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Showing posts from March, 2021

औदुंबर वृक्ष

 औदुंबर वृक्ष पाणी के अभाव से औदुंबर का पेड जल गया और उसके पत्ते,फूल, शाखाएं भी गल गई तो...? फूटा टूटा हुआ अकेला वृक्ष... ऐसे निर्जन स्थान के औदुंबर वृक्ष को फिरसे बहार आयेगी...??? फिरसे उसी वृक्ष को फल,फूल,पत्ते,शाखाएं आयेगी....??? ऐसा चमत्कार भी होगा ? शायद ईश्वरी कृपा होगी तो ऐसा भी हो सकेगा वह सूखे टूटे औदुंबर वृक्ष को फिर से बहार आयेगी मेरे सामने तो एक ऐसा चमत्कार हुवा है हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

दोष किसका ?

 गरूड के छोटेसे बच्चे  के पंखों की शक्ती  बढाने के बजाए अगर उसका जन्मदाता ही  बच्चे के पंख काटेगा  और उस बच्चे को  आजीवन अफाहिज  बनायेगा तो वह बच्चा  आसमान में मुक्त  होकर उंची उडान  कैसे भरेगा ? इसमें दोष किसका ? बच्चे का ❓ विनोदकुमार महाजन

आत्मा का वर्णन

 क्या आपको आत्मा दिखती है ? ------------------------------- निराकार ब्रम्ह, उससे हर पल जुडी हमारी निराकार श्वास और हमारा ही  निराकार आत्मा जो हमारे अंदर मौजुद है। खडतर तपश्चर्या द्वारा आत्मजागृती,चैतन्य जागृती हो जाती है और दिव्यचक्षु तथा दिव्यज्ञान प्राप्ति हो जाती है।और हमारे देह के अंदर ही नही तो सभी सजीवों के अंदर का आत्मतत्व दिखाई देता है। यही एक सिध्दी भी है,और इसके द्वारा परकाया प्रवेश जैसी सिध्दी भी मिल सकती है। और ऐसा ब्रम्हज्ञानी सिध्दपुरुष या महासिद्ध के नाम से जाना जाता है। जबतक श्वास चलती है तबतक आत्मा देह में वास करता है।और श्वास ह्रदय से जुडी होती है।और ह्रदय संपूर्ण शरीर को रक्ताभिसरण द्वारा संचलित करता है। श्वास रूक गई मतलब ह्रदय बंद हुवा,अर्थात उस देह से आत्मा चली गई। सभी सजीवों में ईश्वरी इच्छा अनुसार यही सूत्र रहता है। जन्म और मृत्यु के बिच में आत्मा हमारे शरीर में रहती है। ठीक इसी तरह से आत्मा अनेक देह बदलती रहती है। मगर सिध्दपुरूषों को उनकी इच्छा अनुसार फिर जन्म मृत्यु के बंधन में रहने की जरूरत नही होती है।इसेही मोक्ष अथवा मुक्ति भी कहते है। मगर...अगर उस आत्मा को

जब धारा ३७०

 जब धारा 370 हटेगी, पूरे देश में दिवाली मनाई जायेगी। ------------------------------ भाईयों, आप सभी को ज्ञात है धारा 370 के बारे में।एक ही देश में कश्मीर को अलग दर्जा और अलग कानून क्यों? यह मेरा नही पूरे देश का सवाल है।और सवाल सही भी है।आखिर क्यों और कबतक सहेंगे हिंदुस्थानी ऐसा विचित्र कानुन?क्या वजह है कश्मीर को अलग दर्जा देने की??? भारतीय जनता को सही उत्तर चाहिए ही।इतने दिनों तक ऐसा विपरीत कानुन देश में क्यों चलता आया और किसने चलाया? कोई भी हो।भविष्य और भारतीय समाज ऐसे गलत कानुन जबरन थोंपने वालों को कभी भी क्षमा नही करेगा। और अब.....समय आया है ऐसा विचित्र कानुन रद्द करने का। ऐसे सही निर्णय लेने पर सर्वोच्च न्यायालय और मोदी सरकार को पूरा देश सदा के लिए सरपर लेकर नाचेगा ही नाचेगा।पूरे देश में मोदीजी की और उनके सरकार की लोकप्रियता हजारो प्रतीशत से बढेगी ही। और पूरा देश बडे आनंद से झूम उठेगा,नाचेगा और... संपूर्ण देश में हर्षोल्लास से दिवाली भी धूमधाम से मनाई जायेगी। आखिर देर से सही देश को और संपूर्ण देशप्रेमियों को,देशवासियों को यथोचित न्याय तो मिला। जय श्रीराम। हर हर मोदी। घर घर मोदी। हर

सोशल मिडिया

 सोशल मिडिया। ------------------------------- जी हाँ मित्रों,सोशल मिडिया।यह एक बहुत ही शक्तीशाली हथियार है लोकतंत्र में। "सच्चे का बोलबाला और झुठे का मुंह काला",करने की,सच्चाई की जीत करने की,जबरदस्त शक्ती है इस हथियार में। इलेक्ट्रॉनिक्स मिडिया और प्रिंट मिडिया से भी जादा ताकदवर। इससे अनेक अच्छे अच्छे विचार मिलते है,समाज प्रबोधन होता है,अच्छे अच्छे मित्र भी मिलते है।(जैसे की आप जैसे प्रिय मित्र भी मुझे मिल गए..👍😀) देश में ही नही तो विदेश में भी अनेक मित्र हमें मिल जाते है। मुझे तो व्हाटस्अप, फेसबुक पर हजारो लेख लिखने का मौका मिल गया।अनेक देशों में संपर्क हो गए।अनेक देशों में मेरे लेख,विचार गए।कितनी शक्ती है ना इस माध्यम में। एक टिव्ही चैनल के लिए मैं पुणे जिला ब्युरो चिफ हुं,एक राष्ट्रीय हिंदी अखबार जो नौ राज्यों से प्रकाशित होता है,इसका मैं महाराष्ट्र ब्युरो चिफ भी था।और एक राष्ट्रीय पार्टी है,जिसका मुझे मिडिया शक्ती के लिए, ओल इंडिया प्रेसिडेंट भी बनाया है। इतना ही नही तो,एक लोकप्रिय एप है,"माय मंदीर",जिसके दस लाख से जादा फोलोवर्स है-जिसमें भी मेरे लेख लोगों को

सुख की चाबी...

 *" सुख की चाबी..."*  ईश्वर से प्रेम करो पशुपक्षियों से प्रेम करो दुसरों की इज्जत करो दुसरों को बडप्पन दो दुसरों को मान,संम्मान, प्रतिष्ठा दो दुसरों के सुख दुखों में सहभाग लो दुसरों का आत्मसंन्मान बढावो दुसरों को आत्मसंन्मान दो दुसरों से अच्छी बातें करो दुखितों को आधार दो बस्स्...तुम्हारा भी जीवन सुखी हो जायेगा और क्या चाहिए ? हरी ओम्  *विनोदकुमार महाजन*

महामित्र परिवार

 महामित्र परिवार !!!!! ------------------------------ मुंबई येथे संपन्न झालेल्या महामित्र कार्यक्रमांअंतर्गत मुख्यमंत्र्यांनी केलेले उस्फुर्त भाषण व अभ्यासपूर्ण मांडणी सुरेख होती.राज्याचा मुख्यमंत्री किती संयमी,विचारी,अभ्यासु,विवेकी,व्यवहार चतुर व चाणाक्ष असावा व परिस्थितीचे गांभीर्य पाहुन त्यांचेमध्ये कशी उच्च कोटिची निर्णय क्षमता असावी हे मा.मुख्यमंत्री श्री. देवेन्द्र जी फडणवीस यांनी सिध्द करुन दाखवले आहे. या प्रसंगी बोलताना त्यांनी "अनुलोम",चा विषेश उल्लेख केला. हे कार्य सफल बनविण्यासाठी अनुलोम सारख्या सेवाभावी संघटनेचाही सिंहाचा वाटा आहे हे ऐकुन समाधान ही वाटले. महामित्र ची पुढील रणनीति काय हे मला माहित नाही. तरीसुध्दा एक नम्र निवेदन करु इच्छीतो की , महामित्र चे कार्य संपलेले नाही तर आता कार्याची सुरुवात झाली आहे,असे समजुन... महामित्र टीम व अनुलोम यांनी या माध्यमातून जी "नवरत्ने",निवडली आहेत त्या सा-यांसाठी राष्ट्रीय पुर्नबांधणीसाठी एखादी चांगली संधी उपलब्ध करून द्यावी. त्यांना शासकीय पातळीवर एखादे प्रभावी व शक्तीशाली व्यासपीठ उपलब्ध करुन द्यावे. प्रखर राष्ट्रव

