्या का केस लड़ता है पर वह हत्यारा नही हो जाता है। उसी प्रकार किसी सावर्जनिक स्थान पर पत्रकार अपना काम करते है

चुनावी विश्लेषण और मेरा अनुमान

 चुनावी विश्लेषण ! ! ! ~~~~~~~~~~~~ 11 अप्रैल के पहले चरण के मतदान का प्रतिशत देखेंगे तो बिजेपी की जीत पक्की तय है। अगले चरणों में भी इसी प्रकार से चुनाव होने की अपेक्षा है। मतलब साफ है, संपूर्ण देश में बिजेपी को भारी बहुमतों से जीत मिलेगी। इसके कारण भी अनेक है। मोदिजी की वजह से संपूर्ण देश में राष्ट्रप्रेम की जबरदस्त लहर दिखाई दे रही है।गली,गाँव,शहरों में,हर जगहों पर लोग स्वयंस्फुर्ती से ,संपूर्ण देश से मोदिजी को सपोर्ट कर रहे है। आजादी के पहले जिस प्रकार की प्रखर राष्ट्रप्रेम की लहर थी,ठीक इसी तरह की लहर आज लोगों में दिखाई दे रही है।और सारी की सारी लहर राष्ट्रप्रेमी भाजपा के ही पिछे खडी है,ऐसा दिखाई दे रहा है।स्वयंस्फुर्ती से और अंत:स्फुर्ती से लोग कोने कोने में,बिजेपी के प्रचारक बन रहे है। आजादी के बाद आजतक,जीन लुटारूओं ने देश को नोच नोच के खाया,उन सभी के प्रती हर एक भारतीयों के मन में भयंकर आक्रोश समाज मन में दिखाई दे रहा है।और इसी वजह से लोग बढ चढकर, यह लोकतंत्र का उत्सव मतदान में हिस्सा लेकर मना रहे है।युवा वर्गो में मोदिजी के प्रती विशेष और जादा आकर्षण दिखाई दे रहा है। देहात तथा

छोटासा घौसला

 खुद का छोटासा घौसला  बनाइये जिस घर में तुम्हारे प्रती प्रेम,आदरभाव नही जिस घर में तुम्हारे शब्दों की किमत नही जिस घर में केवल पैसों की ही पूजा होती है जिस घर में इंन्सानियत नाम की कोई चिज नही जिस घर में तुम्हारे इमानदारी की किमत नही जिस घर में तुम्हारी सच्चाई, नेकि,अच्छाई को दुर्लक्षित किया जाता है जिस घर में ईश्वर के बजाय असुरी सिध्दांतों को बढावा दिया जाता है श्रेष्ठत्व होकर भी जहाँ तुम्हारी कदर नही उल्टा तुम्हें ही प्रताडित  किया जाता है जिस घर में तुम्हारे उच्च ध्येयवाद को भी ठुकरा  दिया जाता है,प्रताडित, अपमानित किया जाता है वहाँ पर करोड़ों का धन और सभी प्रकार की सुविधाएं होने के बावजूद भी आप तुरंत ऐसा घर सदा के लिए छोड दिजिए और आजाद पंछी की तरह मुक्त हो जाईये और  अपना खुद का छोटासा घौसला बनाईये जहाँ तुम्हारी ईमानदारी पर कोई शक ना कर सके अथवा तुम्हें कोई प्रताड़ित अपमानित ना कर सके हरी ओम् विनोदकुमार महाजन .

सोशल मिडिया

 *⚡💥सावधान💥सावधान💥⚡* 👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼 *👉🏼 🔥कहीं आप भी तो*  *नही बन रहे एक इंटरनेशनल षड्यंत्र का मोहरा जो षड्यंत्र रचा गया है भारतीय संस्कृति को जड़ से समाप्त करके, भारत को फिर से गुलाम बनाने के लिए*.. *👉🏼🔥आप कैसे अनजाने में बन रहे है* *उस षड्यंत्र का मोहरा*  *जानिये*👇🏻 *पोस्ट पढ़िए ध्यान से छोटी सी ही पोस्ट है* *👉🏼💥केवल भारत ही नही अपितु पूरी दुनिया के बुध्दि जीवी नागरिक इस सच्चाई से अवगत है की आज भारत में विद्यमान विदेशी न्यूज़ चैनल पूरी तरह से बिक चुके हैं.. कुछ भारतीय चैनलो के अलावा सब बिकाऊ हैं* *👉🏼💥विदेशी कम्पनियो और ईसाई NGO द्वारा बिक कर वो सब हिंदुत्व की जड़े काटने में पुरे जोर शोर से लगे है* *👉🏼💥भारतीय संस्कृति को नष्ट करने वाले षड्यंत्रकारियों का मोहरा है भारत में चल रहा इलेक्ट्रॉनिक मिडिया* *👉🏼💥जो सिर्फ भारतीय संस्कृति को बदनाम करते है केवल भारतीय संस्कृति के आधार स्तम्भ हमारे पूजनीय संत महापुरुषों को ही दिन रात बदनाम करते है कुछ भी करके केवल सनातन संस्कृति की जड़े काटने में लगे है*  *👉🏼💥लेकिन  षड्यंत्रकारियों को  ये बात अब शायद स

सुंदरता...