संगठन शक्ति

 स्वयं को संगठन से जोड़िये *एक वन में बहुत बडा अजगर रहता था। वह बहुत अभिमानी और अत्यंत क्रूर था। जब वह अपने बिल से निकलता तो सब जीव उससे डरकर भाग खड़े होते। उसका मुंह इतना विकराल था कि खरगोश तक को निगल जाता था। एक बार अजगर शिकार की तलाश में घूम रहा था। सारे जीव अजगर को बिल से निकलते देखकर भाग चुके थे । जब अजगर को कुछ न मिला तो वह क्रोधित होकर फुफकारने लगा और इधर-उधर खाक छानने लगा। वहीं निकट में एक हिरणी अपने नवजात शिशु को पत्तियों के ढेर के नीचे छिपाकर स्वयं भोजन की तलाश में दूर निकल गई थी। अजगर की फुफकार से सूखी पत्तियां उडने लगी और हिरणी का बच्चा नजर आने लगा। अजगर की नजर उस पर पड़ी हिरणी का बच्चा उस भयानक जीव को देखकर इतना डर गया कि उसके मुंह से चीख तक ना निकल पाई। अजगर ने देखते-ही-देखते नवजात हिरण के बच्चे को निगल लिया। तब तक हिरणी भी लौट आई थी, पर वह क्या करती ? आंखों में आंसू भरके दूर से अपने बच्चे को काल का ग्रास बनते देखती रही। हिरणी के शोक का ठिकाना न रहा। उसने किसी-न किसी तरह अजगर से बदला लेने की ठान ली। हिरणी की एक नेवले से दोस्ती थी। शोक में डूबी हिरणी अपने मित्र नेवले के पास

लोकतंत्र या झोटिंगशाही

 यह लोकतंत्र था ? या झोटिंगशाही ??? ------------------------------- आजादी के बाद, सुभाष बाबू, सावरकर, शास्र्तीजी जैसे अनेक प्रखर राष्ट्रप्रेमियों को किसिने जानबूझकर प्रताडित किया ? अगर हाँ तो क्यों ? अनेक साधुसंतों पर,गुणवंतो पर,राष्ट्रप्रेमियों पर अत्याचार क्यों हुवा ? उनको प्रोत्साहित करने के बजाए,हतोत्साहित क्यों किया गया ? सत्य को,सत्य सनातन को,ईश्वरी सिध्दांतों को दबाने की क्यों कोशिश की गई ? एक उदाहरण, जब कश्मीरी पंडितों पर ( वास्तव में हिंदुओं पर ) जघन्य अत्याचार हो रहे थे,तो सरकार मौन,शांत और तटस्थ क्यों थी ? कश्मीरी हिंदुओं का तत्कालीन सरकार ने रक्षण क्यों नही किया ? जब जनता के रक्षण के लिए सरकार होती है ? अत्यारियों को खुलेआम छूट क्यों मिली,किसने दी ? कश्मीर में अत्यारियों के खिलाफ तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई क्यों नही हो सकी ? हिंदु संस्कृति को,मंदिरों को,देवी देवताओं को बदनाम करने का षड्यंत्र क्यों किया गया ? आजादी के बाद संपूर्ण देश में विविध प्रकारों से.हिंदुओं का दमन,उत्पिडन जानबूझकर क्यों किया गया ? बस्स....युं ही पुंछ लिया। देश उत्तर जानना चाहता है। राष्ट्रीय और अंतरराष

ऐ नशीब, दरवाजा खोल

 ऐ नशिब,दरवाजा खोल ! ! ! ----------------------------- खुल जा सिम सिम।कहने पर खजाने का दरवाजा खुलता था। और अब मैं मुझे और मेरे सभी दोस्तों के लिए कहुंगा, " ऐ नशिब, दरवाजा खोल दे ।" मतलब दुख,दर्द, यातना,पिडा,कष्ट, आर्थिक परेशानियों से हम सभी को तुरंत राहत और छुटकारा मिलकर, हम सभी को आरोग्य, ऐश्वर्य, यश,किर्ती,हर कार्यों में तुरंत यश, सफलता,दिर्घायुता, पिडादायक शत्रुओं का नाश और सभी कार्यों की सिध्दी हम सभी को तुरंत मिले। इसिलए मैं कहुंगा,  "ऐ नशिब, अब दरवाजा खोल।" नशिब का दरवाजा खुलते ही हमारा तुरंत, "भाग्योदय।"हो जायेगा, और हमें जो चाहिए, जिसकी जीवन में हम अपेक्षा कर रहे थे,वह सभी हम सभी को तुरंत प्राप्त हो। हम सभी जानी जीगर दोस्त, एक दुसरे के लिए, भगवान से भी ऐसी ही प्रार्थना करते है, " ऐ नशिब, दरवाजा खोल।" जो सभी पर पवित्र,शुध्द प्रेम करता है,वह पवित्र आत्मा होता है,और सभी के कल्याण के लिए भगवान को जरूर प्रार्थना करता है। और जो दुष्ट होता है,वह सभी के विनाश की प्रार्थना करता है,और ऐसे दुष्ट आज समाज में हर जगह पर दिखाई देते है। तो भी हम सभी ऐसे

ईश्वर का प्रसाद

 जब हम हमारी इच्छा  रखकर कार्य करते है तो सुखदुःख झेलना पडता है मगर जब हम ईश्वरी इच्छा के लिए कार्य करते है और सबकुछ ईश्वर के चरणों में समर्मीत करते है तो जहर भी अमृत बनता है तथा दुख भी ईश्वर का प्रसाद बनता है अनुभव करके तो देखिए हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

हिंदुत्व ही क्यों ?

  हिंदुत्व ही क्यों? ------------------------------ जी हाँ दोस्तों,हिंदुत्व।जहाँ सबसे जादा आबादी हिंदुओं की है वहाँ पर हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व होगा ना?बात तो सिदी सी है।है ना? तो फिर यहाँपर तथ्यहीन समाजवाद, निधर्मीवाद,साम्यवाद किसने और क्यों थोपा? क्या इसी बहाने से देश को फिर से खंडीत बनाने का किसी का षड्यंत्र था सचमुच में?अगर हाँ तो क्यों और किसका? विश्व पटल पर आज भी हिंदु संस्कृती, सभ्यता, शालीनता,संस्कार,देवी देवताओं की पूजा श्रेष्ठ समझी जाती है। सभी प्राणीयों का कल्याण, भूतदया, पंचमहाभूत,आत्मतत्त्व, परमात्मतत्व,ब्रम्हांड ,जन्म-मृत्यु-पुनर्जन्म का रहस्य, पिशाच योनी,आयुर्वेद, प्राणायाम, योगा,अध्यात्म, अनेक शास्त्रों का अभ्यास हिंदु धर्म सिखाता है।इसिलए विश्व-कल्याण, विश्व-मानवता कि जीत,पशुपक्षियों पर प्रेम, भाईचारा, वसुधैव कुटुंबकम, सभी पर प्रेम-आत्मीयता हिंदु धर्म का प्राण है।फिर भी हमारे ही कुछ भूले-भटके लोग,हमपर-हमारी संस्कृति पर हमले क्यों करते है? यहाँ तो देवी देवताओं की, मंदिरों की,संस्कृति की,संस्कारों की सभ्यता की पूजा की जाती है।  यहाँ तो सच्चाई, अच्छाई, नेकी की पूजा की जात

हमें दुख क्यों भोगना पडता है

 हमें दुख क्यों भोगना पड़ता है  ? ? ? ------------------------------- दुख,संकटों से हम सदैव डरकर रहते है।हमें सदैव सुख चाहिए।दुख की कल्पना से ही हमें डर लगता है।और होता यह है की,जीवनचक्र में दुख ही दुख होता है।और हम इसकी वजह से परेशान रहते है। दुखों से छुटकारा पाने के लिए अनेक उपाय करते रहते है। मगर यह दुख आता ही क्यों है....??? कर्म,प्रारब्ध, संचित। जिस प्रकार का कर्म हमने पिछले जनम में किया है,उसका फलस्वरूप हमें सुखदुख तो भोगना ही पडता है। पुण्य कम और पाप जादा होगा तो दुख तो भोगना ही पडेगा। इससे छुटकारा पाने के लिए, अखंड ईश्वरी चिंतन,खडतर तप,परोपकार, दया,क्षमा,सभी पर पवित्र प्रेम ,निष्कपट मन द्वारा हमारे संचित कर्म या गतजनम के पाप कम होते है,और जैसे जैसे पुण्य संचय बढता जाता है,दुखों से भी छुटकारा मिल जाता है। कभी कभी हमारे पिछले जनम के पापों के पर्बत इतने बडे होते है की,कठोर तप करनेपर भी हमें दुखों से छुटकारा नही मिलता।और कठोर तपश्चर्या की वजह से भगवान हमारे साथ,आसपास चौबीसों घंटे तो अदृश्य रूप से रहता तो है,मगर हमारे कर्म की वजह से दुखों से छुटकारा दिलाने के लिए सहायता नही करता है।

होली आयी रे...

 ❤️🧡💛💚💙 💜🖤🤍🤎 आयी रे आयी रे होली आयी रे.... चलो सबमिलकर खेलेंगे होली बिएनएन के संग सिएनएन के संग नई उमंग, नई आशा, नया उत्साह लेकर आयी रे भाईयों होली आयी रे नवरंगो की बहार लेकर होली आयी रे होली की हमारे परिवार के सभी पत्रकार भाई,सदस्य तथा हमारे विव्हर्स सभी को होली की अनेक अनेक शुभकामनाएं आप सभी का, बिएनएन और सिएनएन मिडिया हाऊस तथा परिवार ❤️🧡💛💚💙 💜🖤🤍🤎

परेशानी क्यों ?

 *जो आपकी सही बातों का*       *भी गलत मतलब*  *निकालते है उनको सफाई*         *देने में अपना*     *समय नष्ट  ना करे *       *सुप्रभात* हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

कण कण में है भगवान

 कण कण में है भगवान छोटिसी चिडिया छोटासा देह अपनी छोटिसी चोंच से अपने छोटे छोटे बच्चों को दाना लेकर जाती है खिलाने को ईश्वर का अद्भूत दृष्य ईश्वर का अद्भूत रूप ईश्वर की अगाध माया कण कण में है भगवान रोम रोम में बसा है मेरा जगत् व्यापक प्यारा  प्यारा राम चिडियों में भी वही पिल्लों में भी वही पंछीयों में वही सारे सजीवों में भी वही मेरा प्यारा राम मेरे आत्माराम में भी  बसा है मेरा भगवान राम भी वही कृष्ण भी वही जगत् का पालनहार भी वही हे मेरे राम, हे मेरे कृष्ण हे मेरे भगवान कर दे तु सारे जगत् का उध्दार सभी की आत्मचेतना जगाकर दूर करना जगत् में फैला हुवा अधर्म का अंधकार हे मेरे भगवान हे मेरे भगवान हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

बाजीगर

 बाजीगर ! ! ! ------------------------------- बाज की तरह उडना है, दोस्ती का हाथ बढाना है, शक्तिशाली बनना है, नामुमकिन को मुमकिन में बदलना है। विष्णुजी का वाहन भी बनना है। जहरीले सांपों को भी कुचलना है। नया आसमान बनाना है। उंचा आसमान भी छुना है। यारों,अब हमें बाज बनना है, बाजीगर बनना है। " विश्व में फैले जहरीले साँपों"को कुचलकर, "विष्णु का अमृतकुंभ", विश्व में फैलाना है। अब हम को बाज बनना है। अब हम सभी विष्णु भक्तों को, "बाजीगर...", बनना है। बाजीगर बनना ही है। हरी ओम। ------------------------------- विनोदकुमार महाजन।

हमारा मिडिया हाऊस

 बिएनएन मिडिया हाऊस और  सिएनएन मिडिया हाऊस यह क्या है..? ————————————- यह दोनों भारत सरकार द्वारा रजिस्टर ,संपूर्ण विश्व में हमारी सभ्यता को,विश्व के कोने कोने में प्रभावशाली मार्गों से पहुंचाने का माध्यम है...अर्थात मिडिया है... और यही हमारा हाऊस है...मतलब घर। बिएनएन  और सिएनएन मिडिया हाऊस। जो संपूर्ण देश में तथा संपूर्ण विश्व में हमारे आदर्श विचारों द्वारा तथा आदर्शों द्वारा समाजजागृती का एक जबरदस्त शक्तिशाली तूफान लेकर, विश्व के कोने कोने में तथा हर घर में पहुंचेगा। आवो हम सब मिलकर, यह तेजस्वी कार्य, मानवता का कार्य, ईश्वर का कार्य तेजी से आगे बढाते है.... और नये यूग का संकल्प करके, उसीमें सफलता हासिल करते है। मेरा तुम्हारा, हम सभी का, बिएनएन मिडिया हाऊस। मेरा तुम्हारा, हम सभी का, सिएनएन मिडिया हाऊस। हाऊस के सभी सदस्यों को, सुखी, समाधानी,आनंदित करनेवाला, एक तेजस्वी हाऊस। शक्तिशाली घर। मेरा...तुम्हारा... हम सभी का... अब देखते है.... बिएनएन और सिएनएन आखिर क्या है ? यह एक ईश्वरी सिध्दांतों पर चलनेवाला,तेजस्वी विचारों को रखनेवाला,जागृत संगठन है। शिव और विष्णु को प्रिय यह एक परिवार है। ह

भगवान के दर्शन

 भगवान के दर्शन हो गए। ------------------------------- कण कण में है भगवान, रोम रोम में बसा है, मेरा प्यारा राम। हर सजीवों में बसा है, कृष्ण भगवान। फिर भी आज... हर्षोल्लासित हुं, आनंदित भी हुं। क्योंकि, यह आनंद,यह नशा जीवनभर कभी भी समाप्त नही होगा। हुवा ही ऐसा... हिंदुस्तान के प्रत्यक्ष प्रधानमंत्री, राष्ट्र तथा विश्व में जबरदस्त लोकप्रियता की शिखर पर आरूढ़, सन्माननीय, परम आदरणीय एवं वंदनीय, श्री.नरेंद्र मोदिजी से, व्हाट्सएप पर तकरीबन बीस मिनट तक चैटिंग हुई। प्रत्यक्ष भगवान के दर्शन हो गए। लाखों करोड़ों लोग जीस महात्मा, पुण्यात्मा का दर्शन करने को उत्सुक होते है, उनसे प्रत्यक्ष बात हो गई। और क्या चाहिए। उनको क्या मांगु ? प्रत्यक्ष भगवान को कुछ माँगने से बेहतर होगा, भगवान का नितदिन सहवास हो। जीवन धन्य हो गया। हरी हरी: ओम। ----------------------------- विनोदकुमार महाजन।