 *मन की सुंदरता...*  सुंदरता अच्छे कपडों से या धन से नही होती है यारों।इसके लिए चाहिए सुंदर मन.।।। जो सदैव सभी से निरपेक्ष, दिव्य प्रेम करता है। विचारों की,संस्कारों की सुंदरता ही सर्वश्रेष्ठ होती है।और आपके सुंदर विचारों को,सुंदर मन को अगर कोई नही पहचानता है..तो हमेशा के लिए ऐसे व्यक्तियों से,सदा के लिए दू...र चले जाईये।उनसे दुबारा कभी भी न मिलने के लिए। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन अब पढिये, निचे की सुंदर कथा।👇👇👇 सुंदरता "संस्कारों" में चाहिये.... . . . . . . . . . एक हवा हवाई की हवाई यात्रा.....  सभ्रांत प्रतीत होने वाली एक अतीव सुन्दरी महिला ने हवाई यात्रा के लिए जब एक विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में अपनी नजरें घुमाईं तब उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है जो जिसके की दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में बड़ी झिझक हुई ! उस 'सभ्रांत सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस को बुलाकर कहा कि वह उसके लिए नियत सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पायेगी, क्योंकि साथ की सीट पर एक दोनों हाथ विहीन व्यक्ति बैठा हुआ है। उस सुन्दरी ने

ईश्वर चाहिए या ऐश्वर्य

 ईश्वर चाहिए या ऐश्वर्य ? ------------------------------------- किसी ने अगर मुझे की, तुम्हें ईश्वर चाहिए या ऐश्वर्य ? और शर्त ये है की दोनों मे से केवल एक ही चुनना है। तो मैं बिना हिचकिचाहट के तुरंत उत्तर दूंगा मुझे ईश्वर ही चाहिए। फिर आगे मुझे किसी ने पूछा की,अगर आपको ईश्वर ही चाहिए तो...इसके साथ में गरीबी,दुख - दर्द, पिडा,कष्ट होंगे और दुसरी तरफ राजऐश्वर्य होगा...मगर वहाँ ईश्वर नही होगा,और सभी सुखों की बरसात होगी... तो आप किसे चुनेंगे...? तो मैं फिर से बिना सोचे समझे,बिना एक पल विचार किए,झट से कहुंगा,फिरसे यही कहुंगा... की, मुझे केवल और केवल ईश्वर ही चाहिए। अगर ईश्वर साथ में है मगर उसके साथ अनेक दुखदर्द, पिडा यातनाएं झेलनी पडेगी, जहर भी हजम करना पडेगा, तो भी मुझे केवल और केवल ईश्वर ही चाहिए। क्योंकी धन,वैभव, ऐश्वर्य, सुख तो दो दिन की माया है।मगर ईश्वर तो जनम जनम तक साथ रहनेवाला अलौकीक धन है।इसके मायने सभी सुख,प्रत्यक्ष सभी स्वर्गीय सुख भी य:किंचित होते है। सही मायने में तो धन,वैभव तो मोहमाया का भुलभुलैय्या और फरेब है। ईश्वर तो साक्षात अमृत होता है। जिसको भी यह अमृत मिला... उसका जीवन

गुप्त शत्रु से सावधान

 गुप्त शत्रु से सावधान रहे... ----------------------------------- अब एक भयंकर जटिल समस्या में हम सभी,समाज, देश तथा सारा विश्व अटक गया है। सूक्ष्म तथा गुप्त शत्रु। जो हमारे दरवाजे में भी हो सकता हैँअगल बगल में भी हो सकता है। जितनी सावधानी बरतेंगे उतना सुरक्षित भी रहेंगे। जी हाँ भाईयों, यह गुप्त शत्रु है  कोरोना...! भयंकर चाणाक्ष रहकर हमें इसको हराना है। कुछ दिनों के लिए हम सभी एकांत में रहेंगे, सामाजिक, सामुहिक दूरी बनाए रखेंगे, मन को काबू में रखकर समाज में रहेंगे... मास्क,सोशल डिस्टंशिंग, सैनीटाइजर, हँड ग्लोज इत्यादि साधनों का नियमित प्रयोग करेंगे, सभी सामाजिक, सामुहिक कार्यक्रमों पर कुछ दिनों के लिए पाबंदी लगायेंगे तो... निश्चित रूप से इस गुप्त, अदृष्य, सुक्ष्म शत्रु की हार होकर ही रहेगी। सावधान रहें, सतर्क रहे। हम भी सुरक्षित रहेंगे, सभी को सुरक्षित रखेंगे। कोरोना को हराना है। हमें जीतना ही है। हरी ओम् ----------------------------------- विनोदकुमार महाजन

अपराध क्यों होते है...?

 इंन्सान,अपराधी क्यों होता है...? ( एक मनोवैज्ञानिक विश्लेषण ) ------------------------------------ अपराध। समाज की भयंकर बडी समस्या। अगर कोई साधारण या बडा अपराधी समाज में होता है तो समाज को भयंकर कष्ट उठाने पडते है,भयंकर पिडा होती है समाज में। मगर इंन्सान आखिर अपराधी क्यों होता है अथवा अपराध क्यों करता है..।इसका हम आजके लेख में मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करते है। इंन्सान आखिर अपराधी क्यों होता है ? एक तो पेट की भूक भयंकर होती है।और जब जठराग्नि प्रदिप्त होता है और भूक की भयंकर आग परेशान करती है तो वह इंन्सान अपनी भूक शांत करने के लिए खाना तलाशता है।और यह स्वाभाविक भी है। मगर अगर उसे खाना तुरंत उपलब्ध हो तो उसकी क्षुधा शांत हो जाती है। मगर अगर खाना भी अच्छे तरीकों से,आसानी से नही मिलता है,भूका कंगाल रहने की नौबत आती है,चार चार दिनों तक पेट में भूक की आग सताती रहती है तो ऐसा व्यक्ति खाना प्राप्त करने के लिए, जो सहज उपलब्ध होना चाहिए था,न उपलब्ध होने के कारण,खाना हासिल करने के लिए आक्रामक हो जाता है।और फिर भी खाना उपलब्ध नही होता है तो वही आदमी पेट की भूक शांत करने के लिए, हिंसक भी हो जाता है।औ