रामदेव बाबा और आण्णा हजारे

 रामदेव बाबा और अण्णा हजारे। ------------------------------- मैंने रामदेवजी बाबा पर कुछ दिन पहले एक लेख लिखा था।जिसमें मैंने, रामदेव बाबाजी ने शनी,राहु,केतु का उल्लेख किया था,उसका उसी लेख में जिक्र किया था। मुझे उनके बिहार आश्रम से उस लेख के बारे में फोन आया था। उनका कहना था की मैंने ऐसा क्यों लिखा? उत्तर में मैंने उनको प्रत्यक्ष चर्चा के लिए आमंत्रित किया था। अब एक टिव्ही के इंटरव्ह्यू में बाबाजी को प्रश्न पुछा था की,आप कौनसे दल से हो? बाबाजी ने फिरसे विचित्र जवाब दिया था। बाबाजी उत्तर में कह रहे थे,"निर्दलिय,सर्वदलिए" तो क्या बाबाजी ने उद्योगपती बनने के बाद हिंदुत्व छोड दिया? अब अण्णा हजारे जी पर थोडा सोचते है।दिल्ली में चल रहे अण्णा के आंदोलन को जनता का कोई प्रतिसाद नही मिल रहा है। अण्णा के साथ ऐसा क्यों हो रहा है?क्या उनकी लोकप्रियता घट गई है?अगर हाँ तो क्यों? क्योंकी हमेशा ऐन चुनाव के दरम्यान ही अण्णा आंदोलन क्यों करते है?केवल प्रसिद्धी के लिए?या कोई अन्य कारण? अण्णा को ना भाजपा से,ना काँग्रेस से,ना आम आदमी पार्टी से प्रेम है?तो फिर अण्णा के सिध्दांत कौनसे है?उनकी वास्तव

योग

 *योग क्या है ? योग के अनुभव , योग करने के लाभ* योग प्राचीन हिन्दू सभ्यता का वह गौरवमय हिस्सा है जो अनादि काल से मनुष्य के मन और शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आध्यात्म की ओर अग्रसर करता है | योग का अर्थ ” जोड़ ”  है जो मनुष्य के शरीर, मन और मष्तिष्क को एक साथ और एक जगह केन्द्रित करता है | योग के माध्यम से मनुष्य का शरीर , मस्तिष्क और भावनाओं में समन्वय स्थापित होता है | कुछ लोगों की नजर में योग सिर्फ शरीर को लाभ पहुँचाने वाली ऐसी क्रिया है जिसमें मानव शरीर को विभिन्न आसन और मुद्राओं (शरीर को मोड़कर या खींचकर) के माध्यम द्वारा लाभ पहुँचाया जाता है | किन्तु वे इस सत्य से अनभिज्ञ है कि यह तो योग की सिर्फ शुरुआत भर है | योग का प्रमुख कार्य तो इसके बाद शुरू होता है | योग सिर्फ एक आसन या ऐसी क्रिया नहीं जो मानव शरीर को केवल स्वस्थ रखने का कार्य करती हो, योग का मूल कार्य आध्यात्म की उस ऊचाई को प्राप्त करना है जहाँ मनुष्य इन सांसारिक बन्धनों के भार से मुक्त होने लगता है | उस परमपिता परमेश्वर को जानने का उसे महसूस करने का एकमात्र द्वार योग है | योग के अंतर्गत ही ध्यान की उस चरम सीमा को भी सम्मिल

समाचार

 विनोदकुमार महाजन, नैशनल चिफ हेड, बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल और परीवार। सभी मान्यवरों को अवगत कराया जाता है की, हमारे भारत सरकार द्वारा रजिस्टर न्यूज चैनल के लिए,संपूर्ण देश में हर राज्य, जिला,तहसील तथा गाँवों में संवाद दाताओओं की नियुक्ती करनी है। सुसंस्कारित और तेजस्वी समाज निर्मीती के लिए और इसीके द्वारा प्रखर राष्ट्राभिमान जागृत करके,राष्ट्रप्रेम जगाकर तेजस्वी तथा संपन्न और नवराष्ट्र निर्माण का कार्य हम इसी माध्यम द्वारा आरंभ कर रहे है। विशेषतः अत्याचार और अन्याय ग्रस्त समाज को तुरंत न्याय देने के लिए, और इसीद्वारा उस व्यक्ति को उच्च कोटि का जीवनयापन आरंभ होने के लिए, अत्याचार निर्मूलन द्वारा समाज में एक नया आदर्श तथा सिध्दांत स्थापित करके,एक नवसमाज निर्माण का कार्य हमारे परिवार द्वारा हम आरंभ कर रहे है। सामाजिक सौहार्द तथा आत्मीयता का निर्माण होकर एक सुसंस्कारित, संपन्न समाज निर्माण का हमारा मकसद है। इसीलिए कार्यकर्ताओं की,सहकारीयों की तथा संवाददाताओं की तुरंत जरूरत है।तेजस्वी शक्ति, स्फूर्ति द्वारा कार्यों को आगे बढाने में तत्पर रहनेवाले युवक – युवती हमसे संपर्क करें। पदों की नि

बिएनएन और सिएनएन क्या है...

 बिएनएन और सिएनएन क्या है..? ————————————- बिएनएन और सिएनएन आखिर क्या है ? यह एक ईश्वरी सिध्दांतों पर चलनेवाला,तेजस्वी विचारों को रखनेवाला,जागृत संगठन है। शिव और विष्णु को प्रिय यह एक परिवार है। अन्याय के विरूद्ध यह एक धधगती ज्वाला है,लाव्हा है,अंगार है। हर एक का चैतन्य है।हर एक के आत्मा की आवाज है। एव्हरी ह्युमन्स व्हाईस का यह एक चमत्कार है। हर एक के आत्मा की पूकार है। प्रखर राष्ट्र प्रेम और धर्म प्रेम की यह मिसाल है। मानवता की यह मशाल है। दुष्ट, दुर्जन, उन्मत्त, पापी,उन्मादियों के खिलाफ की यह एक कभी भी नही रूकनेवाली जंग है। ईश्वरी सिध्दातों पर चलकर आदर्शों को स्थापित करने की क्षमता रखनेवाला यह एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिवार है। सैतानी ताकतों को प्रखर विरोध करनेवाला यह एक धधगता अंगार है। संपूर्ण भारत राष्ट्र को विश्वगुरु बनाने का हम सभी बिएनएन और सिएनएन परिवार का संकल्प है। नवसमाज और नवयुग निर्माण का पक्का इरादा है। इंन्सानियत जगाने का,हर इंन्सान को इंन्सान बनाने का अखंड प्रयास है। घर घर हम पहुंचेंगे। हर घर हम पहुचेंगे। दुखितोंका सहारा बनेंगे। अनाथोंको अश्रु पोछेंगे। हमारे परिवा

पत्रकार मित्रों

 बिएनएन और सिएनएन के पत्रकार मित्रों…..! ! ! ————————————————— बिएनएन और सिएनएन के साथीयों, हितचिंतकों, पत्रकार मित्रों, सु – प्रभात। आपका दिन मंगलमय और आनंदित जाएं ऐसी प्रभु चरणों में मंगल कामनाएं। सबकुछ कुशल,मंगल ही है ना ? बिएनएन और सिएनएन के मित्रों, हम नितदिन एक नई उर्जा से कार्य आरंभ करने जा रहे है। बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल और परिवार तथा प्रा.ली.का कार्य तेजीसे संपूर्ण विश्व पटल पहुंचे इसिलए हम नितदिन प्रयास कर रहे है। कोरोना की वजह से प्रत्यक्ष मिटींग या अन्य प्रोग्राम हम अभी नही रख सकते है।कार्य को बढावा देने हेतु और गती से कार्य आरंभ करने हेतु से हम नितदिन प्रयास करते ही है। इसीका एक हिस्सा यह भी है की हम हरदिन इंटरनेट से जुड कर जादा से जादा लोगों तक पहुंचने की और कार्य को जादा लोकप्रिय बनाने की कोशिश में हरदिन लगे हुए है। आप सभी भी फेसबुक, व्हाट्सएप द्वारा जादा कार्य कर रहे है। बिएनएन और सिएनएन के अनेक लोकप्रिय लेख,समाचार आप तेजी से चारों ओर फैला रहे है। हम चाहते है की इसीमें और तेज गती आयें।शेअर्स,लाईक बढे।और हमारा और हमारी पूरी टीम का कार्य भी तेजी से बढें। इसी कार्य को

बिएनएन और सिएनएन

 BNN और CNN ————————————– मानवता का कार्य तथा ईश्वरी सिध्दांतों को विश्व के कोने कोने में पहुंचाने के लिए, अनादी अनंत ईश्वरी संस्कृति को,सिध्दांतों को हर जीवजंतुओं तक पहुंचाकर, हर एक जीव का कल्याण करने के लिए, अब….. हमारा, हम सभी का,संपूर्ण भारतीयों का BNN और CNN तेजी से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जल्दी ही उछाल लायेगा, तथा आसमान में उंची उडान भरेगा। इसी माध्यम से हमारा संगठन एक शक्तिशाली राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संगठन बनकर दुखितोंके आँसु पोछेगा,बेसहारा, अनाथोंको सहारा देगा।भूके,कंगालों को,निराश्रितों को आनंद देकर उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए अथक प्रयत्न करेगा। सत्य की,मानवता की,कुदरत के कानून की,ईश्वरी सिध्दांतों की जीत के लिए, चौबिसो घंटे प्रयत्नशील रहेगा। सभी धर्म, जात,पथ,पंथ के लोगों को भेदभाव के रास्ते भूलाकर,सच्चा इंन्सान बनाने की लगातार कोशीश भी करेगा और कामयाब भी होगा। हर देश के हर राज्यों में,हर जिला,तहसील, पंचायत तथा गांवों में हमारा सक्रीय सहायता संघ होगा।क्विक एक्शन फोर्स होगा।चौबिसो घंटे जरूरत मंदों को सहायता करनेवाला एमर्जन्सी काँल सेंटर होगा। इस ईश्वरी कार्

जय हिंद

 ।। जय हिंद,जय भारत ।। ————————————– जी हाँ,मेरे प्यारे सभी दोस्तों। जय हिंद, जय भारत। अब यही नारा लेकर हम सभी, हमारी टीम, हमारा बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल आगे बढ रहा है। हर पल,हर दिन। नये उत्साह से,नई उमंग से,नई आशा लेकर। हम सभी साथ साथ, कदम से कदम मिलाकर, कदम कदम आगे बढ रहे है। जय हिंद का मतलब, हिंदुस्ताँ,हिंदुस्तान। जहाँ हिंदुओं की जादा आबादी वही पवित्र आध्यात्मिक भूमि का,ईश्वरी वरदान प्राप्त भूप्रदेश।जहाँ देवी देवताओं का,महापूरूषों का,अवतारी पुरूषों को,सिध्दपुरूषों का,ऋषीमुनियों का,चमत्कारी महात्माओं का,साधुसंतों का,महामानवों का,प्रदेश ऐसी विश्व स्तर पर महती जतानेवाला,आत्मतत्त्व की खोज करके,परमात्मा से निरंतर जुडने वाले महान लोगों का,उच्च संस्कृती की पूजा करनेवाले आदर्श समाज का,पशुपक्षी, पेडजंगलों की,कुदरत की पूजा करनेवाला प्रदेश। नर को नारायण और नारी को नारायणी मानकर उनकी पूजा करनेवाली पवित्र भूमी।मानवता के नाते सहिष्णुता का स्विकार करके सभी जात,धर्म, पथ,पंथीयों से भी सदैव प्रेम, भाईचारा रखनेवाला एक उच्च कोटी के समुह तथा समाज का प्रदेश। इससे भी और आदर्शों को भी और सिध्दांतों को स

समाचार

 बिएनएन और सिएनएन के सभी पत्रकारों के लिए : – अंबिकापुर छत्तीसगढ़प्रदेश.......    Share मित्रों, अब हमें बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल और परिवार का तेजी से विस्तार करने की निती बना रहे है। बिएनएन और सिएनएन का एअर चैनल आरंभ करने से पहले, संपूर्ण देश में ,हर एक राज्य में अब हमारे टीम के सभी पत्रकारों को तेजस्वी, निडर,स्फुर्तीला,जोशपूर्ण बनकर कार्य करना है।और इसी कार्य को तेजीसे आगे बढाना है। अब संपूर्ण राज्य में इसके लिए एक टीम बनाई जायेगी।और राज्य ब्युरो चिफ द्वारा उसी संबंधित राज्यों में, व्हाटसएप के और फेसबुक के अनेक ग्रुप बनाकर,संपूर्ण टीम को एक्टिवेट किया जायेगा। इसी द्वारा हर राज्य के टीम को बिएनएन और सिएनएन की विस्तृत जानकारी, उससे संबंधित अनेक लेख,समाचार को सदैव आगे भेजने का और विवज् बढाने का कार्य उसी राज्य ब्यूरो चिफ तथा संपूर्ण टीम को करना होगा। जिसके द्वारा बिएनएन और सिएनएन का कार्य तेजीसे करोडों लोगों तक पहुंचेगा। और इसीका फायदा आगे चलकर एअर न्यूज चैनल को मिलेगा।और इसी द्वारा चैनल का टि.आर.पी.बढाने में मददगार साबित होगा।और इसी द्वारा चैनल की विश्व स्तर पर तेजीसे लोकप्रियता भी

पत्रकारों का आत्मतेज

 पत्रकारों का आत्मतेज…!!! ————————————— ओजस्वी, तेजस्वी,निडर पत्रकार होता है। सत्य के रास्ते पर चलनेवाला पत्रकार होता है। तलवार की धार पर चलनेवाला पत्रकार होता है। सिध्दांतों के लिए मर मिटाने वाला पत्रकार होता है। समाज का आईना पत्रकार होता है। लालच में आकर खुद की आत्मा नही बेचने वाला भी पत्रकार ही होता है। समाज प्रबोधन तथा समाज परिवर्तन के लिए सदैव लडने वाला पत्रकार होता है। सभी को जोडने वाला दुवा भी पत्रकार ही होता है। सत्य के लिए अनेक दुर्जनों से लडकर उनसे मुकाबला करनेवाला भी पत्रकार ही होता है। सत्य का रखवाला पत्रकार होता है। और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी पत्रकार ही होता है। तो भी, जानबुझकर सामाजिक बुरी शक्तीयाँ, उपद्रवी ताकतें पत्रकारों के खिलाफ, हमेशा षडयंत्र रचाकर, पत्रकारों को फँसाने की निरंतर कोशिश करते रहते है। और समाज में फैली बुरी ताकतें भी पत्रकारों को शक्ती देने के बजाए, समाज विघातक शक्तियों को ही क्यों बल देते रहते है ? इस देश में सत्य कबतक तडपता रहेगा ? इस देश में सत्य को कब न्याय मिलेगा ? कौन न्याय देगा ? पत्रकारों को एक अच्छा, प्रतिष्ठित, सन्मानजनक जीवन जिने के लिए कौन

पत्रकारों को उपहार

 बिएनएन और सिएनएन के पत्रकारों के लिए विशेष उपहार….. बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल के लिए सभी पत्रकारों को सूचित किया जाता है की, देहात से लेकर बडे शहरों तक ,न्यूज चैनल के लिए विशेष रूप से कार्य करनेवाले पत्रकारों के लिए अथवा सातत्यपूर्ण रूप से अखंड समाचार भेजनेवाले पत्रकारों को चैनल द्वारा प्रोत्साहन देने हेतु ,अब विशेष उपहार द्वारा संम्मानीत किया जायेगा। सभी संवाददाता , जीला ,राज्य ब्यूरो चीफ , इन सभी को ,उनका आजतक का विशेष कार्य देखकर , चैनल की तरफ से विशेष उपहार दिया जायेगा। जिसको भी यह उपहार प्राप्त होगा , उसे यह उपहार विशेष गौरव की बात रहेगी। इसके साथ ही समाज में जो व्यक्ति जबरदस्त तरीकों से सामाजिक कार्य कर रही है उनको भी यह उपहार देकर ,संम्मानीत किया जायेगा। विशेष स्टेज प्रोग्राम बनाकर ऐसे संम्मानजनक पुरस्कार देने का चैनल द्वारा तय किया गया था ।मगर कोरोना का माहौल देखकर ,कोरोना बढने में सहायक न हो ,इसी बात को ध्यान में रखते हुए ,अब ऐसा प्रोग्राम बनाना उचीत नही होगा। इसिलए अब यह पुरस्कार कुरियर द्वारा या स्पिड पोष्ट द्वारा उसके घर के पते पर भेज दिया जायेगा। यह पुरस्कार आगे चलकर हर

निवेदन

 निवेदन : – बिएनएन और सिएनएन के सभी संबंधित व्यक्तियों को,पत्रकारों को इस निवेदन द्वारा सुचित किया जाता है की….. १) देशविदेश के सभी चैनल को संबंधित व्यक्तियों की यथासंभव सहायता के लिए हमने अब , फ्री टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर आरंभ किया है।किसी समस्या के लिए आप इस नंबर पर फोन कर सकते है। यह नंबर है….. T0LL FREE-1800-572-4949 २) बिएनएन और सिएनएन से संबंधित सभी पत्रकार कभी भी डायरेक्ट चैनल के डाईरेक्टर तथा नैशनल चिफ हेड से फोन से संपर्क ना करें।उपरी टोल फ्री नंबर पर ही संपर्क करें।अथवा राज्य ब्यूरो चिफ से संपर्क करें।राज्य ब्यूरो चिफ फिर आपकी सभी सुचनाएं उपर भेज देगा।और अगर कोई महत्वपूर्ण सुचना होगी तो वरीष्ठ स्तर से इसपर तुरंत एक्शन लिया जायेगा।और अगर समस्या अगर सचमुच में उचित हो तो उस समस्या का हल तुरंत निकाला जायेगा। ३)बिएनएन और सिएनएन के संबंधित सभी पत्रकारों को अब अपने खुद के दो मोबाईल नंबर न्यूज चैनल में रजीस्टर करने होंगे।इसके साथ ही घरवालों के दो मोबाईल नंबर तथा दो पडोसियों के मोबाईल नंबर भी न्यूज चैनल में रजिस्टर करने होंगे। क्योंकी अगर कोई पत्रकार अगर मुसिबतों में फँस जाता है,उसका

संघर्ष और सफलता

 𝕝𝕝 *ॐ* 𝕝𝕝                   🎊🎊🎊 *संघर्ष ही है सफलता की कुंजी―* *संघर्ष* यह एक ऐसा अनुभव है जिससे शायद ही दुनिया का कोई व्यक्ति वंचित हो हमें बचपन से सिखाया जाता है कुछ भी पाने के लिए संघर्ष करना ही पड़ता है बिना इसके कभी कुछ हासिल नहीं होता *समाज में* प्रतिष्ठा, नाम-शोहरत, रुपया-पैसा, तरक्की या फिर पढ़ाई में अव्वल होना हो *चाहे जो भी लक्ष्य हो उसे प्राप्त करना* बिना संघर्ष के संभव नहीं *...*… इसमें कोई दो राह नहीं की संघर्ष जीवन को तराशता है, निखारता है, सँवारता है और फिर हमें ऐसे *साँचे* में गढ़ता है जिसकी प्रसिद्धि दुनिया करते नहीं थकती शायद यही वो मुकाम होता है जिसके लिए मनुष्य *अथक प्रयास* करते जाता है जिसे हम *संघर्ष* कहते हैं *इसके बाद* जो सफलता प्राप्त होती है नि:संदेह वो अतुलनीय होती है *...*… अपने प्रभु से जीवन में सकारात्मक संघर्ष हेतु शक्ति प्रदान करने की अलौकिक प्रार्थना के साथ *...*…          विनोदकुमार महाजन 🙏🙏🙏

ऊँ कालभैरवाय नम :

 कालभैरवनाथ कृपा जिसको, कालभैरव नाथ प्रसन्न हुवा, उसका काल भी क्या बिगाडेगा ? काल,प्रारब्ध भोग,नशीब मुझे भी भयंकर पिडा तथा नरकयातनाएं दे रहे था। मगर मेरे सोनारी निवासी कालभैरवनाथ की मुझपर कृपा हुई और मेरा नशीब, प्रारब्ध ही बदल गया। प्रत्यक्ष काल भी मुझसे हार गया। हरी ऊँ ऊँ कालभैरवाय नम : विनोदकुमार महाजन

प्रधानमंत्री जनकल्याण योजन ( १)

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  सुशिक्षित बेरोजगार और…. प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना। ~~~~~~~~~~~~~~~~ प्रधानमंत्री श्री.नरेन्द्र मोदीजी का अष्टपैलु व्यक्तिमत्व संपूर्ण देश में एक जबरदस्त शक्तीशाली माहौल बनाकर, देश को चौफेर प्रगती की ओर ले जाने में और तेजीसे देश को आगे ले जाने में हरदिन नया रिकॉर्ड बना रहे है,इसमें कोई अणुमात्र भी संदेह या शक नही है।इसके साथ ही संपूर्ण विश्व पटल पर हिंदुस्तान की प्रतिमा अधिकाधिक ताकदवान,सामर्थ्यशाली बनाने में भी मोदीजी यशस्वी हो रहे है।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की,यह सरकार सभीसमावेशक,सर्वजनहितकारी भी है।सभी जात,धर्म, पथ,पंथ,मतों को बढावा देकर, ” सबका साथ, सबका विकास “, सही अर्थ से सत्य बनता जा रहा है। इसिलए अब संपूर्ण देश की अपेक्षाएं भी मोदी सरकार से बढ रही है।और इसीलिए सुशिक्षित बेरोजगार, किसान, मजदूर, महिलाएं, छोटे छोटे व्यावसायिक इन सभी की अपेक्षाएं भी बढी है।और मुझे सौ प्रतिशत विश्वास है की मोदीजी इन सभी और सभीके अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए ही तेजी से आगे बढ रहे है।और पूरा करके ही रहेंगे। इस देश में सुशिक्षित बेरोजगार और किसानों की समस्याएं जादा है।अगर हर बेरोजगार को काम

डाकिया

 डाकिया डाक लाया। ------------------------------- बचपन!!! कितना सुंदर, लाजवाब, बेहतरीन, आनंददायी, मजेदार था ना? मेरा,आपका सभी का।वह रिश्ते नातों का प्यार।अनेक त्योहारों की बहार।वह आंगन में खेले जानेवाले खेल।वह मस्ती।वह खुशी से झुमना,नाचना, गाना। पडोस के लोग भी घर के ही सदस्य जैसे। प्यार ही प्यार।खुशियां ही खुशियां। कुवें में तैरना,गुल्ली डंडा, कबड्डी, तिरकामटा,लगोर। क्या बचपन भी था।पुछो मत। छुट्टियों के दिन सभी रिश्ते नाते आते थे।प्यार बाँटते थे।प्यार देते थे।प्यार लेते थे। और जब रिश्तेदार छुट्टियां मनाने के बाद वापिस अपने घर,गाँव जाते थे,तब...? बेसब्री से डाकिया का इंतजार।रिश्तेदारों की चिट्ठी का बेसब्री से इंतजार। कब डाकिया आयेगा, कब चिट्ठी लायेगा।कब मैं चिट्ठी पडूंगा, और आनंदित बन जाउंगा। कितना बेहतरीन, आनंदी जीवन था न वह भी? खत का इंतजार, चिट्ठी का इंतजार।डाकिया का इंतजार। और अब...? डाकिया कि जगह फेसबुक, व्हाट्सएप ने ले ली।वह डाकिया का इंतजार, वह प्यार, रिश्ते, पडोसन का प्यार? सब समाप्त!!! न आना,न कहाँ जाना।फ्लैट सिस्टम में अपने अपने घरों में दरवाजे बंद करके कैद होना। मौन,मजबूर, हत

जागते रहो

 जागते रहो,जागते रहो। ------------------------------ मेरे प्यारे, सभी राष्ट्र प्रेमी भाईयों, जागते रहो। शहर हो या छोटासा गांव, कसबा हो। गली हो या मुहल्ला। चारों ओर से,चारो तरफ से,दस दिशाओं से,राष्ट्र प्रेम का,समाज जागृती का बिगुल बजाओ। घर घर जावो,हर घर जावो, हर घर के एक एक सदस्य को मतदान के लिए समझाओ।मतदान की अनिर्वायता बताओ।समाज में मतदान के प्रति नैराश्य, निराशा ,उदासीनता का माहौल बदलकर,सकारात्मक बनाओ। सकारात्मकता बढाओ। मतदान का राष्ट्र निर्माण के प्रति महत्व समझाओ। मतदान के दिन बाहर गाँव जाकर छुट्टियां मनाने वालों को,मतदान के लिए बाध्य करो। हर एक मतदाताओं को राममंदिर का महत्व बताकर, राममंदिर निर्माण करनेवालों को मतदान करने को समझावो। जब नब्बे प्रतिशत के उपर मतदान जायेगा, तो समझ लेना, राम प्रेमी, राष्ट्र प्रेमियों की जीत हुई है। और...हिंदुस्तान को बरबाद करने का सपना देखनेवाले पाकिस्तान प्रेमियों की हार। तो भाईयों, अब पाकिस्तान प्रेमियों की करारी हार करो,और राष्ट्र प्रेमी पार्टी को जिताओ। समझ गए ना ? अब केवल और केवल जीत ही जीत। हरी ओम। ------------------------------- --  विनोदकुमार मह

विश्व व्यापक हिंदुत्व ( भाग २ )

 विश्व व्यापक हिंदुत्व ( लेखांक भाग : - २) -------------------------------------- विश्व व्यापक हिंदुत्व ,लेखांक ( १ )में हमने देखा की किस प्रकार से मानवता और वैश्विक हिंदुत्व का गहरा संबंध है।और फिर भी कुछ लोगों को इस देश में रहने के लिए डर क्यों और कैसे लगता है। अब देखते है की, वैश्विक हिंदुत्व का मूलाधार क्या है। हिंदुत्व ही सनातन है।और सनातन ही संपूर्ण चराचर में और ब्रम्हांड में सर्वव्याप्त है। हिंदुत्व मतलब सनातन धर्म। हिंदुत्व मतलब मानवता धर्म। हिंदुत्व मतलब ईश्वरी सिध्दांत। हिंदुत्व मतलब मूलाधार। हिंदुत्व मतलब सृष्टि का कल्याण। हिंदुत्व मतलब भूतदया। हिंदुत्व मतलब सर्वाभूती भगवंत। हिंदुत्व मतलब सभी सजीवों का संरक्षण, संवर्धन, पेड,जंगलों का,कुदरत का संरक्षण और संवर्धन। हिंदुत्व मतलब आत्मोध्दार तथा जगदोध्दार। हिंदुत्व मतलब आबादी आबाद। हिंदुत्व मतलब रामराज्य। हिंदुत्व मतलब वसुधैव कुटुम्बकम। हिंदुत्व मतलब पूर्णत्व। अब आप सभी को मेरा एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न। हिंदुत्व का इतना अर्थ होकर भी संपूर्ण विश्व में हिंदुराष्ट्र कितने है ⁉❓ उत्तर ❓ शून्य। आखिर ऐसा क्यों ❓ वजह ❓ संपूर्ण विश्व

हे ईश्वर

 हे भगवान, तुने ऐसा क्यों किया...? हे भगवान तुने ऐसा क्यों किया ? रंगबिरंगी दुनिया का मेला आखिर तुने क्यों बनाया ? चौ-याशी लक्ष योनियों का मायाबाजार तुने आखिर क्यों सजाया ? साँप को जहरीला और बाघ,सिंह को क्रूर माँसाहारी तुने कैसे बनाया ? साँप और नेवले का बैर आखिर तुने क्यों लगाया ? पंचमहाभूतों का सभी का देह मगर रचना अलग अलग सभी की आत्मा एकसमान सभी में श्वासों का एक ही प्रमाण तुने मेरे भगवन् कैसे बनाया ? हे भगवान, ऐसा खेल आखिर तुने क्यों रचाया ? सजीवों के पुनर् उत्पादन का बीज बोने का सभी में सूत्र भी एकसमान और जन्म मृत्यु का प्रमाण भी एकसमान आहार, निद्रा,भय,मैथून का सभी में सूत्र भी एकसमान सभी का जन्म भी तेरे हाथों में और मृत्यु भी तेरे ही हाथों में ऐसा नियम भी तो तुने ही बनाया देव भी तुने ही बनाया दानव,मानव का खेल भी तूने ही रचाया संपूर्ण ब्रम्हांड का वैविध्य भी प्रभो तुने कैसे बनाया ? मुझमें भी तु तुझमें भी मैं सभी प्राणीयों में भी  तेरा ही वास ऐसा करिश्मा प्रभु तुने ही बनाया दुनिया का मेला भगवान तुने ही बनाया तेरे शरण में जो भी आया उसका उध्दार भी तुने ही करवाया हरी ओम् विनोदकुमार महाज

हमारा मिडिया हाऊस

साथीयों, सब्र का फल मिठा होता है। हमारे न्यूज चैनल बि.एन.एन.और सि.एन.एन. मिडिया हाऊस के उद्घाटन का सभी देशवासिय तथा अनेक देशों के लोग बडे  बेसब्री से इंतजार कर रहे है। और विशेष उल्लेखनीय बात यह है की, हमारे चैनल के डायरेक्टर संन्माननीय श्री.अजयकुमार पांडेय जी दिन रात एक करके,बडी मेहनत करके,सोशल मिडिया द्वारा हमारे चैनल की लोकप्रियता बढाने के लिए, तेजीसे कार्य कर रहे है। और देश विदेश के अनेक पत्रकार भी इसके लिए कार्यतत्परता दिखाकर,बडी मेहनत कर रहे है।और सोशल मिडिया में राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उंची छलांग लगा रहे है।और अनेक नये उच्चांक स्थापित कर रहे है। सब्र का मिठा फल मिलने का अब समय भी नजदिक आ गया है। हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

घर परिवार

 घर परिवार ------------------------------------- साथीयों, घर परिवार चाहे छोटा हो या बडा,यह परिवार आपसी प्रेम,विश्वास, श्रध्दा, आत्मीयता से चलता है। धन, कम हो या जादा अगर परिवार के सदस्य सदैव समाधानी रहेंगे तो उस घर का माहौल स्वर्ग जैसा बनता है।और एक अलौकिक आनंद की प्राप्ती होती है। मगर, अगर घर में कोई व्यक्ती व्यसनाधीन है,अथवा अविश्वास, अश्रध्दा का माहौल सदैव बना रहता है तो वह घर परिवार और परिवार के सभी सदस्यों को नारकीय जीवन जीना पडता है। कभी कभी हमारे घर में एक ऐसा भी व्यक्ती गुप्त रूप से रहता है की उसके पुण्यप्रभाव से संपूर्ण परिवार एक आनंदी जीवन जीता है। और अगर ऐसा व्यक्ती कुछ कारणवश दूर चला जाता है तो परिवार के सदस्यों को अनेक मुसिबतों का सामना करना पडता है। इसके साथ ही कोई ऐसा भी व्यक्ती परिवार में होता है की जो हमेशा परिवार के सभी सदस्यों को पिडा तथा नारकीय जीवन देता है।ऐसे व्यक्ती पर चाहे कितना भी प्रेम करे,वह व्यक्ती सभी को हमेशा साँप की तरह डसता ही रहता है।और इसी वजह से पूरा परिवार आत्यंतिक पिडा में रह जाता है। ऐसे व्यक्तीयों से हमेशा के लिए संबंध विच्छेद करके दूर जाना ही कल्

मैं सिध्द योगी हुं

 मैं सिध्दयोगी हुं। ------------------------------ मैं अनादी हुं,मैं अनंत हुं। मैं सिध्द हुं,मैं सिध्दयोगी भी हुं। मैं साकार हुं,मैं निराकार भी हुं। मैं ब्रम्हज्ञानी हुं,मैं आत्मज्ञानी भी हुं। सभी सजीवों में मैं हुं। चराचर में भी मैं ही हुं। सो अहम्...अहम् ब्रम्हास्मी। मैं सभी में हुं और सभी मुझमें भी है। मैं अनादी हुं,मैं अनंत हुं।मैं योगी हुं। मैं सिध्दयोगी भी हुं। मैं ही हरी हुं,मैं ही हर भी हुं। पंचमहाभूत भी मैं ही हुं। सजीव निर्जीवों में बसनेवाला मैं ही हुं। मैं द्वैत हुं,अद्वैत भी  मैं ही हुं। मैं पुर्ण ब्रम्ह भी हुं। -----------------------------  --  विनोदकुमार महाजन।

चुना खाना अच्छी बात है

 चूना जो आप पान में खाते है वो सत्तर बीमारी ठीक कर देते है....!चूना अमृत है  चूना एक टुकडा छोटे से मिट्टी के बर्तन मे डालकर पानी से भर दे , चूना गलकर नीचे और पानी ऊपर होगा ! वही एक चम्मच पानी किसी भी खाने की वस्तु के साथ लेना है ! 50 के उम्र के बाद कोई कैल्शियम की दवा शरीर मे जल्दी नही घुलती चूना तुरन्त घुल व पच जाता है ... जैसे किसी को पीलिया हो जाये  पीलिया याने जॉन्डिस उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना ;गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक कर देता है । ये ही चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है –  अगर किसी के शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे; और जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना । विद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत अच्छा है जो लम्बाई बढाता है ..  गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के खाओ, दाल नही है तो पानी में मिला के पियो. इससे लम्बाई बढने के साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छा होता है । जिन बच

हिंदु राष्ट्र बनायेंगे

 हिंदुराष्ट्र बनायेंगे। --------------------------------------- चलो हम सब मिलकर, बहुंख्यक हिंदुओं के  देश को, हिंदुराष्ट्र बनायेंगे। सभी को तुरंत न्याय दिलायेंगे। सभी को संपन्न एवं सुसंस्कृत बनाकर, सभी जाती धर्मीयों को भी, आनंदित बनायेंगे। विश्वगुरु भारत बनाकर, आदर्श संस्कृति को, विश्व के कोने कोने में पहुंचायें। धरती पर ईश्वरी राज्य लायेंगे। प्रभु की सुंदर धरती को फिर से स्वर्गीय बनायेंगे। पेड,जंगल,पशु पक्षियों सहित सभी का रक्षण करेंगे। कुदरत कानून लायेंगे। धरती को सुंदर बनायेंगे। हरी ओम। विनोदकुमार महाजन। 🕉🚩🚩🚩

ईश्वरी कृपा

 बिना माँगे सबकुछ मिले तो इसेही ईश्वर की कृपा कहते है और सबकुछ होकर भी अकस्मात चला जाता है तो इसे प्रारब्ध गती का फेरा कहते है हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

हे पार्थ

  हे पार्थ.....*  ************************ सत्य के लिए,धर्म के लिए लड रहे हे पार्थ, हे धनुर्धारी, तुझे समाप्त करने के लिए, दुर्योधन, दु:शासन की निती, बहुत गहरी है। जमीन के निचे की साजीश भयंकर है। तुझे फँसाने के लिए बरबाद करने के लिए तबाह करने के लिए समाप्त करने के लिए हर प्रयास किए जायेंगे हर जगह पर ,जगह जगह पर अनेक लाक्षागृह बनाए गये है सौ दुर्योधन, सौ कंस,सौ रावण जैसे उन्मादी, उन्मत्त हैवान जगह जगह पर कुनिती बनाए बैठे है धर्म के लिए मर मिटने को सदैव तैयार रहनेवाले कलियुग के पार्थ सदैव जागरूक तथा अखंड सावधान रहकर, सतर्कता से  तुझे कार्य बढाना होगा हर षडयंत्र को भेदन करके सहिसलामत बाहर निकलना होगा दुष्ट, दुराचारी, हिंसाचारी,जहरीले साँप जैसे, जगह जगह पर अदृष्य रूप से, जमीन के निचे से कुटिल योजनाएं बनाने वालों से बचके रहना होगा अदृष्य विषबाण को अदृष्य रामबाण से सही उत्तर देना होगा और कार्य सफल बनाना होगा अदृष्य रूप से ईश्वर भी सदैव तेरी सहायता ही करेगा, कृष्ण परमात्मा भी तुझे सहायक होगा  *मगर....इसके लिए तेरे हौसले बुलंद चाहिए*  मगर उसके लिए भी तुझे पग पग पर सावधानी बरतकर कृष्ण निती से औ

माता महालक्ष्मी कृपा

 माता महालक्ष्मी की कृपा कैसे होगी... माता लक्ष्मी वैभव और यश की देवी हैं. वह जिस पर मेहरबान हो जाती हैं उस पर धनवर्षा हो जाती है. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सभी पूजा अर्चना करते हैं| दुनिया में गरीबी क्यों है और क्यों कुछ लोगों के पास जरूरत से अधिक धन है? यह एक ऐसा सवाल जिस पर सदियों से लोगों ने मंथन किया है और इसका जवाब ढूंढने की कोशिश की है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां लक्ष्मी ने इंद्र देव को यह रहस्य बताया था कि दुनिया में कुछ लोग गरीब क्यों होते हैं और कुछ अमीर क्यों होते हैं| प्रचलित विश्वास से मुताबिक एक दिन इंद्र देव ने माता लक्ष्मी से पूछा कि उनकी पूजा अर्चना तो हर व्यक्ति करता है फिर ऐसा क्यों है कि कोई दरिद्र रह जाता है जबकि कोई धनवान बन जाता है| माता लक्ष्मी ने जवाब दिया जो भी व्यक्ति धनवान बनता है वह अपने कर्मों के कारण बनता है. माता ने कहा कि जो भी मेरी पूजा अर्चना करता है वह उसका मान सम्मान भी बनाए रखें. यदि पूजा पूरी श्रद्धा के साथ नहीं की जाएगी तो उसका कोई लाभ नहीं मिलेगा| माता लक्ष्मी ने इंद्र देव को यह भी कहा कि मैं उस घर में नहीं रह सकती जहां शांति का वास न

जय हिंद जय भारत

 ।। जय हिंद,जय भारत ।। ————————————– जी हाँ,मेरे प्यारे सभी दोस्तों। जय हिंद, जय भारत। अब यही नारा लेकर हम सभी, हमारी टीम, हमारा बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल आगे बढ रहा है। हर पल,हर दिन। नये उत्साह से,नई उमंग से,नई आशा लेकर। हम सभी साथ साथ, कदम से कदम मिलाकर, कदम कदम आगे बढ रहे है। जय हिंद का मतलब, हिंदुस्ताँ,हिंदुस्तान। जहाँ हिंदुओं की जादा आबादी वही पवित्र आध्यात्मिक भूमि का,ईश्वरी वरदान प्राप्त भूप्रदेश।जहाँ देवी देवताओं का,महापूरूषों का,अवतारी पुरूषों को,सिध्दपुरूषों का,ऋषीमुनियों का,चमत्कारी महात्माओं का,साधुसंतों का,महामानवों का,प्रदेश ऐसी विश्व स्तर पर महती जतानेवाला,आत्मतत्त्व की खोज करके,परमात्मा से निरंतर जुडने वाले महान लोगों का,उच्च संस्कृती की पूजा करनेवाले आदर्श समाज का,पशुपक्षी, पेडजंगलों की,कुदरत की पूजा करनेवाला प्रदेश। नर को नारायण और नारी को नारायणी मानकर उनकी पूजा करनेवाली पवित्र भूमी।मानवता के नाते सहिष्णुता का स्विकार करके सभी जात,धर्म, पथ,पंथीयों से भी सदैव प्रेम, भाईचारा रखनेवाला एक उच्च कोटी के समुह तथा समाज का प्रदेश। इससे भी और आदर्शों को भी और सिध्दांतों को स